Bigdail Ladki - 5 in Hindi Anything by Parveen Negi books and stories PDF | बिगड़ैल लड़की - 5

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बिगड़ैल लड़की - 5

कहानी को समझने के लिए ,पिछले भाग ,अवश्य पढ़ें ,यह कहानी का भाग 5

रवीना ,,,इस वक्त बिल्कुल तैयार हो चुकी थी, घर से बाहर निकलने के लिए,, दिन का 1:00 बज रहा था,,,

रेणुका ,,"कहां के लिए तैयार हो रही हो रवीना ,इस भरी दोपहरी में,,,""

रवीना ,,"हां यार बस अपने बॉयफ्रेंड आशीष से मिलने जा रही हूं ,,,तू भी चल ,लंच बाहर ही करेंगे,,,""

रेणुका ,,"पर यार मैं तुम दोनों के बीच में क्या करूंगी, तुम दोनों भी बेवजह परेशान हो जाओगे मुझसे, और तुम दोनों की ढेरों पर्सनल बातें,,, रहने दो ,,तुम अकेली ही चली जाओ,,"" और चेहरे पर थोड़ी सी उदासी ले आती हैं,,,,

रवीना ,,थोड़ा सा अजीब सा चेहरा बनाती हैं ,,"कैसी बात कर रही हो तुम ,,,,,तुम मेरी बहन हो और क्या पता आगे चलकर वह लड़का तुम्हारा जीजा बन जाए,, इसलिए तुम भी मिल लो ,और अच्छी तरह से जांच परख लो,,,," और चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कान ले आती है,,,,,,

रेणुका ,,अपनी आंखों को बड़ा कर लेती है ,,""अच्छा और अगर मुझे वह तेरा बॉयफ्रेंड कुछ ठीक नहीं लगा तो,, मैं साफ मना कर दूंगी ,,,फिर तुझे उससे किनारा करना पड़ेगा,,, सोच ले ,अभी भी ,,मुझे साथ लेकर चलना है या नहीं ,,,कभी बाद में कहो कि,, हम दोनों के बीच में दरार पैदा कर दी,,,,""

रवीना,,"" अरे यार ,,ऐसा कुछ नहीं है ,वह बेहद ही अच्छा लड़का है ,,तुम्हें भी पसंद आएगा ,,"""

रेणुका ,,""अच्छा और कहीं कुछ ज्यादा ही पसंद आ गया तो ,,,कहीं मैं तुझसे उसे छीन ना लूं ,,,सोच ले ,हर तरफ से तेरा ही नुकसान होने वाला है,,,,""" और आपको मैं थोड़ी शरारत ले आती हैं,,,,,

रवीना ,,,"""अरे यार ,वह इतना बड़ा बेवफा भी नहीं है कि मुझे इतनी आसानी से छोड़ दे ,,वह मुझ पर अपना दिल जान सब कुछ छिड़कता है,,,, वह इतनी आसानी से तेरे जाल में नहीं फंसने वाला ,,समझी मुझे उस पर पूरा भरोसा है,"""

रेणुका ,,,"""अच्छा इतना भरोसा है ,,,उस पर,,, पर मुझे तो लगता है शहरों के लड़के बहुत बड़े दिल फेंक होते हैं ,,,,कहीं तेरा आशिक आशीष मुझ पर भी लट्टू ना हो जाए,,, और अपना दिल मेरी तरफ ना लुढ़का दे,,, तब क्या होगा ,,,,""

रवीना ,,""अरे यार छोड़ ,,जो होगा देखा जाएगा, तू चल रही है या यहीं बैठ कर मुझे बातों में उलझाये रखेगी ,,,,मैं लेट हो रही हूं,,, आशीष कहीं मेरा इंतजार करते-करते परेशान ना हो जाए,,,,""

रेणुका ,"""चल मैं तो एकदम तैयार हूं"""",

रवीना,,"" क्या तू यह सूट सलवार पहनकर चलेगी,, इसमें तो तू बिल्कुल गांव वाली लग रही है ,,एक काम कर मेरी जींस टॉप पहन ले ,,,,वह तुझ पर काफी जमेगे,,""

रेणुका ,,"कैसी बात कर रही है यार,, अब हमारे बीच में यह कपड़े कहां से आ गए,,, और वैसे भी सूट सलवार में मैं वैसे ही अच्छी लग रही हूं,,, तुझे ही जाने क्यों खराब लग रहे हैं ,,,,और देखना तेरे बॉयफ्रेंड आशीष को भी, मैं देखते ही पसंद आ जाऊंगी ,,,चल अब,,""

रवीना ,,""ठीक है जैसी तेरी मर्जी अब मैं तुझे क्या कह सकती हूं,,, पर शहर में रहकर देखना, थोड़े दिन बाद ही तू भी अपने रंग बदल लेगी,,, बस तेरी यह थोड़े दिन की नौटंकी रहने वाली है ,,,,फिर तुझे भी शहर की हवा लग जाएगी,,,""""

रेणुका ,,,""कहते तो सभी यही है ,पर चलो देख लेती हूं, शहर की हवा भी मुझे कहां तक उड़ा कर ले जाती है ,,,""" और अपने दुपट्टे को हवा में उड़ाते हुए कंधे पर डालती हैं,,,,,,

