"तुम थकी हुई दिख रही हो। मैं तुम्हे मसाज दे देता हूं।" अमायरा के कुछ बोलने या करने से पहले ही कबीर ने अपने हाथ उसके कंधे पर रख दिए।
वोह हल्के हाथों से उसकी गर्दन और कंधे की मसाज करने लगा और धीरे धीरे अमायरा रिलैक्स फील करने लगी। कबीर के लिए तोह यह इलेक्ट्रिफाइंग एक्सपीरियंस था। वोह कोई नौसिखिया नही था जब बात फिजिकल टच या इंटीमेसी की बात आती है पर अमायरा के साथ, उसके कुछ हगस और सादे पवित्र किस्सेस ही थे। अचानक ही उसे और की चाहत बढ़ने लगी थी। अब वोह जनता था की वोह उसके साथ ही रहना चाहता है, तोह अब वोह उसे छूना चाहता था, उसकी स्किन को महसूस करना चाहता था, और साथ ही वोह डरता भी था की अमायरा को पसंद नही आयेगा, और अब वोह इंतजार करना चाहता था जब तक की अमायरा को उसकी फीलिंग्स के बारे में पता नही चल जाए।
*पर यह तोह बस एक मसाज है और कुछ नही।* कबीर मन ने बड़बड़ाया।
*क्या जहां मेरा हाथ है वहां मुझे उसे किस कर लेना चाहिए? शायद नही।*
उसका दिमाग उसे कुछ और करने के लिए कह रहा था, जबकि दिल कुछ और। और उसके हाथों में अचानक ही खुद का दिमाग आ गया और अब उसके हाथ खुद ही धीरे धीरे उसके कंधे से होते हुए उसकी पीठ पर सरकने लगे। अमायरा को कबीर के हाथ अपनी पीठ से नीचे जाते महसूस होते ही इसके दिमाग में अलार्म जैसा बजा।
"मुझ....मुझे लगता है हो गया बहुत। अब मैं ठीक हूं।" अमायरा ने कहा और जल्दी से उठ खड़ी हुई और हड़बड़ी में वाशरूम में घुस गई। अमायरा ने गहरी सांस ली वाशरूम में जाने के बाद।
*यह कुछ नही था। वोह बस मुझे कंफर्ट महसूस कराने के लिए कर रहे थे। मुझे पूरा यकीन है यह जानबूझ कर उन्होंने नही किया था।* अमायरा अपने आप में बडबडा रही थी, पर उसका दिमाग अभी भी कुछ और कह रहा था।
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अगले दिन उन्हे साहिल को सगाई के लिए एक डांस स्टेप रिहर्सल करना था कोरियोग्राफर के साथ। और अमायरा के दिमाग में फिर वोही बातें घूमने लगी थी जिसकी वजह से वोह बीती रात बेचैन हो गई थी। वोह लोग डांस कर रहे थे कोरियोग्राफर के सजेशन पर। क्योंकि बाकी सब ने यह डिसाइड किया था की जो भी यंग कपल हैं वोह रोमांटिक सोंग पर डांस करेंगे इसलिए इन्हे भी हां करना पड़ा था। पर अब, अमायरा श्योर नही थी की यह आइडिया सही है या नही। वोह जानती थी यह बस एक डांस है, पर जिस तरह से कबीर उसे पकड़ता था, वोह घबरा जाती थी। कबीर की नज़दीकी अमायरा के लिए कंफर्ट पोजिशन से बाहर हो रही थी, जबकि कबीर बेफिक्र दिखाई पड़ रहा था। और इसी बात ने अमायरा को यह सोचने पर मजबूर कर दिया की वोह कुछ ज्यादा ही सोच रही है। आखिर यह बस डांस ही तोह है। वोह चाहती थी की यह डांस प्रैक्टिस जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी खत्म हो जाए। जब एक बार उनकी डांस प्रैक्टिस चल रही थी तोह us वक्त कबीर का एक हाथ अमायरा की कमर पर पीछे की तरफ था। वोह लगातार उसकी कमर पर अपनी उंगलियां चला रहा था, जैसे प्यानो पर उंगलियां चलती है। अमायरा उसकी उंगली की छुअन से बेचैनी महसूस कर रही थी। यह उसके लिए बहुत टफ टाइम था। उसका दिल जोरों से धड़क रहा था और वोह उसे सामान्य करने की लगातार नाकाम कोशिश कर रही थी। और कबीर है की उसकी बेचैनी समझ कर भी अपनी उंगलियां नही हटा रहा था।
