Redimed Swarg - 16 in Hindi Detective stories by S Bhagyam Sharma books and stories PDF | रेडीमेड स्वर्ग - 16

Featured Books
Categories
Share

रेडीमेड स्वर्ग - 16

अध्याय 16

दामू पसीने से लथपथ शरीर के साथ बाइक को टेलीफोन बूथ के सामने खड़ी करके अंदर गया - हड़बड़ाहट में जल्दी-जल्दी पुलिस से बात की। सुंदरेसन की हत्या की बात घबराहट के साथ बोल कर खत्म किया। दूसरी तरफ से पुलिस बिना हड़बड़ाहट के पूछा।

"जिसकी हत्या हुई है वह कौन है बताया ?"

"सिनेमा प्लेबैक सिंगर सुरभि के फादर सर।"

"वह आपके कौन हैं ?"

"जीजा जी"

"हत्या कौन सी जगह हुई है ?"

"दामू ने जगह का नाम बताया।

"अभी आप कहां से बात कर रहे हैं.....?"

"हत्या हुई उस स्पॉट से दो किलोमीटर दूर एक टेलीफोन बूथ से बोल रहा हूं..."

"घर पर खबर कर दी क्या....?"

"अभी नहीं"

"खबर करके स्पॉट पर आ जाइए..... हम भी आ जाते हैं। बॉडी के पास अभी कोई नहीं है क्या?"

"नहीं"

"ठीक है.... आधे घंटे में आ जाते हैं।" रिसीवर को रखकर दामू घर के नंबर को डायल किया। डायल करते समय ही उसके मन में एक डर पैदा हुआ। 'दीदी' इस आघात को सहन कर पाएगी क्या....?"

टेलीफोन से बात को बताने के बदले सीधे जाकर इस विषय के बारे में बता कर उन्हें स्पॉट पर ले कर आ जाते हैं?"

"वही ठीक रहेगा"

टेलीफोन बूथ के दरवाजे को खोलकर दामू बाहर आया । बाइक को स्टार्ट करके बीस मिनट में घर पहुंचा। पोर्टिको की लाइट जल रही थी। हॉल की रोशनी खिड़की से बाहर आ रही थी।

"दीदी से इस बात को कैसे कहूँ ?"

सोचते हुए बाइक को खड़ी कर पोर्टिको से सीढ़ी चढ़कर हॉल जाने का रास्ता खुला पड़ा था।

अंदर घुसा।

हॉल का सोफा खाली पड़ा था।

"दीदी कमरे में जाकर लेट गई क्या ?"

"दीदी" आवाज देते हुए रंजीता के कमरे की तरफ गया। दरवाजे के ऊपर हाथ रखा वह खुल गया।

अंदर जीरो वाट की रोशनी थी।

रंजीता बिस्तर पर लेटी हुई दिखाई दी।

"दीदी...."

जवाब नहीं।

पास में गया। कंधे को छुआ। जिस ऊंगली से छुआ उंगलियां चिपचिपी थी ।

खून।

"दी... दीदी....."

चिल्लाता हुआ -

दामू ने रंजीता के शरीर को हिलाया ।

आंखें फटी हुई थी सीधे पड़े रंजीता के छाती में से खून की नदी बह रही थी ।