Mere shabd meri pahchan - 15 in Hindi Poems by Shruti Sharma books and stories PDF | मेरे शब्द मेरी पहचान - 15

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मेरे शब्द मेरी पहचान - 15


आज की कविताएं :-)
1.) अँधेरा ।
2.) तपना ज़रूरी है ।


देखा जाए तो रौशनी आँखो को धूमिल करती है और अंधेरा आँखो में पडी धूल को हटाने में मददगार है । अंधेरा आपके अस्तित्व को बनाए रखता है परंतु रौशनी आपको मुखौटे पहनने पर मजबूर कर देती है । रात काली ज़रूर होती है मगर याद रखना की चाँद का अस्तित्त्व अंधेरे से ही है ।



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---- अंधेरा ----

*
की अंधेरा हालात नहीं बदलता ,
जज़्बात नहीं बदलता ,
बदलता है तो जिंदगी की कश्मकश से लड़ने का तरीका ,
ये तो साथी है मेरा
ये मेरे लिखने का एतिहात नहीं बदलता ।


* सुकून मिलता है , अँधेरे में खुले आसमान के नीचे ,
होकर चिंतामुक्त ध्यानमगन संग आँखे मीचे ,
सोच कर लिखा या लिख कर सोचा पता नहीं ,
हो जाता है धूमिल ये सफेद मगर काला कभी अपना रंग नहीं बलादता ,
कहो प्रतीक बुराई का या नाकारात्मकता का
तारीफ़ के चलते ये अपने जीने का ढंग नहीं बदलता ।


* और क्या कहूँ अँधेरे के बारे में ,
काला ही सही मगर सपने रंगीन सजाता है ,
अधूरा न रहे ख्वाब किसी का इसलिए ये रात भर साथ निभाता है ,
ढूंढ लो तुम खुद को इस अँधेरे में , बस यही बात बताता है ,
क्योंकि
अँधेरे में आँखे खुल जाती हैं ,
मगर रौशनी में कोई सच नहीं बताता है ,
जान लो इस बात को की
रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता
जैसा है वैसा ही खुद ये को अपनाता है ,
ये काला रंग ही है जो हमें बिना मुखौटे के बिना जीना सिखाता है । ।



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---- तपना ज़रूरी है ----

* तपना ज़रूरी है , ये हकीकत है निखरने की
दिल न कहे तो मजबूरी , और हाँ कहे तो मंजूरी है ,
दर्द सहे बिना सफलता की दासताँ कुछ अधूरी है ,
जग्मगाओ भले ही सतह से तुम , मगर यूँ की लोग कह उठें की
तुम्हारे तेज और सूर्य के प्रकाश में न कोई दूरी है ,
चमकना है तो , तपना ज़रूरी है ।


* की बनना स्वयं अपनी जिंदगी के चालक ,
जो कोई और बना तो वो तेरा कर्म नहीं मजदूरी है ,
फिर करना हुक्म की तामील जो हुज़ूर की हुज़ूरी है ,
मेरी मानो तो त्यागो फरमान - ए - आराम
फिर देखे गए स्वप्न की पूर्ति न ही अधूरी है ,
क्षमता को नापना है , तो तपना ज़रूरी है ।


* तपोगे तो निखरोगे , जलोगे तो बिखरोगे ,
सफलता की चढ़ाई में तुम नाजाने कितनी दफा फिसलोगे ,
मगर अब जब भी चढ़ो तो ये कहकर चढ़ना की
इरादे फौलादी , बेखौफ जज़्बा और संग लिए जीत की आशा पूरी है ,
जो चाहो मिल जाएगा , मगर कुछ पाने की लत भी लगना ज़रूरी है ,
ये जिंदगी है जनाब , तपना ज़रूरी है । ।


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✍🏻 -श्रुति शर्मा