कहानी को समझने के लिए पिछले भाग ,अवश्य पढ़ें ,यह कहानी का भाग ,4
अब आगे,,,
रवीना और रेणुका जो ,सुबह के वक्त ही सोने के लिए लेटे थे,, उन्हें लेटते ही अब गहरी नींद आ गई थी,,,
रवीना ,,,तो वैसे ही रात भर नशे में थी, और सुबह उसने अपना उल्टी करके नशे को उतारा था ,,,वह भी अब बेसुध होकर सो रही थी,,,,,
बलवंत सिंह, इन दोनों का दरवाजा खटखटा रहे थे, और फिर इन दोनों को गहरी नींद में सोता देख कर, दरवाजा बंद करके चले गए थे,,,
बलवंत ,नाश्ते की टेबल पर बैठे थे ,,और तभी उनकी पत्नी सायरा वहां आ गई थी,,,,,
बलवंत,, बेहद शांत होकर ,""रेणुका आई है ,उसका ख्याल रखना ,अभी इस वक्त रवीना के कमरे में सो रही है,,"
सायरा"" आपके दोस्त की बेटी आई है""",
बलवंत ,""हां और उसके आगे ऐसी कोई हरकत मत करना कि वह शर्मिंदा हो जाए ,,और अपनी बेटी रवीना को भी समझा देना कि ,,जब तक वह यहां है ,,,थोड़ा सा अपने आप को कंट्रोल में रखें,,,,,
सायरा ,""जब तुम्हें यह लगता है कि, हम दोनों बिगड़े हुए हैं तो फिर तुम अपने यहां मेहमानों को बुलाते ही क्यों हो और वह भी ऐसे मेहमानों को ,जो पुराने ख्यालातों के हो ,और अगर तुम्हें ऐसे मेहमानों से मिलने का ही शौक है तो, तुम उनके घर जाकर क्यों नहीं मिल कर आ जाते ,,,उन्हें यहां क्यों बुला लेते हो,,,,,"" और वह थोड़ा गुस्से में आ गई थी
बलवंत,,, अभी कुछ बोलता तभी हॉल में रेणुका आ जाती है ,,,,और तेजी से आकर डाइनिंग टेबल पर बैठ जाती है,,,
रेणुका,,,"" सॉरी अंकल जी मैंने आपसे नाश्ते पर मिलने के लिए कहा था,,, और मेरी आंख लग गई,,,,
बलवंत ,,""अरे कोई बात नहीं बेटा ,,मुझे तो लगा तुम सो रहे हो मैं देखने आया था,,,,,
रेणुका,,"" प्रणाम ताई जी जी, कैसी हैं आप,,""
सायरा,,"" यह क्या है रेणुका ,,तुम्हारे यह गांव के तौर-तरीके तुम गांव में ही छोड़ कर आया करो ,आओ खड़े हो जाओ,,,मैं तुम्हें बताती हूं, शहर में कैसे मिला जाता है,,,,
रेणुका ,,बलवंत सिंह की तरफ देखती है,, और वहां पर खड़ी हो जाती हैं,,,,
सायरा ,,आगे बढ़ती है और ,उसे गले से लगा लेती है प्यार से चूम लेती हैं,,,
रेणुका,,,"" अरे वाह ताई जी ,,यह तो बहुत अच्छा तरीका है,,, अब से मैं भी ऐसे ही क्या करूंगी,,, बस अब आप मुझे ऐसे ही एक मॉडर्न लड़की बना देना,,""""
सायरा ,,,रेणुका की बात सुनकर ,बलवंत की तरफ देखती है और मुस्कुराते हुए ,,""हा, हा क्यों नहीं ,,अगर तुम मेरे साथ रहोगी तो,,, मैं तुम्हें एकदम परफेक्ट मॉडर्न बना दूंगी ,,और शायद उसके बाद तुम,,, अपने गांव जाने का जिक्र तक ना करो,,,,"""
