Nice to meet you - 2 in Hindi Fiction Stories by Emika Ease books and stories PDF | Nice to meet you - 2

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Nice to meet you - 2

अगली सुबह जब राशि की आंखें खुली तब राशि के लिए सब कुछ शांत था । वह अपने बिस्तर पर ही लेटे हुए अपने कमरे की बेजान छत को देख रही थी ।

सुबह के लगभग सात बज रहे होंगे जब राशि के फ़ोन की घंटी बजती है । राशि को उसकी दोस्त भानु का कॉल आ रहा था । कल भी राशि ने अम्बोली आने के बाद भानु को कॉल नहीं किया था ।

राशि ने फ़ोन की घंटी तो सुनी मगर उसने फ़ोन नहीं उठाया । वह अब भी अपने कमरे की छत को टकटकी लगाकर देखे जा रही थी ।

कुछ देर बाद फ़ोन बजना बंद हो गया । अब माहौल फिर से शांत अवस्था में चला गया । इस शांति में केवल चिड़ियों की ची ची सुनाई दे रही थी ।

राशि अपने बिस्तर से उठती है और अपने धीमें कदमों से फ्रेश होने के लिए बाथरूम में चली जाती है । सीसे पर भी राशि का चेहरा बेजान लग रहा था । राशि ने लम्बी सांस ली और सब कुछ भुला देने का मन बना लिया । यह शायद एक नई शुरुआत होगी राशि के लिए ।

कुछ देर बाद जब सुबह के लगभग नौ बज रहे होंगे तब राशि बहार जा कर आस पास घूमने का मन बनाती है । वह अपना बैग पैक करती है और एक नई दुनिया से रूबरू होने के लिए झटपट तैयार हो जाती है ।

जब राशि अपने कमरे से निकलती है तब वह फिर से उसी लड़के से मिलती है जो उसे कल गाँव आते वक़्त मिला था ।" तुम?" राशि और उस लड़के ने एक दूसरे को देख कर एक सुर में एक साथ कहा ।

"तुम यहाँ क्या कर रहे हो?" राशि ने पूछा ।

"ये सवाल तो मैं भी तुमसे पूछ सकता हूँ । तुम यहाँ क्या कर रही हो?" उस लड़के ने जवाब दिया ।

"मैं क्यूँ बताऊँ ।"

"हाँ तो मैं भी क्यों बताऊँ '"

" तो जाओ फिर ।"

" मैं तो जाऊंगा ही । "इतना कहकर वह लड़का वहाँ से चला जाता है ।

" स्टूपिड ।" राशि उस लड़के को जाता हुआ देख कर कहती है और फिर वह भी वहाँ से निकल जाती है।

राशि ने सुना था कि अम्बोली गाँव की पहाड़ियों से बहुत ही खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलते हैं, इसलिए राशि ने हाइकिंग पर जाते की सोची ।

राशि जब गाँव के रास्ते से होकर जंगल की ओर जा रही थी ,तब राशि ने अम्बोली में घूमने आये हुए अन्य लोगों को भी देखा । साथ ही साथ राशि ने गाँव का रहन सहन और हरे भरे खेत भी देखे । कितनी सादगी थी यहाँ पर ।

जिस रास्ते से बाकि सारे लोग जंगल की ओर जा रहे थे ,उसी रास्ते से राशि भी जा रही थी । वह रास्ता पहाड़ी के बगल से होकर जाता था । उस रास्ते के बगल में धान के हरे खेत थे और पहाड़ की चढ़ाई के नीचे बांस के ढेर सारे पेड़ खड़े थे।

राशि जब उस पहाड़ी वाले रास्ते में जाने को तैयार अपने कदम बढ़ाती है तब उसकी मुलाकात फिर से उसी ब्रेक फेल साइकिल वाले लड़के से होती है जिससे वह आज सुबह में भी मिली थी ।

वह लड़का गाँव में आये अन्य लोगों के साथ हाइकिंग पर जा रह था ।

उसने राशि को अकेला जंगल की ओर जाते हुए देखा तो उस लड़के ने राशि को चिढ़ाते हुए पूछा - " क्यों हाइकिंग पर जा रही हो क्या ? संभल कर जाना वरना कहीं जंगली जानवर तुम्हें खा न जाएं ।"

राशि ने जवाब दिया - "तुम्हें मेरी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है । अपने रस्ते निकलो । जाओ ।"

"मैं तो जाऊंगा ही...."

"लेकिन ...अगर तुम्हें डर लग रहा हो तो तुम हमारे साथ चल सकती । हम मना नहीं करेंगे ।"

"कोई जरूरत नहीं है। मैं अपना रास्ता खुद ढून्ढ लूंगी । तुम जा सकते हो ।"

" तुम्हारी मर्जी, मुझे क्या । " इतना कहकर वह लड़का अपने ग्रुप के साथ हाइक पर आगे बढ़ जाता है ।

अब राशि अकेली थी और माहौल एकदम शांत । वातावरण में केवल पेड़ के पत्तों के झड़ने की आवाज सुनाई दे रही थी । कुछ चिडियों की आवाज़ भी कानों में आ रही थी । मन में शान्ति थी मगर एक डर भी और इस डर ने राशि से उस लड़के के ग्रुप के पीछे हो लेने को कहा ।

अब राशि उस लड़के के ग्रुप के पीछे - पीछे चलने लगी ।
यह बात उस लड़के ने भी नोटिस करा, मगर उस लड़के ने राशि से कुछ कहा नहीं ।

पहाड़ी के जंगल काफी घने थे. मगर गाँव के लोगों ने हाइकिंग के लिए रास्ते बना रखे थे, जहाँ से होकर बाहरी लोग पहाड़ी की चोटी पर नज़ारे देखने जा सकते थे ।

