The Author pradeep Kumar Tripathi Follow Current Read मेरा प्यार - 3 By pradeep Kumar Tripathi Hindi Love Stories Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books Rain Flower - 11 Rain Flower Kotra Siva Rama Krishna “I see.” Rose thoughtful... A Story also like Such ? - 1 Nitu was a B.Tech 1st-year student, studying Chemical Engine... Ittefaq I opened my eyes…., I was fully shocked that what was actu... Growth Mastery Friends, welcome to the entrepreneur growth mastery communit... Rain Flower - 10 Rain Flower Kotra Siva Rama Krishna There was instant troubl... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by pradeep Kumar Tripathi in Hindi Love Stories Total Episodes : 3 Share मेरा प्यार - 3 (3) 1.8k 4.8k नमस्कार दोस्तों, अब तक आपने मेरी पिछली कहानी के बारे में जो भी पढ़ा वो सत्य घटना है। अब आगे भी उसी के बारे में लिखने जा रहा हूं।।अब आगे 'समय सब घाव भर देता है' ऐसा कहा जाता है लेकिन मेरी कहानी में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। समय बिता मैंने 12 पास की और और कंप्यूटर की डिग्रीी देने के बाद एक कंपनी में जॉब करने लगा । अब मेरी जिंदगी में किसी भी प्रकार की कोई भी लड़की का कोई जगह है और ना ही किसी से बात कर सकता था न मन होता था बात करने का अब ऐसी हालत हो गई है जैसे लड़कियों से नफरत सी हो गई हो, लेकिन धीरे-धीरे टाइम बिता गए और मैं अपनी जिंदगी के सफर में आगे बढ़ता गया फिर एक दिन पता चला कि उसकी शादी हो रही है शादी के लिए निमंत्रण दिया है बुलाया गया लेकिन मेरी हिम्मत ही नहीं हुई वहां जाने का फिर से उसे लाल जोड़े में देखने का मेरे कुछ दोस्त गए थे उनसे मेरे बारे में पूछा गया लेकिन वह बोले कि वह नहीं आएगा।फिर 2 साल बाद उसके दो बच्चे भी हैं अब वह अपनी जिंदगी में खुश है और हमें अपनी तन्हाई में खुश हूं या खुश होने की वजह ढूंढ रहा हूं या कोशिश कर रहा हूं। लेकिन आज तक समझ में नहीं आया यह कैसा प्यार था और क्या हो रहा है मेरे साथ ना मेरी मर्जी थी उसकी मर्जी बस हम दोनों एक दूसरे की याद का हिस्सा बन गए और हम दोनों की जिंदगी अलग अलग दिशा में चलने लगी मेरी भी शादी की तैयारी हो रही है, लेकिन कहीं ना कहीं उसकी याद आज भी 5 साल हो गए फिर भी तड़पाती रहती है कहीं अकेले में कहीं भीड़ में उसकी यादों का भी कोई भरोसा नहीं कब आ जाए और कब हमारे दिमाग पर कब्जा कर ले ऐसा लगता है यह मन शरीर दिल दिमाग मेरा नहीं रह गया है आज भी उसी का है और इस पर उसका ही कब्जा है।सोचता हूं शादी तो कर लूंगा लेकिन दिल तो दूसरे के पास है मेरा तो आने वाले नए मेहमान को क्या दुकान तो फिर मैं अगर उसने भी दिल माने ना तो मैं उसके सामने लाचार हो सकता क्योंकि वह तो किसी और के पास है और उसने अभी तक लौट आया भी नहीं और शायद यह सा चीज है जो लौटाया नहीं जा सकता इसलिए उसने लौटाया भी हो तो क्या पता दिल में आना ही नहीं चाहता हूं मेरा मेरे पास क्योंकि उसके पास उसे ज्यादा सुकून मिलता है कोशिश है कि आने वाले नए मेहमान को समझाने की कोशिश करूंगा और शायद वह मान भी जाएगा क्योंकि जिंदगी में उसने भी तो कभी ना कभी कहीं ना कहीं किसी ना किसी से मोहब्बत तो की होगी और अगर की होगी तो वह हमारा दर्द जरूर समझे बस देखते हैं आगे जिंदगी क्या लेकर आती है नया मोड़ मिलते हैं फिर एक नई जिंदगी के साथ एक नए मेहमान के साथ और एक नई कहानी के साथ बस आप लोगों का प्यार बना रहे धन्यवाद"ये एक कमी उन्हें भी रुलाती होगी ,इश्क़ उन्हें भी होता होगा याद उन्हें भी आती होगी।।" ‹ Previous Chapterमेरा प्यार - 2 Download Our App