अगले दिन कॉलेज मे ----
मधु आज कॉलेज के लिए लेट हो गयी थी उसके फ्रेंड्स उसे कॉल करते है मधु सनी का कॉल अटेंड करते हुए कॉलेज मे प्रवेश करती है।
सनी - कहा है यार तू?
मधु - आ रही हूँ कॉलेज गेट पर हूँ।
सनी - ठीक है, जल्दी आ जा।
मधु - हाँ, आती हूँ।
मधु बात करते हुए कॉलेज के अंदर आ जाती है उसे सामने अंश सोनी के साथ दिखाई देता है। दोनों ख़ुश थे हँसते हुए बाते कर रहे थे मधु कुछ देर देखती है फिर इग्नोर करते हुए आगे चली जाती है जैसे कुछ हुआ ही ना हो मधु को ऐसे इग्नोर करते हुए अंश भी देख लेता है मधु सीधे क्लास मै जाती है जहाँ उसके फ्रेंड्स उसका वेट कर रहे सभी क्लास पूरी कर बाहर निकलते है मधु बायीं और मुड़ती है कि सामने अंश को देख अपना रास्ता घुमा कर दायी और जाने लगती है
मधु को उधर जाता देख अनु आवाज़ लगाती है- ओय! मधु, हमें इधर जाना है।
मधु हाथ से इशारा करते हुए कहती है - नहीं,मुझे इधर जाना है।
अनु सनी से - गजब है, इसे क्या हुआ है?
सनी - पता नहीं।
कुछ देर बाद सब कैंटीन मे बैठे हुए थे....
अनु - मधु कुछ आर्डर करके आ ना।
मधु - ठीक है, मै जाती हूँ।
मधु काउंटर पर जाती है एक पानी कि बोतल के लिए कहती है बोतल से थोड़ा सा पानी पी कर अपना आर्डर देने ही वाली थी कि अंश उसके पास आकर अपना आर्डर देने लगता है अंश को देख मधु काउंटर पर पैसे रख बोतल ले कर जाने लगती है पीछे से वेटर आवाज़ लगाता है - दीदी, आपका आर्डर। मधु जाते हुए - नहीं मुझे कुछ नहीं चाहिए।मधु टेबल पर आकर बैठ जाती है उसके हाथ मे पानी कि बोतल देख अनु कहती है - आज हम पानी पीकर ही अपनी भूख मिटाएंगे क्या?
मधु - नहीं पानी तो मेरे लिए है तुम्हे जो चाहिए खुद जाकर ले आओ।
अनु,- पहले ही बोल देती नहीं लाना था तो।
इतना कहते हुए अनु चली जाती है।
सनी मधु से - आज तू सिर्फ पानी पिएंगी ?
मधु -हाँ।
सनी -पक्का?
मधु - हाँ।
सनी - देख लेना, फिर हमारे खाने मे नज़र मत रखना।
मधु - नहीं बिलकुल नहीं रखूंगी देखूंगी भी नहीं।
सनी - देखते है।
मधु - देख लेना।
कुछ देर बाद अनु खाने को लेकर आती है उसे देख मधु कहती है - अनु यार तू तेरे लिए और लेकर आजा ना ये मुझे दे दे।
अनु - नहीं तू अपने लिए खुद जाकर लेकर आ।
सनी - मुझे पता था ये ऐसे ही करेगी।
मधु - ठीक है, ठीक है,मै खुद ले आउंगी।
अनु रोकते हुए -रुक जा, मै सब के लिए लायी हूँ तेरे लिए भी।
मधु के चेहरे पर स्माइल आ जाती है। और सभी मिल बाँट कर खाते है। कुछ दिन तक लगातार मधु ऐसे ही अंश को इग्नोर करती रहती है। अंश को मधु के ऐसे इग्नोर करते हुए देख बहुत बुरा लगता है वो उससे बात करने कि कोशिस भी करता है लेकिन मधु कभी सामने ही नहीं आती। मधु एक दिन ऐसे ही कॉलेज मे घूम रही थी और फ़ोन चला रही थी उसके ठीक पीछे अंश चल रहा था कुछ देर तक ऐसे ही मधु फ़ोन मै मगन अपना फ़ोन चलाते हुए आगे बढ़ती जा रही थी उसके ठीक पीछे अंश चल रहा था कुछ देर बाद आगे सीढ़ी आती है मधु उससे अनजान आगे बढ़ती है कि सीढ़ी से टकरा कर आगे गिरने वाली थी अभी अंश आगे आकर उसके आगे से रेलिंग को पकड़ लेता है मधु उसके हाथ से टकरा जाती है जिससे बच जाती है मधु देखती है कि उसने वही वॉच पहन रखी है जो स्कूल टाइम मै उसने अंश को दी थी मधु अपनी नज़रे उठा कर ऊपर देखती है अंश को अपने सामने देख वो चौक जाती है और कुछ नहीं बोल पाती है जल्दी से थैंक्स बोलकर पलट कर जाने लगती है लेकिन पीछे से अंश आवाज़ लगा कर कहता है - मधु, रुको!
