एक दिन मेरे एक रिश्तेदार को सरकारी अस्पताल में दाखिल किया गया था । उसका पैर फ्रैक्चर हुआ था मैं अस्पताल में मरीज से मिलने गया था । वह मरीज मेरा बहुत अच्छा रिश्तेदार था । मेरे सुख दुःख में वह मेरा साथ देता था । इसलिए मेरा फर्ज था कि एक बार में उसको मिलने जाऊँ । वह अस्पताल विविध प्रकार के रोगियों से भरा हुआ था । मेरे उस रिश्तेदार को देखते ही मेरी भावनाएँ विचलित हो गयी । वह सरकारी अस्पताल था । इसलिए वहा कई लोगों की भीड़ थी । सभी लोग अपने-अपने मरीज से मिलने आ गए थे । कई लोग मरीज को मिलने आनेवाले , दवाइयाँ लेने वालों की कतार लगी हुई थी । नर्सेस , डॉक्टरों की चहलपहल पुरे अस्पताल में थी । हर नर्सेस और डॉक्टर इस वार्ड से उस वॉर्ड मरीज को जाँच रहे थे । उनकी आपस में मरीज संबंधी चर्चा चल रही थी । मरीज के लिए हर जरुरतमंद चीजे नर्सेस ला रही थी । इस अस्पताल में कई सुविधाएँ थी साथ-साथ अस्वच्छता भी थी ।
सार्वजनिक अस्पताल हो तो कोने-कोने में बैठना सोना तो रहता ही है । उनके साथ- साथ उनके रिश्तेदारों का भी बैठनासोना रहता है । मैं मेरे रिश्तेदार से मिला उसका खयाल पुछा । मैं अस्पताल से बाहर निकल रहा था तभी मुझे एक स्ट्रेचर पर मरीज को देखा । वह मरीज बिमारी से जूझ रहा था । वह वार्ड नहीं होने के कारण उस मरीज को बाहर ही रखा गया था । मेरे मन में अस्पताल के बारे में कई सुधार करने चाहिए यह विचार आया । तभी मेरी नजर एक कोने में गई । वहाँ एक मरीज व्हीलचेअर पर बैठा हुआ था । कई वार्डों में से चीखे सुनाई दे रही थी । कितना भयावह दृश्य था । उन सभी मरीजों की अवस्था देखकर मेरा दिल देहलने लगा । मैं तुरंत उस अस्पताल से बाहर आ गया ।
मेरे मन में भयावह दृश्य घूम रहे थे । मुझे बार-बार वह दृश्य दिखाई दे रहे थे । मेरे साथ और मेरे किसी भी रिश्तेदारों के उपर ऐसी परिस्थिती नहीं आनी चाहिए । यह मैं अपने मन में बोल रहा था । मेरे यह विचार लेकर अपने घर चला गया । घर जाकर अस्पताल में सुविधाएँ होनी चाहिए यह विचार मेरे मन में आया । अस्पताल में ज्यादा वार्ड होने चाहिए । पूरे अस्पताल में स्वच्छता चाहिए । कभी लाईट चली गई तो जनरेटर की सुविधा चाहिए । रुग्णवाहिका २४ घंटे चाहिए । कभी-कभी गरिब लोगों को मुफ्त में इलाज मिलना चाहिए । जिन लोगों का पिला अगर नारंगी रेशनकार्ड हो उस व्यक्ती का उपचार मुफ्त में होना चाहिए । आपत्कालीन स्थिती में आग लग जाए तो फायर इंस्टीग्युशर यंत्र होना चाहिए । आरोग्य शिबिर हर गाँव में आयोजित करने चाहिए । डॉक्टर और नर्सेस की संख्या अधिक चाहिए ।
इस पुरे एक घंटे में मुझे अस्पताल में अनुभव आए । यह सभी सुविधाएँ हर प्रायवेट और सरकारी अस्पताल में होगी तो भारत में बिमारी से मरनेवाले लोगों की संख्या कम होगी ।
© धनराज संदेश गमरे