"फर्स्ट डेट वालों का टेबल??", कुनाल ने थोड़ी हैरानी से पूछा। "ये क्या चल रहा है, तुम दोनों मुझे बताने का कष्ट करोगे?", कुनाल ने थोड़ा और उनकी तरफ़ बढ़ते हुए पूछा।
"वो.. वो क्या है ना..", ध्रुव बोलने की कोशिश करता है।
"वो हम.. हमने डेट करना शुरू किया है।", ध्रुव की बाजू को पकड़ी हुई निया, आँखें भींचते हुए बोली।
निया के ये बोलते ही, ध्रुव उसकी तरफ़ मुंह मोड़ कर बड़ी बड़ी आंखों से देखता है।
"ये कब.. आ..", ध्रुव बोल ही रहा होता है, की निया उसको चुटकी काटती है। "आ..आज ही हुआ ये सब", ध्रुव ने अपनी बात को पूरा करते हुए बोला।
"सर.. आप चल रहे है?..", वेटर ध्रुव से बोला।
"अरे भैया.. ", ध्रुव थोड़ा परेशान सा होता हुआ बोला।
"हां भैया.. हम सब वहीं बैठेंगे। आज सबकी पहली डेट है।", कुनाल खुशी से बोला।
वेटर के साथ चारो वहां गए, और एक चार लोगों की बैठने वाली टेबल ले ली।
"ओह. वैसे मैंने तुम लोगो को मिलवाया ही नहीं.. ये शिपी है, और शिपी ये ध्रुव, मेरा रूममेट और फ्रेंड और ये निया, हमारी पड़ोसी, फ्रेंड और ताज़ा ताज़ा तो तुम्हें पता लग ही गया।", डार्क ग्रीन रंग की फुल स्लीव्स की टी शर्ट पहने हुए कुनाल, उसके साथ खड़ी मैरून रंग का प्लेन सा गाउन पहने, गोल से चेहरे के साथ कंधे तक के कर्ली बाल और काले तीखे नैन नक्श वाली शिपी को ध्रुव और निया से मिलवाते हुए बोला।
"ध्रुव.. तुम्हें मैं अभी तक याद नहीं आई क्या?", ध्रुव की तरफ़ देखते हुए शिपी मुस्कराते हुए बोली।
"हां.. मतलब नहीं.. नहीं याद आया।", ध्रुव ने शिपी की ओर देखते हुए कहा।
"लगता है, तुम सब भूल गए.. पहली बारिश का खुमार उतर गया तुम्हारा", शिपी ने बोला।
"यहां भी पहली बारिश!! मुझे लगता है, की मैं जल्दी ही पहली बारिश की बली चढ़ जाऊंगा..", कुनाल थोड़ा धीरे से बोला।
"एक मिनट.. शिपी.. तुम वहीं हो, वो जो कॉलेज में.."
"बिल्कुल बिल्कुल.. अब याद आया तुम्हें।", शिपी ने हंसते हुए बोला।
कुनाल जब दोनो को देख रहा होता है, तो शिपी उसे समझाते हुए बोली।
"इसके पीछे ना कॉलेज की कई लड़कियां पागल थी, और ये अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के पीछे, इसने कॉलेज में कम से कम भी तो दो बार पहली बारिश वाले प्रोजेक्ट पे प्रेजेंटेशन दी थी।"
"फिर..", कुनाल ने हैरानी से पूछा।
"फिर क्या.. मिस्टर साइको के नाम से फेमस हो गया था, तुम्हारा ये दोस्त।"
"ध्रुव.. तू बचपन से ही ऐसा पागल था?", कुनाल ने मजाकिया लहज़े में पूछा।
खाने का मज़ा लेते हुए वो चारों, इसके बाद कुछ देर यूं ही अपनी पसंदीदा चीजों के बारे में बात करते है।
"चले अब?..", आइसक्रीम खाती हुई शिपी कुनाल को देखते हुए बोली।
"हां.. चलते है इसके बाद।", कुनाल ने जवाब दिया। "यार.. मैं ना शिपी को घर छोड़ के आता हूं, तुम लोग इतने चलो।", कुनाल ने ध्रुव और निया को कहा।
"ठीक है", बोलने के साथ गर्दन हां में हिलाते हुए निया ने जवाब दिया।
वो लोग बिल पे करके बाहर आए ही थे, की कुनाल और शिपि की कैब आ गई और वो चल दिए।
"तुम बेकार ही परेशान हो रहे थे..इतनी अच्छी लड़की तो है वो।", निया ने ध्रुव से कहा।
"उस दिन जो हुआ, वो तुमने ही मुझे दिखाया था।"
"हां.. मतलब हम बेकार ही परेशान हो रहे थे.. अच्छी लड़की है वो, आज उसने कुछ भी ऐसा वैसा नहीं किया।"
"नहीं.. वो शिपी है। अच्छी तो नहीं है वो।"
"क्यों.. क्योंकि उसके विचार तुम से अलग है?"
