कहानी को समझने के लिए पिछले भाग अवश्य पढ़ें यह कहानी का भाग 10
अब आगे:-
रवीना जो एक बेहद बिगड़ैल लड़की थी नशा उसके लिए जीवन की बेहद बड़ी जरूरत बन चुका था और ऊपर से अय्याश दोस्त जो उसकी जिंदगी को बर्बाद कर रहे थे उसकी जिंदगी में जहर घोल रहे थे पर वह नादान बनी हुई थी
रवीना अपने चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान लाते हुवे ,,"चलो रेणुका मैं तुम्हें डॉक्टर के पास ले चलती हूं वरना कहीं ऐसा ही तुम्हें दोबारा हो गया तो मुश्किल हो जाएगी, अभी तो मेरे बॉयफ्रेंड आशीष के दोस्तों ने तुम्हारी मदद कर दी, वरना मैं तो अकेले तुम्हें संभाल ही नहीं पाती,,,"
रेणुका अब सीधे ही अपनी बात पर आ गई थी शायद वह बात को घुमाना फिराना भी नहीं चाहती थी," मुझे ऐसा लग रहा है रवीना उस अनिल ने मेरे साथ कुछ किया था उसने मेरे जान पर कुछ सुई जैसा लगाया था,,"
रवीना उसकी बात सुनकर एक बार तो अंदर ही अंदर कांप गई थी, पर फिर अपनी आंखों को बड़ा करते हुए," "यह क्या कह रही हो चुई चुभाई "",,, फिर रेणुका का मखौल उड़ाने के लिए हल्के से हंस देती है,,,,
रेणुका उसे इस तरह हंसते देखकर,," मैं सच कह रही हूं मेरा विश्वास करो"", और फिर उसे जांघ कि वह जगह दिखाती है जहां पर अभी भी लाल निशान बना हुआ था एक चकत्ते की तरह,,,
रवीना लाल निशान को देखते हुए एक बार तो अजीब सा फील करती है, क्योंकि वह भी नशे के इंजेक्शन लेती थी और उसके बाद वैसा ही लाल निशान चमड़ी पर बन जाता था जो कुछ घंटे रहता था,,,,,
रेणुका,," देखा तुमने अब तो मेरी बात का विश्वास करो तुम्हारे ये दोस्त बिल्कुल ठीक नहीं है उनसे दूरी बना लो",
रवीना, अब प्यार से," मुझे लगता है यह किसी जहरीले कीड़े ने तुम्हें काट लिया है तुम बेवजह ही कुछ भी सोचने लग गई हो, मैं भी तो इतने लंबे समय से उनके साथ हूं मेरे साथ तो ऐसा कभी कुछ नहीं हुवा, ,"''
रेणुका अब एक पल चुप रह जाती है फिर होठों पर मुस्कान लाते हुवे,,"' वैसे तुम्हारा वह दोस्त आशीष तुम्हारे गले के ऊपर से हाथ डाल कर क्या कर रहा था"", और अब वह रवीना की आंखों में देखने लगी थी,,,,
रवीना अब शर्माने की एक्टिंग करते हुवे,,"" कैसी बात कर रही हो यार , उसने अपना हाथ मेरे कंधे पर ही तो रखा था इतना तो चलता ही है आखिर मेरा बॉयफ्रेंड है,,''
रेणुका हंसते हुए ,,"हां यह तो है"",,
रवीना, अब इसी बात को आगे बढ़ाते हुए ,,'फिक्र मत कर बहुत जल्द आशीष से भी कही ज्यादा हैंडसम लड़के को मैं तेरा बॉयफ्रेंड बना दूंगी,,""'
रेणुका,,' नहीं रहने दो कोई जरुरत नहीं है, मैं अकेले ही ठीक हूं मुझे नहीं चाहिए कोई बॉयफ्रेंड,,,""
रवीना हंसते हुए,,, चल ठीक है जैसी तेरी मर्जी पर तुम इतनी खूबसूरत हो लड़के तो खुद ही तुम्हें अपनी गर्लफ्रेंड बनाने के लिए तुम्हारे पास चले आएंगे,,''
रेणुका अब इन बातों से निकलना चाहती थी और वह उठकर खिड़की के पास चली गई थी,,' चलो कहीं बाहर घूमने चलते हैं पर इस बार कोई साफ सुथरी जगह पर ही चलना जहां काटने वाले कीड़े ना मिले ",,,यह बात बोलते हुए रेणुका ने गहरी नजरों से रवीना की आंखों में देखा था,,,,,
रवीना एक लंबी सांस लेती है और ,,"ठीक है चलो, मैं तुम्हें शहर की सबसे खूबसूरत जगह पर ले सकती हूं मुझे वह जगह बहुत पसंद है तुम्हें भी पसंद आएगी ,,'''
