The Game Begins.............
आज इसका ट्रेलर और पात्र परिचय पढ़ लीजिए।
कहते हैं की किसी भी इंसान के लिए सबसे खुशी का पल वो होता है जब वो अपने बचपन को याद करता है पर अगर वही बचपन किसी के लिए दर्द का जरिया बन जाए तो क्या होगा। ऐसे ही ये कहानी है कर्ण और उसके तलाश की(अब वो किसकी तलाश कर रहा है ये तो वक्त के साथ ही पता चलेगा)
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[Ek Jhalak]
आसमान में काले बादल छाए हुए है और थोड़ी थोड़ी देर में बिजली कड़क रही है। उन्हीं सब के बीच में दो दंपत्ति (पति पत्नी) एक लगभग 5-6 साल के बच्चे को लेकर भागते हुए आ रहे है,उनके चेहरे पे डर की लकीरें बहुत आसानी से ही देखी जा सकती है। ऐसा लग रहा है जैसे किसी से बच के भाग रहे है दोनों।
तभी पीछे से एक काले रंग की कार बहुत तेजी से आ रही होती है उसको देख के वो दोनों डर कर चुप जाते है। वो गाड़ी वही पर रुकती है उसमें से लगभग 5 से 7 लोग बाहर निकलते है। वो आपस में ही बात कर रहे होते है की कहाँ गए तीनो, ढूंढो उनको साले यही कही छुपे होगें। बिजली कड़कने से उनका चेहरा बहुत आराम से दिख रहा था और उनके चेहरे पर हैवानियत आसानी से देखी जा सकती थी।
वो दोनों पति पत्नी डर से थर थर कांप रहे होते है और वो महिला अपने बच्चे को अपने सीने से चिपका ली होती है। उस बच्चे के आंखों से भी डर के मारे आंसु निकल रहे होते है। वो दोनों अपने बच्चे के आंसु को पोछते है और उसे समझाते है की देखो बच्चा डरना नहीं आप न यहां से भाग जाओ। बच्चा उन दोनों को छोड़ने को राजी ही नही हो रहा होता है। तभी उन सब में से एक गुंडे की नजर इन तीनों में से एक जो की मर्द होता है उस पे पड़ती है। उसकी पत्नी और बच्चा थोड़े कोने में होते है तो उन दोनो को वो गुंडा देख नई पाता।
एक गुंडा:- भाई उधर देखो वो साला जज वहा छुपा बैठा है।
उस गुंडे की आवाज सुनकर वो दोनो पति पत्नी चौक जाते हैं और उसमे से वो मर्द(जज) अपनी पत्नी को छुपने का इशारा करते हुए डरते - डरते बाहर निकलता है।
उन सब का बॉस (भवानी) उन दोनों से कहता है:- क्यों रे जज तू हमे सजा देगा। बहुत गर्मी चढ़ी है ना तुझे।
जज(थोड़े आत्मविश्वास के साथ पर उसके मन में अभी भी डर होता है):- जब तक तुम जैसे दरिंदे इस दुनिया में आते रहेंगे तो उनको कम करने के लिए कानून को तो कोई काम करना बनता ही है।
भवानी और उसके सभी साथियों के हसने की आवाज पूरे वातावरण में गूंजती है फिर एक एक कर के सभी उस जज के सामने आते जाते है उनमें से कुछ का चेहरा देख के वो जज और उसकी पत्नी भी शॉक हो जाते है।
जज (हैरानी से):- तुम भी मिले हुए हो इन सबसे.........