वहीँ पहाड़ी की दूसरी तरफ उन्हें जाने की मनाही थी क्यूंकि जंगल का वह हिंसा काफी घाना था । केवल गाँव के लोग ही उस हिस्से में लकड़ियां वगैरह चुनने जाते थे ।

हाइकिंग के दौरान राशि को पता चला कि उस लड़के का नाम अभी है । अभी अपने ग्रुप के साथियों को अपने इंट्रेस्ट के बारे में बता रहा था । वह उन लोगों से पहली बार मिला था, मगर वह उनसे इस तरह से बातें कर रहा था कि मानों अच्छी पहचान हो उनकी ।

अभी बताता है कि उसे फोटोग्राफी का काफी शौक है और इसलिए वह अम्बोली की सह्याद्रि घाटी की खुबसूरत तरुवीरें खींचने आया है।

अभी काफी खुस मिज़ाज़ किस्म का लड़का था । लोग उसे उसकी इसी बात के लिए पसंद करते थे । वह लाइफ को एकदम दूसरे ही ढंग से देखता था । मनो जैसे उसकी लाइफ में कभी कोई गम ही न हो ।

राशि, अभी को पीछे से देखती हुई उसके पीछे - पीछे चल रही थी । वह अभी को एकदम मस्त मौला की तरह देख कर अपनी ही गहरी सोच में डूब गई । उसका दिमाग उससे कह रहा था कि कोई इंसान इतना खुशमिज़ाज़ कैसे हो सकता है, जैसे कोई चिंता ही न हो ।

क्या कभी इसे टेंशन नहीं होती? कल भी एक ब्रेक फ़ैल वाली साइकिल बड़े मज़े में चला रह था और आज इन लोगों के साथ हैकिंग पर जा रहा है जिन्हे वह जनता भी नहीं ।

राशि अपने ख्यालों में खोये बस अपनी ही धुन में चली जा रही थी । वह इतनी गहरी सोच में थी की उसे ख्याल ही नहीं था कि वह कहाँ जा रही है । बस वह अभी को देखती हुई उसके पीछे - पीछे चली जा रही थी ।

राशि की सोच अब अभी से हटकर बीते कल में चली गई । वह प्रतीक को याद कर रही थी और अब उसकी नज़रें, उसकी गहराती हुई सोच के साथ उदासी में झुकाने लगी थी । उसे एहसास भी नहीं हो रहा था कि वह कहाँ जा रही है । वह बस चले जा रही थी ।शायद उसके गम उसका पीछा नहीं छोड़ रहे थे ।

तभी एकाएक कोई राशि के हाथ को पकड़कर उसे अपनी ओर तेज़ी से खींचता है ।

"तुम कर क्या रही हो? अपने दिमाग को कमरे में बंद करके आयी हो क्या ? कहाँ चले जा रही हो?"

राशि अपने होश में आती है । वह अपने सामने अभी को देखती है और हैरान होकर कहती है "क्या?"

"क्या, क्या? सामने देखो? कहाँ जा रही थी?मरने का इरादा है क्या?"

जब राशि अपने सामने देखती है तो उसे एक बड़ी सी लम्भी गहरी खाई दिखाई देती है । "ओह माय गॉड!" राशि हड़बड़ा कर पीछे हट जाती है ।

राशि ने कभी इतनी गहरी खाई नहीं देखी थी । जब उसने अपने ठीक सामने इतनी बड़ी गहराई को देखा तो मानो जैसे उसकी सांसें अटक सी गयी हों ।

राशि डरी हुई थी और अनजाने से घबराहट में अभी के हाँथ को कसकर पकड़ रखा था । राशि की पकड़ से अभी को एहसास हो गया था कि राशि वह गहरी खाई देखकर घबरा गई है ।

राशि का ध्यान भटकने के लिए अभी राशि को चिढ़ाकर कहता है " देवी जी क्या आप पंछी है ? उड़ना चाहतीं हैं ?

"क्या?" राशि को कुछ समझ नहीं आता ।

अभी आगे कहता है "यदि आप यहाँ से उड़ेंगी न तो आसमान में नहीं सीधा स्वर्ग पहुंचेगीं । तो कृपया कर आप अपने दिमाग का भरपूर इस्तमाल करें और इस जंगल को आप जैसे बुद्धुओं से मुक्त रखें ।"

" क्या ? क्या कहा तुमने मुझे?"

" क्यों तुमने सुना नहीं क्या।"

" तुमने मुझे बुद्धु कहा?"

" मैंने ऐसा कहा क्या ।"

" तुमने मुझे बुद्धु कैसे कहा!"

" अपने मुँह से कहा और कहाँ से कहूंगा ।"

"तुम्हारी तो...."

"क्या तुम्हारी तो, एक तो तुम्हारी जान बचाओ और तुम मुझे 'थैंक यू वैरी मच अभी । तुमने मेरी जान बचाई है । तुम कितने अच्छे इंसान हो' कहने के बजाये अपनी शकलें बना रही हो ।"

"यू... "

"व्हाट यू...आईटी'स मी । अभी द ग्रेट सेवीयर ।"

" यू...हुंह." कहते हुए राशि बड़ी तेज़ी तनतनाते हुए वहाँ से जाने लगती है ।

" ओई... उधर कहाँ जा रही हो इधर जाना है हमें ।"

राशि रुककर "पता है मुझे." और फिर वापस लौटे हुए बड़बड़ाती है " ये सरे लोग चले कहाँ गए ? ये केवल यहाँ क्यूं है ?"

अभी उसकी हरकत देख अपना सर हिलाते हुए उसके पीछे चल देता है ।