Chhal - 20 in Hindi Moral Stories by Sarvesh Saxena books and stories PDF | छल - Story of love and betrayal - 20

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छल - Story of love and betrayal - 20

प्रेरित ने भैरव की पत्नी को शांत कराया और एक लाख रुपये निकाल कर भैरव की पत्नी को देते हुए बोला, " आप जैसा सोच रही हो, वैसा कुछ भी नहीं है, आपको सिर्फ गलतफहमी हुई है और भरोसा रखिए भैरव जल्दी आएगा, आप दिल छोटा ना कीजिए"|

प्रेरित इतना कहकर जाने लगा तो भैरव की पत्नी ने कहा, "भैया एक बात और बताती हूं आपको, कत्ल की रात ये जब घर आए थे तो अपने साथ एक बड़ा बैग लाए थे, जिसमें उसी औरत का सामान था जिसका खून इन्होंने…"

इतना कहकर वो फिर रोने लगी और रोटी हुई बोली, "कई बार सोचा उस बैग को जला दूं, पर डर के मारे हिम्मत नहीं हुई, आप उसे रख लो शायद आपके कुछ काम आ जाए" |

इतना कहकर वो जल्दी से कमरे में गई और वो बड़ा बैग खींच लाई |

प्रेरित ने बैग उठाया और भैरव की पत्नी से कहा," अपने पति पे भरोसा रखो, वो जल्दी आएगा "|

भैरव के बारे में सोचते सोचते प्रेरित होटल आया, वो तो भूल ही गया था कि उसकी जिंदगी में इतना घिनौना झूठ क्यों बोला गया था | उसका सिर घूम रहा था उसने जल्दी से बैग खोला और सारा सामान निकाला, बैग में सिर्फ लेडीस कपड़े, साड़ी और मेकअप का सामान और कुछ दवाइयां थी, सारे कपड़े देखने के बाद एक आखरी साड़ी जब प्रेरित ने देखी तो उसे लगा जैसे कि ये साड़ी जानी पहचानी है, कहां देखा है इसे? उसने अपने दिमाग पर जोर डाला पर याद नहीं आया | उसे लगा कि शायद ये उसका भ्रम हो और वैसे भी एक डिजाइन की साड़ी कई हो सकती हैं, लेकिन कौन औरत थी ये जिसे भैरव ने मार डाला या फिर…. |

यही सब सोचते सोचते प्रेरित गुस्से में बोला, "साला खुद की परेशानियां कम थीं जो अब ये भैरव की गुत्थी में उलझ गया मैं, अरे मेरे से क्या मतलब? उसने किसी को भी मारा हो? मुझे क्या करना?
मुझे तो बस ये जानना है कि मेरी अपनी मां ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? आखिर उन्होंने इतना बड़ा झूठ क्यों बोला? क्या वजह थी मां? तुमने मेरी सारी खुशी, मेरा परिवार सब तबाह कर दिया, कहीं ऐसा तो नहीं सब निर्दोष हों, नहीं… नहीं…ऐसा नहीं हो सकता, लेकिन चाचाजी.."।

चाचाजी को याद करके प्रेरित फूट-फूट कर रोने लगा और खुद को कोसने लगा, उसे दुख था कि उसने तो प्रेरणा को आखिरी बार देखना भी नहीं चाहा और ना ही उसकी चिता को आग दी, यह क्या कर दिया उसने क्रोध में, कितना बड़ा पाप कर दिया, पिता समान चाचा सहित उसने निर्दोष पत्नी और अपने दोस्त को भी मार डाला | वो फिर पागलों की तरह चिल्लाने लगा, उसने बेड पर पड़े सारे कपड़े और वह बैग सब उठा कर फर्श पर पटक दिए, उसके बैग पटकते ही उसे एक आवाज सुनाई दी, जैसे किसी जेवर या पायल की छनक हो |

प्रेरित चौंक गया, उसने झट से बैग फिर उठाया और हिलाया आवाज बैग से ही आ रही थी, बैग की एक पतली सी चेन खोलकर उसने देखा तो दंग रह गया, उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि उसमें पायल, टूटा मंगलसूत्र, सोने के कंगन और कानों की बालियां सब कुछ रखा था, एक फोटो भी निकली जो कि किसी और की नहीं बल्कि उसी के दोस्त नीतेश और उसकी पत्नी सीमा की थी |

प्रेरित अपना सर पकड़ कर बैठ गया और घबराते हुए बोला, " हे भगवान! इसका मतलब सीमा का खून हो गया है और उसका खून भैरव ने किया है, पर क्यों उस बेचारी ने भैरव का क्या बिगाड़ा था, वह अपने मन में हजारों सवाल करने लगा तभी उसने उस फोटो में पहने साड़ी को ध्यान से देखा और फर्श पर पड़ी साड़ियों में से वही साड़ी निकाली, अब उसे बिल्कुल सही तरह से याद आ गया था कि यह साड़ी उसने कहां देखी है, ये वही साड़ी तो थी जब प्रेरित अपनी शादी की सालगिरह की तैयारियां कर रहा था और उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह प्रेरणा को क्या गिफ्ट दे, वो ये सब सोच ही रहा था तभी नीतेश आईडिया देता है और वह दोनों साड़ी खरीदने जाते हैं, प्रेरित, प्रेरणा के साथ साथ सीमा के लिए भी जिद करके साड़ी ले लेता है और नीतेश को दे देता है, वो साड़ी यही तो थी |