Udaan - 9 in Hindi Fiction Stories by ArUu books and stories PDF | उड़ान - 9

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उड़ान - 9

दरअसल हुआ ये की पीहू की तेज नजरो से रिहाना का हाल छुप ना सका और उसने समझ लिया की वह भी रुद्र को पसंद करती है पर रुद्र उसे घास तक नहीं डालता । वह जानती थी भी रुद्र भी काव्या को पसंद करता है पर जाने क्या मजबूरी है उसकी की वह उससे कटा कटा सा रहता है, आज उसने रिहाना की बाते सुन ली थी जब वह अपनी फ्रेंड्स को कह रही थी की इस काव्या को तो वह सबके सामने बेइज्जत करेगी। तभी उसके दिमाग में प्लेन बना और वह मान मनुहार कर के काव्या को कैंटीन ले गयी और उसने रुद्र को देख काव्या को ऑर्डर देने भेजा और सच में सब कुछ उसके प्लेन के मुताबिक ही हुआ।
रुद्र बिना किसी को देखे काव्या को सीधा हाथ पकड़ कर बाहर ले गया और काव्या उसे देखते देखते उसके पीछे चलती रही। वह उसे ले के सीढ़ियों पर रुका जो की उसकी क्लास में जाने का रास्ता थी। पर आज वहा भीड़ कम थी।
उसने काव्या को देखा और कहा "क्या जरूरत थी तुम्हे उसे मारने की,... मै था न वहा सब संभालने के लिए... फिर तुम्हे उससे लड़ने की जरूरत कहा से आन पड़ी थी" रुद्र पूरे हक से उससे ये सब पूछ रहा था। काव्या बस उसे देखती रही। वह समझ नहीं पा रही थी की जो इंसान उसे देखता तक नहीं वो आज इतने हक से उससे बाते कर रहा। उसे एक पल लगा जैसे वो सपना देख रही है। अगले ही पल रुद्र ने संभलते हुए कहा की अब जाओ क्लास में और पढाई करो। वह कुछ भी बोलती उससे पहले रुद्र वहा से जा चुका था। वह चाहती थी की आज उससे खूब बाते करे और बताये की पूरा कॉलेज हमारे बारे में क्या बात करता है पर आज फिर रुद्र उसकी बात बिना सुने चला गया पर आज जितना सुकून महसूस कर रही थी वो उसे शब्दो में बया करना भी आसान नहीं था। वो रुद्र के उसी अहसास में भीगी विनी के पास गई और उसे गले से लगा लिया। विनी उससे नाराज बहुत थी पर उसने भी अपनी सारी नाराजी साइड में रख काव्या से पूछा "क्या बात है... इतनी खुश"? विनी के चेहरे पर भी खुशी के भाव थे। कितना भी नाराज हो ले उससे पर जब वह खुश होती तो उसे देख अपनी सारी नाराजी भूल जाती थी।
काव्या ने कहा "तूने कल पूछा था न मेरे मन में क्या है... चल बाहर आज में तुझे सब बता देती हु... फिर कोई गिला शिकवा मत रखना मुझसे। वह उसे बाहर ले गयी। विनी ने कोहतूल भरी नज़र से उसे देखा। जैसे वह एक पल में सारी बात जान लेगी। उसने कहा" जल्दी बता यार क्या बात है.., और वेट नहीं होता मुझसे।
"यस आई एम इन लव.... तुने सही बोला में रुद्र से बहुत प्यार करती हु यार... आज से नहीं पहली मुलाकात से... और आज जब उसने मुझसे इतनी हक भरी बात कहीं तो मैं फील कर पायी की मैं उससे बहुत प्यार करती हु... मुझे उस रिहाना का रुद्र के आस पास भटकना अच्छा नहीं लगता... तु समझ सकती है न की अपने प्यार को किसी और के साथ देखना कितना बुरा अहसास है... और उसी गुस्से से भरी हुई थी और आज उसने मुझे कैंटीन में धक्का दिया तो मैने भी उसे दो थप्पड़ जड़ दिये पर तुझे पता है रुद्र ने उसका साथ ना दे के उसे वारनिंग दी... यार टूडे आई एम सो हैप्पी। उसने चहकते हुए विनी से कहा। विनी ने उसे प्यार से गले से लगाया और कहा "बस तु हमेशा खुश रहा कर और कुछ नहीं चाहिए मुझे। दोनों देर तक बाते करते रहे। पीहू दूर खड़े उन दोनों को देख खुश हो रही थी।
