Lavanya - 20 in Hindi Fiction Stories by Jagruti Joshi books and stories PDF | लावण्या - भाग 20

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लावण्या - भाग 20

लावण्या ने जब मुड़कर देखा वह चंद्रशेखर जी थे,, वो उनके सामने देख कर मुस्कुराई।
चंद्रशेखर जी लावण्या के पास आये और प्यार से हग किया,,,,,,!
चंद्रशेखर जी ने देखा कि लावण्या की आंखों में नमी तैर गई थी उन्होंने उसका हाथ पकड़कर सॉरी बोला,,,, लावण्या ईस बात पर कुछ नहीं बोली,,,!
चंद्रशेखर जी ने अपनी बात कंटिन्यू करते हुए कहा ,,
मैंने और तुम्हारी आंटी ने बहुत कोशिश की उसे समझाने की पर लक्ष मानने के लिए तैयार ही नहीं है ,मुझे यह लड़की नहीं पसंद ,,पर क्या करु ......
"मेरी लास्ट और फर्स्ट दोनों चॉइस तू ही थी बेटा" मैंने हमेशा से चाहता था कि तुम मेरे घर की बहू बनो ,,,!!

ईस बात पर भी लावण्या कुछ नही बोली,,

चंद्रशेखर जी ने लावण्या की ओर देखकर कहा तुम हमसे नाराज हो,,, तुम कुछ बोल नहीं रही कोई जवाब नहीं दे रही,,,,?
लावण्या ने अपने पर्स मैं से फोन को निकाला,,,, कुछ टाइप किया फिर चंद्रशेखर जी को देखने के लिए इशारा किया,,,,!
चंद्रशेखर जी ने अपना फोन देखा तो लावण्या का मैसेज था ,,,,
उन्होंने वह ओपन किया
जिस मैं लिखा था,,,,अंकल मैं आपसे बिल्कुल नाराज़ नहीं हूं,,,
बस मेरी आवाज नहीं निकल रही और अगर ज्यादा कोशिश करूंगी तो मैं अपने आप को रोने से रोक नहीं पाऊंगी और मेरे आंसू निकल जाएंगे ......
सच कहु तो अंकल मैं अब कमजोर नहीं पड़ना चाह्ती,,,,!

चंद्रशेखर जी ने लावण्या की ओर देखा उसकी आंखों से आंसू निकल चुके थे, लावण्या ने अपनी दोनों उंगलियों से अपने आंसुओं को हवा में उछाल दिया फिर अपने आप को ठीक किया,,,,!

यह देखकर का चंद्रशेखर जी की आह्ह निकल गई,,, उन्होंने लावण्या की माथे पर हाथ रखकर कहा ..... मैं कोशिश करूंगा कि लक्ष को सब कुछ याद आ जाए,,,, तुम चिंता मत करो लक्ष तुम्हारा है और तुम्हारा ही रहेगा,,,,!

लावण्या इस बात पर फिका मुस्कुराई,,,,फिर बहुत कोशिशों के बाद उसने कहा_______ लक्ष मेरा था,, अब मेरा नहीं है,,,!!
आप देखो उसकी तरफ उसे कोई फर्क नहीं पड़ता लावण्या की तकलीफ से,,,,उसे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता लावण्या के दर्द से,,,,वो पुराना वाला लक्ष है ही नहीं,,,,और सच कहुं अब मुझे क्या लगता है ,, उसे वह पुराना वाला लक्ष
बन्ना ही नहीं है"!! उसे बस वही याद रखना है जो वो याद करना चाहता है और रखना चाहता है,,,!
आप प्लीज़ कोशिश मत करिए और मेरा टेंशन बिल्कुल भी मत लीजिए,
"मैं ठीक हूं "!!
अगर नहीं होगी तो ठीक हो जाऊंगी,,अब आप प्लीज यहां से जाइए अगर उसने देख लिया तो सच में उसे बुरा लगेगा,,,,,,!!!
आपके दिल में मेरे लिए प्यार है मुझे पता है पर उसके सामने मत दिखाइए,,,!!
चंद्रशेखर जी के पास अब कोई शब्द नहीं थे उन्हों ने उसके माथे पर हाथ रखा और आशीर्वाद देते हुए चले गए,,,!

