mystery murder - 2 in Hindi Crime Stories by निखिल ठाकुर books and stories PDF | रहस्यमय कत्ल - 2 - जासुस आर्यन

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रहस्यमय कत्ल - 2 - जासुस आर्यन

2. जासुस आर्यन

जासुस आर्यन जो एक इंटेलीजेंट जासुस है और रहस्यमय केसों को सुलझानें में माहिर।
पांच फुट पांच इंच की फरफैकट हाईट,कठीला-कसा हुआ बदन,आकार्षक शारारीरिक बनावट, Chaming चेहरा,तीक्ष्ण बुद्धि , चुस्त एवं विलक्षण प्रतिभा से युक्त किशोर जासुस था।अपनी तीक्षण बुद्धि और विलक्षण प्रतिभा के कारण ही आर्यन ने बडे -बडे अपराधिक व रहस्यमय मर्डर केसों को बडी ही आसानी से चमत्कारिक तरीकों सुलझाया था।
अखबारों में भी प्रायः अक्सर जासूस आर्यन के बारे में कुछ न कुछ छपता ही रहता था।
जासुस आर्यन ने पाँच साल से ही जासुसी का कार्य करना शुरू किया था और देखते ही देखते वह बहुत मशहूर हो गया था।
अपने जासुसी के क्षेत्र में जासुस आर्यन ने बहुत से रहस्यमय व अनसुलझे कत्लों के केस को चमत्कारिक तीरकों सुलझा कर अपराधी को ढूंढकर उन्हें पकडवाकर सजा दिलाई थी। इन्हीं रहस्यमय केसों की गुत्थी चमत्कारिक तरीकों सुलझाने से ही तो जासूस आर्यन को बहुत popularity मिली और लोगों के बीच अपना ही एक नाम बनाया था। लोगों ने तो जासुस आर्यन को एक नया ही नाम दे दिया था वो नाम था Miracle Detectice....
सुशांत अगले दिन ही आर्यन से मिलने उसके ऑफिस जाता है।आर्यन के ऑफिस पहुंचकर आर्यन से मिलता है ,..,.सुशांत को देखकर आर्यन बहुत खुश हो जाता है और दोनों एक दूसरों के गले मिलते है।गले मिलने के बाद आर्यन कहता है कितना मिस किया तुझे यार ,....जैसे ही में विदेश से मैं अपनी पढ़ाई पूरी करेगी मुम्बई वापिस आया त मैं तुमसे मिलने तुम्हारे पुराने वाला एड्रेस पर गया था ..वहां जाकर पत्ता चला कि तुम पुलिस में भर्ती हो गये हो....और उनके पास तुम्हारा नये घर का पत्ता भी नहीं था।मैं बहुत निराश सा हो गया था और मुझे लग रहा था कि शायद मैं तुझसे दुबारा कभी मिल ही नहीं पाऊंगा।
सुशांत ने भी कहा ...यार ....मैंने भी तुझे बहुत मिस किया ..,मैंने तो तुम्हारी ईमेल और फेसबुक पर भी तुम्हें बहुत मैसेज किया ...परंतु तुमने कई जबाव ही नहीं दिया..सुशांत की बात सुनकर आर्यन कहता है ...यार मैं ईमेल और फेसबुक उसी दिन से बंद कर दी थी ...जिस दिन स्नेहा के साथ मेरा ब्रेकअप हुआ था।
फिर आर्यन कहता है खैर छोड़ों इन सभी पुरानी बातों को यार ....ये बताओ तुम क्या लोगे..चाय या कॉफी ....सुशांत कहता है तुझे तो पत्ता है हम दोनों की फेवरेट तो चाय ही है ना...तो आर्यन अपनी सक्रेट्री को बुलाकर उसे दो चाय लाने को कहता है और सक्रेट्री चाय लाने जाती है ...आर्यन और सुशांत दोनों अपने बीते दिनों की बात करने लगते है।
