निया उस दिन के बारे में सोच ही रही होती है, की उतने में इसकी सहेली सिमरन का फोन आ जाता है।
"कर दिया मैंने तेरा काम।"
"है? कैसे?"
"मैंने इस शनिवार को सबको यहां पार्टी प्लेस रेस्ट्रो में बुलाया है, २ बजे, सिवाय अंकित के।"
"तो?"
"उसे मैंने १:३० बजे बुलाया है।"
"मतलब?"
"मतलब बेवकूफ तू भी यहां १:३० बजे पहुंच जाइयो। और जब तक सब नहीं आते, आराम से उससे बातें करियों।"
"अरे हां.. बहुत बढ़िया। मैं पहुंच जाऊंगी, तू बस उससे ख़बर लेती रहियो।"
"हां.. उसकी चिंता तू ना कर।"
सिमरन की ये बात सुन कर, निया का मन जैसे शांत सा हो गया। आखिर होता भी क्यों ना, सिमरन निया की वो दोस्त थी, जिसने हमेशा उसका साथ दिया।
अंकित उसे पसंद करता है, इसका अंदाजा भी पहली बार सिमरन को ही हुआ था। और उसने बताया था, की जहां भी हम जाते है, मैं इस लड़के को देखती हूं, इससे जाकर एक बार बात तो कर। और निया ने भी जब हिम्मत मार कर बात करी तो दोनो की बात बन ही गई थी।
"ना जाने अब किसकी नज़र लग गई है हमे की ऐसे हो गए।", निया ख़ुद से बोलते हुए, फ़ोन साइड रख के, दरवाज़े की घंटी का जवाब देने गई।
"नज़र लग गई है।"
"हहह..", सामने से आए ध्रुव की बात के जवाब में निया बोली।
"अरे यार.. इतना अच्छा रूममेट था मेरा, पर कुछ दिनों से पागल हुआ है, सारा सारा दिन फोन में लगा रहता है।"
"कुनाल?"
"हां.. भाई हां। ये मुझे तो सीधे सीधे कुछ बता नहीं रहा है, जितनी बार भी बात करता हूं, बात घुमा देता है। इसलिए तुमसे मिलने आया हूं।"
"हां.. बताओ।"
"तुमने इसके साथ वाली लड़की देखी थी ना, क्या गलती से भी तुम उसे जानती हो?"
"अअमम.. देखी थी, पर जानती नहीं हूं।"
"अच्छा।", ध्रुव थोड़ा दुखी होकर बोला।
"कुछ हुआ है क्या?"
"हां यार.. मेरे और कुनाल का एक दोस्त है। वो मिला था मुझे, उसने भी हमारी तरह इसे देखा था। उसका कहना है, की उसे देखने से ऐसा लग रहा है, की सामने वाली कुनाल का फायदा उठा रही है।"
"क्या?"
"हां.. मतलब शायद खर्चा वगरह करना या कुछ।"
"ऐसा? चलो फिर कुनाल से बात करे।", निया घर से निकल कर, ध्रुव और कुनाल के फ्लैट की तरफ़ जाते हुए बोली।
"ओए.. ओए मैडम रुको, तुम्हें क्या लगता है, की तुम जाकर बोलोगी, और वो मान जाएगा, तुम्हें सब बताने के लिए?"
"कोशिश करे बिना मैं कैसे कुछ कह सकती हूं।"
"बिल्कुल नहीं। मेरे पास इससे अच्छा प्लान है।"
"इस रविवार को अगले महीने की पहली बारिश होगी।"
"तो?"
"तो क्या हमे बस इतना ध्यान देना है, की ये दोनो बाहर निकले। और इस काम में तुम मेरा साथ दोगी। इसी बहाने तुम्हें यकीन भी हो जाएगा, पहली बारिश पे।"
"प्लान क्या है?"
"अभी तो बताया।"
"तुम कहोगे क्या, की अपनी जिस गर्लफ्रेंड का तुम हमे बता नहीं रहे हो, उसे लेकर बाहर डिनर पे चलो।"
"हहमम.. फिर तुम ही कुछ बताओ?"
"आइडिया!!"
