Udaan - 6 in Hindi Fiction Stories by ArUu books and stories PDF | उड़ान - 6

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उड़ान - 6

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आज सुबह कॉलेज उसे अकेले जाना था क्योंकि विनी ने उसे फोन कर बता दिया था कि आज मम्मी के साथ बाहर जा रही इसलिए वह कॉलेज नही आ पायेगी वह चाहती थी की वह भी कॉलेज ना जाए पर वह राज की नोटबुक अपने साथ ले आयी थी जिसे लौटाने के लिए उसे आज अकेले कॉलेज जाना पड़ रहा था।
आज विनी के बिना ये रास्ता उसे दो घंटे जितना लंबा लग रहा था।
तभी थोड़ी दूर जाने पर उसे किसी के आने की आहट सुनाई दी
उसने मुड़ के देखा तो रुद्र पीछे चला आ रहा था।
उसने सोचा क्यु ना आज रुद्र से बात कर ली जाए रास्ता भी अच्छा कट जायेगा
पर उसने पहली बार जिस रुद्र से बात की थी ये उससे बहुत अलग है
वह तो कितना कंफिडेंट था और ये बिल्कुल बात नहीं करता
पर हाँ क्लास में वह बस सर के सवालों के जवाब देता इसके सिवा वह बहुत कम बात करता।
उसने बात करने की गरज से बोला "हाय रुद्र"
(बात करने से पहले उसने अपने इगो से समझौता करा था क्योंकी आज तक उसने कभी किसी से बात करने की पहल नही की)
रुद्र ने बिना उसकी तरफ ध्यान दिया चलना जारी रखा।
उसने सोचा की रुद्र ने सुना नहीं तो उसने फिर से कहा "हैलो"
रुद्र ने फिर उसे अनसुना कर दिया। ये बात उसके इगो पर ऐसे जा कर लगी की उसने तुरंत ही रुद्र का हाथ पकड़ लिया और कहा
"तुम सुन नही सकते क्या? मैने क्या बोला"
उसने उसकी तरफ देखा और कहा
"गुस्सा नाक पर रहता है तुम्हारे जरूरी है क्या की हर कोई तुमसे बात करने को मरा जाये और तुमसे बात करनी होती तो अब तक कर ली होती ना समझ नहीं रही तुम और क्लास में तुम्हारी बक बक सुन कर पक चुका हूँ अब प्लीज रास्ते में तो शांति से चलने दो"
उसने पहली बार इतनी उपेक्षा महसूस की। जहा क्लास में हर लड़का उससे बात करने को उतवला रहता है यहाँ एक ये लड़का है जिसने एक ही पल में उसका अभिमान चूर कर दिया।
वह उसे जाते हुए देखती रही और जब वह नजरो से ओझल हो गया तो वह भी उस रास्ते चल दी।
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कॉलेज में पुरे दिन उसका मूड खराब रहा । गलती से भी उसकी नजर रुद्र से मिल जाती तो वह उपेक्षा और गुस्से से नजरे हटा देती पर इन सबके बाद भी रुद्र ऐसे सहज रहता जैसे कुछ हुआ ही ना हो वह अपने उसी गंभीर स्वभाव के साथ रहता कहीं बार उसने खुद को रुद्र की तरफ झुकाव को महसूस किया था पर उसका आज इस तरह का बर्ताव उसे बहुत अंदर तक हिला गया। उसने कहीं बार महसूस किया था की रुद्र उसे पसंद करता है पर आज के उसके बर्ताव ने उसकी सारी अवधारणाओ पर पानी फेर दिया था।
एक दिन chemistry practical के दिन जब वह रुद्र के पास खड़ी थी तब कैसे उसने उसकी हेल्प की थी तब भी तो कई बार उसकी नजरे रुद्र से मिली थी तब तो उसे उसकी आँखों में कोई उपेक्षा नज़र नहीं आई थी, हाँ वह थोड़ी उस दिन अपनी मर्ज़ी से मेरे पास खड़ा था उसे तो सर ने वो सीट ऐलोट की थी पर मैने तो नही कहा था उसे की हेल्प करे मेरी। उफ्फ् ये लड़का मेरी समझ से बाहर है। उसने क्लास में बैठे बैठे बुद्बुदाया ।
"मै कुछ हेल्प कर दु आपकी"?
पीछे से आई आवाज़ को सुन उसने अपना सिर पकड़ लिया।

Ñext......