Aneeta ( A Murder Mystery ) - 3 in Hindi Crime Stories by Atul Kumar Sharma ” Kumar ” books and stories PDF | अनीता (A Murder Mystery) - 3

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अनीता (A Murder Mystery) - 3

भाग - 3

दो दिन बाद शाम के समय हवलदार साठे पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेकर विजय के केबिन में दाखिल हुए।

"" सर ये रिपोर्ट आ गई है। ""

विजय उसके हाथ से लिफाफा लेकर खोलकर उस रिपोर्ट को पढ़ते हैं। पढ़ते ही उनके चेहरे पर चिंता और हैरानी के भाव साफ साफ परिलक्षित होने लगते हैं। ये देख साठे विजय से कारण पूछते हैं।

विजय - "" साठे जैसा हम सोच रहे थे ये केस तो उससे भी ज्यादा उलझा हुआ है। इस रिपोर्ट में ये लिखा है कि रामलाल और वसुधा की मौत गला कटने से नही बल्कि नींद की गोली के हाइ डोज़ से हुई है। गला तो मौत के कुछ समय बाद लगभग घण्टा भर बाद काटा गया। बात और भी पेचीदा हो चली है अब। यदि दोनो पहले ही मर चुके थे तो फिर बाद में गला काटने का क्या औचित्य???

और यदि ये दिखाया गया है कि गला काटने से मौत हुई तो क्या कातिल इतना नासमझ है कि उसे ये नही पता कि पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में सबकुछ साफ साफ आ जायेगा। या फिर नींद की गोलियां किसी और ने दी और गला किसी और ने काटा। तो क्या कातिल दो हैं। जो एक दूसरे के प्लान से अनजान थे। लेकिन एक ही दिन दोनो ने इस घटना को अंजाम दिया। इतने शरीफ सीधे साधे लोगों को मारने का आखिर क्या उद्देश्य हो सकता है? गोलियाँ किसने और क्यों दी होंगी? कंचन ही घर का खाना बनाती थी। तो क्या उसने मारा है। या फिर गोली किसी और ने मिलाई चाय में। ताकि शक कंचन पर जाए। क्या इसलिए उसे गायब किआ गया। अगर इस बात को सच मान भी लिया जाए तो फिर बाद में गला क्यों काटा।

ये क्या राज़ है कुछ समझ नही आ रहा। तभी में कहूँ की जब गला काटा गया होगा तो दोनो में से कोई भी चीखा क्यों नही। इसलिए कि दोनो की मौत तो पहले ही नींद में हो चुकी थी।

विजय और साठे केबिन में ये बातें कर ही रहे थे कि तभी एक और हवलदार उनके केबिन में आया।

"" सर , बाहर दो युवक आये हैं। उनमें से एक अपना नाम जतिन बता रहा है। उसका कहना है कि उसकी पत्नि आज दोपहर से गायब है। वो आपसे मिलना चाहता है। ""

"" ठीक है उनको अंदर भेज दो।"" विजय हवलदार से बोले।

कुछ ही पलों में वो दोनो युवक विजय के सामने बुरी तरह घबराये हुए से बैठे थे।

उन्हें देखते ही विजय उनसे सवाल करते हैं... - "" आराम से बताइए, क्या हुआ है आपकी पत्नि के साथ। और आप दोनो को देखकर लगता है कि आप लोग इस जगह के नही हैं। शहर से हैं। यहाँ क्या करने आये थे , और आपकी पत्नि कैसे गायब हुई??? ""

