अभी तक आपने पढ़ा माया के लिखे पत्र को अजय ने देख लिया, क्या वह उसे पढ़ लेगा या नहीं । माया के प्रेगनेंट होने की ख़बर सुनने के बाद राहुल क्या करेगा अब आगे: -
अजय ने पास जाकर उस पत्र को पढ़ा तो उसके होश ही उड़ गए। उसने चुपचाप से उसे वैसा ही रख दिया जैसा माया ने रखा था। वह सोचने लगा, अरे बाप रे इतनी बड़ी ग़लतफ़हमी की शिकार हो रही है माया। उसने केवल शक़ के आधार पर इतना बड़ा ग़लत फ़ैसला कर डाला। अब वह समझ गया कि पिछले कई दिनों से माया का व्यवहार इतना बदला हुआ क्यों था। अजय तो अपनी पत्नी माया से बहुत प्यार करता था, वह नहीं चाहता था कि सब ग़लतफ़हमियाँ दूर हो जाने के बाद माया को किसी तरह की शर्मिंदगी हो इसलिए उसने उस पत्र को वैसे ही छोड़ दिया, मानो उसने पढ़ा ही ना हो।
फ्रेश होकर अजय कमरे में गया और बैग की तरफ ध्यान न देते हुए उसने माया को खींचकर अपनी बांहों में भर लिया और चुंबन लेते हुए कहा, "कितनी सुंदर लग रही हो माया तुम। तुम्हें पता है कल मैं तुम्हें बहुत ही बड़ा सरप्राइज़ देने वाला हूं, ऐसा सरप्राइज़ जो तुम्हारे लिए बहुत ही खास होगा। तुम बहुत खुश हो जाओगी माया।"
माया ने अपने आपको अजय से दूर किया लेकिन सरप्राइज़ क्या है वह जानना चाह रही थी। उसने अपने ऊपर काबू करते हुए उस समय अपने गुस्से को जला कर भस्म करना ही उचित समझा और पूछने लगी, "क्या सरप्राइज़ है अजय, अभी बता दो ना"
"अभी नहीं माया कल दिखाऊंगा अभी वह यहां है ही नहीं। अरे यह बैग क्यों उतारा ऊपर से, सफाई कर रही थीं या कुछ ढूंढ रही थी," अजय जानते हुए भी अनजान बना रहा।
माया ने इस बात को अनसुना कर दिया।
दूसरे दिन ऑफिस के लिए दोनों साथ ही निकल गए। शाम को ऑफिस से लौटते समय अजय ने माया से कहा, "चलो तुम्हें कहीं लेकर चलता हूं।"
"कहां जाना है अजय?"
"अरे माया पूछो मत, सिर्फ देखो।"
अजय कार चला रहा था, रास्ते में उसने एक फूलों का गुलदस्ता और कुछ फल खरीदे।
"अजय यह सब किसके लिए कुछ बताओगे?"
"बस और दस मिनट सरप्राइज़ भी पता चल जाएगा और किसके लिए यह भी।"
कुछ ही समय में वह अस्पताल पहुँच गए, अस्पताल देखते ही माया ने पूछा, "कौन बीमार है अजय, और तुम मुझे यहाँ क्यों लाए हो? जल्दी बताओ, मुझे बहुत बेचैनी हो रही है।"’
"जो भी बीमार है, अब ठीक हो रहा है, तुम उससे मिलकर खुश हो जाओगी।"
दोनों ऊपर राहुल के कमरे में पहुंचे वहां दीपा को देखकर माया हैरान रह गई। वह अपनी गोद में राहुल का सर रख कर बैठी हुई थी। अजय और माया को देखते ही वह उठ गई और दोनों को अंदर बुला कर बिठाया।
अजय ने फ़िर माया से पहली बार दीपा का परिचय करवाया, "माया यह दीपा है, मेरी टीम की सबसे मेहनती और होनहार लड़की और यह राहुल है दीपा का बॉय फ्रेंड।"
परिचय करवाने के बाद अजय ने माया को जन्मदिन से अब तक की पूरी घटना बताई। माया के मन में ख़ुशियां हिलोरें मार रही थी, आज वह इतनी ख़ुश थी जितनी शायद वह अपने जीवन में कभी नहीं रही होगी। लेकिन अब उसके मन में उस पत्र को लेकर शर्मिंदगी हो रही थी, यदि अजय ने उसे पढ़ लिया तो वह क्या सोचेगा?
माया से बात करते-करते अजय ने यह कह दिया कि अब सब ठीक है माया। अब तक तो दीपा ने राहुल को गुड न्यूज़ भी सुना दी होगी।
"गुड न्यूज़, कौन सी गुड न्यूज़? अजय जी प्रमोशन हुआ क्या मेरी दीपा का ?" राहुल ने पूछा।
अजय सकपका गया, उसे लगा उसे ऐसा नहीं कहना चाहिए था।
लेकिन तभी अचानक दीपा बाथरूम की तरफ भागी। शायद उसका जी मचला रहा था, बाथरूम में जाकर उसे उल्टी हुई, जिसकी आवाज़ बाहर के रूम तक आ रही थी।
रत्ना पांडे, वडोदरा (गुजरात)
स्वरचित और मौलिक
क्रमशः