Two Sisters - 6 in Hindi Classic Stories by Mansi books and stories PDF | दो बहने - 6

The Author
Featured Books
  • अनोखा विवाह - 10

    सुहानी - हम अभी आते हैं,,,,,,,, सुहानी को वाशरुम में आधा घंट...

  • मंजिले - भाग 13

     -------------- एक कहानी " मंज़िले " पुस्तक की सब से श्रेष्ठ...

  • I Hate Love - 6

    फ्लैशबैक अंतअपनी सोच से बाहर आती हुई जानवी,,, अपने चेहरे पर...

  • मोमल : डायरी की गहराई - 47

    पिछले भाग में हम ने देखा कि फीलिक्स को एक औरत बार बार दिखती...

  • इश्क दा मारा - 38

    रानी का सवाल सुन कर राधा गुस्से से रानी की तरफ देखने लगती है...

Categories
Share

दो बहने - 6

Part 6
अब तक अपने देखा की खिमजी ओर पूरे परिवार को घनश्याम जी ने अपने दोस्त को मिलने के लिए बुलाया
निशा ने सोचा अरे ये अब घनश्याम चाचा ने क्यों बुलाया होगा मेरा तो मन ही नहीं है जाने का लेकिन सब को बुलाया है तो जाना तो होगा।नियती अपने कमरे में गई ओर उसने भी सोचा अचानक से घनश्याम चाचा ने क्यों बुलाया होगा वहा जाकर ही पता चलेगा ।
निशा ने उसका नया चमकीला नीले रंग का सूट पहन कर वह आ गई ओर नियती अपना सादा गुलाबी रंग का सूट पहन कर वह भी आ गई।
सरला कहती है मेरी दोनों बेटियां बहुत सुंदर लग रही है किसी की नजर ना लगे।निशा सोचती है मे सुंदर लग रही हूं ये ठीक है , ये कहा सुंदर लग रही है एक दम बहैंजी लग रही है।वहीं दूसरी ओर नियती सोचती है आज यह नीले रंग के सूट मे मेरी दीदी कितनी सुंदर लग रही है किसी की नजर ना लगे इसे। दोनो बेहनो के विचार मे कितना अंतर था।
तभी खिमजी की आवाज़ आती है "अरे अब कितनी देर लगेगी हमे वहा पोहचने मे देरी हो जाएगी,तब सरला कहती है, हां जी बस आते है। फिर खिमजी ओर सब लोग निकल गए घनश्याम जी के घर जाने के लिए।
वहीं दूसरी और घनश्याम जी के घर वह ओर उनके दोस्त का परिवार सभी मिल कर बैठ कर बातें कर रहे थे।
तब मीना देवी बोलती है बस अब दोनों बेटों के लिए लड़की ढूंढनी है। मुझे मेरी दोनों बहू मिल जाए तो हमारा ये परिवार पूरा हो जाए बस ओर कुछ नहीं चाहिए।
तभी निशान बोलता है मां मुझे कोई सादी सिंपल लड़की नहीं चाहिए मुझे तो मेरे जैसी स्टाइलिश लड़की चाहिए,निवान कहता है नहीं भाई मुझे तो एक संस्कारी सुशील लड़की चाहिए जो पूरे घर को समझ सके ओर संभाल सके।
तब मीना देवी कहती है , हा बेटा तुम दोनो की पसंद की ही कोई लड़की देखेंगे।
यह बाते सुन कर घनश्याम जी के मन में एक विचार आया ओर सोचा इन्हे खिमजी की ही दोनों लड़कियां दिखाए तो। तब घनश्याम जी बोलते है जी मे सोच रहा था कि मेरा दोस्त खिमजी यहां आ ही रहा है तो आप उनकी ही दोनों बेटियां क्यों नहीं देख लेते । वैसे भी उन्हे अपनी दोनों बेटियों को शादी करवा नी ही है।
तब मीना देवी ओर मिहिर बोलते है हा विचार अच्छा है अब वे लोग आ ही रहे है तो एक बार देख लेते है ।घनश्याम जी बोलते है हा हा क्यों नहीं दोनों बेटियां बहुत सुंदर है आप देख लीजिएगा आप को जरूर पसंद आएंगी।
जी वह बस पोहचते ही होते होंगे,तभी बेल बजने को आवाज़ सुनाई दी घनश्याम जी कहा लो जी आ गए वो लोग।
तब खिमजी ओर उसका परिवार आ गया घनस्याम जी ने उन्हे अंदर सब के साथ बिठाया ओर कहा खिमजी भाई साहब यह है मेरे दोस्त मिहिर ओर ये इनकी पत्नी मीना देवी ओर यह इनके दो बेटे निशान ओर निवान । ओर घनश्याम जी ने मिहिर से कहा ओर ये है मेरे दोस्त खिमजी ये इनकी पत्नी सरला ओर यह इनकी दो बेटियां निशा ओर नियती।
मीना देवी सोचती है अरे वाह दोनों बेटियां तो बहुत सुंदर है। तब निशान तो निशा को देखता ही रह गया ओर सोचा यह नीले सूट वाली लड़की कितनी सुंदर है ओर निवान ने मन में सोचा यह गुलाबी सूट वाली लड़की कितनी अच्छी है सुंदर भी है ओर सिंपल भी जैसी मुझे पसंद है वैसी ही लड़की है, ओर वहीं दूसरी ओर निशा निवान को देखती ही रह गई पहली नजर में उसे वह पसंद आ गया।


कहानी का Part 7 जल्द आएगा।😊
तब तक आप सोचिए अब आगे क्या होने वाला है।