रेणुका ,जिसे अपना सिर अभी भी दवाई के प्रभाव से भारी लग रहा था और वह चाहती थी कि थोड़ी देर खुली हवा में घूम कर सिर पर चढ़ा घुमार दूर कर ले ,,,,,
अब यह दोनों कार में बैठकर एक सड़क पर बड़ गए थे,,,
रेणुका के मन मे एक घुटन हो रही थी,वह रवीना से अपने दिल का सवाल पूछना चाहती थी,फिर रवीना के चेहरे की तरफ देखते हुए ,,""एक बात पूछूं नाराज तो नहीं हो जाओगी''',,
रवीना हंसते हुए ,,""अरे यार मैं तेरी बात पर कभी नाराज हुई हूं जो आज हो जाऊंगी,, तू तो मुझे गाली भी दे देगी तो भी मैं नाराज नहीं होने वाली ,चल आराम से पूछ क्या पूछना है,,,""
रवीना,ने यह बात बेहद आराम से बोली थी पर वह मन ही मन में थोड़ा संकित होने लगी थी कि ,कहीं रेणुका उस पर शक तो नहीं करने लगी हैं ,,,,,
रेणुका एक लब्बी साँस लेती हैं और बोलती चली गई थी ,,""मुझे ऐसा लग रहा है जैसे तुम्हारे बॉयफ्रेंड आशीष ने अपने उन दोनों दोस्तों को बुलाया था और फिर उस अनिल ने मेरे पैर में कोई सुई चुभाई, ,,फिर वह मुझे तुम्हारे कमरे में लेकर आए और वहां वह मेरे साथ रेप करना चाहते थे ,,सच-सच बताओ क्या तुम भी उनके प्लान में शामिल थी,,"'''
रवीना यह बात सुनते ही सन्नाटे में आ गई थी और उसने गाड़ी को एकदम से सड़क के साइड पर लगाकर तेज ब्रेक लगाए थे,,,,
रेणुका की नजर रवीना के चेहरे पर ही जमी हुई थी ,उसने बिल्कुल भी पलक नहीं झपकाई थी,,,
रवीना अपनी आवाज में भारी पन ले आई थी ,,""क्या तुम पागल हो, तुम क्या बोल रही हो तुम्हें पता है"", और फिर स्टेरिंग पर सिर रखकर रोने लग गई थी,,
रेणुका ,,रवीना को इस तरह रोता देखकर हैरान रह गई थी और अब वह उसके कंधे पर अपना हाथ रखती है,,,,
रवीना रोते हुए रेणुका के हाथ को एक तरफ झटक देती है,,, और थोड़ा ऊंची आवाज में,,"" तुम्हारे कहने का मतलब है कि मैं अपने दोस्तों से तुम्हारा रेप करवा रही थी, तुमने इतनी गिरी हुई बात सोच कैसे ली ,,,,"""
रेणुका जानती थी कि रवीना यही करेगी ,जो वह कर रही है ,पर उसे अभी भी इतना बड़ा विश्वास नहीं था कि रवीना इतना गिरा हुवा काम कर सकती है,,,,
और अब वह खुद को ही एक अनजानी सी उलझन में उलझा हुआ महसूस करने लगी थी, ऊपर से रवीना का रोना अब बढ़ता ही जा रहा था,,,,,
रवीना ,,"तूने तो मुझे पल भर में इतना नीचे गिरा दिया है कि मैं अब शीशे के सामने खड़ी होकर अपनी ही शक्ल देखूंगी तो शायद अपमान की आग में जलकर भस्म हो जाऊंगी,,
""तूने यह बात सोच कैसे ली,, कैसे आई तेरे दिमाग में इतनी बड़ी बात कि मैं तुझे लड़कों के आगे परोस दूंगी,,""
रेणुका उसे दिलासा देते हुए अपने गले से लगाने की कोशिश करती है,, पर रवीना उसे पीछे की तरफ धकेल देती है,,,,,
रवीना अब अपने आंसू साफ करते हुए ,,"मुझे लगता है कि हमें अलग हो जाना चाहिए ,पहले भी मैं बहुत अकेली रह चुकी हूं ,तुम यहां आई तो सोचा था थोड़े दिन मेरे दिल को तसल्ली पहुंचेगी,,मेरा अकेला पन दूर हो जाएगा, पर तुमने तो मेरी जिंदगी का आज तक का सबसे बड़ा दुख मेरे दिल को पहुंचा दिया है, चलो वापस घर चलते हैं,,,,
रवीना ,ने अब बेहद तेज रफ्तार से गाड़ी को वापस सड़क पर घुमा दिया था ,और वापस घर की तरफ बढ़ा दिया था,,
रेणुका ,,अब बहुत बड़ी उलझन में फंस चुकी थी और उसने अपने आप को शांत बनाए हुए था,,,,
क्रमशः,
क्या करेगी रेणुका अब और क्या खेल खेलेगी रवीना, जाने के लिए बने रहे कहानी के साथ,,,,