रेणुका ,,"ओह ताई जी ,,और उनके गले लग कर प्रेम दर्शाती है,,,,
सायरा,,"" अरे वाह तुम तो बड़ी जल्दी सीख गई,,"""
रेणुका ,,""आइएये,,ताई जी नाश्ता कर लेते हैं,,""
सायरा,,"" मुझे ताई जी नहीं ,,बड़ी मम्मी कह कर बुलाओ ठीक है,,,,"""
रेणुका ,,""ठीक है बड़ी मम्मी,,, लाइए अब नाश्ता करवा दीजिए ,,बड़ी जोर से भूख लगी है,,,,
बलवंत ,,,रेणुका को देखकर मन ही मन में मुस्कुरा रहे थे,,, और देख रहे थे,,, रेणुका कितनी चालाकी से सायरा के दिल में उतर रही है ,,,उसकी हर बात मान कर,, उसका अपने पर विश्वास कायम कर रही है,,,,,,
बलवंत ,,,""अच्छा अब मैं चलता हूं ,,ओके रेणुका शाम को मिलते हैं और अगर तुम्हारा दिल करे तो ऑफिस आ जाना घूमने फिरने,,,,,,
सायरा,,,"" क्या कह रहे हैं आप ,,अभी तो हमारी बच्ची के ऐश करने के दिन है ,,,और तुम इसे ऑफिस बुला रहे हो,, इसे मैं अपने साथ ले जाऊंगी ,घुमाने ठीक है बेटा,,"""
रेणुका,,"" बड़ी मम्मी जी आपके साथ घूमने में तो आनंद ही आ जाएगा,,,""
बलवंत,,"" ठीक है,, अच्छा मैं चलता हूं ,,,और फिर बाय करके वहां से निकल जाते हैं,,,,,
सायरा ,,""तुम्हारा यह नाम मुझे कुछ पसंद नहीं है ,,रेणुका कुछ पुराने जिस्म का लग रहा है,,,, क्यों ना तुम्हें एक नया नाम दिया जाए ,,,शहर के लिए ,,,ताकि यहां के लोग तुम्हें उसी नाम से पुकारे ,,तुम्हें कैसा लगा मेरा यह आईडिया,,,""
रेणुका ,,""यह तो बहुत अच्छा विचार है,,, मुझे भी मेरा नाम बिल्कुल पसंद नहीं है ,,,,कोई अच्छा सा नाम आप ही रख दीजिए,,""
सायरा ,,कुछ सोचने लगती है ,,""यार मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है क्या नाम रखूं तुम्हारा,,,"""
रेणुका ,,""सोचिए ना आंटी जी"""
सायरा,,"" रुक अभी सोचती हू "",,और फिर उठकर एक तरफ जाती है ,,और वहां से एक बोतल निकाल कर,, अपने लिए शराब का एक पेग बना लाती है ,,,और उसे पीती हुई डाइनिंग टेबल पर आ बैठती है,,,,
सायरा ,,"ओ हो सॉरी ,,मैं तुम्हारे लिए लाना भूल गई,,, क्या तुम भी पियोगी,,,""
रेणुका ,,"नहीं बड़ी मम्मी ,,अभी तो आप ही पी लीजिए ,और वैसे भी यह तो आप जैसे बड़े लोगों को ही शोभा देता है,,,,,
सायरा,, इसे पीकर मेरे दिमाग में बहुत ही अच्छे आइडिये आने लगते हैं,,, अब तुम देखना बस कुछ ही मिनट में तेरे लिए एक बहुत ही अच्छा नाम निकल कर आ जाएगा,, मेरे दिमाग से,,,,""
रेणुका ,,,अपनी आंटी के चेहरे को देख रही थी जो गहराई से उसके लिए,, एक शहरी नाम ढूंढने की कोशिश कर रहा था,,,
