"मैं ऐसी किसी भी चीज़ के बारे में नही सोचती जो मेरे कंट्रोल में है ही नही, यह पॉसिबल ही नही है।"
"यह सही जवाब नही है।"
"यही बात है। मैं एक नेगेटिव सोच वाली लड़की हूं। और अपने में ही खुश रहना जानती हूं। मैं पहले ही अनुमान लगा लेती हूं की इससे बुरा और क्या क्या हो सकता है और तुरंत ही अपने आपको कनविंस कर लेती हूं सबसे आसान अवेलेबल सॉल्यूशन के लिए। इसी डर से की शायद इससे बेहतर सॉल्यूशन मुझे बाद में नही मिला तोह। और जब मैं वोह काम कर लेती हूं तोह फिर मैं संतुष्ट रहती हूं, उसको बदलने की कोशिश नही करती। तोह नही, फिलहाल मैं ऐसा कुछ भी नही सोच रही हूं।" अमायरा ने जवाब दिया और कबीर और भी ज्यादा कन्फ्यूज्ड हो गया।
"कभी तुम्हे इशिता पर गुस्सा नही आता? इशान पर? और अपनी मॉम पर?" कबीर ने पूछा और अमायरा उसे घूरने लगी।
"मैं इसलिए नही पूछ रहा हूं क्यूंकि मैं आंटी से गुस्सा हूं। मैं इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि मैं इशान से गुस्सा हूं क्योंकि उसने मेरे पास इसके अलावा कोई रास्ता ही नही छोड़ा था। और क्योंकि तुम बहुत अच्छी हो, इसलिए मुझे लगता है की सबने मिलकर तुम्हारा इस्तेमाल किया है अपनी खुशी के लिए। जैसे इशान ने इशिता से शादी करने के लिए, जैसे मॉम ने क्योंकि वोह मुझे शादी करता हुआ देखना चाहती थी, और इवन मैं, जो अपने भाई की इच्छा पूरी करना चाहता था। और जब मैं तुम्हारी मॉम और इशिता को देखता हूं तोह मुझे लगता है की उन्होंने तुम्हारी अच्छाई का फायदा उठाया है।" कबीर ने अनिच्छा से कहा।
"क्या? आप ऐसा क्यों कह रहे है?"
"बुरा मत मानना अमायरा। यह बहुत छोटी बातें है, पर कहीं ना कहीं मुझे पसंद नहीं। जैसे जब मैं तुम्हारे घर गया था तोह तुम ही अकेली किचन में थी और इशिता वोह यूहीं खाली बैठी थी। वोह अभी भी तुमसे अपना काम करवाती है। आज उसने तुमसे उसके दोस्तों के लिए खाना बनवाया जबकि कुक तोह है ही घर में। आंटी उसके लिए उसकी पसंद की चीजें भेजती हैं, तुम्हारी नही। और सबसे बड़ी बात की उन दोनो ने ही तुम्हे मुझसे शादी करने से रोका नहीं। उन्होंने तुम्हे मुझसे शादी करने की लिए मंजूरी कैसे दे दी? तुम यह लाइफ डिजर्व नही करती। और मुझे बहुत गुस्सा आता है की तुम इस लवलैस जिंदगी में फस गई हो मेरे साथ। और ईशान इसका बराबर का दोषी है। अब तोह मुझे यह समझ नही आ रहा की मैं किसको ब्लेम करूं। इशान को, अपनी मॉम को, या खुद को।" कबीर किसी छोटे बच्चे की तरह कंप्लेंट कर रहा था और अमायरा उसकी इस कंप्लेंट पर मुस्कुरा रही थी।
"किसी पर भी नही। उनको ब्लेम नही किया जा सकता। मैने हमेशा कहा है की हमारी यह जिंदगी मैने खुद चूस की है। हूं कोई हक नही की इसका दोष हूं किसी पर डालें। और रही बात दी की तोह उन्हे खाना बनाना नही आता और मुझे खाना बनाना बहुत पसंद है। और अपनी फैमिली के लिए कुछ करना कोई गलत बात नही है।"
"पर अमायरा, यह चॉइस तुम्हारे लिए सही नही थी, और यह बात वोह अच्छे से जानते थे। उन्हे तुम्हे रोकना चाहिए था। पर इशान और इशिता ने खुदगर्जी दिखाई। और मुझे लगता है की मॉम भी बायस्ड थी। वोह भी मुझे अच्छे से जानती हैं, उन्होंने मुझे इन सालों में अच्छे से देखा है और वोह जानती थी की मैं अपनी जिंदगी में किसी को भी शामिल नहीं करूंगा। और फिर भी उन्होंने तुम्हे मेरी जिंदगी में आने दिया। क्यों?"
