LABASNA Wala pyaar - 4 in Hindi Fiction Stories by Manisha Agarwal books and stories PDF | लबसना वाला प्यार - 4

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लबसना वाला प्यार - 4

इस दोस्ती यारी में कब 3 महीने निकल गए पता भी नहीं चला । आज अंशिका के सारे दोस्तों का इस सेंटर और लबसना में आखिरी दिन था यह रात उनके इस दिन को सेलिब्रेट करने के लिए थी। बहुत से लोग अपनी नई जर्नी के लिए खुश थे तो कुछ अपने दोस्तों और बिताए हुए उन लम्हों को छोड़कर जाने के लिए दुखी थे यह बता पाना मुश्किल था कि आखिर अंशिका के दिमाग में क्या चल रहा है पर इशिका और बाकी सब लोग काफी दुखी थे। जितने भी लोग यही रुकने वाले थे उन्होंने जाने वाले सभी लोगों के लिए एक नाइट पार्टी अरेंज की थी अंशिका ने भी ऐज आ मेंबर बाकी कैंडीडेट्स की मदद की थी कुछ लोग हैरान थे तो कुछ परेशान। इशिका, गौतम और बाकी सभी लोग काफी दुखी थे क्योंकि उन्हें अंशिका को छोड़कर कल अपने एक नए सफर के लिए रवाना होना था यह सफर उनका अपना तय किया हुआ था इसीलिए वह ना ही तो इस मंजिल से पीछे हट सकते थे और ना ही इस सफर को अधूरा छोड़ सकते थे।

आज की पार्टी में सभी लोग काफी सज धज कर आए थे। अंशिका भी बेहद खूबसूरत दिख रही थी उसे देखते हुए जैसे नजर सी लग जाए आसमानी कलर का चूड़ीदार लंबा कुर्ता आसमानी दुपट्टा और खुले बाल कानो में सजते झुमकी माथे पर बिंदी और नाक पर छोटी सी नथनी उसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे हाथों में खिलखिलाती चूड़ियां उसकी मुस्कान की चमक और भी गहरी की जा रही थी आंखों में लगा काजल और पैरों में छम छम करती पायल उसे पूरी भीड़ में जैसे अलग सी चमक दे रही थी।

अंशिका ने सोच लिया था कि पुरानी बात को वहीं छोड़कर अब उसे आगे बढ़ना होगा और उसने वैसा ही किया हर किसी की नजर उस पर थी अंशिका उस दिन हर हाल में खुश रहना चाहती थी उसकी खुशी वह शायद अपने शब्दों में बयान नहीं कर पा रही थी पर जिस हिसाब से वह उस दिन फेयरवेल की तैयारियां कर रही थी मानो जैसे उससे ज्यादा खुश कोई और है ही नहीं।

कहानिया हो या किरदार अगर उन्हें जीवंत करना है तो बस उनकी हर एक खूबसूरती को आदत को हमें शब्दों में बयान करना आना चाहिए। क्योंकि एक किरदार की खूबसूरती एक कहानी को भी हकीकत बना देती है।

उस दिन अंशिका की खूबसूरती, उसकी हर हरकत को जैसे धु्व अपनी आंखों में बसा लेना चाहता था मानो कि उसका इससे ज्यादा अपने ऊपर कोई और हक हो ही ना हमारी हर कहानी चाहे वह प्यार की हो या दोस्ती की उसका आधार विश्वास होता है ध्रुव हमेशा से ही अंशिका पर विश्वास करता था उसकी एक स्माइल जैसे धुु्व को उसकी थकान से बाहर निकाल देती थी । तो फिर ऐसा क्या हुआ की ध्रुव जो अंशिका को इतना पसंद करता था वह अपनी बात अपने शब्दों में कैसे उसे नहीं बता पाया क्यो आखिर उसने अंशिका के प्रपोजल को ठुकरा दिया था। यह सारी बातें जितनी अंशिका के लिए अनजान थी उतनी ही आप सभी पढ़ने वालों के लिए भी। पर कहते हैं ना की वह कहानी ही क्या जिसमें सस्पेंस ना हो।