"" सर मेरा नाम जतिन खन्ना है। ये मेरे मित्र अनिल हैं।
हम शहर में रहते हैं । हमारा पार्टनरशिप में इलेक्ट्रॉनिक्स आयटम का बिजनेस है। सुबह एक प्लाट देखने में अपनी पत्नि अनिता और इनके साथ यहाँ आये थे। जब हम प्लाट देख रहे थे तो हम लोग एजेंट के साथ बात करते करते वहीं प्लाट पर कुछ दूर निकल आये। जैसा कि अक्सर होता है की हम चलते चलते बात करने लगते हैं। मेरी पत्नि प्लाट देखने के बाद वहीं गाड़ी में बैठ गई थी। में एजेंट से चलते चलते बाकी की बात करने लगा था। जब में अनिल और वो एजेंट वापिस गाड़ी के पास आये तो देखा की अनीता गाड़ी में नही थी। मुझे लगा शायद मोबाइल पर बात करते करते सिग्नल नही मिला होगा तो वो वहीं कही आसपास निकल गई होगी। पर जब बहुत ज्यादा समय हो गया और वो नही आई तो हमें चिंता हुई। हमने उसे आसपास सभी जगह देखा। उसका कहीं पता नही चला। थक हार कर आपके पास चले आये। कहीं उसके साथ कोई अनहोनी ना हो गई हो। मुझे बहुत डर लग रहा है सर। ये जगह उसके लिए अनजान है। कैसे भी करके मेरी पत्नि को ढूंढ निकालिए। "' जतिन दोनो हाथ जोड़कर विजय से विनती करते हुए बोला।

"" देखिए आप लोग चिंता मत कीजिये। अपनी पत्नि की कोई फ़ोटो हो तो हमे दीजिए। हम पता करते हैं। और वो प्रोपर्टी डीलर कौन है ? "' विजय अभी ये सब बोल ही रहे थे की एक हवलदार तेज़ी से अंदर आया और बोला...

"" सर , अभी अभी हमे खबर मिली है कि बमनाखेड़ा के पास जो जंगल है। उसके अंदर एक तालाब में एक युवती की नग्न लाश मिली है। ""

"" क्या !!!!!!!!... बमनाखेड़ा !!!!!!...साठे ये तो कंचन का मायका हैना। "" विजय आश्चर्य से साठे की तरफ देखते हुए बोले।

"" हाँ सर, ये सुनकर में भी हैरान हूँ। आखिर बात क्या है???""'

दोनो फ़ौरन घटनास्थल को रवाना होते हैं। जतिन और अनिल भी युवती की लाश की बात सुनकर घबरा जाते है। वो भी उनके साथ चलने की विनती करतें है। विजय उनको भी अपने साथ ले लेते हैं। चलते चलते रास्ते मे जतिन अपने मोबाइल में अनीता की फ़ोटो दिखाता है। फ़ोटो देखकर विजय के होश फ़ख्ता हो जाते हैं। ये तो कंचन थी। जिसकी फ़ोटो तेजपाल ने दी थी। आखिर माजरा क्या है??? "' विजय आश्चर्य की सारी सीमाएं पार कर जाते हैं।

कुछ ही देर में वो महिला पुलिस कर्मी के साथ उस तालाब पर पहुँच जाते हैं। लाश को देखकर जतिन गश खाने लगता है। ये तो उसकी पत्नि अनिता की लाश थी। लाश एकदम नग्न अवस्था मे थी। बाल पूरे खुले हुए थे। ऐसा लगता था कि युवती के साथ जबरदस्ती हुई है। या उसके बालों को जानबूझकर बेतरतीब किआ गया है। पर शरीर पर एक घाव एक भी निशान मौजूद नही था। ना ही कोई गहना था। ना ही पांव में कोई सैंडिल या चप्पल थी। विजय फ़ौरन लाश को कपड़े से कवर करवाते हैं।

अनीता की ऐसी हालत देखकर जतिन वही धम्म से बैठ जाता है। उसे तो कुछ भी समझ मे नही आ रहा था। उसकी दुनिया एक ही दिन में उजड़ गई थी। दोनो हाथों को माथे पर रखकर वो रोने लगता है। अनिल भी सकपकाया सा उसके कंधे पर हाथ रखकर चुप बैठ जाता है। उसे संभालता है।

इधर इन्स्पेक्टर विजय और हवलदार साठे भी कुछ समझ सकने लायक स्तिथि में नही थे। अनिता और कंचन की कहानी ने इंस्पेक्टर विजय के दिमाग को घुमा कर रख दिया था।

