unknown connection - 76 in Hindi Love Stories by Heena katariya books and stories PDF | अनजान रीश्ता - 76

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अनजान रीश्ता - 76

पारुल कार का दरवाजा खोलकर कार में बैठ जाती है । अविनाश की ओर तिरछी नजर से देखती है तो वह दूसरी ओर कार के बाहर देख रहा था। वह अभी भी किसी बात को लेकर गुस्सा था । लेकिन पारुल को समझ नहीं आ रहा था की उसने क्या किया जो युंह ये अचानक फिर से अकडू बन गया । तभी विशी पारुल को कहता है।


विशी: ( आगे की सीट से पारुल की ओर मुड़ते हुए ) पारु!! यार क्या बात है ड्रेस तो काफी अच्छी लग रही है तुम पर ।


पारुल: थैंक यूं विशु!! ( बड़ी मुस्कुराहट के साथ ! ) ।


अविनाश: ( गुस्से में आंखे बड़ी करते हुए दोनो की ओर देखे जा रहा था । ) विशु!!!? ( आईब्रो ऊपर करते हुए )।


पारुल और विशी दोनों अविनाश की ओर देखते है ।


विशी: ( सिर को ना में हिलाते हुए ) ( धीरे से ) इग्नोर हिम!!! शायद वह मेय बि प्रेगनेंट है इसलिए !!!?।


पारुल: ( आश्चर्य में आंखे बड़ी करते हुए विशी की ओर देख रही थी । अपनी हंसी रोकने की कोशिश करते हुए ) ( खांसते हुए ) या!! ।


अविनाश: ( चिल्लाते हुए ) विशी! मैं कोई बहरा इंसान नहीं हूं मुझे सब सुनाई दे रहा है। और तुम ( पारुल की ओर उंगली करते हुए ) क्या ये खांसने का नाटक करके.... हंसे जा रही हो। क्या मुझे उल्लू का पट्ठा समझ रखा है क्या !? ।


पारुल: ( गुनगुनाते हुए ) वो तो तुम हो ही!!? ।


अविनाश: ( गुस्से में पारुल की ओर देखते हुए ) क्या कहां!? ।


पारुल: ( झूठी मुस्कुराहट के साथ ) नहीं! कुछ नहीं! मैं तो कह रही थी की आज मौसम कितना अच्छा है ना!? ( अविनाश की ओर देखते हुए ) ।


अविनाश: ( पारुल को घूरते हुए जवाब नहीं देता ... और फिर से खिड़की के बाहर देखने लगता है। ) विशी... रास्ते में लॉयर के यहां कार को रोक देना फिर तुम सीधा स्टूडियो पहुंचो!! हम दोनो दूसरी कार में आ जायेगे ।


विशी: पर... अवि... ( वह आगे के शीशे में से अविनाश की ओर देखता है । तो उसे समझ आ गया की अभी कुछ ना बोले तो ही बेहतर है । ) ।


अविनाश: बेटर!! ।


विशी... लॉयर के ऑफिस पर ड्राइवर को कार रोकने के लिए कहता है । पारुल और अविनाश दोनों ही वहां उतर जाते है । अविनाश पारुल की ओर बिना देखे... आगे बढ़ रहा था । पारुल भी उसके पीछे पीछे चल रही थी की तभी अविनाश रुक जाता है तो पारुल का सिर उससे टकराता है। पारुल अपने सिर को सहलाते हुए कहती है।


पारुल: क्या!!? रुक क्यों गए चलो!!? ।


अविनाश: ( पारुल के हाइट के जितना जुकते हुए ) वैसे... विशु... पारु.... ये सब... तुम दोनो इतने क्लोज कबसे हो गए की निकनेम भी देने लगे!? ।


पारुल: ( अविनाश की ओर देखे जा रही थी... थोड़ी देर सोचने के बाद कहती है। ) आर... यू.... जेल्स...!? ।


अविनाश: ( मुंह बिगाड़ते हुए ) जेल्स... और वो भी में हाहाहाहाहा... बेब अविनाश खन्ना हूं में लोग मुझ जैसा बनना चाहते है। मैं सिर्फ पूछ रहा था ( ताना मारते हुए ) इंसान की हैसियत से... खैर छोड़ो और बहुत काम है इन फिजूल बातो के अलावा... । ( लॉयर के ऑफिस में जाते हुए ) ।


पारुल: ( धीरे से ) फिर... ठीक है...।


अविनाश: ( पारुल की ओर देखते हुए ) ऐसे क्यों बोल रही हो!? ।


पारुल: अरे! स्टूपिड!! ( अविनाश की ओर देखकर मुस्कुराते हुए ) मेरा मतलब है कि हम ऑफिस के अंदर बैठे है तो जंगलीओ की तरह तो बात नहीं कर सकते!!।


