prem dhuni in Hindi Philosophy by Yayawargi (Divangi Joshi) books and stories PDF | प्रेम धुणी

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प्रेम धुणी


प्रेम – धुणी

इस से पहले मैंने धूनी का पार्ट लिखा था उसका दूसरा पार्ट है प्रेम धूनी

मतलब कोई कहानी नहीं है फिलोसोफी है जो एक लड़की जो अभी जीवन की रजत जुबेली तक भी नहीं पोहचि ना ही अपने जीवन मे कोई बड़ा मुकाम हासिल किया है वो अपने अनुभव ओर अवलोकन से लिख रही है , प्यार की फिलोसोफी मे रस न हो तो आप पढ़ना यही से छोड़ सकते हो इंडियन बॉलीवूड का मोस्ट फावरेट टॉपिक इश्क़,लव ,प्यार अजी मोहोब्बत ! प्यार क्या है? प्यार दोस्ती है ,प्यार ये प्यार वो, डेटिंग ,फ़्रेंड्स विथ बेनेफिट ,क्रश , सेल्ब क्रश , हाफ जीएफ़ ,हाफ बीएफ़ ओर पता नहीं क्या क्या ! प्यार के बोहोत प्रकार है , है ना ? नहीं बोहोत आसान है यारा प्यार होता है या नहीं होता बस किसी का साथ किसी बात हमे अछि लगे उसके साथ रहना अच्छा लगे ओर सब अच्छा लगने लगे ! प्यार को बोहोत करीब से देखा है पर उस प्यार के साथ जीवनभर रहने के लिए जरूरी है शादी , हा भारत मे तो है ही !

दो लोगो को साथ मे रहने के लिए कुछ चाहिए तो वो चीज़ प्यार है पर शादी के लिए प्यार के अलावा सब चाहए ! कहने को तो एककिस मी सदी चल रही है ओर 2021 खतम होने को है पर कुछ चिजे है जो बदले ना , जेसे शादी जो के दो लोगो के साथ रहने के लिए बनाए गई एक व्यवस्था थी जिसमे अब समान चमड़ी के रंग,समान धर्म, समान जात ,समान डिग्री ,समान चश्मे ,समान उचाई ,समान वजन ओर समान बैंक बेलेन्स अति आवश्यक है ओर समान स्वभाव ,सन्मान ,प्यार ओर अपनापन अजी वो तो शादी के बाद आ ही जाता है ओर उसमे भी अरेंज मेरेज लोग तोलना लेके बेथते है पता है हिन्दू संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत जो कुछ है तो वो है शादी मतलब लोग मर जाते है इस के लिए जीवन का एक मात्र फोकस है शादी ,लड़की है पिता उसके जनम से पूंजी जमा करना शुरू कर देते है बस वो एक दिन के लिए, शादी के लिए !


एक सोची समजी शजिस नहीं शाजिश नहीं टेक्नालजी, दो इंसान नर ओर मादा को एक कमरे मे रोज़ साथ छोड़ दे तो क्या होगा पहले एक दूसरे को जानेगे ,कुछ बाते अछि लगेगी कुछ बुरी ,धीरे आदत लगेगी ओर एक दूसरे की ओर आकर्षित होंगे ओर फिर बच्चे के लिए तो शादी करवाते है खुशखबरी कब सुना रहे हो !

मेरे लिए arrange marriage is lust with life time commitment नोट मोर धेट ! ओर लस्ट मतलब सस्ता नशा जीतने जल्दी चढ़ता है उतने जल्दी उतरता है बाद मे आखे खुलती है पर आँख खुले उसके पहलाए घर की बच्चो की जिम्मेदारियो मे बांध दिया जाता है एसे ही मानव जीवन का अंत होता है हा पैसे थोड़े जादा कम बच्चे छोटे बड़े पर ज़िंदगी सब की समान जिसने अपने प्यार से शादी की या जिसने शादी से प्यार किया ! लस्ट मतलब जिस्मानी मोहोब्बत ! हे भगवान क्या बोल दिया मैंने ! मेरी जिह्वा को गंगा जल से पवित्र करनी पड़ेगी ! माफ कीजिएगा अगर आप को लगे के मे भारतीय संस्कृति का मज़ाक बनी रही हूँ तो !

