Rest of Life (Stories Part 5) in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | शेष जीवन (कहानियां पार्ट 5)

Featured Books
Categories
Share

शेष जीवन (कहानियां पार्ट 5)

"तुम किसी सपना को नही जानते?"रचना ने लिफाफा पति की तरफ बढ़ाते हुए कहा,"अगर तुम किसी सपना को नही जानते,तो तुम्हे पत्र भेजने वाली यह सपना कौन है/"
राहुल ने पत्नी के हाथ से पत्र लेकर पढा तो सारी घटना चल चित्र की तरह उसकी आँखों के सामने घूम गयी थी।
राहुल के मौसाजी के बेट की शादी थी।उस शादी में जाने का प्रोग्राम राहुल ने रचना के साथ बनाया था।राहुल ने कई दिन पहले ही फर्स्ट क्लास का केबिन बुक करा लिया था।जिस दिन उन्हें जाना था।उस से दो दिन पहले रचना की तबियत खराब हो गयी।उसे बुखार,सर्दी जुकाम हो गया था।डॉक्टर के इलाज के बाद उसकी तबियत तो सही हो गयी।लेकिन उसका मन शादी में जाने का नही कर रहा था।पत्नी की इच्छा न देखकर राहुल बोला,"शादी में जाने का प्रोग्राम रदद् कर देते है "
"नही,"रचना बोली,"मैं शादी मे नही जाउंगी।लेकिन तुम्हे जाना है।"
"रचना अभी तुम्हारी तबियत पूरी तरह ठीक नही है।ऐसे मे मैं तुम्हे अकेला छोड़ कर कैसे जा सकता हूँ।"
"मेरी तबियत अब पहले से बहुत बेहतर है।चिंता मत करो,मुझे कुछ नही होगा।मौसाजी के पहली शादी है।हम दोनों में से कोई नही गया,तो उन्हें बहुत बुरा लगेगा।,"रचना ने पति को समझाया तो वह अकेला इलाहाबाद जाने के लिए तैयार हो गया था।
राहुल को रचना का रिजेर्वेशन रदद् करवाना था।इसलिये वह समय से पहले स्टेशन पहुंच गया था।वह पत्नी का टिकट रद्द कराने के लिए फार्म भर रहा था।तभी एक सुंदर औरत उसके पास आकर बोली,"मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूँ।अगर आप मेरी बात सुनकर नाराज न हो तो।"
राहुल ने अपने सामने खड़ी औरत को देखा।वह सभ्रांत परिवार की लग रही थी।फिर बोला,"मैं आपसे नाराज नही होऊंगा।आपको जो भी कहना है निसंकोच होकर कहे।"
"मेरा नाम सपना है।मैं सहारनपुर से आई हूँ।मुझे इलाहाबाद जाना है।ट्रेन में मेरा पर्स चोरी हो गया।टिकट और पैसे पर्स में ही थे।,"झिझकते हुए सपना बोली,"मुझे आपसे पैसे नही चाहिए।हो सके तो आप मुझे इलाहाबाद का एक टिकट दिला दे।वहाँ मेरा मायका है।मैं वहाँ पहुचने पर आपको टिकट के पैसे दे दूंगी।"
राहुल ने सपना की बाते सुनकर एक बार फिर उसे ध्यान से देखा था।वह सभ्य,शिक्षित और शरीफ औरत लग रही थी उस औरत की बात सुनकर राहुल बोला,"मैं भी इलाहाबाद ही जा रहा हूँ।अगर आपको कोई ऐतराज न हो तो मेरे साथ ही चले।मुझे आपके लिए टिकट भी नही खरीदना पड़ेगा।"
"क्यो?"सपना ने पूछा था।
"मुझे पत्नी के साथ इलाहाबाद एक शादी में जाना था।मैंने हम दोनों के टिकट रिज़र्व भी करा रखे थे," राहुल,सपना को सच बताते हुए बोला,"आप मेरे साथ पत्नी के टिकट पर चले।"
सपना को तो इलाहाबाद जाना था।वह राहुल के साथ रचना बनकर जाने के लिए तैयार हो गयी।ट्रेन प्लेटफ़ॉर्म पर लगते ही राहुल,सपना के साथ ट्रेन में जा बैठा।ट्रेन मे बैठते ही वे बाते करने लगे।बातों ही बातों में दोनों ने एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जान लिया था।
सपना की शादी को पांच साल हो गए थे लेकिन वह अभी तक माँ नही बनी थी।उसकी सास उसे बांझ मानकर अपने बेटे की दूसरी शादी के बारे में सोचने लगी थी।सपना के माता पिता रहे नही थे।भाई था।अगर उसके पति कमल की दूसरी शादी हो गयी तो?