"क्या? आप पागल तोह नही हो गए हो दी?" अमायरा ज़ोर से चिल्लाई।
"क्यों? मैने बस उनके साथ डेट पर जाने को ही तोह कहा है। इसमें क्या गलत है?"
"मैं उनके साथ डेट पर क्यों जाऊं?" अमायरा ने कहा और अपने आपको कंबल में अच्छे से ढकने लगी।
"क्योंकि तुम उनसे अगले हफ्ते शादी कर रही हो। तोह यह तोह ऑब्वियस नही है? इशिता ने उसका कंबल हटाते हुए कहा ताकी वोह उसे बैड से बाहर निकाल सके।
"मैं उनसे शादी कर रही हूं। अब इसमें डेट पर जाने की क्या जरूरत है?"
"कम ऑन, अमायरा। जाओ ना डेट पर ताकी तुम दोनो एक दूसरे को अच्छे से जान सको। तुम क्यों नही जाना चाह रही?"
"दी। लोग डेट पर जाते हैं और फिर डिसाइड करते हैं की उन्हे शादी करनी है की नही। हम पहले ही डिसाइड कर चुके हैं इस बारे में। डेट की जरूरत नहीं है।" अमायरा ने जवाब दिया, अपने इंटेलिजेंट जवाब पर इतराते हुए, अपनी बहन को एक पल के लिए चुप करा दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया।
"इस शादी के लिए ना कर दो। या तुम चाहती हो की मैं ही मॉम को बता के आ जाऊं?" इशिता ने ज़ोर देकर पूछा।
"क्या? मैं ऐसा क्यों करूं?"
"क्योंकि मैं जानती हूं की तुम सिर्फ मेरे लिए ही यह सब कर रही हो। मैने तुम्हे पहले ही कहा था की मैं नही चाहती की तुम मेरे लिए अपने आप को सैक्रीफाइस करो। जब से तू उससे मिली है तब से बस टाल रही है, बता ही नही रही है की उस दिन हुआ क्या था। तू मुझे ज्यादा दिन तक बेवकूफ नहीं बना सकती, अमायरा।"
"ओह गॉड दी। आप को क्यों जानना है की हमारे बीच क्या बातें हुई थी? क्या मैने कभी आप से पूछा है की आप और जीजू सारा दिन घंटो तक हर जगह क्या बातें करते रहते हो?"
"हम बात तोह करते है, अमायरा। और यही इंपोर्टेंट है। हम दोनो एक दूसरे के साथ खुश हैं और अपनी सब चीज़े शेयर करते हैं। तुमसे भी मैं यही उम्मीद करती हूं की तुम भी बात किया करो अगर तुम वाकई में इस शादी से खुश हो तोह। मैं यह सब और नही देख सकती।"
"वोह थोड़ा रिजर्व्ड हैं। आपको तोह पता ही है।"
"वोह रिजर्व्ड हैं पूरी दुनिया के लिए। पर अपनी फैमिली के लिए नही। तुम उनकी वाइफ बनने वाली हो। और सबसे इंपोर्टेंट बात, तुम तोह रिजर्व्ड नही हो। तुम्हे पता है कैसे बात करनी है और बात आगे कैसे बढ़ानी है।"
"दी। हमारा रिश्ता अलग तरह का है, वैसा नही है जैसा आपका है। आप जीजू की दोस्त हो बचपन से, बल्कि इस रिश्ते में बंधने से बहुत पहले से। आप मुझसे यह एक्सपेक्ट नही कर सकते हमारे बीच भी उसी लेवल का कंफर्ट हो। मुझे यकीन है जब शादी हो जायेगी, तोह शायद वोह अपने रिजर्व एरिया से बाहर आ जाएं और हम नॉर्मली एक दूसरे के साथ रहें। पर अभी, फिलहाल मैं अपने कंबल में कंफर्टेबल हूं, और सोने के अलावा मुझे कुछ नही चाहिए।"
"अमायरा मुझसे झूठ मत बोलो। तुम्हारी उनसे मीटिंग के एक हफ्ते बाद ही सगाई हो गई थी। और अब हमारी शादी एक ही दिन हो रही है, जहां दुल्हन को एक्साइटेड रहना चाहिए, वहां मुझे ऐसा लग रहा है की तुम्हे बिलकुल भी इंटरेस्ट नहीं है। दस दिन हो गए हैं तुम्हारी इंगेजमेंट को लेकिन तुमने एक बार भी उन्हे कॉल नही किया और ना उन्होंने तुम्हे कभी कॉल किया।"
"मैं खुश हूं दी। वोह अभी भी अपनी पुरानी जिंदगी में थोड़ा फसें हुए हैं लेकिन उन्होंने मुझे कहा है की वोह पति होने की सारी जिमेदारियाँ अच्छे से निभाने की कोशिश करेंगे और एक अच्छा हस्बैंड बनेंगे। मुझे लगता है मुझे भी उनको थोड़ा स्पेस देना चाहिए ना की अपनी मजूदगी से उन्हे हमेशा सॉफोकेटिंग फील कराऊं। और हम बात करते है फोन पर बस मैं आपकी तरह सबको नही बताती फिरती।"
"अगर वोह अपने पास्ट से वापिस आए ही नहीं तोह?