अब बात करते हैं उस रात की जिसके लिए सभी लोग वहां इकट्ठा हुए थे हर कोई बस इंतजार कर रहा था कि कब उन्हें वह मौका मिले जब वह अपने इस कैंपस कि यादो को अपने दोस्तों की बातों को खुलकर सबके सामने रख सके।

अब शुरुआत होती है उस हसीन रात की जब पूरा लबसना लाइटों से सजा हुआ था जहां हजारों कैंडीडेट्स एक साथ इकट्ठा हुए थे हर कोई अपनी पुरानी नई बातों को अपने दिल के हर छोटे-बड़े कौनो में छुपा लेना चाहता था और कुछ और नई यादें इस रात में बना लेना चाहता था सभी लोग। बहुत खूबसूरती के साथ तैयार होकर आई लड़कियां साड़ी और सूट पहनी हुई थी और लड़के फॉर्मल कपड़े पहने हुए थे। हर कोई स्टेज पर आकर अपने दोस्तों के लिए कुछ ना कुछ कह रहा था कोई मिमिक्री करके बता रहा था तो कोई डांस कर रहा था किसी ने शायरी की तो किसी ने गाना गया पर अंशिका एक कोने में खड़ी होकर बस अपने दोस्तों को एक नजर में निहारे जा रही थी। जैसे दोबारा उसे यह मौका ना मिले। इतने में ही

इशिका- वहां आ गई और उसने कहा यहां अकेले क्यों खड़ी है चलो हम सब के साथ, वहां सब तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। तब

अंशिका- ने अपना हाथ इशिका से छुड़वाते हुए कहा की अब तुम्हारे बिना रहने की आदत डाल रही हूं कल तो तुम सब यहां से चले जाओगे उसके बाद मुझे यहां फिर से नए दोस्त बनाने की शुरुआत करनी होगी इसीलिए सोचा अभी इसमें इन लोगों से थोड़ा घुल मिल जाऊं ताकि बाद में ओकवर्ड ना लगे।

यह सुनने के बाद इशिका की आंखों में आंसु आने लगे थे वह थोड़ी इमोशनल हो गई उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह अंशिका को क्या जवाब दें इसीलिए उसने अंशिका को कसकर गले लगा लिया और फिर वहां से भागते हुए अपने बाकी दोस्तों के पास जाकर बैठ गई। जब इशिका की आंखों में आशु थे तब उसके दोस्त उससे पूछने लगे कि क्या हुआ इशिका तुम रो क्यों रही हो

तब इशिका ने कहा कि- हमारे पास तो हम सब होंगे जो एक दूसरे से पूछ सकते हैं अपनी परेशानियां बता सकते हैं। पर अंशिका के पास तो यहां कोई नहीं होगा जिसे वह अपनी बातें बता सके जिसके साथ वह अपने दुख दर्द बांट सके पर यह कह कर उसकी आंखों में से लगातार आंसू बहने लगे उसे रोता देख बाकी लोगों की भी आंखें भर आईं।

धु्व के पास व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं थे वह बस यह सारी बातें लगातार सूने जा रहा था और उसके बाद उसने अंशिका की और देखना शुरू कर दिया अंशिका वहां खड़ी होकर अपने हाथों से अपने आंसुओं को पूछ रही थी और जैसे ही उसकी नजर धु्व पर पड़ी वह मुस्कुराने लगी धु्व भी उसे देख कर मुस्कुराने लगा । और फिर उसे हाथों से इशारा करते हुए अपनी और बुलाने लगा। अंशिका वहां आ गई । उसके सारे दोस्त बस लगातार उसे ही देखे जा रहे थे। अंशिका समझ गई थी कि की इशिका ने उन्हें कुछ कहा है इसीलिए वह सब इतने दुखी हैं तभी