हालाकी दो प्रकार होते थे पेहले जिस्मानी मोहोब्बत ओर रूहानी मोहोब्बत ! ओर इन दोनों के कुछ कम अधिक मात्र मे मिला के आज इश्क़ के इतने प्रकार पड़े है ओर वो ही खतरनाक है क्योकि अगर जिस्मानी मोहोब्बत है तो वो भी सो फीसदी वो भी दोनों तरफ से कोई दिक्कत नहीं अगर रूहानी मोहोब्बत है दोनों तरफ से उससे पाक तो जहां कुछ नहीं! पर इन दोनों का मिश्रण आप को बर्बाद कर सकता है, एक तरह से जिस्मानी ओर रूहानी दोनों इश्क़ अगर पुर्ण हो तो तो आप ये आबाद-बर्बाद के खेल से परे हो तो आप को धुणी चढ़ जाएगी फिर तो सुख – दुख एक समान !
लेट मेक इट एज़ी क्योकि मेरी उम्र के नोजवानों को ये बात समज नहीं आएगी ओर ये तो दोर ही हुक उप ओर ऑनलाइन डेटिंग का है इस समय मे रूहानी इश्क़ मिलना मतलब रण मे गुलाब का खिलना ओर पहली नजर का प्यार ही सर्व श्रेष्ठ उदाहरण है

जिस्मानी मोहोब्बत नहीं केवल उन्स मतलब आकर्षण का !
एक तरफा हो तो क्रश दो तरफा हो तो डेटिंग अँड हुक उप ओर वो आकर्षण होने पर ब्रेक उप जिसका आकर्षण पेहले खतम हुआ वो बेवफा ओर दूसरे का अरिजित के गाने फिल करने का कारण !

ओर अगर ये आकर्षण लंबा चला तो आदत ! जिस्म अपने आप मिलने लगेगे फासले अपने आप कम हो जाएगे सारा गलत सही हो जाएगा ,सारे कड़े कायदे – कानून पल भर मे टूट जाएंगे बड़ा गहरा नशा होता है जिस्मो का सारे नशे छोटे है इस्स नशे के सामने ।

पर एक ही नशा रहे ये ज़रूरी नहीं खूबसूरती चली भी जा सकती है जवानी ढल भी सकती है अगर एकदूसरे का साथ जीवनभर मिल भी जाए तो दर तो लगा ही रेहता है के साथ छुट न जाए किसी ओर का होना जाए ! एसी मोहहोब्बत जुनून देगी सूकुन नहीं ,तू मेरा नही तो किसी और का नहीं का पागलपन देगी,बेचेनी ओर तड़प देगी !

सच्ची मोहहोब्बत शायद वो है जहा एक दूसरे को कभी एक नज़र भर के उस नज़र से देखा भी न हो फिर भी उसकी बाते सारी याद हो ,असली मोहोब्बत नज़ारो से नहीं बातों से होती है जेबी एक दूसरे हो जानते हो कोई आकर्षण न हो पर साथ अच्छा लगता हो, जिसकी होठो के रंग न लुभाए पर मुस्कान सकूँन दे जाए ! किसी का स्वभाव अच्छा लगे,सादगी,भोलापन,हेलपिंग नेचर ,प्यार करने की अदा अच्छी लगे उसके साथ समय का पत्ता न चले ,कितना भी समय हो बाते अधूरी लगे! उसकी फिक्र मे रात को तुम्हें नींद न आए ,उसके आँसू तुम्हें रुलाए, उसकी हर छोटी-बड़ी आदत का तुम्हें ध्यान रहे , उसकी छोटी सी खुशी के लिए कुछ भी करने को तत्पर रहे तो शायद वो प्यार है ! फिर भी मैंने यहा पे शायद शब्द का प्रयोग किया है हो सकता है मेरा प्यार को देखने का नज़रिया आपके प्यार से अलग हो फिर भी प्यार खुशबू है बयान नहीं किया जा सकता बस महसूस कर सकते है दिल से !