लावण्या अब अकेली बैठी थी,,, उसकी नजर लक्ष पर ही थी उसने देखा कि एक बार भी लक्ष ने उसकी और नहीं देखा था।
वह मन में सोच रही थी कि कितना खुश है ,,,सच में खुश है या फिर मुझे दिखाने के लिए खुश हो रहा है,,, दोनों काफी खुश लग रहे शायद अब मेरी कोई जरूरत नहीं यहां ,,,,,,,!!!!!
लावण्या भरी महफिल में अकेली थी।
बैकग्राउंड सॉन्ग____

आवाज़ दो हम को,हम खो गये
कब नींद से जागे,कब सो गये
मर जायेंगे हम अगर,दूर तुम से हो गये
आवाज़ दो हमको,
हम खो गये..........
तुमसे निगाहें चार करने लगे
हम ज़िन्दगी से प्यार करने लगे
डरते ना थे मौत से
अब मगर डरने लगे
आवाज़ दो हमको,
हम खो गये...........
सावन की इस पहली बरसात में
सब देख ले सपनें इक रात में
कट जाये ना ज़िन्दगी
एक ही मुलाकात में
आवाज़ दो हमको,
हम खो गए
मेरे सामने रहना जाना नहीं
तुमसे है कुछ कहना जाना नहीं
मौसम कभी प्यार का
लौटकर आना नहीं
_____

सबसे दूर लावण्या एक कोने में चेयर पर बैठी हुई,,थी ।
सिया और सचिन जा चुके थे,,,,,अर्थ लक्ष के पास ही था, वो दोनों सबसे बातें कर रहे थे और ईशा को सबसे मिलवा रहे थे,,,!
जब लावण्या का ध्यान कही और होता तो लक्ष उसे देख लेता,, उसके देखते ही वो अपनी नजरें फेर लेता,,,लावण्या अकेली अकेली ड्रिंक पी रही थी (सॉफ्ट ड्रिंक्स)
विक्रांत की नजर कब से है उसी पर ही थी,,,,,
विक्रांत ने देखा कि लावण्या अकेली ही बैठी है तो वो लक्ष को एक्सक्यूज मी कह कर हाथों में एक वाइन का ग्लास लेकर लावण्या के पास जाकर उसके बगल वाली चेयर पर पैरों पर पर चढ़ा के बैठ गया,,,!

लावण्या ने उसे देखे बिना ही कहा_______ विक्रांत आप अभी यहां क्या कर रहे हो,,,???

विक्रांत ___ ने कहा
बिना देखे ही पहचान लिया,,,,,अच्छा लगा और
अभी फिलहाल तो तुम्हारे साथ बात कर रहा हूं,,,,!

लावण्या_____
आप बात चेंज मत करिए मैंने जो पूछा है उसका जवाब दीजिए,,,,!

विक्रांत ____
मैं लक्ष का बिजनेस पार्टनर बन गया हूं,,,तो अब हम साथ में ही काम करेंगे,!

लावण्या____
आपको सब पता था फिर भी आपने यह पार्टनरशिप की क्युं ,,,??
विक्रांत ___
क्योंकि यार वहाँ मुझे तुम्हारे बिना कुछ अच्छा ही नहीं लग रहा था ,,,,, बेडरूम में किचन में लिविंग रूम में गार्डन में जहां भी जाता मुझे तुम ही तुम नजर आती ,,,तो इसलिए मैं इंडिया आ गया,,,,!
यहां आकर क्या करूं सोच ही रहा था तभी मैं ईशा के थ्रु लक्ष से मिला ।
और हमने जब बाते की और मैंने पार्टनरशिप के लिए ऑफर किया तो उसने एक्सेप्ट कर दिया,,,,!
लावण्या ने इस बात पर कोई रिएक्ट नहीं किया वो सिर्फ फिका मुस्कुराई,,,,,!
लक्ष _____
यार पर मेरी पार्टनरशिप तुम्हारे लिए एक फायदे का सौदा होगा,,,,!
लावण्या_____
वो फीका मुस्कुरा कर बोली,,,,
मेरे लिए और फायदे का सौदा,,,,वो कैसा,,,, हा ईशा के लिए जरूर है,,,
क्युकी ईशा को लक्ष मिल गया,,,,लक्ष को एक नया बिजनेस पार्टनर मिल गया और तुम कह रहे हो,,, मेरा फायदे का सौदा।
मैं अपने एक्स हसबैंड के साथ ड्रिंक ले रही हूं मेरा प्यार जो मुझसे दूर जा चुका है और शायद कुछ दिनों में वह किसी और का भी हो जाएगा,,,,, मेरे फायदे के सौदा की बात कर रहे हो........

