Ek Anokha Rishta - 7 in Hindi Short Stories by Lalit Raj books and stories PDF | एक अनोखा रिस्ता। - 7 - अनजान व्यक्ति

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एक अनोखा रिस्ता। - 7 - अनजान व्यक्ति

कॉलेज में जब रिया राज को न पाकर वो परेशान होने लगी थी काफी टाइम राज का इंतजार किया लेकिन राज नहीं आया,
वैसे तो राज हर वार रिया को पिकअप करता और वो चारों एक साथ कॉलेज आते थे,लेकिन आज क्या हुआ।

अब कॉलेज में लॉन्च टाइम हो गया था जब रिया और मीना कॉलेज कैंटीन की ओर गये तो मीना ने रिया को नोटिस किया कि वो किसी बात को लेकर परेशान है लेकिन मीना सोचने लगी, ओह आज राज नहीं आया न इसलिए रिया परेशान है महोब्बत का असर ही कुछ ऐसा होता यह सोचकर मीना के चेहरे पर स्माईल आजाती है।

रिया ने जब उसे मुस्कुराते हुऐ देखा तो रिया ने मीना के कंधे को अपने हाथ से गुस्से से हिलाते हुऐ कहा " तू क्यों इतना मुस्करा रही है।

मीना झट से होस में आते ही रिया की तरफ देखती है और कहती है " कुछ नहीं" लेकिन रिया का फिर से वो परेशान चेहरा देखकर मुस्कराने लगती है।

रिया ये सब देखकर वो मीना से और गुस्सा होने लगी,ये सब कॉलेज की कैंटीन तक पहुंचते पहुंचते हुआ और अब जब रिया और मीना कैंटीन में अपने पास रखी टेबल और चैयर की ओर बढते हैं और चैयर पर वो दोनों एक दुसरे के आमने सामने बैठ जाते हैं।

मीना रिया को खामोश देख कर बोल पढती है,ये खमोशी और परेशानी की वजह राज तो नहीं है।

इतना सुनते ही रिया मीना को देखती और हैरान रहकर पूछती है ' तुझे कैसे पता।

मीना उसकी बात सुनकर झट से जवाब देती है, जो लोग आशिकी दिल में दवा कर चलते हैं उनका चेहरा सब कुछ बयां कर देता है और फिर ये बात कहां छुपती है कि राज तेरी फिक्र करता है और आज तू उसे न देखकर परेशान है।

रिया मीना की बात सुनकर एक दम हैरान होकर मीना की तरफ देखती है और बनावटी स्माईल दिखाकर मीना से कहती है " ओह रियलि, क्या तुम्हें ऐसा लगता है कि मै उस अकडू और बात बात पर गुस्सा होने वाले राज महोब्बत करूंगी, अब रिया मीना से नजरें फेर कर अपने दायें हाथ को मीना की तरफ झटकते हुऐ कहती है, कभी नहीं मै राज से कभी प्यार नहीं कर सकती।

मीना को यह सब देखकर हसी आ जाती है और वो जोर जोर से हसने लगती है।

रिया देखकर मीना को एक दम डांटने वाले अंदाज में कहती है " क्या पागलपन है मीना ऐसे क्यों हस रही सब लोग तुम्हें देख रहें.हैं।

मीना जब अपने चारों ओर देखा तो वाकई सभी लोग उसे ही देखे जा रहे थे, मीना ने उन लोगों की ओर गुस्से देखते हुऐ कहती है, आप लोगों पर कोई काम नहीं है यहां कैंटीन में खाना खाने आये हो तो चुप चाप खाना खाओ या दूसरों की बाते सुनने का सौक है तुम्हें।

रिया मीना का हाथ पकडकर धीमी आवाज में कहती है, अरे यार गलती तेरी है उन्हें क्यों डांट रही हो।

मीना ने देखा वो लोग मीना को गुस्से से देख रहे होते हैं और रिया कह भी ठीक रही थी कि गलती उसी की है जब मीना को रियलाइज हुआ तो अपना सर झुकाकर सबसे सॉरी कहती है और फिर रिया कि तरफ देखने लगती है।

रिया कहती है , हा मै राज के न आने से परेशान जरूर हों लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि मै राज से प्यार करती हूँ, अब रिया परेशान होकर धीमी आवाज में कहने लगी 'पता नहीं राज क्यों नहीं आया,

रिया को परेशान देखकर मीना हल्की सी स्माईल देकर रिया से कहने लगी " तो फिर राज को कॉल करले,

मीना की यह बात सुनते ही वो झट से अपने मोबाइल से राज का नम्बर डाईल कर देती है।

वहां उस तरफ स्टेरिंग पर अजय बेहोश था और राज के फोन में रिंग आ रही थी और वो कार की सीट के नीचे की ओर पडा होता है।

मास्क लगाऐ हुऐ इंसान राज की तरफ गन ताने खड़ा था तभी उसी के ग्रुप के आदमी ने उससे कहा " अवे इतना टाइम क्यों लगा रहा मार इसे।

राज को टारगेट करने वाला इंसान अब गन टिगर दवाने वाला होता है और इधर राज को भी लग रहा होता है कि उसका खेल खतम मानो।

तभी वहां जोर जोर से जय कारे लगाने की आवाज गूंजने लगी।" बम बम भोले, बम बम भोले, बम बम भोले।

और उसी समय राज पर गन ताने खड़े व्यक्ति की ओर हवा में लहरता हुआ त्रिशूल आ रहा था लेकिन वो इतनी तेजी से था के वो अपने आप को उस त्रिशूल से बचा नहीं सका और वो त्रिशूल सीधा गन वाले व्यक्ति के सीने में घुस गया।

राज यह देखकर हैरान रह गया कि उसे मारने वाले को किसी ने मार दिया, राज के मन में एक सवाल उठा कि आखिर कौन है अनजान व्यक्ति जो उसे बचाने के लिऐ यहां आया है।