"तोह फिर आप अपनी बहन को अंडरेस्टीमेट कर रहें हैं। आपको लगता है वोह मुझे लंबे समय तक इग्नोर कर सकते हैं?" अमायरा ने गंभीर होते हुए पूछा जिसपर इशिता मुस्कुरा गई।
"नही। वोह नही कर पाएंगे। कोई भी मेरी बहन का चार्म कभी इग्नोर नही कर सकता।" इशिता अपनी बहन के भोलेपन पर मुस्कुरा उठी।
"तोह फिर जाओ यहां से और मुझे सोने दो। मैं थक गई हूं। आपने, मॉम ने और सुमित्रा आंटी ने मुझे आज बहुत भगाया है शॉपिंग मॉल में। मुझे तोह समझ ही नही आता की इतनी हैवी एंब्रॉयडरी वाले कपड़े हम पहनेंगे कब। मेरा मतलब है कौन पहनता है यह हर समय। हम कोई रेगुलर कपड़े क्यों नही खरीद सकते लाइक टीज एंड प्याजमास? मैं ऑनलाइन ऑर्डर कर लूंगी ताकी रात को तोह कम से कम चैन की नींद सोऊं।"
"तुम हमेशा ऐसे ही अलसी हो, ओके सो जाओ।" समीरा ने उसके कमरे से बाहर जाते हुए कहा और अमायरा उसके जाते ही कंबल के नीच अपना मुंह ढक कर रोने लगी। वोह कबसे अपनी बहन के सामने अपने आंसू को रोक हुए थी जो उसकी बहन के जाते ही बरस पड़े।
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"इसमें क्या बुराई है?" इशान ने पूछा।
"इसमें क्या फायदा है?" कबीर ने चिल्लाते हुए पूछा।
"हर चीज़ में फायदा या नुकसान नहीं देखा जाता। वोह आपकी वाइफ बनने वाली है। आपको नही लगता की आपको उन पर थोड़ा ध्यान देना चाहिए और काम पर थोड़ा कम और उन पर थोड़ा ज्यादा?"
"मैं क्या कर सकता हूं उसके लिए? मैं उससे शादी कर रहा हूं, सही ना? और क्या करूं?" कबीर ने गुस्से में पूछा।
*आपको अपने गुस्से पर थोड़ा काबू रखना होगा इन रिचुअल्स निभाते वक्त और स्पेशली मेरे लिए, अगर आपको अपनी फैमिली के सवालों से बचना है तोह। उनको ऐसा लगना चाहिए की मैं इस शादी से बहुत खुश हूं और आप भी पूरी कोशिश कर रहें है शादी को निभाने के लिए। अगर उन्हें कुछ गड़बड़ लगी या लगा की हम दोनो खुश नही है हैं तो वोह लोग शादी भी रोक सकते हैं। और कम से कम इस वक्त तोह हम यह नहीं चाहते। आप भी अपने भाई की खुशी चाहते हैं और मैं भी अपनी बहन की खुशी चाहती हूं।*
कबीर को वोह वक्त याद आ गया जब सगाई के वक्त एक दूसरे को अंगूठी पहनाते वक्त अमायरा ने उससे धीरे से फुसफुसाते हुए यह बात कह रही थी। और उन दोनो का इस तरह एक दूसरे से फुसफुसाते हुए बात करना सबको यानी की उन दोनो की फैमिली को बहुत क्यूट लगा था।
"मेरा मतलब है की हम अगले हफ्ते ही शादी कर रहें हैं। मैं बस अपना जितना इंपोर्टेंट वर्क है ऑफिस का वोह खतम कर रहा हूं ताकि मेरी एबसेंस में, शादी के टाइम, ऑफिस में कोई दिक्कत ना हो," कबीर ने किसी तरह बात संभालते हुए कहा।
"भाई आपको पता है, एक दिन तोह आपको मूव ऑन करना ही पड़ेगा। अमायरा भाभी बहुत अच्छी हैं और आपके लिए बहुत अच्छी रहेंगी। वोह आपके पास्ट के बारे में सब जानती हैं इसलिए तोह सिचुएशन को वोह इतनी अच्छी तरह समझ रहीं हैं।"