विक्रांत _____
ने कहा
यार तुम समझ नहीं रही हो,,,, बस एक बार तिरछी नजर से देखो वहाँ,,,, तुम्हारा हीरो जब से मैं यहां आया हूं तब से हम दोनों को ही देख रहा है,,,!
उसने सगाई तो की पर जो खुशी होनी चाहिए वह उसके चेहरे से गायब है ,,,
और एक बात कहुं वह मुझे तुम्हारे साथ देखकर सच में जल रहा है,,,,!
लावण्या ______
यह सब कहने की बात है,,, अगर उसे इतना ही फर्क पड़ता तो वह सगाई नहीं करता
यह सब छोड़ो अब मुझे कुछ नहीं चाहिए,,, इन सब बातों से दिल बहुत हर्ट होता है,,,,!

विक्रांत ____ने उसकी ओर प्यार से देख कर कहा
आई एम वेरी वेरी सॉरी,,,,,

लावण्या ने कहा______
किस बात के लिए ,,,?,

विक्रांत ने कहा_____
बस ऐसे ही,,,,,!

लावण्या कहाँ ______हमममम
ये सॉरी वर्ड होना ही नहीं चाहिए,,,,!!! कुछ लोग दर्द दे कर की सॉरी बोल देते हैं ,,कुछ लोग बिना कुछ किए सॉरी बोल देते हैं,, कुछ लोगों का सॉरी समझ में नहीं आता,,, और कभी-कभी कुछ लोग सॉरी बोलने में बहुत देर कर देते हैं,,,!
विक्रांत ______
सही कहा मैंने सॉरी बोलने में बहुत देर कर दी,,,,
हम अच्छे लाइफ पाटनर तो नहीं बन सके चलो आज से नई शुरुआत करते हैं,,,
भले ही हम अच्छे लाइफ पार्टनर नहीं बने पर अच्छे दोस्त जरूर बन सकते हैं,,,!

लावण्या ने उसकी ओर देखकर कहा और वह क्यों,,,??

विक्रांत __ ___ वह इसलिए की
दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश्ता ही दोस्ती है ,,दोस्तो में अनकंडीशनल लव होता है,,,,!!
जो एक दूसरे के साथ बैठते हैं और एक दूसरे के लिए कुछ भी कर सकते हैं,,,,, हर हाल में वो एक दूसरे का साथ निभाते हैं और वह भी बिना कोई स्वार्थ के।
और मैं प्रॉमिस करता हूं मैं तुम्हारा सबसे अच्छा दोस्त बनूंगा।
मुझे अब प्यार नहीं चाहिए उस मैं बहुत दर्द होता है,, मुझे एक अच्छा दोस्त चाहिए ,,,,!

लावण्या ने हंसते हुए कहा क्या आप किसी प्रवचन या बाबा के पास जा कर आए हो,,,,?? इस तरह की बहकी बहकी बातें क्यु कर रहे हो,,,!!

विक्रांत _____ सीरियस टोन में
देखो लावण्या मुझे मेरा प्यार नहीं मिला पर मैं तुम्हें प्रॉमिस करता हूं मैं तुम्हें तुम्हारा प्यार दिला कर रहूंगा,,,,!

लावण्या ने कहा______
कोई जरूरत नहीं है अब ,,,,मैं अपने खुद के लिए जीना चाहती हुं,,, अकेली ही काफी हुं,, अपने लिए,,,,!

यहाँ यह दोनो बात कर रहे थे और वाह लक्ष अर्थ के साथ खड़ा खड़ा इन दोनों को देख रहा था,,,,!!

