Lara - 6 in Hindi Fiction Stories by रामानुज दरिया books and stories PDF | लारा - 6 - (एक प्रेम कहानी )

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लारा - 6 - (एक प्रेम कहानी )

Behind the scenes love story❤
(Part 6)
सोमा आधी रात को अकेले ही जोर जोर से हंसने लगी, बोली मुझे लगा आपकी मैगी में कुछ हो गया था कोई प्रॉब्लम हो गई थी।
आप भी ना राम जी कैसे मजाक करते हैं, आप तो डरा ही देते हैं ऐसे बोला जाता है भला, हमें तो लगा कहीं आप ही तो नहीं जल गए हैं। राम बोले अरे नहीं सोमा कोई बात नहीं थी,
बस हम थोड़ा सा आपको परेशान करना चाहते थे, और कुछ नहीं मेरी मैगी को कुछ भी नहीं हुआ था ।
ऐसे ही हंसते-हंसाते दोनों की जिंदगी में खुशियां फिर से वापस आने लगी, दोनों फिर से एक दूसरे के लिए जीने लगे, दोनों फिर से एक दूसरे के लिए सजने सवरने लगे।
नहीं तो अलग होने के बाद दोनों की जिंदगी से रंग ही उड़ गए थे, राम जी के लिए तो सब कुछ खत्म हो गया था उनके लिए तो जब तक सोमा थी तब तक सब कुछ था सोमा नहीं तो कुछ नहीं।
ना कपड़े धुले होने की जरूरत, ना प्रेस की जरूरत शूज तो कैसे भी हों, गंदे हैं साफ हैं कोई फर्क नहीं पड़ता, पॉलिश करना तो भूल ही गए थे।
जैसे रहते थे वैसे ही किसी तरह से ऑफिस चले जाया करते थे।
ऑफिस में स्टॉफ के सब लोग पूछने लगे की क्या हुआ है, राम ये कैसी हालत बना लिए हो, अगर कोई प्रॉब्लम हो तो बताओ ये कैसे पागलों की तरह से चले आते हो, बालों में कंघी करना भी छोड़ दिये हो। ऐसे तो तुम नहीं थे, खुद हँसते थे और एक बात बोलकर हर किसी को हंसा दिया करते थे और आज ऐसे क्यों हो गये हो? हुआ क्या है?
"एहसान किसी का रखते नहीं वो मेरा भी चुका गए जितना खाया था नमक मेरा मेरे जख्मों पर लगा गए"
राम जी क्या बोलते कैसे बताते लोगों को कि जिसने हमें हंसना सिखाया था उसी ने रूला कर ऐसी हालत बना दिया। जिसके लिए मैं कभी बदल गया था
आज फिर उसी ने ही बदल कर रख दिया है, जिसे मैंने अपने जीने की वजह बना लिया था, वही आज मुझे छोड़ कर मेरी बरबादी का कारण बन गयी है।
राम जी अपनी पर्सनल बातें कभी किसी से शेयर नहीं करते थे उन्हें बिल्कुल भी पसन्द नहीं है, किसी तीसरे को अपने मैटर में शामिल करना, वो धीरे से हंस कर कुछ भी तो नहीं बोल कर बात को हमेशा टाल दिया करते ।
कोई शौक नहीं कोई ख्वाहिशें नहीं, कुछ नहीं बस किसी तरह से जी रहे थे एक जिंदा लाश बन कर।
सोमा से प्यार करने के बाद राम जी की लाइफ स्टाइल एकदम से चेंज हो गई थी सुबह जल्दी उठकर मॉर्निंग वॉक पर जाना, टाइम से नाश्ता करना, अच्छे-अच्छे प्रेस किए हुए कपड़े, नए पॉलिश किए हुए शूज, अच्छी सी हेयर स्टाइल मतलब सोमा के आने के बाद राम की जिंदगी एकदम बदल गई थी, पहले वाले रामजी रह ही नहीं गए थे, एकदम से रामजी चेंज हो गए थे। सोमा के साथ रामजी हंसकर खुलकर बात करने लगे थे, अपनी सारी पर्सनल वो बातें शेयर करने लगे जो उनकी फैमिली भी शायद नहीं जानती है आजतक।
लेकिन सोमा के जाने के बाद राम जी फिर अपनी पिछली वाली जिंदगी में चले गए थे, जैसे वह पहले रहते थे। वही सब कुछ ,ना किसी से बोलना ना किसी से बातें करना ना हंसना ना कोई शौक ना कहीं आना न जाना कुछ भी नहीं बस किसी तरह से जी रहे थे।
इधर सोमा का भी बुरा हाल था जब राम के साथ थी तो सुबह जल्दी उठ कर नहा कर अच्छे से तैयार होकर हमेशा मेंटेन रहती थी।
अच्छी सी हेयर स्टाइल, होठों पर लाली, कानों में बाली, आंखों में काजल, अच्छे कपड़े, कांधे पर दुपट्टा।
ये सारी चीजें राम जी को बहुत पसंद थी इसलिए सोमा हमेशा तैयार रहती थी, कि पता नहीं कब राम जी वीडियो कॉल कर दे फोटो मांग ले। लेकिन अब कोई शौक सिंगार नहीं न जल्दी नहाना ना तैयार होना कुछ भी नहीं कोई शौक सिंगार नहीं। उसकी सिस्टर हमेशा बोलती कि बालों में कंघी तो कर लिया करो हमेशा चुड़ैल की तरह रहती हो। लेकिन सोमा कैसी दिखती है कैसी लग रही है, इन सब बातों से उसको कोई फर्क नहीं पड़ता था, उसका यही मतलब था कि अब कोई देखने वाला थोड़ी है। जिसके लिए मै हमेशा सजती संवरती थी उनको तो मैंने खुद से बहुत दूर कर दिया है.... अब इन सब का कोई मतलब ही नहीं है ।