एक ही औरत आखिर दो लोगों की पत्नि कैसे हो सकती है। पंचनामा करके लाश को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया जाता है। और तेजपाल को भी खबर कर दी जाती है। इधर जतिन बुरी तरह रोये जा रहा था।

जब तेजपाल थाने आया तो उसे तालाब में मिली युवती की लाश की फोटो दिखाई गई। वो देखते ही फ़ौरन पहचान गया कि ये तो कंचन है। वो भी वहीं बैठकर रोने लगा। तेजपाल के उस लाश को अपनी पत्नि के रूप में शिनाख्त करने से जतिन और अनिल भी हैरान थे। क्योंकि वो तो उसकी पत्नि अनिता की लाश थी। दोनो दावा कर रहे थे कि ये उनकी पत्नियों की लाश है। दोनो को देख विजय भी घोर आश्चर्य में थे।

विजय ने कंचन और अनीता की फ़ोटो को बहुत बारीकी से देखा। पर दोनो में कोई अंतर नही था। शत प्रतिशत समानता थी। यहां तक कि दोनो की गर्दन पर तिल का एक जैसा ही निशान मौजूद था। अब तो इंस्पेक्टर विजय का दिमाग बुरी तरह घूम गया। चूंकि लाश नग्नावस्था में थी तो कपड़ों से पहचान की कोई संभावना ही नही थी। पर विजय ने पहले जतिन से पूछा...

"" क्या बता सकते हैं कि आज आपकी पत्नि ने कोनसे कपड़े पहने थे? "" ठीक यही प्रश्न उन्होंने तेजपाल से भी किया।

पहले जतिन ने बताया - "" सर अनीता ने गुलाबी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। उसके गले मे सोने का मंगलसूत्र भी था। हाथों में चूड़ियां और पाँव में चांदी की पायल थी। पर लाश के पास से सभी कुछ गायब था। यहाँ तक कि अनिता का मोबाइल भी गायब था। और पर्स जो गाड़ी में रखा था वो भी गायब है। ""

इंस्पेक्टर विजय अनीता का मोबाइल नम्बर लेकर उसे टेक्निकल स्टाफ द्वारा ट्रेकिंग पर डाल देते हैं। मोबाइल लगातार स्विच ऑफ आ रहा था। उन्होंने उस नम्बर की कॉल डिटेल निकलवाने को बोला हवलदार साठे से। और फिर तेजपाल की और मुखातिब हुए।

तेजपाल ने बताना शुरू किया - "" साहब ये कोई अनीता नही बल्कि मेरी पत्नि कंचन है। गायब तो मेरी पत्नि का भी मंगलसूत्र है। हाथ की चूड़ियाँ भी नही हैं। पाँव की बिछुड़ी भी गायब थी। और मोबाइल तो कभी कंचन ने रखा ही नही। पूरे घर मे सिर्फ मेरे पास ही मोबाइल था। और किसी के पास नही।

दोनो के जवाब सुनकर गुत्थी और उलझ गई । ये अनोखा मर्डर केस उनके पास आया था। जिसमे दोनो युवतियों की बस आइडेन्टिटी अलग अलग थी । बाकी सब कुछ समान था। आखिर ये सब चक्कर क्या है। दोनो को थाने से वापिस भेज इंस्पेक्टर विजय बारीकी से हर बात हर बिंदु पर दोबारा गौर करने लगे। दोनो की फ़ोटो को कई बार गौर से देखा।अब उनको पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का बेसब्री से इंतज़ार था।

तभी हवलदार साठे हैरानी से बोले - "" सर ये तो मामला और भी उलझता जा रहा है। कौन सच बोल रहा है कौन झूठ ये कैसे पता करें???""