कुछ देर बाद सक्रेट्री चाय लेकर आती और दोनों को चाय सर्व करके चली जाती है।दोनों दोस्त गर्म-गर्म चाय की चुसकी लेते है और चाय की चुसकी लेते आर्यन कहता है ..,मैने सुना था कि तुमने जब पुलिस ज्वाइन की थी तो तुम्हारी ड्यूटी बंगलौर में लगी गई थी। तुम बंगलौर से मुम्बई कब आये...आर्यन की बात सुनकर सुशांत चाय के कप को मेज पर रखते हुये कहते है ...अभी तीन महीने पहले ही मेरा तबादला बंगलौर से मुम्बई पुसिल में हुआ है यार।
पुरानी यादों को ताजा करते हुये दोनों दोस्त खूब हंस रहे थे ...दोनों ऐसे बाते कर रहे थे ..,कि कितनी सदियों के बाद दो बिछडे हुये यार मिल रहे हो।
कुछ देर बाद सुशांत ...आर्यन से कहता ...यार सच कहूं तो यहां मुम्बई आते ही एक अजीब सा केस मुझे मिला है ....मैंने बहुत कोशिस की उसे सुलझाने की ...पर वह उतना ही ज्यादा उलझता ही जा रहा है ..,और इस केस की तय तक ना पहुंचने के कारण मेरे ऊपर के ऑफिसर मुझसे नराज है और मेरी नौकरी खतरे में आ गई है ...कुछ भी समझ नहीं आ रहा है ...क्या करूं....क्या नहीं...सब कुछ समझ से बाहर ही हो रहा है।
आर्यन ....यार...मैं तुझसे हेल्प मांगने आया हूं यार ..,एक तुम ही हो जिस पर मुझे सबसे ज्यादा भरोसा है ....और एक तुम ही ऐसे व्यक्ति हो जो इस तरह के अनसुलझे रहस्यमय कत्ल को सॉल्ब कर सकते है ।
यह सब कहते हुये सुशांत राणावत अपने दोस्त आर्यन को पूरी बाते डिटेल में बता देता है।सुशांत की बाते सुनकर आर्यन कुछ देर सोचने लगता है और कुछ देर सोचने के बाद सुशांत से कहता है..ठीक है ...तू टेंशन ना ले यार .....मैं इस केस को सुलझाने में तेरी मदद करूंगा और हाँ यह सब मैं इसलिए कर रहा हूं कि....तू मेरा दोस्त है...वह कहते है ना ....दोस्त है तो जहान है ...वर्ना दुनिया श्मशान है ...।
अगले दिन सुशांत और आर्यन राठौर फैमिली जाकर केस से संबंधित तहतीकात करने लगते है और जिस कमरे में कत्ल हुआ है तो उस कमरे में आर्यन छानबीन करता है तो पूरे कमरे में अच्छे से छानबीन करने के बाद उसे एक बात समझ आती है कि हत्यारा ना तो बाहर से आया है ना उसके बाहर जाने के निशान है.... हो ना हो हत्यारा घर में से कोई है..या यूं हो सकता है कि हत्यारा पहले ही घर में सबके साथ आया हो...जो भी ..पर आखिर वो है कौन ?
ये सब सोचते हुये आर्यन जैसे ही कमरे से बाहर निकलने के लिए मुड़ता है तो उसकी नजर सामने दरवाजे के साथ लगी खड़की के पर्दे पर पड़ती है और उस पर्दे एक कोने पर जुते की मिट्टी के निशान लगे हुये होते है और आर्यन उसे देखता है और उसका फोटो अपने कैमरे में खींच लेता है और थोड़ी सी मिट्टी को छोटे से लिफाफें में डालकर कमरे से बाहर आ जाता है और घर के हॉल में इंस्पेक्टर सुशांत परिवार वालों से सबाल- जबाव कर रहा होता है।आर्यन परिवार के पास आकर उनसे सवाल पुछता है।
जब हत्या हुई थी तो उस समय घर में कौन -कौन मौजूद थे।
तो शालिनी कहती है ...घर पर हम सभी परिवार ही थे और पार्टी में आये मेहमान तो केक काटने के कुछ देर बाद ही चले गये थे। फिर हम परिवार के ही लोग ही घर में थे।
आर्यन घर के सभी परिवार को गौर से देखता है और कुछ देर सोचने लगने लगता है।