*मैने इस डांस करने के लिए हां ही क्यों किया? मैं प्लानिंग करती हुई ही ठीक थी। मुझे यकीन है मिस्टर मैहरा भी गुस्सा हो रहें होंगे इन सब झंझटों से। पर क्या यह अपना हाथ नही हटा सकते मेरी कमर से। यह बहुत अजीब लग रहा है मुझे।*
*कम ऑन अमायरा। तुम बस ओवररीक्ट कर रही हो। वोह डांस कैसे करेंगे अगर वोह अपना हाथ मेरी कमर पर नही रखेंगे?*
*हां। सही है। मुझे बस इंतजार करना होगा इन सबका जल्द से जल्द खत्म होने का।* अमायरा ने अपने आप से कहा और प्रे करने लगी की यह प्रैक्टिस जल्द से जल्द खत्म हो जाए।
अमायरा सुमित्रा जी के पास चली गई जैसे ही उसका डांस प्रैक्टिस खतम हुआ। और कबीर शरारत से मुस्कुरा उठा उसकी इस हरकत पर। वोह बहुत एंजॉय कर रहा था अमायरा के नजदीक आने पर उसकी असहजता देख कर।
*इसका मतलब अमायरा को फर्क पड़ रहा था उससे। बस थोड़ा और पुश करने की जरूरत है उसे।* कबीर ने मुस्कुरा कर अपने मन में कहा और अपने कमरे में चला गया।
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आज साहिल और सुहाना की सगाई का दिन था। अमायरा इशिता और सुहानी के साथ एक कमरे में बंद थी। सुहानी को तैयार करना, यह उन दोनो की ज़िमेदारी थी। उन तीनों ने डिसाइड किया था की जब तक तीनो नही तैयार हो जाते वोह बाहर नही जायेंगे। कोई भी बाहर अकेले नहीं जायेगा, बल्कि तीनों अपनी एंट्री एक साथ करेंगे।
कबीर तोह बेचैन हो रहा था क्योंकि उसने सुबह से उसे देखा नही था। कबीर भी सगाई से रिलेटेड काम में व्यस्त था और अमायरा भी, लेकिन दोनो ने ही सुबह से एक दूसरे को नही देखा था। अब कबीर उसे एक नजर देखने के लिए तड़प रहा था और काफी देर से उसके बाहर आने का इंतजार कर रहा था। वोह कई बार जा कर उस रूम के बाहर चक्कर काट के आ चुका था जिस रूम में तीनो मैहरा बहुएँ तैयार हो रही थी। और इसी बात के लिए साहिल कबीर को चिढ़ाने लगा था लेकिन कबीर उसकी बात में बिलकुल भी इंटरेस्टेड नही था और उसने ध्यान ही नहीं दिया। उसके लिए तोह कोई मैटर करता था तो वो थी अमायरा और उसके लिए वोह कुछ भी करने को तैयार था।
फाइनली उसकी बेचैनी और इंतजार खतम हुआ पर वोह चौंक गया अपने सामने का नज़ारा देख कर। उसकी चाहत ने लाइट ब्लू कलर की साड़ी पहनी हुई थी जिसपर मोतियों की कढ़ाई हो रखी थी। उसने बहुत अच्छे तरीके से सड़ी की प्लीट बना कर अपने कंधे पर डाल रखी थी। उसे देख कर कबीर को समझ नही आ रहा था की वोह अपनी पलके झपकाए कैसे। उसकी आंखें तोह खुली की खुली रह गई थी। यह उसके लिए राहत की बात थी की सभी का ध्यान दूल्हा और दुल्हन को निहारने और आश्रीवाद देने में बिज़ी था इस वजह से किसी ने भी कबीर के रिएक्शन को नोटिस नही किया था। और अगर कोई नोटिस कर भी लेता तोह उसे कोई फर्क नही पड़ता था।
