Part - 3 अब तक आपने पढ़ा कि शेखर और खुशबू दोनों अलग धर्म के होने के चलते शादी नहीं कर सके और अलग हो गए . करीब दस वर्षों के बाद जब वे मिलते हैं तो खुशबू ने शेखर को बताया कि उसकी बेटी मीना उनके पहले प्रेम की देन है , अब आगे पढ़ें ….
कहानी - मैं सौतन नहीं हूँ ( 3 )
“ सही कह रही हूँ . तुम डरो नहीं तुमसे कोई फेवर नहीं मांग रही हूँ . मेरे पति चल बसे वरना वो रहते तो मीना को देख कर शायद उन्हें मुझ पर शक भी हो सकता था . खैर इन बातों का अब कोई मतलब नहीं रहा है . “
“ तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया ? तुम्हारी शादी के एक साल बाद मैंने शादी की थी . अगर पता होता तो जरूर तुमसे कोर्ट मैरेज कर लेता . “
“ मुझे तो खुद शादी के बाद इस बात का आभास हुआ था . तब तक बहुत देर हो चुकी थी . “
“ मैं तुम्हारी क्या मदद कर सकता हूँ , तुम फ्रैंकली बोलो . मैं अपनी जिम्मेवारी यथासम्भव निभाऊँगा पर अब मैं भी शादीशुदा हूँ . कुछ सीमायें और बंधन तो हैं , तुम समझ रही हो न . “
“ मैं समझ रही हूँ और तुम्हें परेशान नहीं करूंगी . चिंता सिर्फ यही है कि मेरे बाद मीना का क्या होगा . मेरा पति खुद यतीम था , इंडिया में भी उसका कोई नहीं है . “
“ इसके लिए तुम दुखी नहीं होना . मैं मीना पर नजर रखूँगा और कोशिश करूंगा उसे कोई दुःख न हो . “
तभी मीरा का फोन आया , वह बोल रही थी “ आज बहुत देर कर दी तुमने . कब आ रहे हो ? “
शेखर ने कहा “ मैं बस पहुँचने ही वाला हूँ . “
उसने खुशबू की ओर देख कर कहा “ सॉरी , मुझे तुरंत जाना होगा . “ इतना बोल कर वह होटल की ओर दौड़ा
.
होटल पहुँचने पर मीरा बोली “ शेखर , तुम इतनी देर तक तो वाक नहीं करते थे कभी . आज कोई खास बात थी बीच पर या किसी से गप करने लगे थे . “
“ नहीं , एक इंडियन बच्ची मिल गयी थी . उसी से कुछ देर बातें करता रहा . “
“ बीच पर बच्ची अकेली तो नहीं होगी . तुम बच्ची के बहाने उसकी मॉम से नजरें मिला रहे होंगे . “
“ तुम भी क्या बेकार की बातें ले कर बैठ गयी ? ऐसा पहले कभी देखा है मुझे ? “
“ नहीं , देखा तो नहीं , पर ..... “
“ पर वर छोड़ो और फटाफट कॉफ़ी मेकर से कॉफ़ी बनाओ . “
उस दिन के बाद शेखर जितने दिन श्री लंका में रहा वह बीच पर मॉर्निंग वाक करने नहीं गया . उसने खुशबू को कारण बता दिया था और कहा फोन पर बातें करती रहना , यहाँ रहूँ या इंडिया कहीं भी .
शेखर तीन दिन बाद सपरिवार वापस इंडिया लौट गया . खुशबू और उसकी बेटी मीना से अक्सर फोन पर बातें किया करता . उसका मन कहता कि मीना के लिए उसे कुछ करना होगा , आखिर बेटी तो मेरी ही है . अगर खुशबू से शादी हुई होती तो आज मीना उसकी बेटी कहलाती . वह अपने ऑफिस और परिवार में इतना व्यस्त रहा कि दो साल बाद ही उसे दुबारा श्री लंका जाने का मौका मिला . इस बार शेखर अपने बेटे अंशु के साथ गया था . उसकी पत्नी कुछ दिनों से अपनी बीमार माँ की देखभाल के लिए पीहर गयी हुई थी .
