Udaan - 8 in Hindi Fiction Stories by ArUu books and stories PDF | उड़ान - 8

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उड़ान - 8

अब तक आपने पढ़ा की रुद्र के बर्ताव से काव्या परेशान रहती है और दूसरी तरफ विनी काव्या से सीधा सवाल कर लेती है और काव्या अचानक किये इस प्रहार का जवाब नहीं दे पाती
वह चुप चाप चलती रहती है
विनी फिर अपना सवाल दोहराती है " रुद्र को पसंद करती है ना तु"
विनी के इस सवाल का वो कोई जवाब नही देती हैं वह एक बार विनी को देख उससे नजर फेर लेती है पर विनी थी कि आज सब कुछ जानने को तैयार थी।
" देख काव्या... कॉलेज में सबको पता है की तु मन ही मन रुद्र को पसंद करती है... मै जानना चाहती हु कि तेरे मन में सच में क्या है..... कभी तु चिढ जाती है उसकी बात पर तो कभी उसके सामने आने पर असहज हो जाती है.... तेरी धड़कनो में अनायास ही तेजी आ जाती है। अब सच बता क्या है तेरे मन में? "विनी ने गंभीर हो के पूछा।
काव्या ने फिर से उसके सवालों का जवाब देने में कोई दिलचस्पी नही दिखाई तो विनी ने उसे हाथ पकड़ कर वही रोक दिया और काव्या के घर के सामने बने पार्क में उसे जबरदस्ती खीच कर ले गयी। इस बीच उसने काव्या से उसकी सहमती भी नही मांगी। विनी ने उस साफ शब्दों में कहा की जब तक वो बता नहीं देती उसके मन में क्या है तब तक वो उसे यहाँ से जाने नहीं देगी। विनी के चेहरे को देख कर वह एक बार तो डर गयी पर उसने अपने आप को सहज रखते हुए कहा," मुझे नहीं पता... पर हाँ इतना जरूर है कि मै उसके इस तरह इग्नोर करने से बहुत हर्ट हुई हु... वोह सबसे नोर्मली बिहेव करता है पर मुझे देख के जाने क्यों आँखें फेर लेता है... पहली मुलाकात में जिस अंदाज़ से उसने मुझसे बात कि मै काफी प्रभावित हुई उससे पर बाद मे उसे देख ऐसा लगने लगा जैसे ये लड़का उस दिन वाले लड़के से बहुत अलग है.... पर विनी वह मुझसे बात क्यों नही करता... कभी कभी लगता है जैसे मैं उसके लिए मायने नहीं रखती, "।विनी ने कहा तो तुझे लगता है वह तुझे जान बुझ के इग्नोर करता है... और मायने तो उसके लिए कोई भी लड़की नहीं रखती... क्लास की बहुत सी लड़किया उससे बात करने को मरती है पर वह बहुत कम बात करता है ऐसे में वो तुझसे क्यों ज्यादा बाते करेगा... क्या उसे मालूम है तुम्हारे दिल का हाल?? विनी ने उससे सवाल किया।
काव्या जवाब देती उससे पहले मन में ख्याल आया की अभी तो विनी कह रही थी की पूरी कॉलेज को पता है मेरे दिल का हाल फिर वो तो कोई बच्चा है नहीं जिसे कुछ समझ नहीं आता... पर उसने कहा " कौन सा हाल? क्या लगा रखा है तूने? और किसने कह दिया तुम सबको की मै उस खडूस को पंसद करती हु? अब फालतू बाते ना करो और मुझे जाने दो... बहुत पढ़ना है एक्जाम पास आ रहे है... तु भी जा और पढ़ाई कर। ये कह कर काव्या तेज कदमों से वहा से निकल गयी।
वह जाते जाते सोच रही थी की कहीं सच मे वह रुद्र को पसंद तो नहीं करने लगी थी! नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता... पर ऐसा नहीं है तो वह क्यों हर टाइम रुद्र को सोचा करती है? ऐसा कुछ नहीं है काव्या बस पढाई पर फोकस कर। मन में ये सब सोचते हुए वह अपने कमरे तक पहुँच गयी और थक कर सो गयी।
********
आज कॉलेज में उसका मूड कुछ उखड़ा हुआ था, पीहू ने उसकी हालत देख उसे कैंटीन ले जाना चाहा तो उसने मना कर दिया पर वीर के बहुत समझाने पर वह चलने को राजी हुई। विनी उससे थोड़ी नाराज थी तो उसने क्लास मे ही बैठे रहना मुनासिब समझा। जब वह कैंटीन गयी तो रुद्र वहा पर पहले से मौजूद था जिसका अहसास काव्या को नहीं हुआ और वह उखडे मूड से ऑर्डर देने गयी
रुद्र भी वही माज़ुद था... पर काव्या का ध्यान उस तरफ नहीं गया। तभी एक लड़की ने आ कर काव्या को जोर से धक्का मारा। गिरते गिरते बची थी वह पर किसी ने उसे थाम लिया था। उसने बिना उस इंसान को देखे सीधा वापस मुड़ी उस लड़की को एक पल देखा और उसे दो तमाचे जड़ दिये।लड़की का नाम रिहाना था काव्या को याद आया की उसने बहुत बार उसे रुद्र के आस पास मंडराते देखा था जिससे वह उससे पहले ही छिड़ती थी और आज उसकी इस हरकत ने उसके गुस्से को और भड़का दिया जिससे काव्या ने बिना कुछ सोचें रिहाना को दो थप्पड़ जड़ दिये। पर रिहाना जैसे पूरी तैयारी के साथ आयी थी उसने काव्या को फिर से मारने को हाथ उठाया ही था की किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया। काव्या ने मुड़ के देखा तो वहा रूद्र था। उसे तब पता चला की उसे गिरने से बचाने वाला भी रुद्र ही था। रुद्र ने रिहाना का हाथ झटके के साथ नीचे किया और उसे धमकी भरे सूर में कहा "आइंदा से काव्या को हाथ लगाने की भी जुर्रत ना करे वरना..." इतना कह वह काव्या का हाथ पकड़ के कैंटीन से बाहर ले गया।
पीहू और वीर मुस्कुरा कर ये सब देख रहे थे। पीहू के मुख पर विजयी मुस्कान थी।