मधु पलट कर - हाँ, क्या हुआ।
अंश - मुझे तुमसे कुछ बात करनी है।
मधु - मुझे क्या बात करनी है।
अंश - तुम मुझे इग्नोर क्यों कर रही हो।
मधु - नहीं तो, मै क्यों इग्नोर करूंगी।
अंश - बहुत दिनों से मुझे देख तुम अपना रास्ता घुमा लेती हो।
मधु - ऐसी कोई बात नहीं है मैंने तो इतना सोचा भी नहीं था वैसे भी हम फ्रेंड्स नहीं है तो इतनी बड़ी बात भी नहीं है।
अंश - मेरे लिए है बड़ी बात।
मधु बात को घुमाते हुए - मुझे अब जाना चाहिए।
अंश - मधु , प्लीज मेरी बात सुनो ना।
मधु अपनी जिद छोड़ कहती है - हाँ, बोलो क्या कहना है।
अंश - आई लव यू।
मधु - अंश, तुम ये.....।
अंश - मधु, तुम मुझे 10th क्लास से ही अच्छी लगती हो तभी से मै तुम्हें देखा करता था लेकिन तुम्हारी नज़र पड़ते ही मै अपनी नज़र घुमा लेता था। मैंने एक साल बाद 11th मे तुम्हारा नाम सुना था ज़ब तुम अपने फ्रेंडस से बाते कर रही थी। मेरी कभी तुम्हें बताने कि हिम्मत नहीं हुई।
मधु - तुम्हारी तो गर्लफ्रेंड है ना, तो फिर तुम ऐसी बात क्यों कर रहे हो।
अंश - सोनी मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है वो मेरी बचपन कि फ्रेंड्स है मेरे घर के पास मै ही रहती है इसलिए हम साथ ही रहे है और साथ बड़े हुए है इसलिए इसलिए वो मेरी बेस्ट फ्रेंड् है।
मधु - अंश पर......।
अंश - मधु तुम्हें याद है तुम मुझसे एक बार मिलने आयी थी ज़ब तुमने गिफ्ट दिया था और बोला था कि तुम्हें किसी और ने मुझे देने के लिए दिया है लेकिन शायद तुमने ध्यान नहीं दिया कि तुमने उस पर खुद का नाम लिखा है तब मुझे बहुत अच्छा लगा था इसलिए मैंने सोचा कि मै तुम्हें अपनी फ़ीलिंग के बारे मे बता दूंगा लेकिन तुम स्कूल छोड़ कर चली गयी और अब आयी हो तो मुझे इग्नोर कर रही हो।
मधु - तुम्हें ये बात पहले ही बता देनी चाहिए थी।
अंश - पहले मतलब? अब कोई प्रॉब्लम है क्या?
मधु - पहले बता देते तो मे तुम्हें इग्नोर नहीं करती।
अंश - तुम मुझे जान भुज कर इग्नोर कर रही थी पर क्यों ?
मधु - नहीं तो।
अंश - तुमने अभी बोला कि इग्नोर कर रही थी।
मधु - ये सब छोड़ो तुम्हें कुछ बताना है।
अंश - हाँ बताओ।
मधु - मुझे भी तुम बहुत अच्छे लगते हो।
ये सुन अचानक से अंश के चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान आ जाती है
उसे देख मधु कहती है - तुम ऐसे मुस्कुराना बंद करो।
अंश - क्यों?
मधु - तुम्हें मुस्कुराता देख समझ नहीं आता कि क्या बोलू।
अंश उसे गले लगा लेता है।
अगले दिन.....
मधु अपने फ्रेंड के साथ कॉलेज आती है अंश उनके पास आकर सभी को हैल्लो कहता है।
सनी - हैल्लो, कैसे हो?
अंश - मै ठीक हूँ।
आरव - तुम्हें मधु ने बहुत परेशान किया ना?
अंश - मतलब???
अनु - अंश , तूम मधु से बातें करो हम आते है।
अंश -ठीक है।
तीनो थोड़ा सा आगे जाते है सनी कहता है - अंश को तो पता ही नहीं है कि उसकी हर एक छोटी से छोटी चीज हमें पता है मधु ने सब कुछ बता दिया है । आरव - और नहीं तो क्या, यहां तक कि कल कि बात भी डिटेल से बता दी मधु ने। बातें करते हुए तीनो चले जाते है। मधु और अंश वही बातें कर रहे थे।
......*......समाप्त....*.....
आशा करती हूँ कि आप सब को ये शॉर्ट स्टोरी पसंद आयी होंगी।