शेखर बेटे के साथ खुशबू के रेस्टॉरेंट में लंच लेने गया . खुशबू उसे देख कर बोली “ इस बार बहुत दिन बाद श्री लंका आये हो , सब ठीक है न ? और अंशु बेटे तुम कैसे हो , मम्मी नहीं आयी है क्या ? “
“ मम्मी नहीं आ सकी , नानी बीमार है तो उसी के पास गयी हुई है . “ अंशु ने जवाब देने में कोई देरी नहीं की
शेखर भी बोला “ सब ठीक है , इधर कुछ ज्यादा ही बिजी रहा था . “
“ खैर , तुमलोग लंच एन्जॉय करो . “
लंच के बाद शेखर ने खुशबू से कहा “ कल मॉर्निंग वाक में निकलूंगा , समझ गयी न ? . “
“ ओके , बाय टिल देन “
अगले दिन जब बीच पर शेखर गया वहां खुशबू अपनी बेटी मीना के साथ पहले से ही मौजूद थी . मीना ने शेखर को नमस्ते अंकल कहा . खुशबू ने कहा “ मैंने सोचा था तुम अंशु को अकेला होटल में नहीं छोड़ोगे और उसे भी साथ ले कर आओगे इसलिए मैं मीना को साथ ले आयी . उस से कहा था कि तुम्हें आज एक नए दोस्त से मिलवाऊंगी . “
“ दोस्त ? “
“ हाँ , अभी बेटी को हक़ीक़त तो नहीं बता सकती हूँ . “
वे तीनों कुछ देर तक बीच पर टहलते रहे . खुशबू ने कहा “ होटल में तो रोज ही खाते हो . आज शाम को घर आओ , होम मेड डिनर कराऊँगी . और हाँ , साथ में बेटे को जरूर लाना . “
उस दिन शाम को शेखर बेटे को ले कर खुशबू के यहाँ गया . खुशबू पहले से ही डिनर बना कर गप करने के लिए तैयार बैठी थी . उसने मीना और अंशु को लिविंग रूम में टीवी देखने के लिए भेज दिया और खुद शेखर के साथ ड्राइंग रूम में बातें करने के लिए बैठ गयी .
शेखर ने पूछा “ तुमने श्री लंका में बेन्टोना ही क्यों चुना ? कोलोंबो में तुम्हारा रेस्टॉरेंट ज्यादा चलता . या फिर दुबई तो बेस्ट रहता . वहां दुनिया भर के टूरिस्ट आते रहते हैं . “
“ कोलंबो कॉस्टली सिटी है . दुबई तो कोलंबो से बहुत ज्यादा कॉस्टली है और सबसे बड़ी बात यह कि यहाँ धार्मिक स्वतन्त्रता अपेक्षाकृत बेहतर है . अरमान जब श्री लंका आया था तब उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे . वैसे यह जगह कोलंबो और गाले के बीच में है और इधर काफी टूरिस्ट आते जाते रहते हैं . इसके अलावा सीजन में कोलंबो और गाले में क्रिकेट मैच भी होते रहते हैं . वैसे दिनों में अरमान अपना मोबाइल फ़ूड वैन ले कर पहुँच जाता था और मैच का भी मज़ा लेता . अब मुझमें नयी जगह नया काम शुरू करने का साहस नहीं है . “
“ पर मुझे लगता है कि मीना की पढ़ाई के लिए यह जगह ठीक नहीं है . “
“ हाँ , वह तो सही है . मीना पढ़ने लिखने में काफी तेज है पर जो कुछ यहाँ उपलब्ध है उसी से हमें काम चलाना होगा . “
“ मैं सोच रहा हूँ कि स्कूलिंग के बाद मीना को चेन्नई में पढ़ने भेजो तो अच्छा रहेगा उसके फ्यूचर के लिए . सम्भव है उसे वहां स्स्कॉलरशिप भी मिल जाए . यदि न भी मिले तो मैं हूँ न . “
“ पहले तो मैं कोशिश करूंगी अपने दम पर मीना को अच्छी शिक्षा देने की , आगे ऊपर वाले की मर्जी . “
“ फिर भी , डोंट वरी . मैं मीना के लिए यथासम्भव बेस्ट करूंगा . मेरी एक बात जरूर मानना , मीरा के सामने अपनी बेटी को नहीं आने देना . “
कुछ पल चुप रहने के बाद खुशबू फिर बोली “ मैंने कहा न डोंट वरी फॉर मीना , आई विल टेक केयर ऑफ़ माई डॉटर . “
“ सॉरी , तुम इसे अन्यथा नहीं लेना . उचित समय पर मैं खुद सच्चाई सब को बता दूँगा . “
क्रमशः