"बताओ.."
"मूवी टिकट्स.. हम कुनाल को बोलेंगे की हमारे एक्स्ट्रा मूवी टिकट है, और अपने फ्रेंड को बुला ले।"
"और तुम्हें क्यों लगता है, वो उसी को बुला कर लाएगा?"
"अगर तुमने जो बताया वो सही है, तो बंदा ऐसा कर ही नहीं सकता की उसे फ्री टिकट मिले और वो किसी और को ले जाए।"
"पर क्या इससे कुछ होगा?"
"हां.. महीने की पहली बारिश का तो बस वातावरण भी कुछ कपल्स के लिए ख़राब होता है। और कुछ जिनके रिश्ते ज्यादा ही मजबूत होते है, वो बारिश में भीगना मुश्किल सेहन कर पाते है। और मैं यकीन से कह सकता हूं की ये बस वातावरण से निपट जाए ऐसे है।"
"चलो फिर देखते है, तुम्हारा यकीन कितना सही है!!"
"ठीक है, फिर रविवार का याद रखना। और मैं भी टिकट्स का इंतजाम करता हूं।"
ये कह कर निया और ध्रुव दोनो अपने अपने कामो पे चल दिए।
अगले दिन ऑफिस जहां पूरी तरह से काम में बीता, वहीं शाम में जब निया जब घर आ रही थी, तो रिया का कॉल आया।
"सुन.. कुनाल का फोन आया था, डिनर के लिए बुला रहा है। तो मैंने तेरी तरफ़ से भी हां बोल दिया है, तो सीधा यही हेवेंस में पहुंच जाइयो।"
"ठीक है।"
तयानुसार निया हेवेंस पहुंचती है, और वहां पहले से ही, ध्रुव और रिया बैठे होते है।
"क्या बात है, डिनर शिन्नर!!", निया कुनाल से पूछती है।
"हां, मेरे पास आज सब के लिए एक न्यूज थी, तो सोचा डिनर के साथ बताऊ। आओ बैठो ना, फिर बताता हूं।"
"हां.." धीरे से बोलते हुए, निया चेयर खीच के बैठ जाती है।
"ये तो पहले से ही अच्छे दोस्त है, मैं यहां गलत तो नहीं आ गई।", निया सोच ही रही होती है की इतने में कुनाल बोल पड़ता है।
"सो गाइज.. खबर ये है, की मैं डेट कर रहा हूं।"
ये सुनते ही रिया अपनी आंखें बड़ी करती है और पूछती है, "ये बात थी, कौन है वो पागल।"
निया बस कुनाल की तरफ देख कर हंसती रहती है, और ध्रुव वो अपने खाने में ही लगा रहता है।
"यार कैसे दोस्त है मेरे, कोई खुश नहीं है क्या मेरे लिए?", कुनाल पूछता है।
"ये बैठी तब से खुश होए जा रही है, तूने देखी नहीं?" ध्रुव निया की तरफ़ इशारा करते हुए बोला।
"पहले फ़ोटो दिखा तू, बाकी बातें बाद में।", रिया कुनाल से फ़ोन दिखाने का इशारा करते हुए बोली।
"अरे बहुत सुंदर है वो..", कुनाल के रिया को फोन पकड़ाते समय रिया बोली।
"तुम्हें कैसे पता?", कुनाल ने एकदम से पूछा।
"वो.. वो मैं तो ये कह रही थी, की बहुत सुंदर ही होगी, आखिर कुनाल की चॉइस है", ध्रुव के बड़े से चेहरे से घबराते हुए निया बोली।
"तू कुछ क्यों नहीं बोल रहा ध्रुव?", कुनाल ध्रुव से पूछता है।
"मैं? ", कुनाल की तरफ़ देखता हुआ ध्रुव बोला। "बोल तो रहा था, की ये सब्ज़ी बड़ी अच्छी है, और एक मंगा दे।"
"तू नालायक, सुधरेगा नहीं ना।", कुनाल हंसते हुए बोला।
"वैसे हम वहीं हमारी ट्रिप पे मिले थे...", कुनाल सारी कहानी सुनाता हुआ बोला।