Hulchal - 2 in Hindi Drama by Darshika Humor books and stories PDF | हलचल - पार्ट 2

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हलचल - पार्ट 2

अब तक आपने देखा:-
नरेंद्र बच्चो को खुद स्कूल छोड़ना चाहता है पर निर्मला उन्हें मीटिंग अटेंड करने को कहती है इस बीच वो दोनो शारदा के बारे में बात करते है और फिर नरेंद्र निर्मला को बच्चो को लाने को कहते है।
अब आगे:-
बड़ा सा कमरा, नीले रंग की दीवारें और एक खिड़की खुली हुई जिससे हवा अंदर आ रही है, सुहाना सा मौसम और बिखरी हुई किताबे। टाई बांधता एक किशोर और अपना बस्ता पैक करता सात साल का बच्चा जो अपनी हिंदी की बुक ढूंढता हुआ कह रहा है कि भाई मेरी बुक नहीं मिल रही, please help कर दो टीचर को पता चला कि आज भी मैं बुक नहीं लाया तो बहुत डांटेगी? तभी अद्वय ने अपनी नजर उसकी तरफ घुमाई और बोला कि तुझे कितनी बार कहा है sunday के दिन ही स्कूल बैग पैक करके रख लिया कर पर तू मानता कहां है? अब भुगत! तभी आरव बहुत प्यार से कहता है कि please भाई मान जाइए ना। आगे से मै पहले से ही तैयार रहूंगा ना, प्लीज। उसकी बात सुनकर अद्वय कहता है ठीक है, मैं तेरी मदद करूंगा पर मेरी एक कंडीशन है। आरव ने गंभीरता से अद्वय की ओर देखा और बोला:- भाई आप बिना शर्त के मेरी मदद क्यों नहीं करते हो, IT'S NOT FARE, आप सिर्फ खुद के बारे में सोचते हो। जाओ मुझे आपसे बात नहीं करनी। इतना कहकर आरव ने अपनी गर्दन दूसरी दिशा में मोड़ ली, उसकी बात सुनकर अद्वय के चेहरे पर हास्य की रेखाएं उमड़ आयी पर उसे रोकते हुए वो बिल्कुल गंभीरता से बोला क्या तुम सच में मुझसे बात नहीं करोगे। तब आरव ने धीरे से कहा नहीं, कभी नहीं। आप बहुत बुरे हो
तब अद्वय ने दोबारा से कहा कि आखिरी बार पूछ रहा हूं बात करोगे कि नहीं?मुसीबत में पड़ गए तो फिर मेरा नाम मत लेना? वैसे भी हमारे पास पांच मिनट ही है, निम्मो भुआ आती ही होगी। बाकी As your wish😕
तब आरव गुस्से से लाल पीला होते हुए बोला आप ही जाओ अकेले स्कूल, मुझे नहीं चाहिए मदद, और मैं आपसे बहुत बहुत बहुत गुस्सा हूं😡😡
तब अद्वय ने उसको शांत करने के लिए कहा क्या तुम मुझसे बात नहीं करोगे मेरे पास तुम्हारी फेवरेट चॉकलेट है, क्या तुम्हे नहीं चाहिए? उसकी बात सुनकर आरव के मुंह में पानी आ गया और उसने उसके हाथ से फौरन ही चॉकलेट झपट ली और खोल के खाने लगा, उसे देखकर अद्वय के चेहरे पर खुशी आ गई और उसने उसकी हिंदी कि बुक जो आरव ने toys के साथ साथ रखीं थी उसे दे दी। आरव जिसे देखकर खुशी से झूम उठा। और उसने उसे बैग में रख दिया। जब उसने पेंसिल बॉक्स खोला तो उसमें उसे पेंसिल नहीं मिली तो वो फिर दुखी हो गया। निर्मला आवाज़ लगाते हुए ऊपर आ रही थी कि स्कूल का टाइम हो गया है बच्चो, तुम्हारे पापा वेट कर रहे है, जल्दी नीचे आ जाओ। आरव फिर से दौड़ते हुए इधर उधर घूमने लगा कि तभी हड़बड़ी में पैर के नीचे कुछ आने से वो गिर
गया, अद्वय उससे संभालते हुए उठाने लगा और बेड पर उसे बिठाया और फिर पूछने लगा:- MY LITTLE BRO, तुम कैसे गिर गए? तब आरव ने भाई को शॉक्ड होते हुए कहा:- भाई इस पेंसिल की वजह से में गिर गया। Unlucky ✏️ pencil! इसके बाद उसने उस पेंसिल को ऐसे फेका कि वो खिड़की से बाहर कि ओर जा निकली। तब अद्वय ने अपने भाई से प्यार से पूछा:- मेरे प्यारे भाई जिसके लिए तुम इतना घूम रहे थे, तुम गिर भी गए तुमने उस पेंसिल को बाहर क्यों फेका? अब क्या स्कूल में अपने हाथ से कॉपी पर लिखोगे?
तब आरव बोला:- हाँ भाई, कॉपी पर हाथो से ही तो लिखते है?🙂
तब अद्वय बोला कि:- मैंने कब कहा कि कॉपी पर पैरों से लिखते है हाथो से नहीं?अरे बुद्धू पेंसिल नहीं होगी तो लिखोगे कैसे?😅
तब आरव बोला कि :- भाई ये तो मैंने सोचा नहीं, पर भाई वो पेंसिल unlucky थी अगर मै उससे टेस्ट देता तो फेल हो जाता, पर अब क्या करू मेरे पास कोई पेंसिल नहीं है फेल तो मैं अब भी हो जाऊंगा। अब क्या करू?😨😫😓
तब अद्वय ने उसको कहा:- अब ये रोनी सी सूरत मत दिखाओ। ये लो मेरी पेंसिल, ये सबसे lucky pencil है
और आज में ये तुम्हे दे रहा है, अब फेल नहीं होगे तुम।
और खुश रहा करो जब देखो तब रोते ही रहते हो।
अद्वय से पेंसिल पाकर आरव खुश हो गया और बोला:- थैंक्यू सो मच भाई। चलो स्कूल चलते है, वैसे भी मैं आपकी वजह से लेट नहीं होना चाहता?OK, LET'S GO. तब अद्वय धीरे से बोला मेरी वजह से लेट हो रहे है? ये क्या बात हुई? मैं तो कबसे तैयार बैठा था वो आरव ही तो कबसे अपनी बुक ढूंढ़ रहा था। बड़ी आसानी से उसने मुझपर इंजाम लगा दिया? मेरा भाई जो ठहरा। अब जल्दी चलता हूं वरना पता नहीं सबसे क्या क्या कहेगा?🤔 अगर उसने कह दिया कि मेरी वजह से लेट हो रहे है तो पापा से करारी डांट पड़ेगी? भागो।🏃

TO BE CONTINUED
★BY दर्शिका★