"कहते हैं ना जब तक ना पड़े आशिक की नजर सिंगार अधूरा रहता है" सोमा यही सोचती कि मुझे अधूरा सिंगार नहीं करना है,
और वैसे भी घर में ही तो रहना है चाहे जैसे भी रहें । लेकिन अब एक बार फिर दोनों में बदलाव नजर आ रहा था, फिर से वही हंसी-खुशी सजना सवरना घंटों चैटिंग पर बात करना। लेकिन सोमा राम से फोन पर बात करने से कतराती थी क्योंकि उसे मालूम था कि अगर वह राम से फोन पर बात करेगी तो खुद को रोक नहीं पाएगी, और उससे अपने प्यार का इजहार हो ही जाएगा, वो बोल देगी कि मैं आपसे बहुत प्यार करती हूं नहीं जी पाऊंगी मैं आपके बिना। और अगर ना भी बोलेगी तो राम तुरंत बात पकड़ लेंगे उसका हाव-भाव देखकर, उन्हें मालूम हो जाएगा कि सोमा आज भी मुझ से बेपनाह मोहब्बत करती है सिर्फ मेरे सामने नाटक करते हैं कि मैं आपसे प्यार नहीं करती, मुझे आप से कोई लगाव नहीं।
और वही हुआ जिसका सोमा को डर था।
एक दिन रामजी ने कहा सोमा जानती हो कितना दिन बीत गया है, तुम बात नहीं की हो हमसे, तुम्हारी आवाज नहीं सुने है, खिलखिलाती हुई वो हंसी की आवाज बरसों बीत गए मेरे कानों तक नहीं आई है। अगर टाइम हो तो प्लीज एक बार बात तो कर लो, कितना दिन हो गया बात नहीं की हो, क्या तुम्हारा मन नहीं करता की एक बार हमसे बात कर लो। बात करना तो सोमा भी चाहती थी। लेकिन वह बहाने बनाने लगी कि मेरे पास टाइम ही नहीं रहता है, मेरे घर पर कुछ काम चल रहा है बहुत सारे मजदूर लगे हैं, उनके लिए नाश्ता खाना सब हमें ही तैयार करना रहता है। टाइम नहीं मिल पाता है कि हम आप से बात करें। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि लॉकडाउन की वजह से सब के स्कूल बंद हैं सब घर पर ही रहते हैं ।और मेरे छोटे भाई बहन हमेशा मेरे साथ ही रहते हैं, एक मिनट भी हमे टाइम नहीं मिल पाता, हम अकेले कभी होते ही नहीं कि आपसे बात कर सके। आप ही से क्या हम किसी से कभी बात कर ही नहीं पाते हैं, बिल्कुल भी टाइम नहीं मिलता है। घर के अंदर रहे तो सब साथ रहेंगे शाम को छत पर बाहर घूमने निकले हो तो भी सब छत पर भी जाएंगे साथ घूमने। मतलब एक मिनट भी अकेली नहीं रह पाती जिससे मैं आपसे बात कर सकूं।
सोमा हजार बहाने बनाती और रामजी रोज बात करने के लिए बोलते और सोमा रोज कोई न कोई बहाने बना देती, अभी ये कर रही हूं अभी वो करना है टाइम नहीं है, अभी कोई आया है हुअा है....
लेकिन राम जी भी जिद्दी थे,उन्होंने सोमा से कहना नहीं छोड़ा वो रोज बात करने के लिए बोलने लगे। क्युकी उन्हें मालूम था कि मेरी मोहब्बत सच्ची है और एक दिन सोमा लौट कर जरूर आयेगी। "राम जी को किसी की कही हुई बात पर भरोसा था कि मोहब्बत अगर सच्ची हो तो लौट कर जरूर आती है " फिर एक दिन सोमा भी खुद को नहीं रोक पाई और उसने कहा ठीक है मैं आपसे बात करूंगी।
अभी मैं नीचे हूं कुछ काम कर रही हूं छत पर चलकर किसी तरह आपसे बात करती हूं।
सोमा ने लगभग 5:30 बजे के टाइम राम के पास फोन किया। सोमा बोली हैलो.... राम जी बोले हेलो हां कैसी हो सोमा? राम की आवाज से लग रहा था कि राम जी बहुत दुखी हैं, उनके मन में हजारों सवाल चल रहे थे। कि सोमा तुमने ऐसा क्यों किया? ऐसा क्या हो गया? कहां गलती हो गई मुझसे जो तुम मेरे साथ ऐसा कर रही हो?
सोमा गुस्सा दिखाते हुए बोली कि इतना सब कुछ हो गया फिर भी आप मुझसे इतना प्यार करते हो, भूल क्यों नहीं जाते? आप मुझसे बात मत कीजिए भूल जाइए मुझे,मैं आपके साथ इतना सब कुछ कर रही हूं । फिर भी इतनी मोहब्बत है आपके दिल में मेरे लिए ।
"कोई दास्तान नया या पुराना नहीं होता
जिंदगी का हर पल सुहाना नहीं होता
मिलना बिछड़ना तो किस्मत का खेल है
पर जुदाई का मतलब भूल जाना तो नहीं होता"
(#Laea)
आगे की कहानी भाग 7 में