ध्रुव और निया दोनो लिफ्ट से उतर कर अपने अपने घर जा ही रहे थे, की निया को याद आया, की उसकी चाबी ऑफिस में ही रह गई है।
"ओह नो.. "
"क्या हुआ?", निया की आवाज़ सुन कर ध्रुव ने पूछा।
"मैं अपनी चाबी ऑफिस में अपने डेस्क पे ही भूल गई, अब दोबारा अंदर जाने देंगे?"
"अ..अ.. शायद नहीं, पर एक बार बेल बजा कर देखो, क्या पता रिया अंदर ही हो।"
"हां, ट्राइ करती हूं।", निया बेल बजाती है, पर जब कुछ देर तक कोई नहीं आता है, तो पीछे खड़ा हुआ ध्रुव, निया के पास आता है, और बोलता है, "रिया को कॉल करके देखो।"
"हां।" निया, रिया का फोन मिलाती है, कुछ देर घंटी बजने के बाद सामने से आवाज़ आती है, "जिस व्यक्ति को आप फोन कर रहे है, वो इस समय व्यस्त है।"
"नहीं उठा रही", निया ध्रुव को बताती है।
कुछ सेकंड सोचने के बाद, ध्रुव निया को बोलता है,
"एक काम करो, तुम हमारे फ्लैट में रुक जाओ थोड़ी देर, तब तक मैं ऑफिस जा कर तुम्हारी चाबी ले आता हूं, मुझे बस बता दो की कहां पड़ी है।"
"पर इस टाइम तुम्हारा जाना ठीक रहेगा?"
"हां, तुम्हारी जगह मैं भी तो अपनी चाबियां भूल सकता था, ना। तो चिल। तुम थोड़ी देर कुनाल के साथ बैठो इतने।" ध्रुव अपने फ्लैट के पास आकर कुनाल को फोन मिलाते हुए सब बताता है।
एक दो मिनट बाद दरवाज़ा खोल कर बाहर आते हुए कुनाल बोला, "हाय निया.. ।"
"सुन मैं चाबी लेकर आया, निया तब तक तेरे साथ बैठी है।"
"हां.. ठीक है। निया अंदर आजाओ।"
"पर.. मैं उसके साथ जाऊ, क्या? वो मेरे लिए स्पेशियली ऑफिस तक जा रहा है।"
"नहीं, उसकी जरूरत नहीं है, इतना मत सोचो। तुमने डिनर किया?"
"अ. नहीं, पर अभी इच्छा नहीं है, शाम में कुछ कुछ खा लिया था।" फ्लैट के अंदर आते हुए निया बोली। उसके और रिया के फ्लैट की तरह ही इस फ्लैट में भी हॉल में बैठने के लिए बस एक गद्दा बिछा हुआ था।
"ठीक है, बैठो ना!", हॉल के गद्दे की तरफ इशारा करते हुए कुनाल बोला।
"हां", निया गद्दे पे बैठी ही थी की कुनाल अंदर से एक चादर ले आया, और उसके सामने बिछाकर बैठ गया।
"वो.. आई एम सॉरी!" कुनाल जो कुछ देर से फोन हाथ में लेकर कुछ कुछ कर रहा था, धीरे से बोला।
"हहह?"
"वो उस दिन, ध्रुव को तुम्हारे ब्रेकअप के बारे में बताने वाला, मैं ही था। अपने दोस्त की मदद के चक्कर में मैं इतना खो गया, की मैंने सोचा ही नहीं, की और भी लोग है, जिनकी फीलिंग्स हर्ट हो सकती है। "
"मदद.. कैसी मदद.. ऐसा था क्या, की ध्रुव को ब्लड चढ़ना था, और फिर सिर्फ एक ऐसे इंसान का ही चढ़ सकता था, जिसका ब्रेकअप हुआ हो?"
"नहीं... अपने दोस्त को बाहर निकालना था, इन पहली बारिश के झमेलों से।"
"मतलब?"
"मतलब ये है की ये जो पहली बारिश कमेटी है, वो ध्रुव के भाई की बनाई हुई कमिटी है, और भैया ने ध्रुव को इसे संभालने को कहा था। ध्रुव इसका प्रेसिडेंट है, और बस तब से ही उसकी जिंदगी अटकी हुई पड़ी है। उसे अगर अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना है, तो उसके लिए ज़रूरी है की वो ये कमिटी की प्रेसिडेंटशिप किसी और को दे।"
"तो और भी तो बहुत लोग होंगे ना इस कमेटी में, वो ये फिर किसी और क्यों नहीं देता?"
"वो.. वो सब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए। पर मेरा ध्रुव वहीं अटका हुआ है। " कुनाल बोला।
हल्का सा रुकते हुए, वो आगे बोला, "सॉरी.. पर अभी अगर तुम्हारा अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने का कोई प्लान नहीं है, तो तुम मान जाओ ना। पता है उसे, ऑफिस में कोई लड़की भी पसंद है, पर इन चक्करो में वो कुछ आगे बढ़ ही नहीं पा रहा।"
"मतलब, क्यों?"
"क्यों.. मतलब, ब्रेकअप वाली कमिटी का हेड, ध्रुव चला शादी करने, कैसा लगेगा सुनने में?"
"समझी।"
"समझी ना, बढ़िया। अब तक तो तुम ये भी जान गई होगी, की वो बुरा इंसान नहीं है, आज तो उल्टा ख़ास तौर पे तुम्हारे लिए चाबियाँ लेने ऑफिस भी गया है।"
"हां जान गई हूं।"
"तो क्या ख्याल है तुम्हारा?"
"ह.. हहम.. हां.. आगे बढ़ने का तो अभी कुछ नहीं सोचा", पिछले कुछ दिनों में अंकित को किए अपने एक तरफा मैसेज और कॉल्स को निहारती हुई निया बोली।
"तो फिर, तुम तैयार हो?"
"अ.. अ.. ठीक है। पर ये पहली बारिश कमेटी है क्या?", निया पूछती ही है, की इतने में ध्रुव, फ्लैट का दरवाज़ा खोलते हुए अंदर आता है।
"चाबी मिल गई?", निया बड़ी ही उम्मीदों भरी नज़रों से ध्रुव की तरफ़ देखते हुए पूछती है।
"हां.. ये लो..", ध्रुव चाबियां निया की और फैंकते हुए बोला।
"थैंक्यू", एक बड़ी सी मुस्कराहट के साथ निया ने कहा।
"ध्रुव.. ध्रुव.. निया पहली बारिश कमेटी में आने के लिए तैयार है।", कुनाल बीच में टोकता हुआ बोला।
"क्या?", ध्रुव ने हैरानी से पूछते हुए निया की तरफ़ देखा।
"हां.. वो.. हां, पर बाकी बातें कल करते है। गुड नाईट", निया अपने कमरे की ओर भागते हुए बोली।
"बाय। गुड नाईट।", ध्रुव और कुनाल भी एक साथ बोले।