अविनाश: अहान! तो तुम इतनी भी जाहिल नहीं हो जितना मैं सोचता हूं!! ( मुस्कुराते हुए ) ।


पारुल: ( गुस्से में अविनाश की ओर छोटी आंखे करते हुए देखती है । ) ( तभी आवाज आती है । )


वकील: मिस्टर. खन्ना! ( हाथ मिलाते हुए ) ।


अविनाश: ( हाथ मिलाते हुए ) मिस्टर. मेहरा...! ( फिर से अपनी जगह पर बैठते हुए ) तो वह जो भी डॉक्यूमेंट कहे थे!? ।


वकील: एवरीथिंग इस रेडी... मैं आप लोगो का ही इंतजार कर रहा था ।


अविनाश: वेल धेटस गुड धेन!! ।


वकील: ( कागजात निकलते हुए ) ये रहा आपका शादी का सर्टिफिकेट... सिर्फ आप लोगो की साइन चाहिए और ये रहा आपका मैरिज कॉन्ट्रेक्ट.... । आप एक बार पढ़ लीजिए... अगर नियम शर्त में बदलाव करना हो तो!! ? ।


अविनाश: ( कॉन्ट्रेक्ट लेते हुए... पढ़ रहा होता है तभी वह पारुल की और देखता है । वह अपनी उंगलियों से खेल रही थी । वह जानता था की वह नर्वस है । ) ( कान में धीरे से ) क्या!? जल्दी से पढ़ो कॉन्ट्रेक्ट ताकि हम निकले यहां से...!? ।


पारुल: ( अविनाश की ओर देखते हुए ) अमम... हम लीगली इस मैरिज को रजिस्ट ना करे तो कोन - सी बड़ी बात है!! वैसे भी हमने असली शादी थोड़े ही की है!? ।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) वाईफी डोंट टेस्ट माय पेशंस!! कॉन्ट्रेक्ट पढ़ो और मैरिज सर्टिफिकेट में साइन करो!? ।


पारुल: ( गुस्से में ) तुम्हे ये सब करके अब क्या हासिल करना है!? अलरेडी शादी तो हो चुकी है!? ।


अविनाश: तुम्हे!? ।


पारुल: ( चौंकते हुए उसे देख रही थी ।) क्या!? क्या कहां तुमने!? ।


अविनाश: यहीं की ये शादी का सर्टिफिकेट तुम्हे याद दिलाता रहेगा की तुम जब तक इस बंधन में बंधी हो। तब तक किसी और के बारे में सोचना भी तो दूर देख भी नहीं सकती।


पारुल: ( हंसते हुए ) हाहाहाहा... तुम्हे क्या लगता है तुम कहोगे और में मान लूंगी!? ।


अविनाश: बिलकुल भी नहीं..!।


पारुल: तो फिर क्यों अपना और मेरा टाइम वेस्ट कर रहे हो!?।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) वो ( उंगली टेबल की ओर करते हुए ) कॉन्ट्रेक्ट देख रही हो!! वह इसलिए बनवाया है!।


पारुल: ( चिढ़ते हुए ) क्या मतलब है तुम्हारा!? ।


अविनाश: मतलब यहीं की चाहे ये मैरिज जूठी हो! पर जब तक इस कॉन्ट्रैक्ट में बंधे है तब तक मैरिज के बाहर किसी के साथ भी नो डेटिंग नो रिलेशनशिप...।


पारुल: ( दांत भिसते हुए ) और तुम्हे क्यों लगता है की में तुम्हारी इस धकियानुसी बाते मानुगी... और में तुम्हारे जैसी इंसान नहीं हूं!।


अविनाश: वेल धेन ट्राय करके देख लो फिर अंजाम जो भी हो मुझे ब्लेम मत करना!? और मुझ जैसा बनना आसान भी नहीं है वाइफी ।


पारुल: ( गुस्सा कंट्रोल करते हुए ) फाइन.... लेकिन मेरी भी एक शर्त है!? ।


अविनाश: हाहाहाहा... तुम्हे लगता है की तुम इस स्थिति में हो की तुम शर्त रख सको!?।


पारुल: ( गुस्से में ) फाइन में कॉन्ट्रेक्ट साइन नहीं करूंगी.. वैसे भी ऑलरेडी अब क्या ही बाकी रह गया है खोने को!?। ( उदास होते हुए )


अविनाश: ( थोड़ी देर सोचने के बाद ) फाईन..।


पारुल: ( कॉन्ट्रैक्ट को पढ़ते हुए ) बाकी सब तो ठीक है लेकिन इसमें एक शर्त मिसिंग है ... नो टचिंग अनलेस... अगर हम किसी के सामने नाटक कर रहे हो.. वो भी सिर्फ हाथ ही टच कर सकते है। और हम दोनो अलग अलग रूम में रहेंगे ।


अविनाश: आई एक्सेप्ट फर्स्ट वन.. पर सेकंड शर्त नो..।


पारुल: पर क्यों!?


