Hotel Haunted - 13 in Hindi Horror Stories by Prem Rathod books and stories PDF | हॉंटेल होन्टेड - भाग - 13

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हॉंटेल होन्टेड - भाग - 13

अंकिता की चीख सुनकर वह तीनों चौंक चाहते हैं और आवाज की दिशा में दौड़ने लगते हैं।वहां पहुंचकर देखते हैं तो अंकिता जमीन पर बैठी हुई थी, उसकी आंखें डर की वजह से खुली की खुली रह गई थी,इतने ठंडे मौसम में भी उसका चेहरा पसीने से तरबतर था, उसके चेहरे पर डर साफ साफ दिख रहा था। मनीष तुरंत दौड़ते हुए अंकिता के पास पहुंचता है और अंकिता से पूछता है "क्या हुआ अंकिता! तुम चिल्लाई क्यों?" पर अंकिता ने अभी भी मनीष के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया वह बस उन झाड़ियों की ओर अपना मुंह करके बैठी हुई थी।मनीष एक बार उन झाड़ियों की ओर देखता है, पर उसे कुछ दिखाई नहीं देता वह फिर से अंकिता के दोनों कंधों को पकड़कर जोर से कहता है 'अंकिता......' मनीष की आवाज सुनकर अंकिता होश में आती है और मनीष के चेहरे को देखती है। मनीष फिर अपना सवाल दोहराता है "क्या हुआ तुम इतनी डरी हुई क्यों लग रही हो?"


उसके जवाब में अंकिता फूलों के पास झाड़ियों की ओर उंगली दिखाते हुए कहती है "वो....वो....वहां...." इतना कहकर वह फिर से चुप हो जाती है। मनीष फिर उससे पूछता है "वहां क्या अंकिता?" अंकिता अपने आप को संभालते हुए, वह एक लंबी सांस लेते हुए कहती है "वहां झाड़ियों के पास नीचे मैंने किसी की कटी हुई उंगली देखी।" अंकिता का यह जवाब सुनकर मनीष के साथ राज और रिया दोनों चौंक जाते हैं,यह सुनकर अब रिया को भी थोड़ा डर लगने लगा था।

अंकिता की बात सुनकर मनीषा से उठता है और उन फूलों की ओर जाने लगता है। वहां पहुंचकर वह नीचे बैठकर फूलों के पास मिट्टी इधर-उधर करके चेक करने लगता है,पर उसे कुछ दिखाई नहीं देता।वह अंकिता की ओर देखते हुए कहता है "अंकिता यहां पर तो कुछ नहीं है,तुम्हें जरूर कोई वहम हुआ होगा।" अंकिता को यह बात सुनकर एक झटका सा लगता है,वह हिम्मत करके खड़ी होती है और वहां झाड़ियों के पास आकर देखने लगती है। वहां कुछ दिखाई नहीं देता। अंकिता मनीष की ओर देखकर कहती है "मनीष मेरा यकीन करो मैंने यहीं पर उंगली देखी थी, उस पर खून भी लगा हुआ था और वो यही मिट्टी के ऊपर पड़ी हुई थी।"

मनीषा अंकिता की बात का जवाब देते हुए कहता है "तुम्हारा कहना ठीक है अंकिता, पर तुमने खुद देखा कि यहां पर कुछ नहीं है।मुझे लगता है तुम्हें जरूर कोई वहम हुआ होगा, क्योंकि आज पहले तो हम इतनी दूर से ट्रेवल कर के यहां आए और अब पार्टी की वजह से भी तुम जरूर थक गई होगी, इसलिए तुम्हें कोई भ्रम हो गया होगा।" मनीष की बात सुनकर अंकिता कुछ और देखने लगती है,पर उसे कुछ दिखाई नहीं देता इसीलिए वह मनीष की और देख कर कहती है "हां शायद तुम ठीक कह रहे हो, मुझे ही कोई वहम हो गया होगा।"

अंकिता की बात सुनकर मनीष अंकिता से कहता है "तो फिर चलो कमरे पर जाकर थोड़ा आराम कर लेते हैं, अब मुझे भी नींद आ रही है और वैसे भी कल ऊंटी घूमना है तो आराम कर लेंगे तो अच्छा होगा।"मनीष की बात सुनकर अंकिता भी अपना सिर हा में हिला देती है। मनीष राज और रिया की ओर देखता है तो उन्हें भी अब रिलैक्स फील हो रहा था। मनीष उन दोनों से कहता है कि "तुम दोनों का कल का क्या प्लान है?"राज मनीष से कहता है "हम लोग भी कल ऊंटी ही घूमने जा रहे हैं" यह बात सुनकर मनीष उनसे कहता है "तो फिर क्यों ना हम सब साथ में चले इसी बहाने घूमना भी हो जाएगा और जान पहचान भी बढ़ेगी।" मनीष की बात सुनकर राज मनीष से कहता है "यह तो बहुत अच्छा आईडिया है तो हम लोग कल सुबह 9:00 बजे तैयार रहेंगे।"

यह सुनकर मनीष उससे कहता है "ठीक है तो कल सुबह 9:00 बजे नीचे हॉल में मिलेंगे।"फिर दोनों को गुड नाइट कहकर राज और रिया वहां से चले जाते हैं। मनीष और अंकिता भी अपने कमरे की ओर बढ़ने लगते हैं, पर जाते हुए अंकिता वापस मुड़कर एक बार फिर उस जगह नजर करती है,उसे पर वहां कुछ दिखाई तो नहीं देता, पर वहां थोड़ी दूरी पर उसे जयदीप दिखाई देता है। जो उसकी और देखकर मुस्कुरा रहा था,इतनी रात में उस जगह पर जयदीप का उस जगह पर होना उसे अजीब लगता है। उसे देखकर अंकिता डर जाती है,पर मनीष को इस बारे में बताना ठीक नहीं लगता।