"शायद दी और जीजू खुदगर्ज हों, पर उन्होंने यह अपने प्यार के लिए किया। कोई भी दुनिया में परफेक्ट नही होता। तोह अगर वोह भी परफेक्ट नही है, और उन्होंने एक गलत डिजिशन लिया, तुम हम एक ही बात को क्यों पकड़ के बैठे रहें? हम सब अपने चाहने वालों के लिए कुछ करते हैं। यह सिर्फ अपनी अपनी सोच है। दी चाहती तो जीजू से नफरत कर सकती थी क्योंकि उन्होंने आपके लिए उनसे शादी करने के लिए मना कर दिया। पर उन्होंने उनकी वजह देखी, उनका प्यार देखा....आपके लिए, और वोह अपने रिश्ते को भूलने के लिए तैयार भी हो गईं और बाद में उन्हें माफ भी कर दिया। मैने उनकी खुशी देखी है जब मैने आपसे शादी करने के लिए हां की थी। जैसे बिलकुल आपने किया। हम सभी अपने रिश्तों के लिए कुछ ना कुछ करते रहते जिससे वोह और गहरे हो जाएं और हमारे लिए वोह रिश्ते कितने खास होते हैं। शायद जीजू की नजर में मुझसे ज्यादा दी की अहमियत होगी और मेरी नज़र में मेरी दी और मॉम ही सबसे इंपोर्टेंट हैं। जजमेंटल होक किसी का भला नहीं होगा। क्योंकि अगर उन्होंने यह सब खुद के लिए किया है तोह भी वोह मेरे अपने हैं। सिंपल।"
"तुम इसे इतना सिंपल कैसे कह सकती हो? मुझे अपने आप से नफरत होती है की मैने तुमसे शादी की, तुम्हे इस बेमाने रिश्ते में जकड़ लिया। मुझे बहुत गिल्टी फील होता है की मैं तुम्हे कभी भी वोह प्यार नही कर पाऊंगा, जबकि तुम भी खुशियां डिजर्व करती हो। मुझे खुद से नफरत होती है की मैने शादी के लिए हां ही क्यों किया। काश की तुम किसी और से शादी कर लेती।"
"आपको ऐसा लगता है की किसी और से शादी करके मैं खुश रहती? शायद हां, लेकिन कुछ दिनों के लिए, उसके बाद मुझे बुरा लगता रहता की मेरी दी एक अनचाही शादी में खुश नही है, मेरी मॉम भी दुखी रहती क्योंकि उन्हें लगता की उनके फोर्स की वजह से ही दी को यह शादी करनी पड़ी है। और जीजू वोह तोह आपको ज्वाइन कर लेते और आपकी तरह देवदास बन जाते। और आपके पेरेंट्स, उनका क्या? वोह तोह अपनी जिंदगी से ही दुखी हो जाते। और यह सब देख कर मैं खुश रहती? बल्कि और दुखी हो जाती। पर अब मेरे एक डिजिसन से सब खुश हैं। आप भी अपनी लाइफ वैसे ही जी रहें हैं जैसे पहले जीते थे, मुझे इग्नोर करके। मैं इन सब अब बहुत खुश हूं और जल्द ही इन सब की आदत बन जायेगी, हमारे रिश्ते की सच्चाई की। मैं जल्द ही भूल जाऊंगी की मुझे इससे उलट कैसी जिंदगी चाहिए थी। क्या मेरे लिए बेटी ऑप्शन नहीं है?"
"और तुम्हारी खुशियों का क्या?"
"आप इसे मेरी फैमिली की खुशियों के बदले गिरवी कह सकते हैं। या जो भी नाम देना चाहे आप इसे रिश्तों की तर्क पर। एक इंसान की खुशियां या फिर पूरी फैमिली की खुशियां। मैने उनकी खुशियां चूस की और मैं खुश हूं इसमें। मुझे और कुछ नही चाहिए। और वैसे भी सामने वाले के मुस्कुराते हुए चेहरे को देख कर जिंदगी जीना ज्यादा आसान है। शायद मुझे इसी बात से खुशी मिलती है की मेरी वजह से ही सब इतने खुश हैं। और यह मुझे हरा हुआ बिलकुल फील नहीं करता।"
"तुम ऐसी कैसे हो सकती हो?"
"मुझे नही पता। शायद मुझ में कोई दिमागी प्रॉब्लम हो। मैने कभी स्कैन नही कराया।"
"बिलकुल सही कहा। तुम में है पागलपन की प्रॉब्लम। एक नॉर्मल इंसान इतना परेशानियों के बाद भी इतना कुछ नही रह सकता।
"कैसी परेशानियां? मेरे पास एक ऐसी फैमिली है जो मुझसे बहुत प्यार करती है, एक रिच हैंडसम हसबैंड है। लड़कियां तोह मरती होंगी मेरी जगह आने के लिए।"
"तुम भी?"