अर्थ ने लक्ष की ओर देख कर कहा____ क्या देख रहे हो ,,, लावण्या को,,,?

लक्ष ____
नहीं,,,!
अर्थ _____
कितना झूठ बोल रहे हो और कब तक बोलोगे, पिछले आधे घंटे से मैं देख रहा हूं,, तुम्हारी नजर वही ही है,,,,!
फिर अर्थ ने लक्ष की और कटाक्ष करते हुए कहां यार कांग्रेचुलेशन तुमने अपना प्यार खो दिया वह भी जानबूझकर, बड़े ही अजीब हो,,,,!
कुछ देर राह नहीं देख सकते थे, तुम्हें प्रॉब्लम क्या थी,,, लावण्या को एक बार जान तो लेते ,,,,!
कोई अगर मुझे इतना प्यार करता ना तो उसके के लिए जान भी दे देता
मुबारक हो तुम्हें अपनी नई वाली खुशी,,,, पता नहीं कब तक और कितने टिकेगी और वो लावण्या के पास चला गया,,,,!!!!!!
अर्थ लावण्या के पास आकर बैठा और उसने विक्रांत को कहा तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई लावण्या से बात करने की और लक्ष का बिजनेस जॉइन करने की,,,??
यह सब तुमने जानबूझकर किया है ,ना ताकि तुम लावण्या की करीब रह सको," कोई तकलीफ देनी बाकी रह गई थी जॉ अब देने आए हो,,,!

विक्रांत _____
मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है बस मैं उसके साथ एक अच्छा दोस्त बनकर रहना चाहता हूं,,,,,

अर्थ ____
पर तुम्हें उसके साथ रहे ना हीं क्यु है हम काफी है,,,,,,!!
लावण्या उसे शांत कराते हुए कहा,,,, यार मैंने उसे माफ कर दिया है और छोड़ो पुरानी बातें पुरानी बातों में कुछ नहीं रखा हम दोनों अब सच में अच्छे दोस्त हैं,,,!!

अर्थ ने कहा
सच में यार तुम को और लक्ष को मैं कभी नहीं समझ पाऊंगा,,!
सच में तुम दोनों बड़े अजीब हो ,,,, आप दोनो के भले के लिए बात करो फिर भी नहीं माननी,,,,मुझे घुटन सी महसूस हो रही है पता नहीं मैं यहां क्या कर रहा हूं,,,,!

लावण्या ने उसका हाथ पकड़ा और कहा तुम यहां हो इसलिए मुझे हिम्मत मिलती है समझे,,,
और प्लीज पुरानी बातों को भूल जाओ और अपना गुस्सा थूक दो,,,!!
और अब हम कुछ नॉर्मल टॉक नहीं कर सकते,,,, क्योंकि सीरियस बातें सुनकर सच में मुझे सिर दर्द होने लगागा,,,,,,,है
अर्थ को विक्रांत पर गुस्सा तो बहुत आ रहा था पर लावण्या के कारण वह चुप हो गया,,,,,!

सब पार्टी में एंजॉय कर रहे थे मगर इन तीनों के लिए पार्टी सबसे बोरिंग थी,,, वह तीनों एक टेबल पर बैठे हुए थे तभी सब ने देखा कि लक्ष ने माइक अपने हाथ में लिया और सब को कहा अटेंशन प्लीज,,,,,
सब लक्ष की ओर देखने लगे लक्ष ने सब की और देख कर कहा_____
आज मेरी सगाई है मेरे लिए सबसे ज्यादा खुशी का दिन,,,,!
सबने कुछ ना कुछ तोहफ़े दिये,,, पर मेरे लिए बेस्ट गिफ्ट वो होगा अगर कोई मेरे लिए शेरोशायरी या फिर गजल सुना दे,,,,
क्या आप सुनना चाहोगे ,,,??

सबने एक सुर में "हां" कहां,,,,,

तो लक्ष ने लावण्या की ओर देखते हुए कहां वहां जो कोने में बेठी है मेरे पार्टनर और दोस्त के साथ वो मेरी सेक्रेटरी और बेस्ट एंप्लॉय है,,,,!
वो शेरो शायरी और गजल बहुत अच्छा गुनगुनाती है,,,,उसकी आवाज भी खूबसूरत है,,,तो क्या आप सब उसकी आवाज सुनना चाहोगे,,,??