मनीष और अंकिता पार्टी हॉल में पहुंचते हैं तो देखते हैं कि पार्टी अब खत्म हो चुकी थी।सभी कपल्स अपने रूम में चले गए थे। स्टाफ बॉय सभी चीजें और सामान इधर-उधर रखने में लगे हुए थे। दोनों हॉल में से चलते हुए अपने रूम की ओर जाने लगते हैं। रूम पर पहुंचकर मनीष घड़ी में देखता है तो 2:00 बज रहे थे। उसे पार्टी की वजह से बात का अंदाजा ही नहीं रहा, अब उसे बहुत नींद आ रही थी, वह अंकिता की ओर देखता है तो पाता है कि वह अभी भी ख्यालो में डूबी हुई थी। वह अंकिता के पास पहुंचता है और कहता है "देखो अंकिता ज्यादा मत सोचो और आराम करो वरना तुम्हारी तबीयत खराब हो जाएगी।" उसकी बात सुनकर अंकिता आपना सिर हां में हिलाती है और गुड नाइट कहकर मनीष सो जाता है, पर अंकिता को नींद ही नहीं आ रही थी। उसके दिमाग में से वह सब चीजें जाने का नाम नहीं ले रही थी। पर जैसे तैसे वह सोने की कोशिश करती है और थोड़ी देर बाद उसकी भी आंख लग जाती है।

सुबह दोनों तैयार होकर नीचे पहुंचते हैं तो देखते हैं कि राज और रिया वहीं पर हम दोनों का इंतजार कर रहे थे।मनीष और अंकिता उनके पास पहुंचते हैं।राज मनीष को देखकर कहता है "तो कहां जाने का प्लान है?"मनीष उसके जवाब नहीं कहता है कि "जगह तो बहुत है घूमने के लिए, इम्पोर्टेंट यह है कि आप कहां जाना चाहते हैं, यहां घूमने के लिए इतनी जगहें हैं कि एक हफ्ता भी कम पड़ जाएगा।"यह सुनकर वह दोनों हंसने लगते हैं।मनीष फिर जाकर पार्किंग से अपनी गाड़ी लेकर आता है और उसके बाद वह चारों गाड़ी में बैठ कर घूमने के लिए निकल जाते हैं।

नीलगिरी की पहाड़ियों में बसा यह हिल स्टेशन बहुत खूबसूरत जगह है । सुंदर नजारों विशाल चाय के बागानों और शांत झील से लेकर बड़े उद्यानों तक यहां घूमने के लिए बहुत जगह है। ईसके अलावा यहां पर दोदाबेट्टा पीक,लेम्बस रोक, बोटेनिकल गार्डन्स, चर्च और सुंदर कोटेज देखने लायक है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। यहां की सड़कें तक उन्हें एक अलग दुनिया का एहसास कराती है,सुहावने मौसम और हरियाली में लिपटे इस टाउन को ऐसे ही "हिल स्टेशनों की रानी" नहीं कहा जाता।

मनीष ऊंटी की सड़कों पर अपनी कार दौड़ाए जा रहा था, यहां की सड़कें, उसके दोनों साइड लगे पेड़, यहां का मौसम, ठंडी हवाएं और उन पेड़ों के बीच में से आती हुई सूरज की रोशनी अंकिता को एक अलग ही आनंद दे रही थी। इस खूबसूरती को देखकर पिछली रात की सभी बातों को धीरे धीरे भूलने लगी थी। झीओ,गार्डन और पहाड़ों को देखते हुए कब दोपहर हो जाती है, उन्हें पता ही नहीं चलता,इसलिए मनीष अपनी कार एक रेस्टोरेंट पर लाकर रोकता है,वो सब बाते करते हुए टेबल पर जाकर बैठ जाते हैं।

मनीष राज से बातें करते हुए कहता है "तो मैं यह कह रहा था कि मुंबई में कामों की वजह से कभी टाइम ही नहीं मिलता और पता नहीं वापस ऐसा मौका घूमने के लिए मिले या नहीं, इसलिए हनीमून के बहाने मैं ऊंटी में कई जगह के बारे में तलाश कर रहा था और तभी मुझे उस होटल के बारे में पता चला।वैसे तो उस होटल का पूरा नाम "डार्क हांटेड नाइट रिसोर्ट" है, पर पता नहीं क्यों सब लोग इसे short name "होटल हांटेड" के नाम से ही जानते है। वह दोनों यह सब बातें कर ही रहे थे कि तभी उन्हें पीछे से एक आवाज आती है "क्या आप लोग उस भूतिया जगह में ठहरे हैं?"

To be continued......

हेलो friends आप सब लोगों का ईस कहानी को इतना प्यार देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया, अगर आप लोग मुझे message करके कुछ पूछना या बताना चाहते हैं तो मेरी Instagram id :- premr279
पर message कर सकते हैं क्योंकि मेरी Matrubharti की membership पूरी हो चुकी है इसीलिए मैं आपके message का reply नहीं दे पाऊं।
Again Thanks for Reading

Akatsuk no Amaneka to i Kyojin