अब तक आपने देखा:-
नरेंद्र जहां अपने अतीत से लगाव बनाए हुए है तो वहीं अद्वय किसी चीज से लगाव नहीं रखना चाहता है और हमेशा नई चीज के प्रति आकर्षित रहता है वहीं आरव मस्तमौला किस्म का बच्चा है जो खुश रहना चाहता है।
अब आगे:-
आज आप मिलेंगे आकृति से जो एक नई हलचल का कारण बनेगी और हल भी। आकृति जो 15 साल की किशोर बालिका है पड़ने में अव्वल है और दिल कि सच्ची है पर उसकी लाइफ कॉम्प्लिकेशन से भरी है। ये कहावत तो सुनी होगी कि एक आदमी एक साथ दो नाव में सवार नहीं हो सकता, पर आकृति इस कहावत को झूठा साबित करती पहेली है। दो नावों में सफर करती आकृति को मंज़िल तो दिखती है पर जिस समुद्र की वो मुसाफिर है उसका कोई किनारा नहीं मिलता। उसकी जिंदगी भटकती हुई आत्मा की तरह है जो यहां से वहां और वहां से यहां आते जाते ऐसे कट रही है जैसे कोई ढलती शाम हो। पता नहीं कब उसे सुबह दिखाई देगी।
‡24 मार्च 1995 चंदेरी बाग दिल्ली-82 ‡
( एक्सीलेंस इंटरनेशनल 🏫 स्कूल का एंट्री गेट आसपास चलते बच्चो की भीड़ और स्कूल के एकदम सामने स्टेशनरी एंड क्राफ्ट की शॉप्स जहां कुछ बच्चे सामान खरीद रहे है आरव और अद्वय दोनों ही स्कूल गेट के अंदर जाते हुए दिखते है।)
आरव तभी अद्वय को एक राइटिंग नोट देता है और अपनी क्लास की ओर चल देता है।अद्वय उसे खोलकर पढ़ता है तो उसके चेहरे पर हंसी आ जाती है। उस पर लिखा होता है :- भाई। थैंक्स यू मदद करने के लिए और सॉरी पापा से क्वेशचन करने के लिए, आपको उसकी वजह से डांट खानी पड़ी ना। I wish आपका आज का बाकी दिन बहुत अच्छा जाए। अद्वय मन ही मन सोचता है कि मेरा छोटा भाई भी ना मेरे बारे में कितना सोचता है। भगवान इसका दिन भी अच्छा बिताना वरना मेरा क्या होगा?
11A CLASSROOM NO:-112
( दूसरी मंज़िल के बाई तरफ पीले रंग से रंगी 11 वीं के 4 सेक्शंस में से A सेक्शन जिसे सबसे प्रतिभावान विद्यार्थियों का सेक्शन माना जाता है में आज एक न्यू एडमिशन स्टूडेंट का दाखिल होने वाला है। हालाकि आधा सेमेस्टर बीत चुका है फिर भी कोई छात्र है जो इस क्लास में आने वाला है। अद्वय अपनी क्लास में आकर फुल ओन एनर्जी से अपने डेस्क पर बैठता है और बाजू वाले डेस्क पर बैठे रेयांश से पूछता है कि आज सेम नहीं आया क्या?
तब रेयांश हैरान होकर पूछता है कि :- तुम्हे याद नहीं है क्या कल ही तो समर ने कहा था कि वो अपने होमटाउन जा रहा है अपने ऑफिशियल डॉक्युमेंट्स सही करवाने। तुम्हारे सामने ही तो उसने बोला था, तुम भूल भी गए?
तब अद्वय EASY WAY में कहता है कि :- LET'S COOL DUD! वो कल मैं अपनी बाइक का मॉडल ड्रॉ करने में बिजी था इसलिए मैंने ध्यान नहीं दिया। तुम सबको पता है ना कि मेरा सबसे बड़ा ड्रीम है कि I Have A Showroom Of Car And Bike's और बहुत कुछ।
तब रेयांश मुंह बनाते हुए कहता है कि देख लेंगे कब पूरे होंगे तुम्हारे ड्रीम्स। फिलहाल तो क्लास शुरू होने वाली है, तुम उस पर ध्यान दो कहीं ऐसा ना हो कि क्लास में जब सर तुमसे सवाल पूछे तो तुम जवाब ना दे सको। हुम्म।
तब अद्वय ऐटिट्यूड में जवाब देते हुए कहता है कि Dud तुम्हे मेरी चिंता है ये जानकर अच्छा लगा पर फिक्र मत करो ये नोबत आएगी नहीं। अच्छा तुम ये तो बताओ कि कहीं आज तुम मैथ्स कि बुक लाना भूल तो नहीं गए क्योंकि जहां तक मुझे याद है तुमने मैथ्स कि क्लास बंक की थी ना! और आज सर का मूड बहुत खराब था, ग्राउंड के पास कुछ बच्चो को डांट भी रहे थे। I Hope कि तुम आज तुम्हारा दिन अच्छा जाए?
तब रेयांश मन ही मन डरा हुए कहता है कि क्या ये सच कह रहा है? मैं तो सचमुच बुक नहीं लाया अब क्या होगा?