अविनाश: मुझे कोई सफाई देने की जरूरत तो नहीं पर फिर भी विशी गधा बिना कहे कभी भी घर आ जाता है अगर! उसने गलती से भी देखेगा की हम दोनो अलग अलग कमरे में है तो बात खतम!।


पारुल: ( ना चाहते हुए भी ) फाइन... ( भारी मन से कॉन्ट्रेक्ट पर साइन करते हुए ) ।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) बेब तुमने पीछे वाला पेज तो पढ़ा ही नहीं!?।


पारुल: क्या ही होगा बिलकुल इसी तरह उल्टा सीधा लिखा होगा की हम एक दूसरे से किसी भी तरह की फीलिंग नही रख सकते वगेरह... वगेरह.. ।


अविनाश: १.६ मिलियन!?।


पारुल: क्या!?।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) अगर हम मैं से किसीने भी इसमें से शर्त तोड़ी तो १.६ मिलियन जुर्माना.. ।


पारुल: ( चौंकते हुए बड़ी आंखों से अविनाश की ओर देखती है फिर कॉन्ट्रेक्ट में देखती है तो मानो वह सांस लेना ही भूल गई थी । ) ।


अविनाश: हाहाहाहाहा.... तुम्हारी शक्ल देखने लायक है खैर... वकील साहब सॉरी हम दोनो अपनी बातो में भूल ही गए थे की आप भी यहां है ।


वकील: नो इट्स अलराइट! ।


अविनाश: ( साइन करते हुए ) कॉन्ट्रेक्ट में जो भी शर्ते वाइफी ने कही है वह भी जोड़ दीजिएगा ।


वकील: जी । ( हाथ मिलाते हुए ) ।


अविनाश: ( हाथ मिलाते हुए ) ठीक है फिर ।


अविनाश और पारुल दोनों ही बाहर आकर खड़े ही होते है की कार आकर रुकती है । अविनाश कार में बैठ जाता है और पारुल के लिए दरवाजा खुला रखता है लेकिन पारुल नाखून चबाते हुए सोच में पड़ी हुई थी तभी अविनाश उसे आवाज देते हुए कहता है ।


अविनाश: प्रिंसेस... चलो शूटिंग के लिए देर हो रही है । सभी इंतजार कर रहे है मेरा ।


पारुल: ( सोच में से बाहर आते हुए कार में बैठती है ) अहमम... यार मैं क्या कह रही थी... क्या हम वो पैसे वाली शर्त हटा नहीं सकते ।


अविनाश: वो भला क्यों!? ।


पारुल: लुक... अगर.. गलती से ... कभी कोई शर्त तोड़ दी तो १.६ मिलियन कहां से लाऊंगी में ।


अविनाश: ( मुस्कुराते हुए ) वाइफी धेटस नोट माय प्रॉब्लम !।


पारुल: गधे कही के ( चिल्लाते हुए ) ... ।


अविनाश: ( पारुल की ओर देखता है ।) ।


पारुल: ( जूठी मुस्कुराहट के साथ ) सॉरी ( आंखे पटपटाते हुए ) ।


अविनाश: ( हंसी को रोकते हुए ) बेटर!।


पारुल: प्लीज ना एक बार सोचना जो मैने कहां है प्रिटी प्लीज..!।


अविनाश: ( कोई जवाब नहीं देता । )।


दोनो थोड़ी देर में शूट की लोकेशन पे पहुंचते है... । अविनाश पारुल के लिए दरवाजा खोलते हुए हाथ थामने के लिए आगे करता है । पारुल थोड़ी देर के लिए तो उसके हाथ की और ही देख रही थी। लेकिन अविनाश के इशारे के बाद वह हिचकिचाते हुए उसका हाथ थामती है। अविनाश जूठी मुस्कुराहट के साथ सभी की ओर देख रहा था । तभी वह सभी को बुलाते हुए कहता है ।

" एवरीवन मीट माय वाईफ पारुल खन्ना " ।
पारुल का बुरा हाल था सभी लोग जिस तरह से उसे देख रहे थे मानो जैसे वह कोई अलग ग्रह से हो!!। वह अपने कमीज को पकड़ते हुए खुद को संभालने की कोशिश कर रही थी । तभी अविनाश उसका हाथ पकड़ते हुए उसे वैनिटी में ले जाता है। पारुल अविनाश का हाथ छोड़ते हुए पानी की बोतल टेबल पर उठाते हुए... पीने लगती है। अविनाश चेयर पर बैठे बैठे आईने में से पारुल को देखकर मुस्कुरा रहा था ।