किसी के रूह मे घूल जाना दूध मे चीनी की तरह समा जाना दूध को मीठा बना देना प्यार है फिर रंग,जात,उम्र,पेसे,नाम,खानदान से फर्क नहीं पड़ता ,बस वो इंसान हमे साथ चाहये पास चाहये हमेशा ,एक चाहत रहती है के जब आँख खुले तो वो दिखे जब सोये तो उसे देखते देखते सोये ,आज पूरे दिन मे क्या क्या हुआ सब उसे बताए,एक अपनापन सा लगने लगे! हा ये बात नहीं के इस प्यार मे छुअन नहीं जिस्मो की बात नहीं पर इस प्यार की पहली मांग जिस्म नहीं पर उस शख्स का साथ है ! हा ये बात ज़रूर है के जेसे यार दोस्तो को प्यार जताने के लिए गले लगते है वेसे ही सब एक प्यार जताने का जरिया है !सेंसर बोर्ड काट दे वेसे सारे के सारे सीन बस प्यार जताने का तरीका है प्यार नहीं उसके बिना भी प्यार होता ज़रूर है प्यार का आखरी पड़ाव 18 प्लस मे आता है नाकी उसकी शुरुआत वहाँ से होती है !

मेरी फिलोसोफ़िकल बाते यहाँ खतम हो गई एसा अगर आप सोच रहे हो न तो मे कोई बॉलीवूड की कहानी नहीं लिख रही के प्यार मिल जाने पर खतम हो जाए क्योकि इंडिया मे यहा से तो असल कहानी शुरू होती है क्योकि आज भी साथ रहनी की पहली शरत है शादी हाँ हा लीव इन रिलेशन शिप भी है पर एक तरह से सब सेम ही है एक मंगलसूत्र ओर सिंदूर लगाने से कुछ बदल नहीं जाता बस समाज की और से वेलीदेशन मिल जाता है जब दो लोग अपने खर्चे खुद उठा सकते हो और अपना संबंध लंबा चलेगा एसा न लगता हो पर अभी एक दूसरे का हर पल साथ चाहये ओर अलग होने के समय तलाक के जमेलों से दूर रहना हो तो वो लोग लीव इन सिलेक्ट करते है जहा पे भारी मातरा मे गेरमौजूदगी है कामिटमेंट की पर अभी मे इंडिया के उस हिस्से की बात कर रही हु जहा आज भी लड़कियो को अपनी दोस्त के घर जाने की भी परवानगी लेनी पड़े साथ मे कब आओगी कहा जा रही हो से लेके सारे सवाल के लेखित मे जवाब !

जहां पे आज भी अपने जीवनसाथी को अपनी मर्ज़ी से चुनना जुर्म है,लड़को से बाते करना बिगड़ेल होने की निशानी, पढ़ने देना जॉब करने देना मतलब खुले विचारो का होना ओर 25 साल का होने से पहले ब्याह करवा देना समजदारी !

प्यार रूहानी हो या जिस्मानी दो लोगो के बीच की बात है वो जो मर्ज़ी करे बस किसी को भनक न पड़े तो सब सही !काफी सीधे ,भोले ओर समजदार हो ओर कुछ भी करने के बाद भी अगर शादी परिवार की मर्ज़ी से करो तो उम्र ही एसी है गलतियाँ – नदानिया हर किसी से हो जाती है पर अगर शादी की बात की किसी और से वो भी जात के बाहर भाई साब भौकाल आजेगा ! मतलब आप हो जाते है चरित्रहीन माँ-बाप की दी गई छुट का फाइदा उठा ने वाली ,बदतमीज़ ,बेसरम, नालायक घर की इज्जत का ज़रा भी ख्याल न रखने वाली औलाद ! मतलब वो पंचसों लोग जिन की शादी मे हम खाना धूस-धूस के आए है ओर सगुन लिफ़ाफ़ा देने के साथ मुह टेढ़ा कर के जो फोटो किचाई है वो लोग क्या बोलेगे ! मरने –मारने ओर मराने पे उतर आते है लोग हिम्मत है के कोई लव मेरेज जेसे सबद का प्रयोग भी करे घर मे ! जी हाँ सबद, शब्द तो पढे लिखे लोग बोलते है बाकी अगर आप एज्यूकेटेड अँड स्टिल नेररो मिंडेड परिवार से हो फिर भी बेटा तुम्हारी बुआ को तुम्हारी शादी मे माही वे पे नाचना है उनको क्या मुह दिखाएंगे ओर वो जो सब को लिफाफे भर भर के शगुन दिया है वो केसे वसूलेंगे ! वेसे भी इससे शादी करो या हम जिससे करे उससे करो फर्क क्या पड़ेगा ! सही है , क्या फर्क पड़ेगा क्योकि उनकी हिसाब से शादी के बाद तुमको करना बच्चा ही है ओर खून मे मिलावट तो चाहये नहीं !

