Chhal - 25 in Hindi Moral Stories by Sarvesh Saxena books and stories PDF | छल - Story of love and betrayal - 25

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छल - Story of love and betrayal - 25

यह सुनते ही मैडम फिर भागने लगी, उस तूफानी बारिश में कोई दूर-दूर तक आता जाता नहीं दिख रहा था, मेरी आंखें बंद हो रही थी, शरीर सुन्न पड़ रहा था चारों ओर पानी ही पानी था उसने मैडम को धक्का देकर गिरा दिया, वो हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाती रही पर उसने अपनी बंदूक निकाल कर मैडम के दो गोली मार दी | गोली की आवाज चारों ओर गूंज उठी |

मैडम उदास आंखों से मुझे देख रही थी, पानी के साथ खून भी चारों ओर बहने लगा, मैं उठने की बहुत कोशिश कर रहा था पर मैं नहीं उठ पाया, उसने मैडम का मंगलसूत्र तोड़ा और सारे जेवर निकालकर मेरे पास आया और पिस्तौल मुझे पकड़ा कर न जाने क्या बड़बड़ाने लगा और तब मेरी आंखें बंद हो गई |



जब मुझे होश आया तो बारिश बंद हो चुकी थी मैंने तुरंत उठकर मैडम को ढूंढा पर वो वहां नहीं थी तभी मेरे नजर बहते हुए खून पर पड़ी, मैं उसके पीछे पीछे गया तो देखा, मेरी टैक्सी की डिग्गी से खून निकल रहा था, मैंने झट से खोलकर देखा तो मैडम की लाश पड़ी थी, मैं रोने लगा और मैडम को निकाल कर हिलाने लगा तो उन्होंने एकदम से सांस भरी | मेरी जान में जान आई, कि वो जिंदा हैं, वो कुछ कहना चाहती थी लेकिन कह नहीं पा रही थी और फिर उनका दम टूट गया, मैं कुछ सोचता या कहता इससे पहले पुलिस की गाड़ी की आवाज सुनाई पड़ी और मैं ना चाहते हुए भी मैडम की लाश को वहीं छोड़कर टैक्सी लेकर वहां से तुरंत भाग कर घर आया |

घर मे घुसते ही घरवाली ने ना जाने क्या क्या सुना डाला पर मै तो जैसे अपने होश मे ही नहीं था, मैंने फटाफट घर में मैडम का बैग छुपाया और टैक्सी मे लगा खून साफ करने लगा, मेरा तो जैसे दिमाग सुन्न पड़ गया था, मैं गाड़ी साफ भी नहीं कर पाया कि पुलिस वहां आ गई और मैडम के खून के इल्जाम में मुझे पकड़ लिया गया | मेरी औरत मुझे नफरत भरी निगाह से देख रही थी, मुझ पर केस चला, शुक्र है.. मुझे उम्रकैद नहीं हुई सिर्फ सात साल की सजा हुई "|

प्रेरित भैरव की सारी कहानी सुनकर पत्थर की तरह बैठा रहा | भैरव घबरा गया उसने प्रेरित को हिलाया और कहा," साब जी क्या हुआ? आप ठीक तो हो ना"?

प्रेरित ने गहरी सांस ली और कहा," क्या तुम जानते हो, उस मैडम के पति का नाम क्या था "?

भैरव ने ना में सर हिलाते हुए कहा, "नहीं साब, मरते टाइम शायद मैडम यही बताना चाहती थी पर…." कहकर भैरव उदास हो गया तो प्रेरित ने भैरव को सीमा की फोटो दिखाते हुए कहा," ये देखो क्या यही है वो"?

भैरव ने हां में सर हिला कर कहा," अरे हाँ साब, ये तो मैडम हैं और ये मैडम का पति, पर ये फोटो आपके पास कैसे "?

प्रेरित एक लंबी साँस लेते हुए बोला," ये और कोई नहीं मेरा दोस्त नितेश वर्मा ही है"|

भैरव यह सुनकर हक्का बक्का रह गया और बोला," क्या ये वही नितेश वर्मा, आपका दोस्त है"?

प्रेरित ने हां में सर हिलाया |

दोनों कुछ देर तक शांत होकर बैठे रहे कमरे में सन्नाटा फैल गया और घड़ी की सुइयों की टक टक पूरे कमरे मे गूंजने लगी|