two sisters - 4 in Hindi Classic Stories by Mansi books and stories PDF | दो बहने - 4

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दो बहने - 4

Part 4
आज ८ साल बीत चुके थे। निशा आज २४ साल की हो गई थी ओर नियती २३ साल की।लेकिन इन ८ सालो मे निशा का स्वभाव नियती के प्रति जरा भी बदला नहीं था वैसे का वैसा ही था जैसे पहले था। लेकिन नियती पहले से भी ज्यादा समझदार ओर सुंदर हो चुकी थी।
८ साल पहले मेले मे जो हुआ था उसे निशा आज तक भूल नहीं पाई थी कि केसे उसके पिता ने उसे मेले मे सबके सामने ज़ोर से थप्पड़ मारा था, इस वजह से उसने खिमजी से इतने सालो से ज्यादा बात नहीं करती थी। लेकिन खिमजी ने उसे कब का माफ कर दिया था क्या करे है तो उसी को ही बेटी ना । मां-बाप कितना भी गुस्सा क्यों ना करे पर अंत में उनका गुस्सा पिघल ही जाता है वह अपने बच्चो से ज्यादा देर बात किए बिना नहीं रह सकते।
परंतु निशा मे यह सब बाते समझने की समझ नहीं थी इस लिए वह अब भी खिमजी से नाराज़ थी। लेकिन वह सरला से नाराज़ नहीं थी वह उससे अच्छे से बात करती थी।सरला निशा को समझाती थी कि वह अपने पिता से भी बात करे पर वह मना कर देती थी।लेकिन नियती अपने पिता को आश्वासन देती थी कि पिताजी आप चिंता मत कीजिए एक दिन जरूर दीदी का गुस्सा खत्म हो जाएगा ओर वह आपसे जरूर प्यार से अच्छे से बात करेगी, तब खिमजी नियती के सिर पर हाथ रख कर कहता था हा बेटी तुम कह रही हो तो ऐसा एक दिन जरूर आयेगा।
कभी कभी तो सरला सोचती थी हमारे परिवार में तो सब अच्छे है फिर ये निशा किस पर गई है जो इतनी बद्दतमिज है। रात को सरला ओर खिमजी खाना खा कर सोने जा रहे थे,सरला बिस्तर ठीक कर करी थी तभी सरला खिमजी से कहती है, सुनिए जी क्या आपको नहीं लगता अब हमारी दोनों बेटियों की उम्र शादी के लायक हो गई है अब हमे उनकी शादियां करवा देनी चाहिए? तब खिमजी केहता है हा तुम सही कह रही हो मे भी बहुत दिनों से यही बात सोच रहा था
खिमजी ने कहा हमें दोनों के लिए लड़के देखना शुरू कर देना चाइए। हमे पहले निशा के लिए लड़का देखने चाइए सरला ने कहा। तभी खिमजी कहता है नहीं ऐसा नहीं जिस बेटी को पहले लड़का पसंद आयेगा उसकी शादी पहले होगी, सरला कहती है हा यह भी ठीक है, सरला ने कहा मुझे तो निशा की शादी के लिए चिंता खाए जा रही है । खिमजी ने कहा क्यू? सरला ने जवाब दिया निशा का स्वभाव देख कर किस लड़के का परिवार उसे पसंद करेगा, नियती तो है ही इतनी सुशील ओर संस्कारी उसे तो कोई भी लड़का एक नजर में पसंद कर लेगा।तभी खिमजी कहता है तुम चिंता मत करो सरला जो निशा के नसीब में होगा वहीं होगा तब सरला कहती है ठीक है चलिए सो जाते है ।फिर दोनों बात खत्म कर के सो गए।
अगली सुबह नियती ने जल्दी से उठ कर सब के लिए नाश्ता बनाया ,सब लोगो ने नाश्ता किया। नाश्ता करने के बाद खिमजी अपने खेत गया आज उसे वहा बहुत काम था । सरला ने दोनों बहेनो को अपने कमरे में बुलाया,ओर कहा मुझे तुम दोनो से कुछ जरूरी बात करनी है।नियती ने कहा हा बोलो ना मां ,निशा ने कहा हा जल्दी से बोलो मां मुझे फिर बाहर भी जाना है सरला ने कहा मेेंने ओर तुम्हारे पिता ने तय किया है कि तुम दोनों की अब शादी करवा दी जाए तुम दोनों अब शादी के लायक हो चुकी को।
नियती ने कहा जैसा आपको ओर पिताजी को सही लगे सरला बहुत खुश हुई क्युकी नियती की सहमती आ चुकी थी लेकिन निशा कहती है बिल्कुल नहीं ये आप क्या कह रही है मुझे अभी शादी नहीं करनी, फिर सरला ने कहा लेकिन क्यों एक ना एक दिन तुम्हे भी शादी करनी ही होगी लेकिन निशा नहीं मानी। फिर रात को सरला ने खिमजी से बात करी तब खिमजी कहता है कोई बात नहीं हम नियती के लिए लड़का देखते है शायद फिर निशा का मन भी मान जाए सरला ने कहा जी जैसा आप ठीक समझें।


कहानी का part 5 जल्द ही आयेगा।😊