Block Ishq - 2 in Hindi Short Stories by Shrikar Dixit books and stories PDF | Block इश्क़ (भाग 2)

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Block इश्क़ (भाग 2)

अच्छा जी ऐसा है नैना ने कहा...,हाँ यार और सही भी है मैंने देखा भी है लोगों को बर्बाद कर देती हैं कई लड़कियां ऐसी होती हैं उज्जवल ने जवाब में बोला,अचानक से दरबाजे पर किसी के कदमों की आहट को सुनते ही उज्जवल सतर्क होते हुए कॉल को कट कर देता है और स्विच ऑफ बाले बटन को दबाते हुए जल्दी से स्विच ऑफ कर देता है,उज्जवल बेटा क्या कर रहे हो दरबाजे पर उज्जवल के पिताजी थे बेटा कल तुम्हारा बर्थ डे है और तुम यहाँ रूम में बैठे हुए हो,नहीं पिताजी वो अभी मैं म्यूजिक क्लास से आया हूँ,ओके ओके कोई बात नहीं मैं तो बस इतना कह रहा था ये लिस्ट ले लो और मार्केट से कल के लिए कुछ सामान ले आओ,एक काग़ज को उज्जवल के हांथ मे देते हुए उसके पापा ने कहा,हाँ हाँ जल्दी से फोन को जेब में डालते हुए उज्जवल खूंटी से बाइक की चाबी को उतारते हुए जाने लगता है,बिना पैसों के सामान कैसे लाएगा उज्जवल उज्जवल को टोकते हुए पापा ने कहा,अरे पापा वो जल्दी जल्दी में भूल गया,ज्यादा भूलना अच्छी बात नहीं होती ये लो जेब से पैसे निकालते हुए पापा ने उज्जवल से कहा,पैसे लेकर उज्जवल मार्केट के लिये निकल गया..,बाइक पर बैठे हुए ही उज्जवल ने शॉप पर काम करने बाले को पर्चा देते हुए मालिक से कहा अंकल सामान थोड़ा जल्दी निकलवा देना,मैं 15-20 मिनट में आता हूँ,लाला ने जवाब दिया.. कोई नहीं आराम से आओ हो जाएगा...बाइक लेकर उज्जवल केक की शॉप पर पहुँचा अरे भाई 2kg का एक केक तैयार करवा देना,जी और बताइए शॉप मालिक ने कहा,नहीं कुछ नहीं कुछ नहीं..,अचानक से एक सुनी हुई आवाज उज्जवल के कानों में गूंजती है कैसे हो उज्जवल? उज्जवल पलट कर देखता है सिद्धार्थ तू,कैसा है वे,तू तो बिल्कुल बदल गया है बॉडी अच्छी बना ली है और क्या चल रहा है आजकल,उज्जवल ने कहा,कुछ नहीं यार पापा का बिजनेस सम्भाल रहा हूँ यार,क्या बिजनेस? और तू,तू तो बिजनेस से नफरत करता था तूने अपना गोल कैसे चेंज कर दिया,उज्जवल ने आश्चर्यजनक स्थिति से सिद्धार्थ से कहा,अरे नहीं यार कोशिश बहुत की मैंने मगर हारकर फ़िर वहीं चल पड़ा जहां क़िस्मत मुझे ले जा रही है अरे छोड़ ना यार तू बता तेरा म्यूजिक कैसा चल रहा है,सही है यार कुछ ग्रोथ नहीं मिल रही है अभी तक उज्जवल ने जवाब दिया,कोई नहीं कोई नहीं हीरे की कीमत उसको तराशने के बाद लगती है तू भी वैसा ही है यार,एक दिन जरूर चमकेगा सिद्धार्थ बोला,और यहाँ कैसे?,कुछ नहीं कल bithday है भाई का तेरे हंसते हुए उज्जवल ने कहा,हैप्पी Birthday यार बहुत अच्छा लगा तुझसे मिलके,अच्छा यार अब चलता हूँ घर पर पापा चिंतित होंगे,ओके ओके सिद्धार्थ ने कहा..,उज्जवल सामान लेकर घर पहुँचता है Mom ये सारा सामान रख देना,मैं बहुत थक गया हूँ सोने जा रहा हूँ उज्जवल ने सामान के थैलों को जल्दी से टेबल पर रखते हुए कहा,अरे अरे खाना तो खा ले भूख नहीं लगी क्या?, नहीं माँ मैंने थोड़ा बाहर खा लिया था इसलिए अभी भूख नहीं है,ये लड़का भी ना कुछ खाता ही नहीं है माँ ने बड़बढ़ाते हुए कहा,रात के 8 बज चुके थे उज्जवल को बेड पर लेटते ही याद आया अरे फोन तो स्विच ऑफ था ऑन करते ही मैसेज पर मैसेज You have 12 missed call by naina Tiwari..,का मैसेज और भी कई जैसे कहां ho? फोन कहाँ है तुम्हारा? कहाँ हो यार और भी कई सारे मैसेज,इतने सारे messages देख कर उज्जवल आश्चर्यचकित रह गया,उसने नैना को मैसेज किया क्या हुआ?,कोई जवाब नहीं मिला उधर से,अरे बोलो ना भाई क्या हुआ ऐसा जो इतनी सारी काल्स और messages कर डाले आपने नैना जी?,कोई जवाब नहीं मिला उधर से.. उज्जवल ने फोन को सिरहाने रख लिया और सोने की कोशिश करने लगा,उज्जवल की आंख लगी ही थी कि अचानक से मैसेज की टोन बजी..,उज्जवल ने फोन उठाते हुए देखा नैना का message था,कहाँ थे यार तुम,कम से कम बता तो देते,तुमने तो स्विच ऑफ कर लिया बिन बताए... नैना ने लिखा,......