राजाराम से मिली अपनी माँ की डायरी को राज पढना शुरू करता है।
डायरी
वेसे मुझे लिखने का शोक नहीं लेकिन मेरी जिंदगी में आज एक नई शुरुआत हुई और इसलिए आज से लिखने के भी चाहत बढ गई।
आज मेरा कॉलेज का पहला दिन था मै थोड़ी घबराही हुई थी और बहुत खुश भी थी क्योंकि कॉलेज लाईफ में जो आगई थी।
आज जो मेरा कॉलेज का पहला दिन था तो मेरे भाई मुझे छोड़ने के लिऐ कॉलेज गए थे,लेकिन कॉलेज में लड़को का ऊटपटांग फैशन देखकर और उनकी हरकतों को देखकर बोल बैठे कि बच्ची तुमने तो कहा था ये शहर का टॉप कॉलेज है यहां तो ऐसा लग रहा है सारे शहर के पागल कुत्ते यही छोड़ दिये है।
मेने भाई से कहा,भाई ये इन लोगों का फैशन है अब इनको इस तरह रहना पसंद है तो हम क्या कर सकते हैं।
मेरे भाई उन लड़कों को एक बार देख कर मुझसे कहने लगे ये बाल लम्बे और कानों में छल्ला लगा रखा है उससे तो न तो नर लग रहा है न तो नारी।
ये सुनकर मुझे हसी आजाती है और मेरे भाई कहने लगते हैं,कॉलेज खतम हो जाऐ तो मै तुम्हें कॉलेज के मेन गेट पर मिलुंगा ठीक है और अपना ध्यान रखना।
भाई वहां से चले जाते हैं और मै कॉलेज में अंदर की ओर बढती हूँ, चारों ओर खुशनुमा माहोल था और सब खुश इसलिए भी होंगे कुछ लोग नई क्लास में आऐ होंगे या फिर कुछ लोगों के लिऐ कॉलेज नया होगा।
ये सब देखकर न मै भी अंदर से न बहुत खुशी महसूस कर रही थी पर ये सब जिससे कह पाती ऐसा कोई दोस्त भी नहीं थी या फिर कहो नहीं था।
मै अपनी क्लास में आ चुकी थी लेकिन क्लास में कोई नहीं था सिवाय एक लड़के के,मै उसके पास गई और पूछने लगी , क्या ये बी ऐ फस्ट ईयर है।
उस लड़के ने मेरे तरफ देखते हुऐ कहा,जी हा.
मै ये सोचने लगी कि मेंने जितना पूछा उतना जवाब देकर वो चुप होगया कमाल हैं लोग लड़की से बात करने के लिए बहाने ढूंढते हैं लेकिन ये तो अलग ही है।
फिर भी मेने ही पूछ ही लिया, तुम्हारा नाम क्या है।
उसने भी सादा भाव से मुझे जवाब दिया, ध्रुव
मेने अपने सर पर हाथ रखा फिर सोचने लगी कि क्या यार नाम पूछा बस इतना ही जवाब दिया अरे यार इसके बाद इसे मेरा नाम भी पूछना चाहिए था।
लेकिन मेने ये काम खुद ही किया, जी मेरा नाम अंजली है।
फिर कुछ देर बाद वो बोलने लगा मुझे लगा ही था ये कब त चुप रह सकता है ये सोचकर के पास में कोई लड़की है।ध्रुव ने कहा, अंजली जी क्या आप.मेरी हैल्प करेंगे।(यह उसने बहुतही सहमे तरीके से पूछा)मेने कहा, क्या हैल्प चाहिए बोलो।
उसने मुझसे बढे विनम्र तरीके से कहा, जी आप पर एक एक्सट्रा पेन है।
और मेने कहा, जी हा और मेने एक पेन निकाल कर उसे दे दिया।
ध्रुव पहले पेन को अपनी फिंगर से घुमाता है जैसे शरमा रहा हो और फिर धीमी अवाज में थेंक्स कहता है।
और फिर क्लास में सभी स्टूडेंट्स धीरे धीरे सभी आजाते हैं और क्लास का शांत माहूल शोर मे तबदील हो गया।
