श्रुति शौर्य अंजलि रोहित अविका फिर शौर्य के फ़ार्महाऊस में आते है किसिने सोचा भी नहीं था की यह सिक्योरिटी गार्ड ही ड्रग डीलर होगा और शायद यही वजह भी थी की कोई उसे पकड नही पा रहा था।
अब ड्रग डीलर तो पकडा जा चुका था लेकिन अफताब कनिस्का कीर्ति और रुपोर्त्शी का कुछ पता नही चल रहा था की वो क्या करना चाहते हैं।
सभी फ़ार्महाऊस के अंदर एक कमरे मे सोफे पर बैठे थे की तभी अनिकेत आता है।
श्रुति-" अरे अनिकेत तुम यहां।"
अनिकेत -" हाँ अभी शौर्य ने ही तो कॉल कर के बुलाया।"
श्रुति शौर्य की तरफ देखने लगती है तो शौर्य हाँ मे गर्दन हिला देता है।
रोहित-" अनी,,, तुझे कुछ पता चला वो लोग क्या करना चाहते हैं ।"
अनिकेत -" उनके बारे मे एक अजीब बात पता चली है।"
शौर्य-" क्या।"
अनिकेत-" अफताब कनिस्का और कीर्ति शायद रुपोर्त्शी के कहने पर काम करते हैं जो वो कमांड देती है लेकिन रुपोर्त्शी को कौन कमांड देता है यह बात नही पता चल पा रही है।"
अविका-" इसका मतलब रुपोर्त्शी से भी बड़ा कोई उनके पीछे है।"
अंजलि-" यार मुझे भी ऐसा ही लगता है।"
अनिकेत-" अच्छा हाँ एक बात और बतानी थी।"
अविका -" क्या।"
अनिकेत -" वो दिल्ली डिफेन्स हैडक्वार्टर से हमको कमांड मिला है की जब भी हमें आर्मी की जरुरत पड़ेगी हम ले सकते हैं।"
श्रुति-" एक बोलूं।"
शौर्य उसकी तरफ देख कर बोलता है-" बोलो।"
श्रुति-" मुझे लगता है ना यह सब किसी आतंकी संगठन से है।"
सभी लोग हैरान होकर उसे देखने लगते हैं।
अनिकेत-"एक्जैक्टली मुझे भी यही लगता है बस कोई सबूत नही मिल रहा है की मै प्रूफ कैसे करु।"
सभी एक बार के लिये शॉक थे और श्रुति के खुरपाती दिमाग की मन ही मन तारीफ कर रहें थे।
इधर दूसरी तरफ वो व्यक्ति जो ड्रग्स को खरीदता था और रुम नम्बर 545 मे चेयर पर पीठ करके बैठा था वो एक अन्धेरे कमरे मे बैठा होता है की उस रुम मे कोई आता है।
रुपोर्त्शी-" बॉस अपने बुलाया।"
वो व्यक्ति एक ठंडी आवाज में-" रुपोर्त्शी हमें ड्रग्स की सप्लाई बंद करनी पड़ेगी।"
रुपोर्त्शी-" पर क्यूं।"
वो व्यक्ति-" सिक्योरिटी गार्ड पकडा गया।"
रुपोर्त्शी थोड़ा आश्चर्य से-" तो क्या हुआ।"
वो व्यक्ति गुस्से से चिल्लाते हुये-" अरे बेवकूफ वही ड्रग्स की डीलिंग करता था हमसे।"
इधर रुपोर्त्शी उससे डर जाती है और बोलती है-" तो बॉस हम क्या करे अब।"
वो व्यक्ति-" तुम्हारे कॉलेज के स्टूडेंट्स विंटर पिक्निक पर जाने वाले है वही पर सभी काम को अंजाम दो फिर तो सरकार को भी हमारे आगे झुकना पड़ेगा....जल्दी जल्दी सरि तैयारियाँ करो फिर अपनी पूरी टीम के साथ वापस हमे भारत से निकल जाना है।"
रुपोर्त्शी-" ओके बॉस ।"
इतना कह वो वापस जाने लगती है की वो व्यक्ति पीछे से ही बोलता है-" और तुम्हारी टीम को भी पता नही चलना चाहिये की मै हूँ कौन नही तो उसके आगे तुम खुद जानती हो की क्या होगा।'
दूसरे दिन सभी कॉलेज जातें है तो सभी स्टूडेंट्स कुछ बात कर रहे थे सब एक दुसरे से लगे थे यह देख श्रुति अंजलि और अविका जो की साथ ही आज आई थी वो सोचती हैं की भाई अब क्या हो गया यहा ।
तभी रोहित और शौर्य भी अंदर से उन्ही की तरफ आ रहे थे। रोहित-" ओए तुम लोगो को पता है कॉलेज एक गर्ल्स क़ुइज़ कम्पटीसन कर रहा है।"
श्रुति तो सुनते ही खुश हो जाती है -" क्या बोल रहे हो सच मे क्या।"