अंशिका ने- उन सब का हाथ पकड़ा और उन्हें खड़ा करते हुए कहा चलो डांस करते हैं यह सुनने के बाद उन सबके चेहरे पर मुस्कान आ गई। मानो वो इसी वक्त का इंतजार कर रहे थे वो सारे एक साथ स्टेज पर आ गए। और फिर रणबीर ने उनसे पंजाबी गाने लगाने के लिए कहा यह सुनने के बाद अंशिका हंसने लगी उसने कहा तू यहां मत शुरू हो जाना यहां हमारे सीनियर भी हैं तब रणबीर ने कहा आज हमारा दिन है सीनियर हो या जूनियर मैं तो आज भंगड़ा पा के रवंगा। यह सुनने के बाद अंशिका ने भी कहा तो हो जा फिर तैयार आज तो मैं भी तेरे नाल भंगड़ा पा के रेवांगी। और फिर इन सारे दोस्तों की यारी पूरे लबसना नू भारी प गई । उस रात पूरा लबसना जैसे जी उठा था। वहां हर कोई अपनी शर्म लाज छोड़कर बस उस रात को जी लेना चाहता था।।

रात हो चुकी थी सब लोग काफी थक गए थे और सभी अपने कमरों में जाकर आराम करने लगे इतना थकने के बाद भी अंशिका और इशिका दोनों की ही आंखों में नींद नहीं थी वह दोनों जैसे पूरी रात को अपनी बातों से गुजार देना चाहती थी दोनों वहीं बैठ गई चेंज किया और फिर नीचे बैठ कर बातें करने लगी जब

अंशिका ने पूछा- कि तुम नीचे क्यों बैठी हो?

तो उसने कहा कि- इस कमरे और इस जमीन से पिछले 3 महीनों में बहुत गहरा जुड़ाव हो गया है सोचा जाते जाते एक बार उसे भी देखते जॉऊ।

अंशिका ने कहा- की तुम लोग सिर्फ सेकंड फेज की तैयारी के लिए वहां जा रहे हो वापस तुम्हें यही लोट कर आना है । इसीलिए ज्यादा इमोशनल मत बनो और सो जाओ सुबह तैयार होकर तुम्हें अपनी लाइफ की नई राह पर निकलना है इसीलिए सो जाओ और मुझे भी सोने दो यह कहकर अंशिका ने लाइट ऑफ कर दी।

अगले सुबह अंशिका ने इशिका को जगाया और कहा कि प्लीज जल्दी से जग जाओ। वहां पर मैं नहीं होंऊगी तुम्हें जगाने के लिए यह सुनने के बाद इशिका जग गई और फिर कहने लगी कि वहां तो मुझे रोज ही डांट खानी पड़ेगी क्योंकि वहां तुम जो नहीं होओगी। यह सुनने के बाद अंशिका ने कहा तू टेंशन मत ले मैं नहीं आऊंगी तो क्या हुआ बाकी तो सब होंगे ना तू देख लेना अगले 2 मिनट में सारे यहां आ जाएंगे तुझे जगाने के लिए अच्छा होगा तू जल्दी से जाकर रेडी हो जाए।

सभी लोग रेडी हो कर वहां पहुंच गए अंशिका भी वहां आ गई उसने अपने सारे दोस्तों को गले लगाते हुए कहा की हम लोग सिर्फ कुछ महीनों के लिए ही अलग हो रहे हैं फिर जल्दी मिलेंगे। इतना कहकर सब लोग बस में बैठ गए। ध्रुव लगातार अंशिका को देखे जा रहा था 5 मिनट बाद ही बस निकलने के लिए तैयार हो गई और फिर सारे लोग वहां से चले गए। अंशिका भी वापस अपने रूम पर आ गई और फिर अपने क्लास की तैयारी करने लगी इसी में सुबह 9:00 बज चुके थे उसने अपना बैग जमाया और फिर नाश्ता कर कर क्लास में चली गई। इधर ध्रुव और बाकी सारे दोस्त चुप चाप से बैठे थे तभी रणवीर ने कहा कि क्यों ना अंशिका को कॉल लगाएं यह सुनते ही ध्रुव भी खुश हो गया उसने कहा हां चलो लगाते हैं। तभी गौतम ने रोकते हुए कहा कि नहीं नहीं अभी तो हमारी क्लासेस का टाइम है इस वक्त अंशिका अपनी क्लास में होगी हमें उसे डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए एक बार क्लासेस खत्म हो जाए उसके बाद बात करेंगे तब इशिका ने भी कहा की गौतम ठीक कह रहा है हमें ऐसा ही करना चाहिए।

