Unsolved Questions (Part 18) in Hindi Short Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | अनसुलझा प्रश्न (भाग 18)

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 18)

57--संस्कार
"इंडियन ड्रेस और कल्चर यहां नही चलेगा।"
कम्पनी जॉइन करने के बाद कम्पनी का सी ई ओ, मधु से बोला,"तुम्हे वेस्टर्न ड्रेस और कल्चर अपनाना पड़ेगा।"
"मेरा कम्पनी में सलेक्शन मेरी योग्यता के आधार पर हुआ है या मेरी ड्रेस या कल्चर पर?"
"योग्यता के आधार पर लेकिन कम्पनी में काम करने के लिए वेस्टर्न ड्रेस और कल्चर अपनाना जरूरी है।"
"सॉरी सर्,"मधु बोली,"अगर आपको मेरी ड्रेस और कल्चर पसन्द नही है,तो आप किसी और को रख सकते है "
मधु सी ई ओ को पौरोणिक काल की नारी लग रही थी।
58--भ्रष्टतंत्र
"मादर--बहन--उस युवती को देखते ही सिपाही गन्दी गन्दी गालियां बकते हुए बोला,"और कहां गयी?"
"वे तो निकल गयी।"
"साली झूठ बोलती है।"
"सच कह रही हूँ,"युवती बोली,"सब निकल गयी।"
"मैं कुछ नही जानता।सब को अभी बुलाकर ला वरना,"सिपाही युवती को डंडा दिखाते हुए बोला।
वह युवती चली गयी।कुछ देर बाद वह युवती वापस आयी थी।उसने सिपाही से धीरे से कुछ कहा था।सिपाही उस युवती के साथ चला गया था।
मुझे इस स्टेशन से ट्रेन बदलनी थी।मैं ट्रेन के इन्तजार मे प्लेटफार्म पर बैठा था।इस दृश्य को देखकर मेरे मन मे कई प्रश्न उभर आये।
वह युवती कौन है?सिपाही उस युवती को गालियां क्यो दे रहा था।युवती शिक्षित लग रही थी।वह गालियां सुनकर भी चुप क्यों रही?इस तरह के कई सवाल थे जिनका उतर मैने कुली से पूछा था।
"साहब इस सेक्शन में चलने वाली ट्रेनों में औरतों के कई गिरोह चलते है।ये यात्रियों की जेब काटती है।इस काम के बदले में सिपाहियों को पैसे देती है।कल इस सिपाही को पैसे नही मिले होंगे।इसीलिए कह रहा है।पहले पैसे दे वरना बन्द कर दूंगा।"
कुली की बात सुनकर स्तब्ध रह जाने के सिवाय चारा ही क्या था।
59--समझौता
"मैं दीपक से शादी करना चाहती हूँ"।
रमा की आंखे दीपक से लड़ गयी।वह उसे चाहने लगी।प्यार करने लगी।दीपक भी उससे प्यार करता था।एक दिन अपने प्यार का इजहार करते हुए माता पिता को अपनी इच्छा बता दी।
रमा जैन थी जबकी दीपक कायस्थ।रमा इंजीनियर थी जबकि दीपक इन्टर पास था और दोने पत्तल का व्यापार करता थामाँ बाप ने दूसरी जाति के कम शिक्षित लड़के को अपना स दामाद बनाने से साफ इंकार कर दिया।रमा ने भी साफ शब्दों में कह दिया,"मैं दीपक के अलावा किसी दूसरे से शादी नही करूँगी।"
मा बाप का ख्याल था कि समय गुज़रने के साथ बेटी मान जाएगी और अपनी ही जाति के किसी लड़के से शादी करने को तेयत हो जाएगी।
लेकिन ऐसा नही हुआ।रमा,दीपक के अलावा किसी दूसरे लड़के से शादी करने के लिए तैयार नही हुई।और तब मा बाप को झुकना पड़ा और रमा की शादी दीपक से कर दी
60-परिभाषा
"आज से सुदेश आपके पति हुए।पत्नी का स्थान पति के चरणों मे होता है,"सविता का रिश्ता सुदेश से हुआ था।आज शादी थी।सारे कार्यक्रमो के बाद फेरो की रस्म हो रही थी।अग्नि के सात फेरे पूरे होने के बाद पण्डितजी वधु सविता से बोले,"बेटी पति के पैर छुओ।"
"पण्डितजी पत्नी का मतलब है अर्धांगनी।अर्थात पति आधा और आधी पत्नी मतलब साफ है।पति और पत्नी दोनों बराबर।,"सुदेश,अपनी पत्नी यानी सविता को अपने गले से लगाते हुए बोला,"पत्नी का स्थान पति के चरणों मे नही,पति के दिल मे होता है।"
सुदेश की बात सुनकर पण्डितजी को लगा अब उनकी पन्डताई बौनी पड़ गयी है