Veera Humari Bahadur Mukhiya - 10 in Hindi Women Focused by Pooja Singh books and stories PDF | वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 10

Featured Books
  • My Wife is Student ? - 25

    वो दोनो जैसे ही अंडर जाते हैं.. वैसे ही हैरान हो जाते है ......

  • एग्जाम ड्यूटी - 3

    दूसरे दिन की परीक्षा: जिम्मेदारी और लापरवाही का द्वंद्वपरीक्...

  • आई कैन सी यू - 52

    अब तक कहानी में हम ने देखा के लूसी को बड़ी मुश्किल से बचाया...

  • All We Imagine As Light - Film Review

                           फिल्म रिव्यु  All We Imagine As Light...

  • दर्द दिलों के - 12

    तो हमने अभी तक देखा धनंजय और शेर सिंह अपने रुतबे को बचाने के...

Categories
Share

वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 10

इशिता के जाने के बाद रांगा गांव में पहुंचता है... उसके आने से और इशिता के गांव में नहीं होने के कारण सब डर से जल्दी जल्दी अपने घरों की तरफ भागते हैं..... रांगा चिल्लाता है...
" कहां भाग रहे हो सब .... मुझे तुममे किसी से कोई काम नहीं...(एक डेविल हंसी के साथ कहता है)... वीरा से काम है.....(चिल्लाता है).. कहां है मुखिया वीरा बुलाओ उसे...."
बरखा आगे आकर चिल्लाती है " हमारी मुखिया तुझ जैसे से नहीं मिलती...चल जा यहां से...."
" ओए छोकरी .... हमारे सवाल का सीधा जवाब दे नहीं तो.. तुझे भी ले जाएंगे...."
स्थिति बिगड़ती देख मेयर जी बरखा को पीछे करते हुए कहते हैं..." वीरा अभी यहां नहीं है.... किसी काम से गांव से बाहर गई है कुछ समय बाद आप आएंगी..."
शक भरी नजरों से देखकर रांगा पुछता है.." सच है..."
" हां ....सच कह रहा हूं जल्द ही वापस आ जाएंगी..."
" ठीक है... वीरा शाम तक यहां होनी चाहिए.....नही तो रांगा गांव में तबाही मचा देगा ...तुम समझ जाओगे.." इतना कहकर रांगा चला जाता है...
उधर इशिता डीएम आफिस पहुंचती है.....
इशिता : मे आई कम इन सर......
डीएम : या स्योर कम इन ..... प्लीज़ सिट.....
इशिता : थैंक्यू......
डीएम : बताइए मैं कैसे आपकी हेल्प कर सकता हूं....
इशिता : मैं आपके पास इलेक्ट्रॉनिक प्रोब्लम की कम्पेलेंट लेकर आई हूं....अचलापूर में अभी तक इलेक्ट्रिक नहीं है क्यूं आपने कनेक्शन तो लगवा दिया है पर सप्लाई क्यूं नहीं हुई......
डीएम : एम सॉरी मैम ... लेकिन आप कौन .....?
तभी सुमित कहता है..." ये हमारी मुखिया जी है...."
डीएम : मुखिया जी.....आप वीरा है जिनके चर्चे पूरे गांव में मशहुर है.....
सुमित कहता है..." हां हां.... यही हमारी बहादुर मुखिया वीरा है.... इन्होंने ही उन डाकुओं को उनके बिलों में वापस भेजा है...."
डीएम : आपके आने से क्या पता इन गांववासियों की हालत सुधर जाए.....आप निश्चित रहिए अचलापूर में लाइटिंग सिस्टम फिर से शुरू हो जाएगा.....!
इशिता : आपने सप्लाई बंद क्यूं कर दी थी.....?
डीएम : देखिए वीरा जी.... हमने गांव को फैसिलिटी से दूर नहीं रखा है...इन डाकुओं ने ही सब तहस नहस कर दिया था.... पुलिस भी उन्हें पकड़ने में सक्सेस नहीं हो पा रही है...
इशिता : आप टेंशन मत लिजिए मैं उस खड़गेल को अब गांव पर हाथ भी नहीं लगाने दूंगी...आप सप्लाई शुरू किजिए....
डीएम : ओके वीरा जी आपकी रेस्पॉन्सबिल्टि पर हम काम शुरू कर देंगे....आप यहां साइन कर दीजिए..... एक हफ्ते बाद सप्लाई शुरू हो जाएगी....
इशिता : ओके...... थैंक्यू आपने हमारी बात सुनी....
डीएम : नहीं नहीं वीरा जी हम तो यहां समाज सेवा करने के लिए ही बैठे हैं इसमें थैंक्स कैसा......
इशिता : नाइस थिंकिंग.....(इतना कहकर दोनों वहां से चले जाते हैं...)...
सुमित : वीरा जी.... इससे क्या होगा.....?
इशिता : वो तो तुम खुद ही एक हफ्ते बाद देखना बताकर अच्छा नहीं लगेगा.....
सुमित : मुझे तो इंतजार रहेगा.....
इशिता : हां ज़रूर.....और सुमित कुछ सामान की लिस्ट है क्या तुम शहर जाकर कल ये सब ले आओगे.....
सुमित : जरूर वीरा जी.....लाइए......
बातों बातों में दोनों गांव पहुंच जाते हैं....... सारे लोग इशिता को देखकर अचानक खड़े हो जाते हैं....इशिता गांव में सबको परेशान देख हैरान रह जाती है......
" मुखिया जी आ गई....."
इशिता : मेयर जी.....आप इस तरह परेशान से क्यूं बैठे हैं....?