"मुझे पता है इशान। मुझे बहुत खुशी है की अमायरा इतनी मैच्योर सुलझी हुई लड़की है और वोह जानती है की मुझे अपने पास्ट से उभरने में टाइम लगेगा।"
"आप सच में खुश हैं?" इशान ने अपनी भौंहे उचकाते हुए पूछा।
"तुमने ऐसा क्यों पूछा? कबीर ने उसकी आंखों में देखते हुए वापिस पूछ दिया।
"आप उसके बड़े भाई को मत भूलिएगा। आपको अपनी खुशियों की तरफ देखने की जरूरत है ना की उनसे भागने की।"
"मैं भाग नही रहा हूं, इशान। मुझे पता है की मुझे अपने पास्ट से बाहर आ जाना चाहिए। मेरे लिए भी और उसके लिए भी। बस मैं यह तुरंत चुटकी बजाते हुए नही कर सकता। उसमे समय लगेगा। पर मैं कर लूंगा।"
"अगर आपको सच में ऐसा लगता है, तोह मैं आपके लिए बहुत खुश हूं।" इशान ने अपने भाई कबीर को हग किया और चला गया। कबीर ने तुरंत किसी को फोन करके एक फूलों का गुलदस्ता बुक करवाया अमायरा के लिए जो की कबीर की मां ने उसे कल बोला था करने को।
****
अमायारा - आपने ये फूल क्यों भेजे हैं?
कबीर के फोन में अमायरा का मैसेज आया।
कबीर - मां ने कहा था कल भेजने को। और ईशान को कुछ गड़बड़ भी लग रही थी क्योंकि मैंने कल नही भेजे थे। इसलिए अब भेज दिए।
अमायरा - ओके
*'ओके। ओके? जस्ट ओके? मैने उसे फूल भेजे और उसने सिर्फ ओके कह कर जवाब भेजा है। और ये सब कहते हैं की मैं ध्यान नहीं देता इसपर।'*
कबीर अपने कमरे में बैठा यही सोच रहा था की अमायरा को उसने फूल भेजे और उसने सिर्फ ओके कह कर जवाब दिया। वोह अपने ही खयालों में था और ना जाने क्या क्या सोच रहा था। उसका ध्यान तब टूटा जब दूसरे मैसेज की बीप बजी।
इशान - मुझे अभी पता चला की कोई अच्छा फिआनसे बनने की कोशिश कर रहा है। गुड गोइंग।
कबीर - तुम्हारा कहने का क्या मतलब है?
इशान - बस आपको यह बताना चाहता हूं की भाभी बहुत शर्मा रहीं थी जब उन्हें आपके दिए हुए फूल मिले।
कबीर - शट अप।
*अब इसे भी पता चल गया। ग्रेट। अब हर कोई मुझे इसके लिए चिढ़ाएगा। मैने क्यों ही भेजे उसको फूल? मैने मां की बात मानी ही क्यों?* कबीर अपने आप से बड़बड़ किए जा रहा था अमायरा को एक और मैसेज भेजने से पहले।
कबीर - इशान को क्यों बताया की मैने तुम्हे फूल भेजें हैं।?
अमायरा - क्या फूल भेजने का यही कारण नही था?
कबीर - क्या कारण?
अमायरा - रियली। आपको नही पता।
कबीर - नही।
अमायरा - मुझे लगा आपने फैमिली को दिखाने के लिए भेजे हैं की हमारे बीच सब ठीक है, सब नॉर्मल है। क्या ये वजह नही थी?
*ओह गॉड। यही तोह वजह थी। मैं इतना स्टूपिड कैसे हो सकता हूं?*
कबीर - ऑफकोर्स यही वजह थी। मैं बस यही चाहता था की आंटी को यकीन हो जाए की सब नॉर्मल है हमारे बीच। तुम्हे इशान को बताने की क्या जरूरत थी?
