कहानी को समझने के लिए, पिछले भाग, अवश्य पढ़ें, यह कहानी का भाग 6
अब आगे:-
आशीष ,,जो इस वक्त अपने सामने दो, खूबसूरत लड़कियों को बैठा देखकर बेहद खुश था, एक तो उसकी गर्लफ्रेंड रवीना और दूसरी रेणुका ,जिसका नदी की तरह उफान भरता जिस्म, उसके दिल और दिमाग में बसता चला गया था,,,,,
रेणुका,, खामोशी से अपना लंच कर रही थी, उसकी निगाहें बिल्कुल शांत नजर आ रही थी, सामने बैठे आशीष पर वह उड़ती हुई नजर भी नहीं डाल रही थी ,और यही बात आशीष को खल रही थी,,,,,
आशीष,,"" रवीना लंच करने के बाद ,क्यों ना हम फिल्म देखने चलें,, ,"""
रवीना,,"" क्या यार, अब फिल्म देखने जाना पड़ेगा,, पर मेरा बिल्कुल भी मूड नहीं है,,, फिल्म देखने का,,""
आशीष ,,"ऐसा मत कहो ,,कितने दिनों के बाद तो मौका मिला है और मैं यह मौका ऐसे नहीं जाने दूंगा,, तुम फिर पता नहीं कितने दिन अपने घर से ही बाहर ना निकलो,, आज तो तुम्हें मेरे साथ फिल्म देखने जाना ही होगा,,"""
रवीना,, अपने बराबर में बैठी रेणुका की तरफ देखती है,, """रेणुका फिल्म देखने चलें ,,घर भी जाकर क्या करेंगे,,,""
रेणुका ,,"अब तुम्हारी जैसी इच्छा ,,,मैं तुम्हें मना नहीं कर सकती हूं,, वरना तुम कहोगी ,,मैंने तुम्हारे बॉयफ्रेंड की इच्छा को ठुकरा दिया,,,"""
आशीष ,,रेणुका की बात सुनकर मुस्कुरा दिया था ,,और """ अरे तुम चाहो तो,, हम तुम्हें घर छोड़ने के बाद भी फिल्म देखने जा सकते हैं ,,क्यों रवीना ठीक कहा ना,,""
रेणुका ,,"अच्छा तो आपके कहने का मतलब है ,मैं आप दोनों के बीच में कबाब में हड्डी बन रही हुँ,, अगर ऐसा है तो तुम दोनों फिल्म देखने जा सकते हो,,, मैं यहां से टैक्सी करके घर चली जाऊंगी,,,,""""
आशीष ,,जिसे रवीना को बहला ना था, फुसलाना था,, ताकि उससे पैसा निकलवाया जा सके ,,""हां ,हां ,तुम टैक्सी करके चली जाना,,,,"""
रवीना ,,""क्या कह रहे हो आशीष ,,हम रेणुका को भी अपने साथ ले जाएंगे ,,,यह बेचारी अकेली घर में क्या करेगी ,,,,अब मेरे साथ आई है ,,तो आज फिल्म भी देख लेगी,,,"""
आशीष,"" हां ,इसमें भी कोई बुराई नहीं है ,,,मुझे तो बेहद खुशी होगी,,,,"" और मन ही मन में लगता है मेरा प्लान कुछ दिन तक बिगड़ने वाला है,,,,,
और फिर ,,लगभग आधे घंटे बाद यह तीनों रेस्टोरेंट्स से बाहर आ गए थे ,,,, फिर रवीना की कार में आगे बढ़ गए थे,,,,
रेणुका ,,इस वक्त पिछली सीट पर बैठी थी ,,""अच्छा मिस्टर आशीष ,,आपके पास कार नहीं है,, मुझे तो लगा था कि ,,,आपकी कार में हम फिल्म देखने जाएंगे,,,"""
आशीष ,,,रेणुका की ऐसी बात सुनकर ,,एकदम से थोड़ा झेंप गया था ,,,,,
रवीना,,,"" रेणुका ,,आशीष यहां कॉलेज से एमबीए की पढ़ाई कर रहा है ,,,उसका घर तो दूसरे शहर में है,,,""
रेणुका ,,""चलो अच्छा है,, पर तुम दोनों की दोस्ती कैसे हो गई,,,""
रवीना ,,,""बस ऐसे ही एक पार्टी में हमारी मुलाकात हुई थी,,,, और फिर हम दोनों करीब आ गए ,,,""
रेणुका,,"" यह उस पार्टी में इनवाइट थे या फिर खाना खाने चले आये थे,,,"",, और थोड़ा सा हंसती है,,,,
आशीष,, के चेहरे पर थोड़ी सी लाली आ जाती है,, जो क्रोध की थी ,,,"मुझे लगता है रवीना ,,,तुम्हारी बहन मेरा मजाक उड़ा रही है,,,,"""
रवीना,,"" अरे नहीं यार यह गांव की लड़की है ,,,ऐसे ही मजाक करती है ,,,तुम इसकी बात का बुरा मत मानो,, और रेणुका अब बस करो ,,,,और कितनी खिंचाई करोगी तुम आशीष की,,,,""'
रेणुका ,,,""बस थोड़ी बहुत और,, अभी मेरा दिल नहीं भरा है,,""""
