Unsolved Questions (Part 10) in Hindi Short Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | अनसुलझा प्रश्न (भाग 10)

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अनसुलझा प्रश्न (भाग 10)

30--चेतावनी
"आज फिर पीकर आये हो?"पति को लड़खड़ाते देखकर कमला बोली थी।
"हां,"दीना बोला,"तू कौन है मुझे रोकने वाली?"
"तेरी जोरू,"कमला बोली,"घर खर्च को देने के लिए तो तुम्हारे पास पैसे नही होते।लेकिन दारू पीने के लिए रोज पैसे आ जाते है।"
इसी बात पर पति पत्नी में तू तू मैमै होने लगी।बहस में जब दीना पत्नी से नही जीता तो पत्नी पर हाथ उठाते हुए बोला,"साली जुबान चलाती है।ऐसे नही मानेगी।"
"मैने बहुत मार सह ली लेकिन अब नही,"कमला पति का हाथ पकड़ते हुए बोली,"आज हाथ ही पकड़ा है।आगे अगर यह गलती की तो--
रोज उसके हाथों पिटने वाली पत्नी का अप्रत्याशित वयवहार देखकर दीना हक्का बक्का रह गया। कमला ने आगे की बात को अधूरा छोड़ दिया।लेकिन पत्नी के हाव भाव देखकर दीना समझ गया कि आगे वह क्या कर सकती है।पैर की जूती सिर पर भी पड़ सकती है
31--अपनो का स्नेह
नौकरी लगने के बाद वह पहली बार गांव आया था।गांव से वह वापस शहर जाने लगा,तब किसी ने चना,किसी ने चावल,किसी ने गुड़ प्रायः सभी रिस्तेदारो ने उसे कुछ ने कुछ दिया था।उसने सब सामान एक बोरी में भर लिया था।
बोरी लेकर वह स्टेशन पहुंचा तब ट्रेन प्लेटफॉर्म से रेंगने लगी थी।उसने चलती ट्रेन में बोरी फेंकी और एक डिब्बे में चढ़ गया।बोरी दरवाजे पर रखी थी इसलिए वह सम्भल नही पाया और प्लेटफॉर्म पर आ गिरा।प्लेटफॉर्म पर खड़े लोगो ने दौड़कर उसे उठाया और चलती ट्रेन में चढ़ा दिया।
बोरी अब भी दरवाजे पर रखी थी।जिसमे रिश्तेदारों द्वारा दिया हुआ सामान भरा हुआ था।उसने पहले बोरी को पकड़ा और पहले डिब्बे के अंदर ले जाने की सोची।लेकिन दूसरे ही पल बोरी को ट्रेन से नीचे गिराने लगा।,"आज इस बोरी की वजह से ही मेरी जान चली जाती।
फिर मन में विचार कौंधा,"नही।शायद अपनो के स्नेह से भरी बोरी की वजह से ही उसके प्राण बच गए।
और उसने बोरी को फिर अंदर खींच लिया।
32--पाप
”बहु तुम गर्भपात करा लो।"
"क्यों मां जी?"सास की बात सुनकर माला ने पूछा था।
"मैं पोती नही,पोता चाहती हूँ।"
"मां जी लड़के लडकियो में कोई फर्क नही होता।आजकल बेटियां भी खानदान का नाम खूब ऊंचा कर रही है।"
"बहू, लड़की पराया धन होती है।शादी के बाद वह दूसरे घर चली जाती है।मेरे खानदान की बेल को तो पोता ही आगे बढ़ाएगा,"कमला बहु को समझाते हुए बोली,"इसलिए तू इस गर्भ से छुटकारा पा ले।"
"मां जी आप औरत होकर भी कन्या भ्रूण हत्या की बात कर रही है।कन्या भ्रूण हत्या अपराध के साथ पाप भी है,"माला बोली,"जब आप गर्भ में थी।तब आपकी दादी ने भी आपकी माँ से गर्भपात कराने के लिए कहा होता तो--?
बहू के प्रश्न ने कमला को सोचने के लिए मजबूर कर दिया।अगर उसकी दादी ने भी उसकी माँ से गर्भपात कराने के लिए कहा होता,तो वह आज इस संसार मे नही होती।और उसके मन मे उधेड़बुन मच गयी।मन ही मन मे निर्णय करके कमला,माला से बोली,"बहू आज तूने मेरी आँखें खोल दी । मैं औरत होकर औरत की हत्या का पाप करने जा रही थी।।तूने मुझे पाप करने से बचा लिया।"
33--डर
निर्भया कांड के बाद सरकार ने कानून को सख्त कर दिया था।बलात्कार की सजा फांसी या आजीवन कारावास कर दी गयी थी।
लेकिन कोई डर ही नही रहा था।बलात्कार की घटनाएं थम ही नही रही थी।