Me and My Feelings - 52 in Hindi Poems by Darshita Babubhai Shah books and stories PDF | में और मेरे अहसास - 52

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में और मेरे अहसास - 52

जलन आफताब की सुहानी लगी l
जलन माहताब की रूहानी लगी ll

एक दूसरे पर जान न्यौछावर l
प्यार की कहानी पुरानी लगी ll

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दिल की धड़कन मदहोश हो गईं हैं l
नज़रे चार होते ही होश खो रहीं हैं ll

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जिंदगी ने मोहताज बना के छोड़ दिया l
जिंदगी तो दी जीने का आनंद ले लिया ll

तक़दीर मे जो लिखा है वो पाया है सो l
आंसूं छुपाके हस्ते हस्ते ग़म पी लिया ll

जीने का हौसला और ज़ज्बा देखो हमारा l
ना कोई शिकायत, ना कोई गिला किया ll

कर्मों का फल है सुख और दुःख बस यही l
खुदा की मरज़ी समझकर जीवन जिया ll

खुश रहने से ग़र सबको खुशियाँ मिले तो l
अपनों के लिये हर वक्त होठो को है सिया ll
२८-३-२०२२

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ये जिंदगी रवायत हो गईं l
जबसे तेरी आदत हो गई ll

तुझ से इश्क़ क्या हुआ l
मुहब्बत इबादत हो गई ll

बेपर्दा जब से हुस्न हुआ l
आशिकी इनायत हो गई ll

दो पल की जुदाई हुईं तो l
खुदा से शिकायत हो गई ll

उनसे आँखें चार न की l
नज़र से शराफत हो गई ll

२७ -३-२०२२ 

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दीवाना बताती है मुझे l
प्यार से बुलाती है मुझे ll

स्वप्नों मे आके सखी l
नीद मे सताती है मुझे ll

फोन पे घटों बाते करके l
रात भर जगती है मुझे ll

पल भर भी दूर जाते है l
यादे तेरी रुलाती है मुझे ll

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दुआओ का असर देख लिया l
सनम ने एक नज़र देख लिया ll

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आज करनी है तुमसे कुछ बात l
बड़े दिनों बाद हुईं हैं मुलाकात ll

दामन खुशियों से भरने है आईं l
तेरे आ जाने से निखरी है रात ll

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जिंदगी के रंगमंच की कठपुतलियाँ है l
खुदा के हाथों की कठपुतलियाँ है ll

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गालों पर सुर्खी दिखाईं दे रहीं हैं l
आखों मे हया  दिखाईं दे रहीं हैं ll

साथ साथ जीयेंगे और मरेगे l
वादों मे वफ़ा दिखाईं दे रहीं हैं ll

साँझ ढले अकेले मुस्कराते हैं l
यादों में अदा दिखाईं दे रहीं हैं ll

एक एक पल खुशियों से भर गये l
साँसों में साँसें दिखाईं दे रहीं हैं ll

फ़िज़ाओं में गुनगुनाए थे नग्मे l
गानों में रात दिखाईं दे रहीं हैं ll
२२-३-२०२२

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बात दिल की हम बताकर चले जाएगे l
तेरी सुनी महफिल सजाकर चले जाएगे ll

सफ़र के लिए तैयार है कारवाँ सखी l
जान फ़िर तुम पर लुटाकर चले जाएगे ll

किसी की खुशी के लिए जी लेगे हम l
आज रूठे हुए को मनाकर चले जाएगे ll
२१-३-२०२२

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कविता दिन पर कविता लिख रही हूँ में l
कवि बन काग़ज़ संग  खिल रही हूँ में ll

कवि के सुख दुःख की भागीदार रही हूँ में l
धायल प्रेमी की कलम संग छिल रही हूँ में ll

जरा देखो बिखरा पड़ा है वजूद यहां वहाँ l
सैया के प्यार की सुई संग सिल रही हूँ में ll

एक दौर था महफिलों का दायरा होता था l
ग़ज़लों के बादशाह संग मिल रही हूँ में ll

आज फ़िज़ाओ मे हर कही गूँजती हुईं l
कविता की लहरों संग हिल रही हूँ में ll
२१-३-२०२२

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आज मेरे छत पे आई है चिड़िया l
ख़ुशी के गीत गुनाती है चिड़िया ll

उसे देख जी खुश उठा है मेरा l
ची ची ची सुनाती हैं चिड़िया ll

खुले आसमान में उड़ती रहती है l
आकर फ़िर दाना खाती हैं चिड़िया ll

वन उपवन घूमती यही कहीं l
कहा से कहा जाती हैं चिड़िया ll

दिन के उजाले में खाना बटोरे l
पल भर चैन न पाती हैं चिड़िया ll

१८-३-२०२२

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आने वाले तूफ़ान से होशियार करो l
जग को खुद से ज्यादा प्यार करो ll

जिंदगी में मुश्किलें आएँगी बहोत ही l
आँधी तूफ़ाँ से लड़ने को तैयार करो ll

किसी न किसीका तो होना पड़ेगा l
गर मुहब्बत है तो आंखे चार करो ll

पीठ पीछे तो सभी धोखा देते हैं l
हिम्मत है तो सामने से वार करो ll

सखी आसान हो जायेगा सफ़र l
जिंदगी में एकबार एतबार करो ll
१७-३-२०२२

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ख्वाईश तो यही है कि तेरे रंग में रंग जाऊँ l
आज प्यार भरे रंगों से तेरे संग में रंग जाऊँ ll

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जीवन मे खुशियो के रंग भरने आई होली l
साथ अपने ताजगी और उमंगें लाई होली ll

बड़ी बेरंग हो गई थी क़ायनात महामारी से l
चौतरफ रंगो की बरसात करने आई होली ll

जग में नफरत का वायरस फेला हरकही l
दिलों दिमाग को हारने हरने आई होली ll

बारुतो से दरिया और ज़मीं भर दी है l
प्यार की सरिता में सरने आई होली ll

हम को मिटाकर हमारा भी जीवन है l
होलिका को जलाने जलने आई होली ll

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चाहतों के बीज बोया करते हैं l
आराम की नीद सोया करते हैं ll

किसी के लिए दिल को जलाके l
सुकून को क्यूँ खोया करते हैं ll

खाली हाथ वाला मुस्कराए l
तिजोरी वाले रोया करते हैँ ll

थोड़े मे गुजारा करने वाला l
दिल को भिगोया करते हैं ll

साफ़ दामन छोटी छोटी l
खुशी को पिरोया करते हैं ll
१६-३-२०२२

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