"" तेजपाल की बात की पुष्टि तो पूरे गाँव ने की है साठे। साल भर पहले इनकी शादी हुई , सभी गाँव वाले इसके गवाह हैं। अब जतिन कितना सच बोल रहा है ये तो शहर जाकर छानबीन करने के बाद ही पता चलेगा। सभी दोस्तों सभी रिश्तेदारों से बात करना पड़ेगी। साठे तुम अपने शहर के सभी खबरियों को काम पर लगा दो। इस जतिन और उसके दोस्त अनिल की कुंडली मुझे जल्द से जल्द मेरी टेबिल पर चाहिए। तुम भी शहर जाकर पता करो। सबके बयान लो। में यहाँ तेजपाल का केस देखता हूँ।

समझ नही आ रहा ये रहस्य आखिर है क्या???... क्या ये दोनों घटनाएं यहाँ घटना मात्र एक संयोग हैं या फिर इन दोनों में कोई कनेक्शन है। मुझे किसी गहरे षडयंत्र की बू आ रही है साठे। मेरा दिमाग ये मानने तैयार नही की ये मात्र एक संयोग है। और हाँ जतिन से उस डीलर का नाम और एड्रेस लो। उसे थाने बुलाओ पूछताछ के लिए। मुझे हैरानी है वो एजेंट इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी जतिन के साथ थाने क्यों नही आया। जबकि वो भी इनके साथ था।

तभी साठे बोले - "" सर कहीं ये डबल रोल वाला चक्कर तो नही। जैसा कई हिंदी फिल्मों में होता आया है। एक ही शक्ल की दो लड़कियाँ। एक शहर की आधुनिक और एक गाँव की सीधी-साधी लड़की। शायद बचपन मे बिछड़ गए होंगे। ""

"" क्या बात करते हो साठे तुम। ये फ़िल्म नही हक़ीक़त है। और चलो तुम्हारी बात पर यकीन भी कर लिया जाए तो भले कितनी भी समानता हो, पर शत-प्रतिशत समानता कभी नही होती। कुछ ना कुछ अंतर तो अवश्य होता है। दूसरी बात दोनो हमशक्लों का यहाँ गाँव में होना। एक यही रहती थी तो दूसरी शहर से यहाँ आ गई। और सबसे बड़ा संयोग दोनो गायब भी हों गईं। जिसमे से एक कि लाश मिल गई और दूसरी अभी भी गायब है।

एक और मेन पॉइंट है । लाश की शिनाख्त सही से ना हो पाए कि वो अनीता ही है या कंचन। हमे कन्फ्यूज करने को शायद कातिल ने ये जानबूझकर किआ है ,ताकि हम अनीता और कंचन के बीच ही उलझे रहें ।इसलिए उसके सारे कपड़े उतारकर सारे जेवर उतारकर बालों को बिखराकर मारा गया। गर्दन पर तिल भी समान है। जबकि ऐसा आजतक कहीं भी देखने में नही आया। भले जुड़वां ही क्यों ना हो। लेकिन इतनी समानता!!!!!...नामुमकिन साठे, मेरा अबतक का अनुभव यही कहता है कि ये दोनों एक ही हैं। तेजपाल या जतिन , इन दोनों में से कोई जरूर हमारे साथ गेम खेल रहा है। पता लगाना ही होगा इस गहरे षडयंत्र का। तुम उस डीलर का पता कर उसे यहाँ बुलाओ। वो भी शक के दायरे में है। अबतक उसने हमसे संपर्क क्यों नही किया। शायद वो भी इन सबमें जतिन से मिला हुआ हो। बमनाखेड़ा के जंगल से वो लाश बरामद हुई है। सभी से बारीकी से पूछो। किसी ने कुछ तो देखा होगा। कोई तो जानता होगा।

क्या कंचन ही अनीता है?
यदि वो अनीता है तो फिर कैसे तेजपाल के साथ एक साल से उसकी पत्नि बनकर वो उसके साथ रही?
यदि दोनो एक ही हैं तो कंचन गाँव मे थी तो फिर जतिन की पत्नि बनकर शहर में कौन उसके साथ रह रही थी?
यदि दोनो अलग अलग हैं तो फिर इनमें शत प्रतिशत समानता कैसे?

विज्ञान को चुनोती देता ये केस आखिर किस मोड़ पर जायेगा???

जानने के लिए पढ़ते रहें ।

(कहानी अभी जारी है...)

लेखक - अतुल कुमार शर्मा " कुमार "