पिछले कुछ दिनो से उसने अपने मन में अमायरा को अलग तरीके से इमेजिन किया था, पर कोई भी उसकी इमेजिनेशन उसको जस्टिस नही कर सकती थी जो वोह अब अपने सामने देख रहा था।
*स्टॉप इट कबीर। अपने आप को एंबारेस मत करो जैसे की तुम एक टीनेज बॉय हो। याद रखो अब तुम बड़े हो गए हो, ग्रोन अप मन।*
*पर वोह मेरी वाइफ है। इसमें क्या गलत है अगर मैं उसे देख रहा हूं?*
*और अगर सब तुम्हे नोटिस कर लेंगे तोह?*
*मुख कोई फर्क नही पड़ता। करने दो नोटिस।* कबीर ने अपने आप से कहा।
कबीर की नज़र बेशर्मी की तरह अपनी पत्नी पर ही बनी हुई थी, और अमायरा उसकी नज़र अपने ऊपर लगातार महसूस कर असहज हो रही थी। अमायरा ने एक नज़र कबीर की तरफ देखा और फिर अपनी नज़र नीची कर ली यह जान कर की वोह अभी भी उसे घूर रहा है। उसे घूर ही नही रहा था, बल्कि उसे ऊपर से नीचे निहार रहा था। और इसी ख्याल ने अमायरा को बेचैन कर दिया था।
*वोह मेरे दोस्त हैं। मेरा सबसे करीबी दोस्त। वोह इस तरह से मुझे नही देख सकते जिस तरह से वोह अभी देख रहे हैं। मुझे शायद वहम हो रहा है।* अमायरा ने अपने आप को दिलासा दिया।
थोड़ी देर बाद जब साहिल और सुहाना ने अपनी इंगेजमेंट रिंग 💍 एक्सचेंज कर ली, उसके बाद अमायरा थोड़ी बिज़ी हो गई। और वोह पूरी तरह से अपनी असहजता भूल गई।
जब सभी ज़रूरी रिचुअल्स पूरे हो गए तोह उसके बाद सभी कपल्स को डांस के लिए स्टेज पर बुलाया गया। अमायरा को फिर अपनी घबराहट याद आ गई, पर वोह पीछे नहीं हट सकती थी। वोह दोनो डांस फ्लोर पर पहुँचे गए। कुछ मिनटों के लिए फिर से अमायरा उसकी बाहों में थी।
अगर वोह सोच रही थी की जो वोह प्रैक्टिस के टाइम सोच रही थी वोह बेवजह था, तोह अब उसकी सोच गलत साबित होने वाली थी। जैसे ही म्यूजिक शुरू हुआ कबीर ने कस कर अमायरा को बाहों में भर लिया। कबीर के हाथ अमायरा की खुली कमर पर इमेजिनरी सर्कल्स बना रहे थे, जहां कबीर आसानी से पहुंच सकता था उसकी साड़ी की वजह से जो उसने पहनी थी। अमायरा ने थूक गटक लिया जब उसे अपनी कमर पर कबीर के हाथ महसूस हुए। वोह थोड़ा कसमसाई उससे छूटने के लिए लेकिन इससे कबीर की पकड़ अमायरा पर और मजबूत हो गई। और जब डांस करते करते पार्टनर बदलने का समय आया तोह कबीर ने उस पर ध्यान नहीं दिया और पार्टनर बदलने के लिए जिद्दी की तरह अमायरा को छोड़ा ही नही। अमायरा कबीर की आंखों में देख कर घबराने लगी क्योंकि कबीर लगातार उसे ही देख रहा था।
तभी गाना बदला और आवाज़ धीमे हो गई और साथ ही लाइट भी डिम हो गई।
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