कुछ देर सोचने के बाद आर्यन कहता है कि आपके परिवार में कुल कितने मेम्बर है।
आर्यन का यह सवाल सुनकर कुछ देर के लिए सभी हैरान हो जाते हैं।
फिर शालिनी कहती है मैं,मेरे दो बेटे और उनकी पत्नियां,और उनके चार बच्चे।
और शालिनी चुप हो जाती है।
आर्यन सायरा को देखते हुये कहता है ये तो फिर आपके परिवार से नहीं होगी ना।
तो शालिनी कहती है कि ये मेरी सबसे छोटी बेटी सायरा है और इसके साथ खड़ा ये मेरा दामाद अभिनव है।अभी एक साल पहले ही इन दोनों की शादी हुई थी ।
शालिनी की बातें सुनकर आर्यन कुछ देर चुप रहता है फिर कुछ देर के बाद उसने अपनी चुप्पी तोड़ते हुये कहा।
आपके पति से किसी से कोई दुशमनी थी ?या किसी से बिजनेस के कारण कोई अनबन हो ।
तो शालिनी कहती है। वैसे तो पर्सनल दुशमनी मेरे पति की किसी से नहीं है। पर आपको तो पता है ना कि बिजनेस में तो सबके दुशमन तो होते ही है। बिजनेस के सिलसिले में खन्ना परिवार वालों के साथ बरसों से ही उनकी दुशमनी रही है।
आर्यन पुछता है ये खन्ना परिवार कौन है ?
शालिनी कहती है खन्ना प्रोडेक्शन कम्पनी के मालिक रंजित खन्ना!
सबाल -जबाव पुछने के बाद आर्यन और इंस्पेक्टर सुशांत दोनों राठौर फैमिली के घर से बाहर चले आते है और गाड़ी में बैठकर दोनों आर्यन के घर की ओर चल पड़ते है।
रास्ते में सुशांत ...आर्यन से पुछता है ।
आर्यन तुम्हें क्या लगता है हत्यारा कौन हो सकता है? क्या सच में खन्ना फैमिली के मालिक रंजित खन्ना यह कत्ल करा सकता है?वो भी राठौर फैमिली के घर में ही विक्रम सिंह राठौर के लाईब्रेरी में ही।
सुशांत की बात सुनकर आर्यन कहता है अभी तो कुछ भी नहीं कह सकते है पर जहां तक मेरा ओपिनियन है हो ना हो कत्ल घर के किसी सदस्य ने किया हो जो अच्छे से जानता होगा विक्रम सिंह राठौर के लाईब्रेरी और पूरे घर के एक-एक कोने को।
आर्यन की बात सुनकर सुशांत कहता है उससे।आर्यन तुम्हें किस पर शक है।
तो आर्यन कहता है शक तो सब पर है ..परंतु अभी सबसे ज्यादा शक मुझे सायरा और उसके पति पर है।
दोनों इस तरह से बात करते हुये घर पर पहुंचते है और आर्यन गाड़ी से उतर जाता है और विक्रम आर्यन को गुड़ नाईट बोलकर गाड़ी स्टार्ट करता है और अपने घर की ओर चल पड़ता है।
आर्यन घर का दरवाजा खोलकर घर के अंदर आता है और बाथरूम में जाकर गिजर के स्विच को ऑन करके पानी को गर्म होने के लिए रखता है।खुद अपने लिए खाना बनाने लगता है और खाना बनाने क बाद गर्म पानी का शॉवर लेने के बाद खाना खाता है और फिर कुछ देर अपनी लाईब्रेरी में जाकर कुछ किताबें पढ़ने लगता है।

आखिर किसने किया होगा विक्रम सिंह राठौर का कत्ल ...क्या खूना पकडा..जायेगा.... क्या सुलझा पायेगा आर्यन इस रहस्यमय कत्ल की गुत्थी या यह यूं ही उलझी हुई रहेगी ...जानने के लिए पढते रहें मेरे साथ यानि निखिल ठाकुर के साथ मेरी कलम से यह कहानी जिसका नाम है """रहस्यमय कत्ल""

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