तभी अंजलि और अविका मुँह बनाते हुये-" क्या बकवास है यार हमे तो थोड़ा भी इंट्रेस्ट नही है इन सब मे।"
श्रुति चहकते हुये-" मुझे तो पार्टिसीपेट करना है और मेरा फ़ेवरिट कम्पटिसन है ये।"
तभी शौर्य-" बिल्कुल नहीं।" श्रुति-" पर क्यूं।"
शौर्य-" तुम्हे पता भी है यह कम्पटिसन हमारे एरिया मे नही हो रहा है ऊपर से वहाँ पर एक दिन पहले से जाना होगा ।"
श्रुति कुछ देर सोचते हुये-" तो क्या हुआ चले जायेंगे।"
शौर्य मन मे ही सोचता है की यह पागल समझ भी नही रही है की इसको बहुत खतरा है।
श्रुति बार बार जिद कर रही थी। आखिरकार शौर्य कहता है -" ठीक है फिर जाओ ।"
श्रुती खुश होकर-" सच्ची।"
शौर्य -" हम्म...... पर एक शर्त पर।"
श्रुति मुह बनते हुये-" अब क्या है।"
शौर्य-" मै भी तुम्हारे साथ चलूंगा।"
श्रुति-" पर कैसे वहा पर होटेल मे जहा रुकेंगे वहा भी पार्टीसिपेटेड गर्ल्स ही रहेगी तो तुम कैसे साथ रहोगे ।"
शौर्य-" कोई बात नही मै मैनेज कर लूंगा।"
श्रुति-" ठीक है फिर।"
शौर्य-" तो तुम जा सकती हो अब।"
श्रुति खुश होकर शौर्य के वही पर गले लग जाती है और गाल पर किस कर देती है। अचानक हुये हमले से शौर्य का दिमाग तो पूरा खाली और आँखे भी बड़ी हो जाती है।
इनको ऐसे देख अंजलि और अविका इधर उधर देखने लगती है और रोहित अपने गले को साफ करते हुये बोलता है-" उह्ह्हू ... हो गया तो जाओ डीन के ऑफ़िस मे नाम लिख कर दे आओ।"
श्रुति यह सुन उससे अलग हो जाती है और झेपते हुये वहा से चली जाती है। फिर श्रुति जाकर अपना नाम क़ुइज़ कम्पटिसन के लिये डीन के ऑफ़िस मे दे आती है।
कुछ दूर पर ही मानसी यह सब देख रही थी उसे उनकी बात तो नही सुनायी दे रही थी लेकिन हरकते दिख रही थी वह देखती है की श्रुति डीन की ऑफ़िस की तरफ जा रही है जिससे वो समझ जाती है की श्रुति क़ुइज़ मे पार्टीसिपेट कर रही है जिससे उसके चेहरे पर एक खतरनाक मुसकान आ जाती है।
क्लासज भी स्टार्ट हो जाती हैं और फिर सबको समय भी नही मिलता है ज्यादा एक दुसरे से बात करने की। लगभग 5-6 क्लास के बाद कॉलेज बन्द हो जाता है।
शाम के समय----
एक बार में बैठी तीन लड़किया- सिया जिया और मानसी कुछ बाते करने और ड्रिंक करने मे व्यस्त थी।
जिया-" मानसी तुम्हारे शौर्य को वो पिद्दी श्रुति तुमसे दूर ले जा रही हो और तुम देख रही हो बस बैठकर क्यो सिया बहन।"
सिया-"हाँ जिया बहन सही बोली तुम।"
लेकिन मानसी राक्षसी हंसी हसते हुये बोलती है-" तुम दोनों ना बिल्कुल बेवकूफ हो समझी।"
जिया मुँह बनाते हुये-" हमने गलत क्या बोला इसमें और श्रुति एक दिन सच मे शौर्य से शादी कर लेगी तो देखती रहना बैठकर।"
मानसी दांत पीसते हुये-" उस श्रुति का मै ऐसा हाल करूंगी ना की देखती रह जायेंगे सब बस क़ुइज़ कम्पटिसन के दिन का इन्तजार है और वो श्रुति अपने उस पल को कोसेगी जब वो मेरे शौर्य से मिली थी बस देखते जाओ तुम।"
सिया-" क्या करने वाली हो तुम मानसी।"
जिया-" हा बताओ यार।"
लेकिन मानसी हसते हुये अपनी चेयर से उठ बाहर चली जाती है और कार से घर को निकल जाती है इधर सिया और जिया उसे बस आश्चर्य से देखती रह जातीं हैं।
तो क्या लगता है की मानसी क्या करने वाली है अब ? और वो व्यक्ति कौन है जो रुपोर्त्शी को कमांड दे रहा था और वो क्या करने वाले है विंटर पिकनिक में?
क्रमश: