eagle's lesson in Hindi Motivational Stories by Krishna Kant Srivastava books and stories PDF | बाज की सीख

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बाज की सीख

बाज की सीख
एक समय की बात है, एक बहेलिया जंगल में पक्षियों का शिकार करने गया। बहेलिया ने दाना डाला और जाल बिछाकर पक्षियों के जाल में फंसने का इंतजार करने लगा। बहुत प्रयास करने के बाद बहेलिये ने जाल में एक बाज पकड़ लिया। बहेलिया जब बाज को बेचने के लिए बाजार की ओर जाने लगा तब रास्ते में बाज ने बहेलिया से कहा, “तुम मुझे लेकर क्यों जा रहे हो?”
बहेलिया बोला, “मैं तुम्हें मारकर तुम्हारा गोश्त बाजार में बेच दूंगा।”
बाज बहुत डर गया, उसने सोचा कि अब तो मेरी मृत्यु निश्चित है। बाज कुछ देर यूँही शांत रहा और फिर कुछ सोचकर शिकारी से बोला, “देखो भाई, मुझे जितना जीवन जीना था वह तो मैंने जी लिया और अब मेरा अंतिम समय आ गया है, लेकिन मरने से पहले मेरी एक अंतिम इच्छा है। जिसे मैं पूरी करना चाहता हूं।”
“बताओ अपनी इच्छा, बताओ?”, बहेलिया ने बड़ी ही उत्सुकता से पूछा।
बाज ने बताना शुरू किया - मरने से पहले मैं तुम्हें दो सीख देना चाहता हूँ, जो कि तुम्हारे जीवन में बहुत काम आएंगी, इसे तुम ध्यान से सुनना और सदा याद रखना।
पहली सीख तो यह कि किसी की बातों का बिना प्रमाण व बिना सोचे-समझे विश्वास मत करना। दूसरी यह कि यदि तुम्हारे साथ कुछ बुरा हो, तुम्हारे हाथ से कुछ छूट जाए या तुम्हारा कोई बड़ा नुकसान हो जाए तो उसके लिए कभी दुखी मत होना।
बहेलिया ने बाज की बात सुनी और अपने रास्ते आगे बढ़ता रहा।
कुछ समय बाद बाज ने बहेलिया से कहा, “बहेलिया, एक बात बताओ, अगर मैं तुम्हें कोई ऐसी वस्तु दे दूं जिससे कि तुम रातों रात बहुत अमीर व्यक्ति बन जाओ तो क्या तुम मुझे अपने चंगुल से आजाद कर दोगे?”
बहेलिया फ़ौरन रुका और बोला, “क्या है वो चीज, जल्दी बताओ, हां यदि तुम मुझे ऐसी वस्तु देते हो तो मैं तुझे आजाद कर दूंगा?”
बाज बोला, “ दरअसल, बहुत पहले मुझे राजमहल के करीब एक हीरा मिला था, जिसे उठा कर मैंने एक गुप्त स्थान पर रख दिया था। वह हीरा अत्यंत मूल्यवान है। अगर आज मैं मर जाऊँगा तो वो हीरा ऐसे ही बेकार चला जाएगा, इसलिए मैंने सोचा कि अगर तुम उसके बदले मुझे छोड़ दो तो मेरी जान भी बच जायेगी और तुम्हारी गरीबी भी हमेशा के लिए मिट जायेगी।”
यह सुनते ही बहेलिया ने बिना कुछ सोचे समझे बाज को आजाद कर दिया और हीरा लेकर आने को कहा। बाज तुरंत उड़ कर नजदीक के पेड़ की एक ऊँची साखा पर जा बैठा और बोला, “कुछ देर पहले ही मैंने तुम्हें एक सीख दी थी कि किसी की भी बातों का तुरंत विश्वास मत करना लेकिन तुमने उस सीख का पालन नही किया। दरअसल, मेरे पास कोई हीरा वीरा नहीं है और अब मैं तुम्हारे बंधन से मुक्त हो गया हूँ।”
यह सुनते ही बहेलिया मायूस हो गया और अपनी गलती पर पछताने लगा, तभी बाज फिर बोला, तुम मेरी दूसरी सीख भी भूल गए कि अगर तुम्हारे साथ कुछ बुरा हो तो उसके लिए तुम कभी पछतावा मत करना।
सार - हमें किसी अनजान व्यक्ति पर आसानी से विश्वास नहीं करना चाहिए और किसी प्रकार का नुक्सान होने या असफलता मिलने पर दुखी भी नहीं होना चाहिए, बल्कि उस बात से सीख लेकर भविष्य में सतर्क रहना चाहिए।
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