वो आदमी:- अब क्या करें सर जी सभी कोई अच्छे काम तो नई कर सकते ना।
जज(गुस्से से उसके गले को पकड़ते हुए):- तुझे तो मैं जिंदा नही छोडूंगा,तुझे शर्म नही आई देश से गद्दारी करते हुए।
जज उस आदमी के गले को इतनी जोर से दबाया होता है की उसकी सांसे एकपल के लिए रुक सी जाती है पर फिर अचानक से ही उस जज की पकड़ उसपर से धीरे - धीरे कम होती जाती है क्योंकि बगल से एक बंदा (अधिराज) ने उसके पेट में चाकू घोप चुका होता है।
वो आदमी जिसके गले को जज ने पकड़ा होता है वो खासते हुए एक तरफ झुक जाता है और जज अपना पेट पकड़ के पीछे हट जाता है। उसकी पत्नी जो ये दृश्य देख रहा होता है वो चीखते हुए उसकी तरफ भागती है पर बीच में ही उसकी कदम रुक जाती है क्योंकि उसके सर से एक बुलेट आर पार हो चुकी होती है और वो वही पर ढेर हो जाती है जज भी गुस्से से उस इंसान को मारने जाता है जिसने गोली चलाई होती है और उसे गुस्से से मारने लगता है पर ज्यादा देर तक वो भी उनसे नहीं लड़ पाता क्योंकि वो लोग तादाद में उससे ज्यादा और ताकत में भी उससे बलशाली थे। वो सब उसे भी चाकू से तड़पा तड़पा के मार डालते है और दोनों लाशों को एक जगह इकट्ठी कर के उन्हें जला देते है।
अधिराज:- पार्टनर तुमने न एक काम गलत कर दिया कम से कम इसकी बीवी को तो नई मरना चाहिए था साली क्या लगती थी कम से कम एक रात के लिए मेरे पास छोड़ देते।
उसको देख के सभी एक गंदी हसी हस्ते है और उसके कंधे को थपथपाते हुए भवानी बोलता है:- फिकर नोट पार्टनर ये गई तो क्या हुआ अभी कौन सा इस शहर और दुनिया में लड़कियों की कमी है।
तभी सभी को किसी बच्चे के सिसकने की आवाज सुनाई देती है तो सभी एक साथ पीछे पलटते है तो उन्हें एक बच्चा इधर उधर देखते हुए आता नजर आता है। वो बच्चा इन सबको देख के रुक जाता है और डर भी(क्योंकि जाहिर है के वो इन सब को पहचान चुका होता है)।
भवानी:- ये इस जज का बच्चा कैसे बच गया साला इन दोनों के चक्कर में इसको तो भूल ही गए थे। मार डालो रे इसको भी।
वो बच्चा वहा से भागने लगता है और उसके भागते हुए देख के एक गुंडा जोर से अपने हाथ में पकड़ा हुआ डंडा उसकी तरफ फेकता है जो सीधे उसके सर पर जाके लगता है और वो बच्चा सीधे जमीन पे गिर जाता है। वो सभी उस बच्चे की तरफ बढ़ते उससे पहले ही एक गाड़ी उस ओर आती हुई दिखती है उसको देख के सभी डर कर वहा से भाग जाते है।
वो गाड़ी वहा पे आके रुकती है और उससे एक आदमी निकलता है और वो तेजी से उस बच्चे की ओर आता है और उसका सर अपने गोदी ने रखते हुए उस बच्चे से कहता है:- बच्चा बच्चा क्या हुआ बच्चा ????
वो बच्चा :- वो... वो......वहां मां...(और उस ओर इशारा कर के बेहोश हो जाता है)
वो आदमी उस ओर देखता है तो उसे दो लाशे जलती हुई दिखाई पड़ती है और अपने फोन से जल्दी से एंबुलेस और पुलिस को फोन करके वहा पर बुलाता है।
कुछ दिन बाद हॉस्पिटल में
एक रूम में वो बच्चा एक बेड पे सोया हुआ रहता है और वही उसी रूम में वो उस दिन वाला आदमी और उसके साथ एक बच्ची बैठे हुए होते है।
वही उस बच्चे को बेहोशी वाले हालत में भी उस दिन वाला दृश्य दिख रहा होता है जिस दिन उसके मॉम डैड को मारा जा रहा होता है।
वो बच्चा (बेहोशी से होश में आते हुए जोर से चीखता है):- मां................
उसके आवाज में इतना दर्द होता है की सुनने वाले की भी हल्की सी आंखें भर जाती है। वो आदमी उसके ओर आके उसे संभालने लगता है और ओ बच्चा फिर से रोते रोते बेहोश हो जाता है।
[बाकी आगे के पार्ट में]
ऊपर जिन लोगो का जिक्र हुआ है उनमें जो मारे गए है वो है मि.अनिरुद्ध रॉय और उनकी पत्नी शकुंतला। वो बच्चा कर्ण जो आदमी उसको बचाए वो थे मि. ए. के. सिंघानिया और उनकी बेटी श्रेया सिंघानिया।
आगे कहानी कुछ सालों का लिप लेगा।।।।।।।
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**Charaters of story**
1. कर्ण - मेन लीड
2. बाबा - मि. ए. के. सिंघानिया,फेमस बिजनेसमैन,श्रेया के पापा
3. श्रेया - बाबा की बेटी, कर्ण की बहन कॉलेज स्टूडेंट
4. शिवानी - फीमेल लीड (कॉलेज स्टूडेंट)
5. मि. वीरेन्द्र - शिवानी के पापा (बिजनेसमैन)
6. सुलेखा - शिवानी की मां
7. कबीर - श्रेया का ब्वॉयफ्रेंड (कर्ण का दोस्त और उनकी कंपनी में मैनेजर)
"Negative shade characters"(villains)
1. भवानी - मेन विलेन
2.अधिराज - 1st पार्टनर भवानी का
3. अभिमन्यु - डीसीपी (croupt police officer)
4. विकास - इंस्पेक्टर (croupt police officer)
बाकी के पात्र भी कहानी के साथ आते जायेंगे...............
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© silent writer"AK"
अभी तक के लिए इतना ही ये कहानी बहुत जल्द आएगी आप सब के बीच तब तक के लिए एंजॉय करते रहिए मेरी पहली "आपकी नजरों ने समझा"
Thank you ❤️❤️💞💞