अधिराज वापस अपने महल पहुंचता है और अपना काम पूरा करके अपने कमरे में पहुंचता हैं
"। ..नीलदर्पण .... आरुषि को दिखाओ.... ये तो सो गयीा इतनी जल्दी... कोई बात नहीं कल मिलूंंगा इससे .....
...पता नहीं क्या खास बात हैं इसमेंं पहली नजर में ही अपना बना लिया ....."
अगली सुबह अधिराज बिना किसी को बताऐ इंसानी दुनिया में पहुंच जाता है.....
कंचन : आरुषि...! अर्जुन तुझे ढुंढ रहा हैं...!
आरुषि : कहां है वो ....!
कंचन : पार्क में गया हैं अभी ....!
आरुषि : ठीक है...!
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"" हेलो ..मिस्टर गिटारिस्ट....! """
"आरुषि.. मैं तुम्हें ही ढुंढ रहा था..."
" हां कंचन ने बताया मुझे ..तुम कब आये ..."
"बस अभी ही आया था ....तुम्हारी क्लास हो गयी ...."
" हां ....आज जल्दी ही जाना पड़ेगा घर ...."
" अगर तुम ....बुरा न मानो तो क्या मेरे साथ चलोगी..."
" कहां ...? "
" यही रेस्टोरेंट में... "
" ठीक है...वैसे तुम ये सवाल बिना हेजीटेट के भी पुछ सकते हो ..."
" हां ..."
दोनो रेस्टोरेंट में पहुंचते हैं खाने-पीने ,,बाते करने के बाद जाने के लिए बाहर आते हैं..... तभी
" प्लीज हेल्प .....प्लीज मुझे बचा लिजिए.. भाई ...ये लोग मुझे मार देंगे... "
आरुषि : कौन तुम्हें मार देंगे...?
" ...ऐ ..! हटो सामने से उस लड़की को हमारे हवाले कर दो चुपचाप..... "
अर्जुन : नहीं करेंगे.... ( दोनों को पीछे करके आगे खड़ा हो जाता है)...!
" ...तू कौन हैं इसे बचाने वाला ....दो -दो लड़कियों को अकेले ही हड़पना चाहता है... "
अर्जुन : तुम जैसे घटिय लोग सोच भी क्या सकते हो.....!
" क्यूं खामखां पिटना चाहता है.. "
अर्जुन : अच्छा.... हिम्मत है तो ले जा इस लड़की को... !
" रुक तुझे अभी बताते हैं.. "
अर्जुन पर हाकी से वार करते हैं..... पर क्या अधिराज के सामने वो टिक सकते थे.....
अधिराज सबको अधमरी हालत में पहुंचा देता है.... खुद को हारता देख एक गुंडा अर्जुन पर पीछे से हमला करता है......... पर अर्जुन को बचा लिया जाता है...
किसी और ने नहीं आरुषि डंडा उठाकर उसी को मारती हैं
आरुषि : बहुत बड़े... कमिने हो तुम पीट लिये तो पीठ पीछे से हमला करेगा ....एक बात का ध्यान रखना अर्जुन अकेला नही हैं, आरुषि उसके साथ हैं जो ...(चुप हो जाती है ....ये मैने अचानक क्या बोल दिया...
अर्जुन बस आरुषि को देख रहा था...
" आपका बहुत बहुत शुक्रिया ...मेरी जान बचाने के लिए.."
अर्जुन : ये तो मेरा फर्ज था ...भाई बोला है तो भाई अपनी बहन की सुरक्षा तो करेगा न ......!
" काश ..! आपके जैसे थिंकिंग सबकी होती ..."
अर्जुन : तुम इस तरह क्यूं देख रही हो आरुषि...!
आरुषि : सच कहा उसने ....तुम सबसे अलग हो ...
अर्जुन : तुम भी तो अलग हो...!
आरुषि : वो कैसे..?
अर्जुन : तुम भूल गयी जब उस दिन वो दादी मां रोड पार जाने के लिए खड़ी थी तो तुम अपना काम छोड़कर उनके पास गयी थी .....!
आरुषि : तुम्हें कैसे पता ...?
अर्जुन : मुझे सब पता है ....
आरुषि : अच्छा अब मैं चलती हूं कल मिलेंगे... बाय
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ऐसे ही अधिराज बिना किसी को बताऐ अपना काम छोड़कर ... बस आरुषि से मिलने चला जाता ...आरुषि को भी बस अर्जुन का ही इंतजार रहता .....दोनों ऐसे ही मिलते मिलते एक महीना बीत गया ..अब अर्जुन ने आरुषि को अपनी दिल की बात बता ही दी....😘
अर्जुन : आई लव यू आरुषि..😍...मैने जबसे तुम्हें देखा है बस खो सा गया हूं तुममे ...मेरी जिंदगी में तुम्हारे सिवा कोई नहीं है और ये वादा है मेरा कभी कोई आईगी भी नहीं ...!
आरुषि भी अर्जुन से प्यार करने लगी थी आज वो भी बहुत खुश है ,,उसने बिना देर किये अर्जुन के प्यार को स्वीकार लिया.......
***पर क्या ये दोनों की प्यार की शुरुआत है या ...फिर कुछ और .......😭
.........क्रमशः.........