क्लास में फिर टीचर एक मैम की एंट्री होती है सभी स्टूडेंट्स उनके सम्मान के लिए खडे हो जाते हैं।
टीचर स्टूडेंट्स से बैठने के लिए कहती है और बारी बारी से सभी की अटेंडेंस लेते हुऐ उनसे उनका इंट्रोडक्शन लेती है।
जब टीचर ने मुझसे मेरा इंट्रोडक्शन लिया तो मैने कहा, जी मैडम मेरा नाम अंजली है और मेरे फादर एक बिजनेसमैन हैं और मै भी बिजनेस में इंट्रेस्टेड हूँ।
टीचर मुझसे कहती है,तुम बिजनेस में जाना चाहती हो अपने पिता जी के बिजनेस में या फिर खुद का कोई प्लान है।मेने कहा अभी खुदका कोई प्लान सैटप नहीं है अपना खुदका ही बिजनेस प्लान करूंगी।
अब टीचर ध्रुव का नाम लेती हैं और ध्रुव अपनी अटेंडेंस का रिस्पांस करता है और फिर खामोश रहकर अपना सर नीचे करके बैठ जाता है।
टीचर ध्रुव से कहती हैं।, ध्रुव सबने अपना अपना इंट्रोडक्शन दिया है क्या तुम नहीं बताना चाहोगे अपने बारे में।
ध्रुव थोड़ा सहमा हुआ और डरा हुआ सा होकर धीरे धीरे खड़ा होता है और अपने बारे में बताना शुरू करता है।
मेरा नाम ध्रुव है और मेरे पिता भी बिजनेसमैन हैं और मै आगे सिविल की ही प्रिपरेशन करना चाहता हूँ।
टीचर कहती है ये तो बहुत अच्छी बात है।
मुझे ध्रुव को ऐसा लगता है कि वो इनोसेंट दिखने का नाटक करता है या फिर कोई इमोशनल अटेचमेंट है।
लेकिन ध्रुव को देखकर ऐसा लगता नहीं क्योंकि काफी बॉडी बिल्ड एंड हेंडसम है।
तभी मैडम एक ओर नाम बोलती जिससे मेरा ध्यान ध्रुव से हट जाता है।मैडम ने अटेंडेंस में एक ओर नाम बोला,आदित्य रस्तोगी।
आदित्य रस्तोगी नाम से मेरा बचपन से ही एक दोस्त है और बहुत ही माजाकिया या यूं कहो तो काफी कूल टाईप यही सोच ही रही थी तभी लड़खड़ाते हुऐ वो अंदर आता है "जी आया मैडम "सब उसकी तरफ देखकर हसने लगते हैं वो है ही ऐसा।
बाल बिखरे हुऐ गरदन की तरफ आगे की ओर बैग टंगा हुआ और काफी तैजी से सांस लेते हुऐ अपनी अटेंडेंस का जवाब देता है,"आया हूँ मै मैडम".....इतना पढकर राज रूक जाता है और आदित्य रस्तोगी नाम से हैरान रहता है क्योंकि ये नाम उसके पिताजी का है।
तभी एक कार जोर राज की कार से टकराती है और जैसे तैसे अजय कार समभालता है और जिस कार ने टक्कर दी वो आगे जाकर रूक जाती है।
राज अजय से पूछता है,तू ठीक तो है,अजय राज की तरफ देखता है और कहता है, हा मै ठीक हूँ और इतना कहकर बेहोश हो जाता है,राज देखता है अजय का सर कार स्टेरिंग से लगकर घायल हो जाता है और खून भी भय रहा होता है,
राज अजय को समभाल ही रहा था कि अचानक एक बॉडी बिल्ड आदमी अपनी ताकत से राज को बहार खीच लेता है।
राज उससे पूछता है, कौन हो तुम लोग। (राज डरा हुआ लेकिन फिर भी हिम्मत से उसकी ओर देखकर बोलता है।)
शैतानी मास्क लगाये हुआ आदमी शैतानी हसी हसकर कहता है, तेरी मौत सुना क्या तेरी मौत.... हा हा हा..हा।
.......................................................ललित राज