मिस्टर रंजन को आज नहीं समझ आ रहा था की आखिर प्रेरित को आज हुआ क्या है इसलिए वो बार बार उससे पूछ रहे थे लेकिन वो कुछ और कहते इससे पहले प्रेरित ने उनके मुह मे कपड़ा ठूंस दिया और उन्हें बेड से बाँध कर सारी शराब की बोतलें बिस्तर और अपने चाचा जी पर फोड़ दीं |
मिस्टर रंजन चिल्लाते रहे पर उनकी आवाज उनके मुह से बाहर न आ सकी और प्रेरित ने बेड में आग लगा दी, अपने चाचा को जलता तड़पता देख प्रेरित के दिल मे ठंडक पड़ रही थी |
वो उन्हें जलता हुआ छोड़ सीधा अपने घर के लिए रवाना हो गया, उसकी आंखों में आज एक दरिंदगी झलक रही थी ।
इधर प्रेरणा बात करते करते रो पड़ी तो नितेश ने उसे समझाया की सब ठीक हो जाएगा, वो जरूर बिजनेस के कारण डिप्रेस होगा और तभी रोते रोते वह नितेश के गले लग गई और उसी वक्त प्रेरित वहां आ गया और उन दोनों को एक दूसरे के गले लगा देखकर अपने होश खो बैठा |
उसे प्रेरणा में अपनी मां और नितेश में रंजन दिखाई देने लगे, उसने बिना कुछ सोचे समझे नितेश का सर फोड़ दिया, नितेश अपनी जान बचाकर भागने लगा तो प्रेरित ने मेज पर रखी गन से नीतेश को गोली मार दी, नीतेश वहीं गिर पड़ा, प्रेरित प्रेरणा को पागलों की तरह मारने लगा, उसे ऐसा लगता, जैसे उसके बिस्तर पर प्रेरणा और नीतेश लेटे हंस रहे हों और एक दूसरे की बाहों में अठखेलियां कर रहे हों |
प्रेरित ने चिल्लाकर कहा - बोल तू कब से इससे मिलती है साली, मेरे घर में ऐसा करती है, नाजायज बच्चे पैदा करती है, बता स्वप्निल किसका बच्चा है, बोल… वरना आज तेरी जवानी में यही आग लगा दूंगा " |
प्रेरणा को कुछ समझ नहीं आ रहा था और प्रेरणा रो रो कर कह रही थी कि
"नीतेश सिर्फ तुम्हारे बारे मे बात करने आया था" |
इससे पहले वह कुछ और कहती कि प्रेरित ने फिर पूछा,
" बोल स्वप्निल किस का बच्चा है, यह मेरा बच्चा नहीं है ना, बोल… " |
प्रेरणा ने रोते हुए कहा - "आपको क्या हो गया, आप कैसी बातें कर रहे हो, आपको कोई गलतफहमी हुई है ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है" |
प्रेरित ने प्रेरणा पर गन तान दी और कहा "कब से चल रहा था ये, जवाब दो… "
"तूने मेरे घर में मेरे बेडरूम में बहुत मजे कर लिए अब और नहीं, इस कुत्ते को तो मैंने उसकी सजा दे दी, अब तू बोल सच सच बोल यह किसका बच्चा है, इस कमीने का ही है ना"?
प्रेरित का यह रूप देखकर प्रेरणा समझ नहीं पा रही थी कि ये उसका पति है या कोई दरिंदा जो शक की आग में जल रहा हो |
वह प्रेरित के पैरों से चिपक गई, रो-रो कर गिड़गिड़ाते हुए बोली,
"मुझे मत मारो मैंने कुछ गलत नहीं किया" |
उसे रोते देख प्रेरित भी रोने लगा और अपने खून से रंगे हाथों से प्रेरणा के आंसू पोंछने लगा, प्रेरणा का चेहरा खून से लाल हो गया |