उसके डर को ताड़ते हुए अद्वय पूछता है :- सब ठीक है ना।
तब रेयांश कहता है :- हाँ सब ठीक है। और फिर धीरे से बोलता है भगवान बचा लो।
अद्वय उसकी बात सुनकर मन ही मन हंसता है और कहता है कि कितनी आसानी से मैंने इसको बेवकूफ बना दिया। इस स्कूल में क्या इस दुनिया में भी कोई भी मेरे टक्कर का नहीं है। कोई भी नहीं......।
स्कूल बेल बजता है और घड़ी कि सुई 8:30 बजने का इशारा करती है और इंग्लिश के प्रणव सर क्लास में एंटर करते है। सभी स्टूडेंट डेस्क से उठकर उन्हें गुड मॉर्निंग करके फिर बैठ जाते है। आधा घंटा बीत जाता है। क्लास में एकदम शांति से सर पढ़ा रहे होते है। तभी mrs मीना जोशी दरवाजा खटखटाते हुए क्लास में प्रवेश करती है और सर से बात करते हुए कहती है कि डिस्टर्ब करने के लिए सॉरी सर। पर मुझे आपको कुछ बताना है। तब सर कहते है :- हां मैम बताइए।
Mrs मीना कहती है सर आज से आपकी क्लास में एक न्यू स्टूडेंट एड हुआ है हालाकि आधा सेमेस्टर बीत चुका है पर उस बच्चे का ट्रांसफर हमारी दूसरी ब्रांच से हुआ है। इसलिए आप सब प्लीज कॉपरेट करे और उसकी सिलेबस कवर अप करने में मदद करे। विद्यार्थी पढ़ने में अच्छा है इसलिए आपको उसकी मदद करने में मुश्किल नहीं होगी?
रेयांश मन में सोचता है कि :- पता नहीं कौन सा एक और नया मुर्गा आने वाला है?जो भी हो इस अद्वय की शार्प 🦅 ईगल जैसी नज़रों से बचेगा कहा? यहां की मुर्गियां भी तो सिर्फ पढ़ाकू कीड़े की तरह बोरिंग ही है?
सीता, गीता, रानी, नेहा, सुमन, अनुराधा,अंजलि और सुनैना सबका अलग अलग ग्रुप है जिनमे सबसे बड़ा सुमन का ग्रुप है अद्वय जो ठहरा उसमे। पता नहीं कौन आएगा?
तभी मैम उस बच्चे को आवाज़ लगाते हुए कहती है कि:- अंदर आ जाओ बेटा।
और फिर आकृति कक्षा में प्रवेश करती है। आकृति सर को अपना इंट्रोडक्शन देती है और फिर सर के कहने पर एक डेस्क कि एक खाली सीट पर बैठ जाती है जिसके दूसरे हिस्से पर अद्वय बैठा हुआ होता है। आकृति धीरे से उसे हाई कहती है पर वो कोई रिस्पॉन्स नहीं देता। फिर आकृति दूसरी डायरेक्शन में बैठे रेयांश को हाई कहती है और वो तुरंत जवाब देता है और कहता है हाई मी रेयांश। तुमसे मिलकर अच्छा लगा। उसके पीछे पीछे बाकी सब स्टूडेंट भी धीरे से उससे बात करने लगते है। तभी प्रणव सर कहते है आकृति बेटा उठो। आकृति थोड़ा डर जाती है और तुरंत उठ जाती है। सर बोलते है बेटा आज इस क्लास में एकदम शांति छाई हुई थी तुम्हारे आते ही यहां हलचल सी मच गई। सब पढ़ाई छोड़कर बातो में लग गए है। अद्वय मन ही मन हसने लगता है और सोचता है कैसा luck है इसका स्कूल के पहले दिन ही इसको punishment मिल रही है।😄
आकृति दो मिनट चुप रहती है फिर धीरे से कहती है सॉरी सर आगे से ऐसा नहीं होगा। और गिल्टी फील करती है। तभी सर मुस्कुरा देते है और कहते है कि बेटा मैं आपको डांट थोड़े ही रहा हूं। मैं तो बस सोच रहा हूं कि आपके यहां आने से ये दिन सबके लिए नई क्लास के पहले दिन जैसा हो गया। वहीं सहमे सहमे और कुछ शैतान बच्चो से भरा क्लासरूम जहां शोर भी है और अनुशासन भी है सबकी झलक नज़र आ रही है आज। मैं आपको सिर्फ पढ़ाने के लिए नहीं पढ़ाता मैं चाहता कि आप अपनी लाइफ में आगे बढ़े और कुछ gain करे। मैं चाहता हूं कि जब भी आप इस टीचर को याद करे तो आपको ख़ुशी हो और जब भी मैं इस बैच को याद करूं तो मुझे सुकून और गर्व हो।मैं बस इतना चाहता हूं कि आप सब इस स्कूल का नाम वैसे ही बड़ाते आए जैसे की यहां के previous student's ने बढ़ाया है। बस आकृति यही बताना चाहता था मैं क्योंकि आप नई हो। Okay, sit down. तब आकृति सहमत होकर कहती है yes sir. मैं समझ गई।और फिर वो सीट पर बैठ जाती है।
TO BE CONTINUED
★DARSHIKA★