"नहीं.. अगर वो दिक्कत होती तो तुम्हारे और कुनाल के विचार भी मुझसे कुछ खास नहीं मिलते। कुछ दिन रुक जाओ तुम खुद ही देख लोगी फिर।"
"ठीक है.. देखते है।", ज्यादा बहस ना करते हुए निया बोली।
"वैसे एक बात भूल गई तुम।", ध्रुव अपनी नरम आंखों को थोड़ा बड़ा करते हुए निया से बोला।
"क्या?"
"वो जो अंदर तुमने कहा था, वो क्या था?"
"क्या.. ओह.. वो डेट करनी वाली बात?", अपने मुंह पे हाथ रखती हुई निया बोली।
"हां।"
"सॉरी", आँखें बंद करके अपना सर नीचे करके बोली।
"सॉरी तो ठीक है, पर अब आगे क्या करना है?क्या बताना है कुनाल और रिया को।"
"सच बता दे?"
"अ.अम.. मैं सोच रहा था, की अब हमने ये नाटक शुरू कर ही दिया है तो क्यों ना, कुछ दिन इसे जारी रखे, ताकि इसी बहाने से मैं भी कुनाल पे ज़्यादा ध्यान दे सकूं।"
"पर.. "
"तुम्हें भी तो सारे बहनों में से यही एक बहाना मिला ना की हम डेट कर रहे है।"
"हां.. तो क्या बोलना चाहिए था, की हम ना यहां तुम पे नज़र रखने आए है, की आखिर चल क्या रहा है तुम्हारे साथ।"
"नहीं.. जो तुमने बोला, मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं है, पर जब बोल ही दिया है ये तो कुछ दिन और इसे जारी रखने में क्या दिक्कत है?"
"तुम्हें सही में लगता है, की शिपी ठीक नहीं है ना?"
"हां।"
"ठीक है.. चार हफ्ते दिए मैंने तुम्हें.. तब तक जितने डाउट्स क्लियर करने है, कर लो। उसके बाद ये नाटक खत्म समझो।"
"हां.. इतना टाइम ठीक रहेगा.. धन्यवाद। मैं कुनाल को तुम्हारे इस त्याग के बारे में जरूर बताऊंगा।", हंसते हुए ध्रुव निया से बोला।
"और एक बात, रिया को मैं सारी सच्चाई बता दूंगी, चलेगा ना?"
"दोडेगा.. बस कुनाल और उस लड़की के सामने ड्रामा करना होगा हमे।"
"ठीक है फिर.. चलो कैब आ गई।", कैब को आते देख निया बोली।
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कुछ देर बाद घर लौट कर आया कुनाल अपने हाथ पे हाथ रख के ध्रुव के सामने खड़ा होकर बोला।
"क्या ये सच है?"
"हां.. बताया तो।"
"कब हुआ ये?"
"अ.अ.. पता नहीं, बस हो गया।"
"और तूने मुझे क्यों नहीं बताया पहले?"
"जैसे की तूने बड़ा बताया था मुझे..", ध्रुव थोड़ी तेज़ आवाज में कुनाल को बोला।
"हां.. वो डिनर याद नहीं है?"
"हरकते तो तेरी उससे कितनी पहले की बोल रही थी।"
"वही तो.. तेरी तो वो भी नहीं बोल रही थी.. सच सच बता दे, कोई और बात तो नहीं है ना?"
"सच सच तो तू बता, तू ये शिपी की वजह से कितना खर्चा कर रहा है, आजकल?"
"मतलब?"
"तेरी मम्मी का फोन आया था , पूछ रही थी की कहां जा रहे हो बेटा, कुनाल ने पैसे मांगे है, कह रहा था की तुम लोग घर बदल रहे हो और उसका सिक्योरिटी डिपोजट के लिए पैसे चाहिए।"