जब सब ने हां कहा तो लक्ष माइक के साथ लावण्या के पास आया,,,,,
और कहाँ चलो कुछ सुना दो,,,,,और अपनी आवाज का जादु बिखेर दो,,,,

लावण्या ने उसकी ओर देखकर कहा तुम्हें किसने कहा कि मुझे शेरो शायरी पसंद है,,,?

लक्ष को भी यह समझ नहीं आया की उसे कीसने बताया और उसे कैसे याद है,,,,!

लावण्या________
ने लक्ष की ओर देखकर कहा क्यों याद नहीं आया,,,, पर मैं तुम्हें बताती हुं, यह शौक मेरे स्कूल में ही छूट गए थे,,,
क्योंकि की मेरे सबसे करीब एक इन्सान को पसंद नहीं था कि मैं सबके सामने शेरो_शायरी या फिर गजल, उसके अलावा किसी और को सुनाऊ ,
तो तुम्हें कैसे याद आया कि मुझे यह पसंद है,,, और वह माइक लेकर स्टेज की ओर जाने लगी लक्ष उसे जाते हुए देखता रहा वह अपने दिमाग पर जोर लगाने लगा की यह बात उसे किसी ने नहीं बताई थी,,,,,,!

लावण्या स्टेज पर आई उसने सबको हेलो कहां फिर सब की ओर देखकर कहा माफ करना मैंने सालों से कुछ सुनाया नहीं है किसी को
और मुझे याद भी नहीं है ,,,,पर फिर भी जो मेरे फेवरेट (इंदर) कुमार जी
की कुछ पंक्तियां है वो आपके सामने पेश करना चाहती हुं,,,!!
अच्छी लगे तो तालियां बजा देना अगर बुरा लगे तो प्लीज माफ कर देना आलू और टमाटर मत फेंक
यह साड़ी बड़ी महंगी है,,,, इस बात पर सब हंसने लगे और फिर कहा इर्शाद........इर्शाद

लावण्या_______

न दिल पे काबु न खुद पे है इख़्तियार मुझे पे
तेरी जुदाई ने मेरी जां, किया है तार-तार मुझे

कह दो इन फूलों से कि कहीं और जाके खिलें
तेरे बगैर रास न आएगी ये फ़स्ल-ए-बहार मुझे

तेरी मध-भरी आँखों से क्या मिली मेरी आँखें
समझने लगे हैं दुनिया वाले बादा-ख़्वार मुझे

तू तो ख़ुदा है हर चीज़ है तेरे इख़्तियार में
कर कुछ तो ऐसा कि वो करने लगे प्यार मुझे

बात न होती थी तो तम्मना थी कि बात हो बात
फ़िर ऐसी हुई कि कर गयी बे-करार मुझे

मैंने ठान ली थी जब तुझे दिल से भुलाने की
तू और याद आया सर-ए-शाम बार बार मुझे

चांद था चाँदनी थी सितारे थे रोशनी थी
तेरे बाद मगर मिला न कोई ग़म-गुसार मुझे......

और जाते-जाते एक शायरी आप सबके लिए

जो लोग दिल के करीब होते हैं ना ,,,,अक्सर वो लोग और उनके शहर बहुत दूर होते हैं,,,,!!!!

इतना कहकर लावण्या वहा माइक रखकर अपने वही पुराने रौबदार अंदाज में वहां से निकल गई,,,,,,

**********

जब घर आई तो राज रात के 11_00 बज गए थे,,,, उसने देखा कि उसके मामा मामी वहीं पर उसका इंतजार करे बैठे हुए थे,,,
लावण्या ने सरप्राइस होते हुए कहा आप अभी जग रहे हो,,,,??
हां जागना पड़ता है जब बेटी तकलीफ में हो दो दिन से देखा ना हो,,, मामा जी ने उदास होते हुए कहा,,,,!
लावण्या ने अपना पर्स टेबल पर रखा और फिर सोफे पर बैठे अपने मामा की गोद में सर रखकर अपने पैर सोफे पर फैला ते हुए कहाँ,,,,,
क्या मामू आप भी कोई पुरानी मूवी के पापा के जैसे बात कर रहे हो ,,,,,!
इतना टेंशन मत लो मैं ठीक हूं बस अपने आप से थोड़ी लड़ रही हूं ,,,!
वैसे आज मामी आपने खाना क्या बनाया मुझे सच में बहुत भूख लगी है,,,

मामी ने खड़े होते हुए कहा हमने भी कुछ नहीं खाया हमें पता था हमारी बेटी बिना खाए ही आएगी इसलिए,,,!