पत्ता है मौसाजी आप जो ए लाल लाल बड़े बड़े टमाटर हर मौसम मे खाते हो न वो भी एसे ही मिलावट का नतीजा है अगर स्कूल मे पढे हो तो वर्णसंकर जात मे दोनों कुल के लक्षण आते है मतलब अगर आपकी नसल मे कोई कमी हो तो वो किसी और नसल से मिला ने पर पूरी की जा सकती है और बेहतर फसल मिलती है इन्सानो मे भी सेम थियरी अप्लाई होती है ! सॉरी ,माफ कीजिये आप वो लोग हो जो घर मे बेटी का जनम होने पे बहू को दोषी करार करते हो जब के ये बात भी प्रूव है के लड़का या लड़की पिता पे देपेंड करता है ना की माँ पे ! अरे नहीं वो तो मंगलू बाबा ले प्रसाद पे आधार रखता है !

प्यार दो लोग करते है और शादी हमेशा साथ ओर समाज मे वेलीदेशन के लिए करते हे पर शादी तो दो परिवार का मेल है ! और

‘शादी = घर की इज्जत’


ये थियरी पायथागोरस को भी समज मे नही आती मतलब केसे घर की इज्जत को केसे आप शादी से जोड़ सकते हो और शादी मे भले प्यार हो या न हो पर बाकी सब हो न जरूरी है!

अरे हाँ वो मे भूल गई आप तो मुझे सक्सेस रेट बताओगे लव मेरेज ओर अरेंज मेरेज सक्सेस जाने के !

थोड़े साल पीछे जाते है जादा नहीं 25-30 साल । बेटियाँ ब्याह देनी थी आपको अठारह पे ओर लड़के मिलते थे सारे 23-24 के ओर 5 साल का फर्क सामान्य ही है तो बेटी आपकी घर काम मे नीपूर्ण बेटा आपका कमा लेता ठीक ठाक आम्दानी ओर ना भी कमाई तो शादी के बाद जब जिम्मेदारियाँ आएगी तो संभाल ही जाएगा न !अब दो नो एक दूसरे पे आधीन लड़की पेसो के लिए ओर लड़का सारी छोटी-बड़ी चीजों के लिए ओर समजदारी आने से पहले तो हाथ पीले ओर एक साल मे गोद गीली-पीली। ये माया-जाल से कोई केसे निकलता ,जो हो जेसा हो ढो सारी ज़िंदगी , वेसे भी गृहस्थ जीवन मे तो थोड़ा बोहोत लगा रेहता है !
अब तुम थोड़ा पढ़ लिए ,थोड़ी दुनिया देख ली ,कमाने लगी तो अपनी मनमानी करने लगी गलतियाँ सारी लड़कियों की है ! फूफा जी एक दम ही सही !

ओर लव मेरेज यानि के प्रेम विवाह लंबे नहीं चलने का कारण फॅमिली सपोर्ट जीरो ऊपर से घर वाले ‘हम ने तो पहले ही बोला था’ बोलने को उत्सुक ऊपर से सेटटिंग, डेटिंग वाला तेरा प्यार जो खत्म हो ही जाएगा समय के साथ ओर यहा पे समजाया बुजाया जाएगा नहीं के गृहस्थ जीवन मे लगा रेहता है ओर फमिली सपोर्ट न होने की वजह से गोद भी गीली-पीली नहीं की आपने तो बस रिस्ता तोड़ दो !