अमायरा - आप सच में ऑफिस में खुद ही इतनी बड़ी पोजीशन पर आए हो या हम सब को बेफकूफ बनाते आए हो?
कबीर - तुम हमेशा सर्कास्टिक वे में ही क्यों बात करती हो, साफ साफ क्यों नही जवाब देती?
अमायरा - मेरी बहन आपके भाई के साथ इंगेज है। वोह दोनो दिन भर में बीस घंटे बात करते हैं। दी सब बताती होगी जीजू को जो भी उन्होंने देखा और जो भी मैं फील करती हूं। मैने थोड़ी सा शर्माने की एक्टिंग की जब मुझे फ्लावर्स मिले थे ताकि उन को नॉर्मल लगे।
कबीर - मुझे पता है यह बात तुम्हे बताने की जरूरत नहीं है।
*मुझे हमेशा ही क्यों इसके सामने एंबारेस होना पड़ता है। हर बार मैं कोई स्टूपिड सा सवाल पूछ देता हूं।*
अमायरा - मुझे नही लगता अब और कुछ मुझे आपको समझाने की जरूरत है। अगर आपके सवाल पूरे हो गए हो, तोह क्या मैं सोने जा सकती हूं?
कबीर - ओके
कबीर ने लास्ट मैसेज सेंड किया और मुस्कुराने लगा।
"अब तुम्हे पता चलेगा मिस स्मार्टी पैंट की सिर्फ ओके जवाब में जब मिलता है तोह कैसा लगता है।" कबीर अपने आप में बड़बड़ाया और मुस्कुराने लगा।
"किसने तुम्हे जवाब में सिर्फ ओके भेजा है?" सुमित्रा जी कबीर के कमरे में आती हुईं बोली और कबीर ने बड़ी सफाई से अपनी मुस्कुराहट को छुपा लिया।
"आह। कोई नही मॉम। बस ऑफिस से कोई था।"
"बहुत हो गया तुम्हारा ऑफिस का काम। मैं तुम्हे अभी से ही वार्न कर रही हूं। मैं तुम्हे तुम्हारे लैपटॉप और फोन के आस पास भी नहीं देखना चाहती शादी के दौरान। मैं चाहती हू की तुम अपना पूरा ध्यान शादी पर दो, और अमायरा पर भी। मुझे तोह यकीन ही नहीं हो रहा है की अमायरा मेरी बहु बनने वाली है।" सुमित्रा जी ने एक्साइटेड होते हुए कहा।
"आप बहुत प्यार करती है उससे।" कबीर ने बताया, ना की पूछा।
"बहुत और उससे भी ज्यादा। मैं तुम्हे बता नही सकती की तुमने यह फैसला ले कर मुझे कितना खुश किया है। अमायरा मेरी बहु बनेगी और फाइनली तुम अपनी जिंदगी जी सकोगे जो तुमने रोक दी थी। थैंक यू कबीर।" सुमित्रा जी ने भावुक होते हुए कहा।
"प्लीज मॉम। मुझे थैंक यू मत बोलिए। मुझे माफ कर दीजिए। मैं आपके दर्द को समझ नही पाया जो इतने सालों से आप सह रहीं थी। अब हस भी दो। मैं शादी कर रहा हूं। यह हैप्पी ऑकेजन है।" कबीर मुस्कुराया और अपनी मॉम को भी हसा दिया।
"मुझे पता है अमायरा तुम्हारे लिए बहुत अच्छी रहेगी।"
"रियली? क्यों?" कबीर ने मज़ाक उड़ाते हुए पूछा।
"जब से वोह तुम्हारी जिंदगी में आई है उसके बाद से तुम हंसने लगे हो और दूसरो को भी हसाते हो। यह दोनो ही तुमने कब से बंद कर दिए थे।" सुमित्रा जी ने उस पर टिप्पणी करते हुए कहा और कमरे से बाहर चली गई। और पीछे छोड़ गईं कुछ सोच में डूबे हुए कबीर को।
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कबीर ने जब अमायरा को मैसेज सेंड किया था ओके का उसे पढ़ने के बाद अमायरा अपने आप से बोली, "आपको क्या लगता है मैं आपको जानती नही मिस्टर, 'आई एम टू स्मार्ट'।" अमायरा अपने आप में मुस्कुराई और फोन साइड में रख कर सो गई।
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(कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद🙏)
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