हाउ स्विट मामी,,,, आप कितना अच्छी तरह से मुझे जानती प्लीज जल्दी से खाना लगा दो,,,, अब रहा नहीं जाता पेट में चूहे दौड़ रहे हैं,,,,!
उनका बेटा सो गया था मामा मामी और लावण्या ने खाना शुरू किया,,, मामी ने कहा तुम्हारे मामा का प्रमोशन हो गया है,,,,
लावी ने उछलते हुए कहा कांग्रेचुलेशन मामु चलो आपको पार्टी तो देनी ही पड़ेगी,,, और वह भी बहुत बड़ी, बोला मुझे क्या दोगे,,,,।
मामा जी ने कहा जो तुम चाहो,,,

लावण्या ने कहाँ आईफोन चाहिए,,,,

मामू ने कहा वह तो तू अपनी सैलरी से ले भी सकती हो पर कोई बात नहीं चलो दे दिया पर मुझे तुमसे और एक बात करनी है,,,

लावण्या ने सीरियस होते हुए कहा क्या हुआ मामू आप इतने सीरियस क्यों हो,,,,!

प्रमोशन के साथ मेरा तबादला हुआ है मुंबई में और हमें वहां शिफ्ट होना पड़ेगा,,,!

लावण्या ने कहा ,,, इसमें क्या बात है मामू ,,आप आराम से जाइए आप मेरी चिंता मत करिए,,,,,!

मामी जी ने कहा क्या तुम साथ नहीं आओगी हमारे,,,,,,
और यहां अकेले रहोगी क्या,,,??

इसमें हर्ज ही क्या है मामी,,, मैं बेंगलुरु भी रही थी ना अकेले वैसे भी अभी भी नौकरी मिली है मैं उसे छोड़ना नहीं चाह्ती,,,,,,
सुधीर जी ने कहा _____नौकरी छोड़ना नहीं चाहती हो या लक्ष को "अपने आप को कितना तकलीफ दोगी अब ,,,," यहाँ सच मैं कुछ नहीं रखा है,,, और मुबंई मे आराम से अच्छी जॉब मिल जाएगी तुम्हे,,,
यहां अकेली रहोगी तो हमें तुम्हारा टेंशन रहेगा।

लावण्या कुछ देर चुप रही फिर उसने कहा कोई बात नहीं मैं विक्रांत को यहां रेंट पर दे दूंगी नीचे वाला कमरा,,,,!

मामा जी यह सुनकर खड़े हो गए और उन्होंने कहा_____ यहां विक्रांत आया है,,,तुम उसे मीली,,और तुम उसे कमरा भी दोगी ,,,, यह सब हो क्या रहा है , मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा,,,
और तुम उसे माफ कैसे कर सकती हो,,,?

लावण्या ने पूरी बात तो नहीं बताइए मगर आधी बाता दी,,,, और कहा
वैसे भी यह पूरा घर खाली रहेगा,,, यहां हमारो सोसाइटी के सब लोग जानते हैं मेरी और विक्रांत की शादी हो गई है ,,,
हम दोनों अलग हो गए वह भी जानते हैं,,!
मगर वह मेरे साथ रहेगा तो उन्हें लगेगा कि हम दोनों वापस एक साथ हो गए हैं ,,,,,,,,,,,!
और एसे आपको मेरी फिक्र भी नहीं रहेगी और वह एक अच्छा इंसान है वह आप भी जानते हो हालात ने उसे थोड़ा बुरा बना दिया था,,,,!
इस बात पर वो क्या बोले उन्हे समझ नहीं आया,,,
लावण्या____
अब आप ज्यादा मत सोचो मामू ,,,आप लोग आराम से सो जाइए मेरा टेंशन मत लीजिए,,,,मेने खुदको संभाल ना सीख लिया है,,,

मामा जी ने कहा अब तुम हमारे साथ कब आओगी ,,,,,,,,,,,,???

