अब तक आपने देखा:-
आकृति का 🏫 स्कूल में पहला दिन है जहां बार बार वो अद्वय से बात करने की कोशिश करती है पर अद्वय लंच टाइम में क्लास से बाहर चला जाता है आरव से मिलने के लिए। रेयांश इस बात का फायदा उठाता है और आकृति को अद्वय के खिलाफ भड़काता है, दूसरी ओर अद्वय वापिस क्लास रूम के पास आ जाता है पर अब भी उसके मन में वहीं हलचल मची होती है। आकृति के बारे में सोचने से वो खुद को नहीं रोक पाता।
अब आगे:-
अद्वय जितना क्लासरूम के पास आता जा रहा है उतना ही उसके में आकृति की छवि और उभरती जा रही है। उससे मिलने पर जो उसे महसूस हो रहा है वो पहले उसने कभी महसूस नहीं हुआ था। पर किस्मत की तो देखो अपनी भावनाओ को समझने में वो खुद ही अक्षम हो रहा है।
दूसरी ओर कक्षा शुरू होने में दो मिनट शेष है और सभी स्टूडेंट्स अपनी अपनी सीट पर आकर बैठ गए है और उन्हीं सब के बीच आकृति के मन में एक डर है कि क्या स्कूल के पहले दिन उसे अकेले ही अकेला महसूस होगा। इतने भर में अद्वय आकर उसके बाजू में बैठ जाता है। पर इस बार आकृति उस से बात नहीं करना चाहती। और अपने हाथ में लिए पेन को nervousness के साथ धीरे धीरे हिलाती है इतने भर में टीचर क्लास में enter होते है।
सभी स्टूडेंट्स एक स्वर में: good morning sir
टीचर : मॉर्निंग स्टूडेंट्स। कैसे हो आप सब?
कुछ स्टूडेंट्स:- सर हम सब अच्छे है।।
टीचर:- ठीक है सब अपनी बुक्स निकाल लो। आज chapter 3 पढ़ेंगे।
सभी स्टूडेंट्स अपनी बुक्स निकाल लेते है। पर आकृति के पास बुक नहीं होती। मन ही मन वो खुद को कोसती है कि मै इस अद्वय के साथ ही क्यों बैठी?
सभी सटूडेंट्स अपनी बुक्स निकाल लेते है और अद्वय भी अपनी बुक निकाल लेता है। आकृति फिर से अपने पेन को हिलाने लगती है। मन में वो सोचती है कि क्या अद्वय अपनी बुक मेरे साथ शेयर करेगा?? और अचानक ही उसका पेन नीचे गिर जाता है। वो नीचे झुक कर उसे उठाने की कोशिश करती है पर उसका हाथ उस तक नहीं पहुंच पाता है । इतने भर में ही कोई उसके पीठ पर थप थप करता है। वह थोड़ा घबरा जाती है कहीं सर तो नहीं?
अपना सिर उठाकर वो देखती है तो उसे अद्वय दिखता है।
अद्वय धीरे से कहता है:- give me side. मैं उठा देता हूं तुम्हारा पेन। वरना क्लास डिस्टर्ब हो जाएगी।
आकृति अपना सिर हां में मिला देती है और अद्वय उसे उसका पेन उठाकर दे देता है। सर blackboard पर कुछ थीसिस लिख रहे होते है इसलिए उनका ध्यान उन दोनो पर नहीं जाता। अद्वय अपनी बुक आकृति से शेयर करता आकृति को एहसास होता है कि वो ग़लत थी।पर मन में ये सवाल भी आता है कि क्या दोस्ती होगी ?
क्या अद्वय उसका दोस्त बनेगा?? या फिर वो जो सोच रही थी वो सच है?? या जो रेयांश ने कहा वो सच है??