रवीना ,,रेणुका का हाथ पकड़ कर ,,अपनी कार के पास ले आई थी ,,,और फिर दोनों बाहर निकल गए थे,,,,,

और इधर,,

आशीष ,,एक रेस्टोरेंट में बैठा रवीना का इंतजार कर रहा था ,,,,और बार-बार घड़ी की तरफ देख रहा था,,,,

आशीष ,,""यह साली कमीनी भी ,कभी टाइम पर नहीं आती,,, बस एक बार इससे पैसे निकलवा लूं ,और उसके जिस्म के साथ खेल लूं,,, फिर तो मैं इसे ऐसे भूल जाऊंगा जैसे दो दिन पहले खाया गया खाना,,,,"""

""कहां रह गई यह "",,,,और तभी उसे रेस्टोरेंट के दरवाजे से अंदर आती रवीना नजर आ गई थी ,,,,वह जल्दी से अपने आप को ठीक कर रहा था ,,,और चेहरे पर बेहद मासूमियत ले आया था,,,,,,

आशीष ,""आइए ,आइए बड़ी जल्दी आ गई आप ,,मुझे तो लगा था ,,,शायद यहां बैठा कर आप भूल ही गई,,,,,""

रवीना ,,,""अरे यार माफ करना,, बस घर में ऐसे ही थोड़ी देर हो गई ,,,",,और फिर अपने पास खड़ी रेणुका की तरफ देखते हुए,,"" इनसे मिलो यह है मेरी बहन रेणुका आज सुबह ही आई है गांव से,,,,,"""

आशीष ,,,खड़े होकर रेणुका की तरफ हाथ बढ़ाता है,,"" हेलो रेणुका"""

रेणुका,,, उसे हेलो ना करके ,,नमस्ते की तरह हाथ जोड़ लेती है ,,,,और चेहरे पर कोई मुस्कान भी नहीं लाती,,,,,

आशीष ,,एक उड़ती हुई नजर रेणुका पर डाल लेता है ,,और मन ही मन में ,,उसके तूफान उठ जाता है ,,"क्या लड़की है""",,

रवीना ,,,,""अब खड़े ही रहोगे या बैठोगे भी,, और खाने का आर्डर तुमने दे दिया है या नहीं,,, तुम्हारे चेहरे से तो लग रहा है,,,, जैसे दो दिन से भूखे बैठे हो ,,,"""

आशीष ,,""अरे नहीं ,,ऐसी कोई बात नहीं है ,,दरअसल थोड़ी तबीयत खराब हो गई थी,,, बुखार आ गया था,, उसकी वजह से तुम्हें लग रहा होगा,,, पर तुमने तो दो दिन तक मेरा कोई हालचाल ही नहीं पूछा ,,कहां थी तुम,, मेरा फोन भी नहीं उठा रही थी,,,,"""

रवीना ,,""अरे यार पूछो मत ,,मेरे फैमिली में मेरा दिमाग खराब करने वाले बहुत से लोग हैं,,, उन्होंने ही दिमाग खराब कर रखा है ,,,इसलिए मन नहीं हुआ, किसी से भी बात करने का ,,,पर देखो आज मैं तुम्हारे साथ ही हूं,,और लंच करने आ गई हूँ,,,,""

आशीष ,,,""आपकी बहुत बहुत मेहरबानी,, जो आपने मेरे मैसेज का जवाब दिया ,,और यहां आ गई ,,"",,,,और फिर रेणुका के चेहरे की तरफ देखता है ,,,""आप बड़ी चुप चुप हैं,,, कुछ बोल नहीं रही है,,, अच्छा बताइए क्या पीना पसंद करेंगी आप,,,"""

रेणुका ,,""फ्रूट जूस मंगा लीजिए""",,,

आशीष,, तीन फ्रूट जूस का ऑर्डर दे देता है,, और साथ में खाने का भी,,,,

आशीष ,,रेणुका से ,"""यहां कितने दिन रहने का इरादा है""",,,

रेणुका,,"" जब तक मन करेगा तब तक,, वैसे आपको क्या कोई परेशानी है ,,मेरे शहर में रहने से,, अगर है तो बता दीजिए,,, मैं कल ही वापस चली जाती हूं,,,"

आशीष ,,,""अरे ,अरे कैसी बात कर रही हैं,मुझे क्या परेशानी होगी ,,बल्कि मुझे तो बहुत खुशी है ,इस रेणुका को घर पर एक साथी मिल गया ,,,जो इसको समझ सकता है ,,,वरना यह बेचारी तो उस घर में पागल हो जाती हैं,,,,""

रेणुका,,"" अच्छा जी ,,चलिए कोई बात नहीं ,,फिर तो मैं यहां लंबा ही रुकने वाली हूं ,,आखिर अपनी बहन को मैं पागल कैसे होने दे सकती हूं,,,,"",,, और अपने चेहरे पर, थोड़ी सी शरारती मुस्कान ले आती हैं ,,,,,

क्रमशः,,,,

अब क्या होगा,, क्या रेणुका आशीष को समझ सकेगी, या फिर आशीष लूट कर ले जाएगा ,रवीना को, उसका पैसा और उसकी इज्जत ,जानने के लिए सुनें अगला भाग,,,,