""जल्दी कीजिए ना बड़ी मम्मी ,,,,मैं अपना नया नाम सुनना चाहती हूं ,,,मुझे लगता है रवीना को भी उन मुझे उठा कर ले आना चाहिए ,,शायद वह कोई अच्छा नाम ढूंढ दे,,,,""
सायरा,," क्या कह रही हो ,,उसका नाम भी तो मैंनेहीं रखा था,,, बलवंत ने तो उसका नाम सुनीता रख दिया था,, मैंने ही उसे बदला है,,,,
रेणुका ,,,""सुनीता यह भी क्या कोई नाम हुआ ,,,सही किया आंटी जी ,,,जो आपने बदल दिया, सु,,नी,ता ,,,और अजीब सा चेहरा बनाती है,,,,
सायरा ,,कुछ सोचती जा रही थी और फिर उसके दिमाग की बत्ती जल गई थी ,,,और उसने अगले ही पल ,अपना पूरा पेग खाली कर दिया था,,,,
रेणुका,,,"" क्या हुआ बड़ी मम्मी जी ,कुछ आया दिमाग में,,,"
सायरा ,,""हां ,,आ गया है तेरा शहर का नाम होगा,,"" रिया,,
रेणुका,,"" वाह बड़ी मम्मी,, आपने तो बहुत ही अच्छा नाम रखा है ,,,""""रिया,,,,
सायरा ,,""अच्छा अब मैं अपने रूम में जा रही हूं तैयार होने,,, मुझे किसी से मिलने जाना है ,,क्या तुम भी चलोगी,,,""
रेणुका ,,,""हां, हां क्यों नहीं ,, बस में अभी 10 मिनट में तैयार होकर आ जाती हूं,,""
सायरा,,"" क्या कहा 10 मिनट में,,?,,,,, मुझे तैयार होने में 1 घंटा लगेगा ,,और तुम 10 मिनट में कैसे तैयार हो सकती हो ,,,सिर्फ कपड़े पहन कर मेरे साथ चलना है क्या ,,,तुम् थोड़ा सा चेहरे को भी चमका लो ,,,,""
रेणुका ,,""पर आंटी मुझे ,,यह सब नहीं आता है,,""
सायरा ,,"ओहो तो ,तुम एक काम करो ,,आज मेरे साथ मत जाओ ,,और रवीना के साथ ,,ब्यूटी पार्लर चले जाना ,ठीक है,,,,
रेणुका ,,""ठीक है बड़ी मम्मी जी चलो ,,,मैं आपके कमरे में चलती हूँ,,और देखती हूं आप कैसे तैयार होते हैं,,,""
सायरा,,"" हां, हां क्यों नहीं चलो, और फिर तेजी से ऊपर की तरफ जाती सीढ़ियों में चढ़ जाती हैं,,,, रेणुका मुस्कुराते हुए उसके पीछे चल रही थी,,,
,और कुछ ही सेकंडओ बाद सायरा शीशे के सामने बैठकर अपने आप को सवारने लग गई थी,,, हर चीज वह इतनी बारीकी से अपने चेहरे पर लगा रही थी कि ,,,रेणुका को हंसी आ रही थी,,,,,,
सायरा,,,"" तुम भी ध्यान से देखती रहो ,,,कुछ दिन बाद तुम्हें भी ऐसे ही तैयार होना है ,,,ऐसे नहीं कि कपड़े पहने और चल दिए ,,,,अब ऐसा बिल्कुल नहीं चलेगा,, हमारे साथ रहोगी तो ,,हमारी तरह बनकर रहना पड़ेगा,,,,"""
रेणुका ,,""जी बड़ी मम्मी जी आप जैसा कहेगी मैं वैसा ही करूंगी,,,""
और उसके ,,,होठों पर एक लंबी सी ,मुस्कान आ गई थी,,,
क्रमशः,,,
क्या चल रहा था, इस घर में और रेणुका क्या कर पाएगी रिया बनकर,,, जानने के लिए बने रहे कहानी के साथ,,,