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अगले कई दिन उसी तरह निकल गए रुद्र पढाई में बिजी था तो वह काव्या से बात नहीं करता काव्या कोशिश करती पर रुद्र तो जैसे उसे जानता तक नहीं था। कई बार तो उसने रुद्र को रोक कर बात करने की कोशिश की पर रुद्र ये कह कर टाल देता की "काव्या तुम पढाई पर ध्यान दो अभी...बाद में बात करते है" वह बहुत परेशान हो कर रह जाती थी। उसे लगता जैसे उस दिन वाला रुद्र फिर से कहीं खो गया है।
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आज क्लास में कुछ शोर था। रोज़ से कुछ ज्यादा। वह निशि थी।उन दिनों काव्या ने निशि को पहली बार देखा था... ऐसा नहीं था की निशि कॉलेज में नई थी पर उसने कभी उसको ध्यान से देखा नहीं। वह जोर जोर से क्लास में चिल्ला रही थी...उसके हाथ में एक बड़ा सा चाकू था जिसे वह एक लड़की को मारने की कोशिश कर रही थी
निशि अपने गुस्से पर से काबू खो चुकी थी। एक लड़का उसे मनाने की कोशिश कर रहा था। काव्या उसे देख डर गई विनी भी सहम गयी थी तो उसने पास खड़े राज के हाथ को पकड़ लिया। राज उसे देख मुस्कुरा उठा। वह प्यार भरी नजरो से लडाई को छोड़ कर विनी को देखने लगा। पीहू ने तब उन लोगो को बताया की ये लड़का निशि का बॉयफ्रेंड है और ये निशि को धोखा दे रहा था और इस लड़की के साथ चक्कर चला रहा था। क्युकी निशि उससे बहुत प्यार करती थी इसलिए वह उसको अपने से दूर होता देख अपना आपा खो बैठी, पर एक बात है निशि ने उस लड़के को इतना परेशान कर रखा था की वह चाह कर भी इस पागल के साथ नहीं रह सकता, उसके हाथ और चेहरे पर निशान देख रहे हो(पीहू ने लड़के की तरफ इशारा कर की बताया) ये सब निशि के पागलपन की निशानी है। वह गुस्से में उसपे हाथ उठा देती और कई बार उसपे चाकू तक मार देती... बस इसी से परेशान हो कर वह किसी और से शादी करने का मन बना चुका है तो ये महारानी पहुँच गयी उसका भी खून करने... लगता हे आज तो लड़की को मार कर ही दम लेगी" । पीहू ने बिना रुके सारी बात अपने दोस्तों को कह दी। राज विनी को थामे खडा था पर वह कूद पड़ा लड़की को बचाने। बड़ी मेहनत मस्कत के बाद निशि को शांत किया और विनी ने उसे अपने पास बैठाया। काव्या ने देखा की इतने शोर में रुद्र कहीं नहीं है वह समझ गयी की लाइब्रेरी मे बैठे कर वह पढ़ रहा होगा। विनी निशि को समझा बुझा कर इतना पाठ पढ़ा दिया कि अपने प्यार की खुशी के लिए उसे जाने देना ही बेहतर है। निशि बिना कुछ बोले भीगी आँखों से बस उसकी सारी बाते सुन रही थी। उसकी अभी कुछ बोलने की हिम्मत नहीं थी। जब सब वहा से चले गए तो भी वह बहुत देर तक खामोशी से वहा बैठे आँसू बहती रही। रुद्र सबके जाने के बाद उसके पास आया और उसे हिम्मत देने लगा। रुद्र को सारा मामला उसके एक दोस्त ने समझा दिया था पर वह निशि से अकेले में मिलना चाहता था क्युंकि सबके साथ होने पर उसे सहज नहीं लगता था एक लड़की से बात करना। वह और निशि काफी देर तक बाते करते रहे और निशि ने अपनी सारी कहानी उसे बयाँ कर दी। रुद्र उसे वहा से घर छोड़ आया। जाते टाइम निशि की कार में गया पर आते टाइम पैदल हो आया। रुद्र की बातों और दिलसो ने उसे बहुत हिम्मत दी थी। अब वह अक्सर रुद्र के आस पास देखने को मिल जाती। काव्या उस दिन के किस्से से बेखबर थी पर उसे इस तरह रुद्र का निशि से बाते करना पसंद नहीं था। और रुद्र को भी कहा पता था की निशि से बात करना उसे मुसीबत में डाल देगा
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