"मुझे और कुछ नही पता। पर मैं आपको जरूर मार दूंगी अगर कभी भी आपने मुझे अपनी बहन के लिए खाना बनाने से रोका तोह।" अमायरा ने अपनी कमर पर हाथ रख कर कबीर को घूरा। और कबीर उसकी हरकते देख कर हस पड़ा।
"आई एम सॉरी अमायरा। मैं कभी भी तुमसे प्यार नही कर पाऊंगा जो की तुम डिजर्व करती हो। और मैने तुम्हारे साथ गलत किया है शादी करके। पर मैं तुमसे वादा करता हूं की हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगा। एक दोस्त की तरह।" कबीर ने प्यार से वादा करते हुए कहा। "और अब जब हम दोस्त बन चुके हैं, तोह मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है। ये। प्लीज इसे ले लो।"
अमायरा कन्फ्यूज्ड सी उस कार्ड को देखने लगी जो अभी अभी कबीर ने उसके हाथ में थमाया था। उस कार्ड पर अमायरा ने देखा की उसका ही नाम एंबोज्ड हो रखा था।
"यह क्या है? मेरे पास मेरा डेबिट कार्ड है। तोह यह क्यों?"
"ऊऊंह....यह तुम्हारा नया डेबिट और क्रेडिट कार्ड है। मैने एक नया ज्वाइन्ड अकाउंट खुलवाया है। प्लीज इसे यूज करो, अपने सभी खर्चों के लिए। एक्चुअली मैने यह कुछ दिन पहले ही खुलवाया था। पर समझ ही नही आ रहा था की तुम्हे कैसे दूं।" कबीर ने उसे बताया। वोह घबरा रहा था की कैसे रिएक्ट करेगी अमायरा।
"पर मुझे इसकी जरूरत नहीं है। मैने आपकी पहले भी कहा है की मैं...."
"की तुम्हे मेरे पैसों की कोई जरूरत नही है। तुम्हारा इस पर कोई हक नही है... ब्लाह...ब्लाह...ब्लाह! मैने सुना है यह। मैं बस चाहता हूं की तुम इसे ले लो। क्या तुम कुछ चीजें इसलिए नही कर सकती क्योंकि मैं तुमसे कह रहा हूं?"
"पर मैं कैसे...."
"ओके सोचो एक बार। क्या होगा अगर जब बाकी के फैमिली मैंबर्स को पता चलेगा की तुम अभी भी अपनी बहन इशिता से पैसे लेती हो? उन्हे ऐसा नहीं लगेगा की हम अभी भी एक दूसरे के साथ घुले मिले नही है। की तुम अभी भी मुझसे पैसे नही लेती हो, और इशिता से पैसे लेती हो। क्या तुम्हे लगता नही की यह तुम्हारे इस खेल में तुम्हारी मदद करेगा?" कबीर ने कहा और अमायरा सच में उसकी बातों को सोचने लगी।
"पर यह आपके पैसे हैं।"
"तोह, तुम इसे मिसयूज थोड़ी ना कर रही हो। सही कह रहा हूं ना? बस इसको अपने जो भी खर्चे हैं उसके लिए यूज करो, फैमिली के लिए गिफ्ट्स खरीदने के लिए, और मेरे लिए भी, अगर इसे तुम अपने ऊपर नही खर्च करना चाहती तोह। अगर मैं गलत नही हूं, तोह तुमने मुझे गिफ्ट देने के लिए इशिता से पैसे मांगे थे। क्या तुम दुबारा उससे पैसे मांगोगी अगर तुम्हे अपनी मॉम को गिफ्ट देना होगा हम दोनो के बेहाफ पर एस अ कपल? प्लीज इसे यूज करो। मैं तुम पर कोई फेवर नही कर रहा हूं, मैं बस तुम्हे इंडिपेंडेंट देखना चाहता हूं अगर तुम्हे कुछ भी अर्जेंट चहिए होगा तोह।" कबीर ने कहा और अमायरा दुविधा में पड़ गई।
"अगर तुम अभी भी नही लेना चाहती, तोह कोई दूसरी कंपनी ज्वाइन कर लो। जो तुम्हे एक अच्छी सैलरी दे और तुम्हे कभी भी किसी से भी पैसे मांगने ना पड़े। एंड बाय द वे, मैं सीएसआर ब्रांच का हैड नही हूं, कोई और है। तोह अगर कभी तुम हमे ज्वाइन करने का सोचो और इंटरव्यू क्लियर कर लो, तोह भी तुम्हे मेरे साथ अपने डिटॉक्स वाले बारह घंटे काम नही करना होगा।" कबीर ने मसखरी करते हुए कहा और अमायरा मुस्कुराने लगी।
"मैं अभी यह कार्ड रख लेती हूं लेकिन मैं प्रोमिस नही करती की मैं इसे ज्यादा यूज करूंगी।"
"थैंक यू।" वोह अपने इस एक कदम से खुश था।
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