आशीष ,,मन ही मन में ,,""कमीनी उड़ा ले जितना मजाक उड़ाना है ,,,,सारे मजाक का हिसाब,, एक ही बार में पूरा कर लूंगा,,,""""
और फिर, गाड़ी एक रेड लाइट पर आकर रुक गई थी,, रेणुका की नजर खिड़की से ,,बाहर दूर सड़क तक देखने लगी थी,,,,,
पीछे से ,,एक बाइक जिस पर दो लड़के बैठे हुए थे ,,आकर इनकी कार के पास रुक जाते हैं ,,,पीछे बैठा लड़का गाड़ी में झांकता है ,,,,और आशीष को उसमें देखकर होले से मुस्कुराता है,,,,,
एक लड़का ,,,""हेलो आशीष,, कैसे हो ,,बहुत दिनों बाद दिखाई दिए,,,, कहां जा रहे हो,,,"""
आशीष,,, उन दोनों को देखकर थोड़ा अजीब सा चेहरा बनाता है,,, और फिर ,,उन दोनों से हाथ मिलाता है,,"" ""कैसे हो अनिल ,राजू ,,बहुत दिनों बाद दिखाई दिए,,,"""
अनिल ,,""बस यार ,,ऐसे ही घूम रहे हैं ,,तुम कहां जा रहे हो,,""""
आशीष ,,""फिल्म देखने ,,अपने दोस्तों के साथ,,,""
अनिल ,,""अरे यार,, हम भी तेरे दोस्त हैं ,,और हम भी फिल्म देखने जा रहे हैं,,, हमें बता दिया होता ,,हम भी साथ आ जाते ,,,,,,चलो अब साथ ही फिल्म देखेंगे "",,,,और पिछली सीट पर बैठी रेणुका को मुस्कुरा कर देखता है,,,,,,
आशीष,,"" नहीं हम तीनों ही काफी हैं "",,,,
और तभी लाइट ग्रीन हो गई थी,,, रवीना अपनी गाड़ी आगे बढ़ा ले जाती हैं,,,अनिल और राजू अपनी बाइक इन की गाड़ी के पीछे लगा देते हैं,,,,,,
रेणुका ,,,"""आशीष जी ,,आपके दोनों लोफर दोस्त हमारे पीछे ही आ रहे हैं,,,""""
आशीष ,,""वे लोफर नहीं है ,,,बल्कि फिल्म देखने ही जा रहे हैं,,,"""
रेणुका ,,""अच्छा और फिर तिरछी नजरों से ,उसे देखते हुए,,,,"" लग तो ऐसा रहा था ,,,जैसे उन दोनों को तुमनें ही बुलाया है,,,""""
आशीष ,,एकदम से ,,""क्या कह रही हो ,,,मैं उन्हें क्यों बुलाने लगा,,, वह तो अचानक में ,उस रेड लाइट पर मिल गए ,,,और मुझे पता लगा,,, वह भी फिल्म देखने जा रहे हैं बस,,,,"""""
रवीना ,,""ओहो,, रेणुका ,,तुम भी पीछे पड़ जाती हो, अगर आशीष के दोस्त फिल्म देखने आ भी रहे हैं तो ,आने दो,, हमें उनसे क्या,,,,"""
आशीष ,,""तुम्हारी यह बहन तो बेहद अजीब है ,,,,कैसी,, कैसी बातें कर रही है,,,"""
रेणुका,,,""" अच्छा तो फिर एक काम करो,, आगे वाले मल्टीप्लेक्स में जाने की जरूरत नहीं हैं,कोई दूसरे वाले में चलो ,,अगर गाड़ी मोड़ सकते हो तो मोड़ लो ,,पता लग जाएगा ,,यह दोनों हमारे पीछे आ रहे हैं ,,या फिर सामने वाले हॉल में फिल्म देखने जा रहे हैं,,,,"""
आशीष ,,,एकदम से पीछे मुड़कर रेणुका को देखता है,, """आखिर तुम्हें हुआ क्या है ,,,मुझे लगता है, तुम्हें तो वाकई में घर छोड़ कर आना चाहिए था,,,, तुम तो हम दोनों का ही मूड ऑफ कर रही हो,,,,,"""
रवीना,,"" अरे यार आशीष ,,शांत हो जाओ,, और तुम रेणुका ,,,,,तुम भी चुप हो जाओ ,,,अब यहां आकर हम किसी और जगह फिल्म देखने ,कैसे जा सकते हैं,,,,""
रेणुका,,"" हां यार,, तेरी यह बात भी ठीक है,, चल उत्तर फिर गाड़ी से,,,,""
और फिर ,,इन लोगों के गाड़ी से उतरने के साथ ही ,,अनिल और राजू भी ,,,तेजी से चलकर इनके पास आ पहुंचे थे,,,,
रेणुका ,,""लो आ गए ,,,तुम्हारे छछूंदर दोस्त,,,"
अनिल और राजू ,,,आते ही रवीना और आशीष से हाथ मिलाते हैं ,,,,पर रेणुका ने उनका ,,अभिनंदन दूर से ही कर दिया था,,,,,
और फिर ,,सभी आगे को बढ़ गए थे,,,,
आशीष,,, अपनी तिरछी नजरों से ,,अनिल और राजू को,, कोई सीक्रेट इशारा कर गया था,,,,,,
क्रमशः
क्या वाकई में अनिल ने हीं बुलाए थे अपने दो दोस्त ,, रवीना के यह फालतू के दोस्त ,कहीं मुसीबत का कारण तो नहीं बनने वाले हैं ,जानने के लिए बने रहे कहानी के साथ