शाम के 5:00 बज चुके थे अंशिका अपनी क्लास से फ्री हो चुकी थी और इशिका और बाकी सब भी हैदराबाद में अपने नए ट्रेनिंग सेंटर में पहुंच गए थे उन सब ने जाते ही पहले अपने रूम में चेक इन किया और फिर सारे इशिका के रूम में आ गए और कहां चलो अंशिका को कॉल करते हैं तब

इशिका ने कहा- कि ध्रुव तुम अपना फोन दो हम उसी से बात करेंगे। यह सुनने के बाद

धु्व ने कहा कि- मेरा फोन किस लिए तुम्हारा फोन है ना। तो

इशिका ने जबरदस्ती ध्रुव का फोन ले लिया और अंशिका को कॉल किया ध्रुव का कॉल देखकर जैसे अंशिका खुशी के मारे चौक उठी थी उसे लगा कि शायद ध्रुव ही उसे कॉल कर रहा है उसने कॉल उठाते ही कहां- हेलो हां !ध्रुव क्या तुम लोग सब आराम से वहां पहुंच गए कोई परेशानी तो नहीं हुई क्या हुआ तुम कुछ बोल क्यों नहीं रहे हो।

इतने में ही इशिका ने फोन उठाया और कहां कि- हम सब ठीक हैं और हम सब ठीक से पहुंच भी गए हैं तुम चिंता मत करो। तब

अंशिका ने पूछा कि- तुम धु्व के फोन से कॉल क्यों कर रही हो तुम्हारा फोन कहां है? तब,

इशिका ने कहा- कि मेरे फोन की बैटरी चली गई है इसीलिए इसके फोन से किया।

अच्छा यह सब छोड़ो हम सब साथ में ही बैठे हैं। ओ! तो तुम यह बताओ कि तुम्हारा आज का दिन कैसे बीता तुम हमारे बिना बोर हो गई होगी ना, तुम्हारा हमारे बिना मन नहीं लगा होगा ना, मैं जानती हूं मेरा भी आज बिल्कुल मन नहीं लगा इशिका लगातार बोले जा रही थी। तब,

अंशिका ने कहा- कि ऐसा कुछ नहीं है मैं तो आज पूरे दिन से अपने नए प्रोजेक्ट और ग्रुप में बिजी थी। तब,

इशिका ने-( मुंह बनाते हुए कहा) क्या तुम्हें एक बार भी हमारी याद नहीं आई ? तब

अंशिका ने-( हंसते हुए कहा की) याद उनकी आती है जो हमसे दूर होते हैं तुम सब तो मेरे पास ही हो मेरे दिल में यह सुनते ही ध्रुव मुस्कुराने लगा वह समझ गया था कि अंशिका क्या कहना चाह रही है। पर फिर भी उसने कोई रिएक्ट नहीं किया। और उसके बाद अंशिका ने कहा कि तुम सब मुझे मिस करने के बजाय अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान दो हम लोग बाद में भी मिल सकते हैं पर यह टाइम दोबारा नहीं आएगा और मुझे भी अपनी ट्रेनिंग पर फोकस करने दो यह कहकर उसने सबको बाय कहा और फिर फोन रख दिया।

ध्रुवा क्यों अपने प्यार का इजहार अंशिका को नहीं कर पा रहा था क्या कारण था इसके पीछे?

चलीए जानते हैं हमारे अगले भाग में......