लावण्या ने मुस्कुराते हुए कहा अभी थोड़ा टूटना बाकी है ,,जब पूरी तरह से टूट जाऊंगी तो जाओगे आपके पास,,,,,,,
फिर मेरे पास कोई ऑप्शन भी नहीं होगा ना अभी थोड़ी हॉप बाकी है,,,, और वह गुड नाईट बोल कर अपने कमरे में चली गई,,,,!
अभी तक वह सबके सामने स्ट्रोंग बनाकर फिर रही थी,,,, अपने कमरे में आते ही उसने अपने आपको बाहरी मुखौटे से आजाद किया और वह बिस्तर पर लेट कर फूट-फूट कर रोने लगी,,,!
फोन की स्क्रीन पर लक्ष की फोटो देखते हुए वह उसे फरियाद कर ने लगी,,, क्यो मैं तुम्हें याद नहीं हूं,,,,??
लक्ष क्यों बार-बार तुम मेरे करीब आकर दूर चले जाते हो,,,, नहीं सहा जाता,,,!!
इस बार तुम बहुत हर्ट कर रहे हो,,,,अबकी बार में दूर गई तो तुम्हारी लाख कोशिशों के बाद भी वापस नहीं आऊंगी,,! देख लेना
और वह अपने फोन में लक्ष की फोटो स्क्रोल करते हुए देखने लगी,,,, लक्ष को याद करते करते उसे नींद कब आ गई पता ही नहीं चला,,,,!

लक्ष का ऑफिस

लक्ष लावण्या को बहुत मिस कर रहा था,,, कल रात उसका पार्टी से यू चले जाना उसको थोड़ा भी रास नहीं आया था,,,। लक्ष को पता था लावण्या 9:00 बजे ऑफिस आ जाती है,,तो वो 8:30 बजे ऑफिस आ गया था,,,, जब से आया था तब से वह चक्कर ही लगा रहा था बार-बार घड़ी के सामने देखकर हाइपर हो रहा था,,,,!
अर्थ अपने केबिन की ओर जा रहा था, उसने देखा कि लक्ष बिना बात के ऑफिस में चक्कर लगा रहा है,, दो चक्कर तो उसने ऑफिस कॉरिडोर में भी लगा दिए,,,,,,
अर्थ उसके पास आया और कहा टेंशन मत ले लावण्या आ जाएगी ट्राफिक में फंसी होगी,,,,,!
लक्ष गुस्से में बोला यह टाइम है, ऑफिस में आने का,,,,?
अर्थ ने हंसते हुए कहा वो आए तब पूछ लेना उसे और वह चला गया,,,!

लक्ष को बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था वह गुस्से में अपनी चेयर पर बैठ गया ,,,,,उसने देखा की लावण्या और ईशा दोनों साथ में आ रही हैं,,,,दोनो साथ में केबिन एंटर हुई,,,,,,,,!!
लक्ष गुस्से में खड़ा हुआ उसने ईशा की ओर देखा भी नहीं।
वो लावण्या के पास गया,,,और कहा पिछले 2 घंटे से तुम्हारी राह देख रहा हूं,,,, कहां थी अब तक,,,यह टाइम है ऑफिस आने का,, कोई वैल्यू नहीं है काम की या टाइम की,,,,
लावण्या_____(के चेहरे पर उदासी छा गई)
सॉरी सर आइंदा ध्यान रखूंगी यह फाइल है आज की सारी मीटिंग की,, देख लीजिएगा,,,!
और वह केबिन से बाहर नीकली ही की उसका पैर मुड गया वो गीर ने वाली ही थी की विक्रांत ने उसे अपनी बांहों में थाम लिया ।

क्रमश,,,,,,जारी है,,,!

भाई की शादी मैं पडी हुं सो माफ कर दिजीएगा सब💐🍫🙏🙏🙏