Woman standing on platform (final part) in Hindi Adventure Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | प्लेटफॉर्म पर खड़ी औरत (अंतिम भाग)

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प्लेटफॉर्म पर खड़ी औरत (अंतिम भाग)

"यस।व्हाई नॉट।श्योर।"टेक्सी में बैठकर वह बोली थी।और वह तब तक माया की टेक्सी को देखता रहा जब तक आंखों से ओझल न हो गयी।फिर उसने अपने लिए टेक्सी की थी।माया उसके साथ नही थी।लेकिन उसको याद करके वह रोमांचित महसूस कर रहा था।उसके साथ गुज़ारे कुछ घण्टे ही ऐसे लग रहे थे मानो वर्षो का साथ हो।होटल पहुंचा लेकिन माया की याद ने उसका पीछा नही छोड़ा।उसका कुछ समय का सान्निध्य उसे रोमांचित कर रहा था।रात को बिस्तर में पड़ने के बाद उसने बहुत कोशिश की लेकिन नींद न जाने कहाँ चली गयी थी।वह चाहकर भी सो नही सका था।
सुबह जल्दी ही उसने बिस्तर छोड़ दिया था।दैनिक कार्यो से निवृत होकर वह तैयार होकर होटल के हॉल में आ गया।चाय के साथ उसने ब्रेड और बटर लिया था।ब्रेक फ़ास्ट करने के बाद वह होटल से बाहर निकल आया।वह सड़क पर चहल कदमी कर रहा था तभी उसकी नज़र अखबार वाले पर पड़ी।
"अखबार देना।"
"जी सर्"
और अखबार वाला उसे अखबार देकर चला गया था।उसने अखबार ले तो लिया लेकिन खोला नही।उसे सिगरेट की तलब महसूस हो रही थी।उसे सिगरेट पीने की आदत थी।लेकिन वह कभी भी सिगरेट अपने पास नही रखता था।उसे जब भी सिगरेट पीने का मन होता।वह एक ही सिगरेट खरीदकर पिता था।एक दुकान पर आकर उसने सिगरेट खरीदी।फिर खड़ा होकर सिगरेट पीने लगा।और सिगरेट पीकर वह वापस अपने कमरे में लौट आया।वह बैठ गया और उसने अखबार खोला था।मुख्य पृष्ठ पर नज़र पड़ते ही वह चोंक पड़ा।माया का फोटो फ्रंट पेज पर छपा था।
माया का फोटो वो भी अखबार के पहले ही पन्ने पर।ऐसी क्या बात है जो माया का फोटो पहले पेज पर था।और वह उत्सुकता से फोटो के नीचे छपे समाचार को पढ़ने लगा।
खूबसूरत लड़की माया तस्करी में गिरफ्तार।माया नशीले पदार्थ ड्रग्स राजधानी में सप्लाई करती थी।पुलिस को काफी दिनों से उसकी तलाश थी।कल रात उसे नसिले पदार्थो के साथ गिरफ्तार किया गया। उसके पास से लाखों रुपये की ड्रग्स बरामद।यह बड़ा रैकेट है।पुलिस को उसके अन्य साथियों की तलाश।
अखबार में छपे समाचार को पढ़कर उसके पैरों तले से ज़मीन निकल गयी।आंखों के आगे अंधेरा छा गया।वह भी उसके साथ था।ट्रेन में उसने उसे जगह दिलाई थी।उसका सामान उठाया था।उसके साथ आया था।
पुलिस उसके साथियों का नाम पूछेगी।अगर कहीं उसने उसका नाम भी पुलिस को बता दिया तो?अगर ऐसा हुआ तो?उसका दिमाग तेजी से घूमने लगा।वह मन ही मन मे सोचने लगा।और मन ही मन मे निर्णय करके वह उठ खड़ा हुआ।उसने जल्दी जल्दी अपना सामान पैक किया और काउंटर पर आ खड़ा हुआ।
"अचानक।इतनी जल्दी?"काउंटर क्लर्क जानता था कि वह जब भी आता है।दो तीन दिन रहता है।"
"कम्पनी का मेसज है।"
और वह होटल का बिल देकर सीधा स्टेशन पर आ गया था।टिकट लेकर वह प्लेटफॉर्म पर आ गया।वह बेसब्री से ट्रेन के आने का। इन्तज़ार करने लगा।वह जितना जल्दी हो सके दिल्ली से दूर चला जाना चाहता था।बार बार उसके होठों पर शब्द उभर रहे थे,"ब्यूटी इज जॉय फ़ॉर एवर"
वह मन ही मन मे सोच रहा था। कीटस ने सुंदरता को दूर से ही देखा होगा।वह स्वंय कुरूप था।इसलिए सुंदरता से प्यार करता था।शायद उसका किसी सुंदरी से पाला नही पड़ा था।