अरे पर तुम अपने माँ – बाप के साथ ये करोगे उनके त्याग बलिदान ,उनके परवरिश का क्या सिला दोगे ? जीते जी मार दो उनको ,समाज मे मुह दिखाने लायक नहीं छोड़ा उन्हे !

अरे मोसाजी ! आप ये बताए अपने संतान की खुशियों के लिए माँ –बाप हर हद पार करते है पर सिर्फ अपने पसंद के जीवनसाथ से शादी इस खुशी मे समाज क्यूँ आड़े आता है ? वो चंद लोग जो शादी मे खाना ठूस के उसमे से भी दाल पतली है ओर रोटी जली हुई है के ताने देने वाले है वेसि बाते ही बना ने वाले है एसी चीज़ अपने संतान की जीवन भर की खुशी से बढ़कर केसे?

बदतमीज़ अगर तुम ने कुछ भी एसा वेसा किया हम मर जाएंगे ! जान दे देंगे अपनी फिर रहना अपने जीवन साथी के साथ जीवनभर खुश , न देखेंगे न तकलीफ होगी !
इसी डर से जन्म लेते है हाफ गर्ल फ्रेंड ओर हाफ बॉय फ्रेंड जेसे रिश्ते पता है के परिवार वाले खुशी – खुशी नहीं इस रिसते को स्वीकृति देंगे उसी वजह से जब तक साथ है तब तक खास बन कर रहते है शादी तक का समजोता ! जब तक शादी नहीं होती दोनों मे से किसी एक की तब तक दोस्त से जादा पर बॉय फ्रेंड से कम वाला रिश्ता ! हाँ कई बार सिर्फ टाइम पास मतलब के जिस्मानी मोहोब्बत कारण होता है एसे रिस्तों का पर जब तक दोनों तरफ से मंजूरी है सब सही है हा लेकिन जब दोनों मे से एक शादी कर ले ओर दूसरा न करे तब जरूर जिंदगी बोज लगने लगती है !
फिर भी हिम्मत जूटा के बता दिया घर पे तो कोन धमकी पहले देता है मरने की उस पर आधार रखता है मा-बाप दे तो बेबसी ओर
बच्चे दे तो ज़िद ओर भाग जाए तो हार्ट अटैक !
पता नहीं एक छोटी सी बात किसके साथ जीवन काटना है बिस्तर बाटना है वो जिंदगी से बड़ी कैसे हो जाती है! मतलब उस लड़की को जिसको लड़को से बात करने नही दिया उसे दहज मे बिस्तर दिया जाता है ओर साल भर मे बच्चे करने का प्रेसर! सब ने किया कोन सी बड़ी बात है,कुछ साल पहले पति के मरने पर औरत भी ज़िंदा जल जाती थी कोई बड़ी बात नहीं थी कुछ साल पहले बेटी को जनम होते ही मार देते थे कोई बड़ी बात नहीं थी थोड़े साल पहले बच्चो की शादिया कर देते थे, पेट मे ही बची मार देते थे ,कटार से शादी कर देते थे ओर ये सारी की सारी कोई बड़ी बात नहीं थी !

आज भी बाहर बस प्यार करना गलती है सच्चा प्यार करना गुनाह है ओर उस गुनाह की सज़ा के बेटियों को घर की चार दिवारी मे नज़ारो से चुनवा दिया जाता है ओर अजनबी के साथ ब्याहा दिया जाता है ओर लड़को को जिम्मेदारियों के नाम पे बांध ते है या घर से बाहर निकाल दिया जाता है !
अब बात करते है प्रेम धुणी की हजारो लोग मरते है खुद खुशी करते है कारण सिर्फ एक जिस वस्तु या व्यक्ति को इतनी सिद्दत से चाहा उसको पाने के लिए सब कुछ किया पर न मिला ये चुभन अलग किस्म की होती है जानलेवा बरदास्त के बाहर !

पता भी न चले कहा पे क्या जले बोहोत ताकत होती है उस चुभन उस जलन मे सब से मुश्किल काम जान लेना इंसान अपनी ही जान ले लेता है ओर नहीं लेता तो कतरा कतरा रोज़ मरता है ! आज सभी के माँ बाप अकेले ही रहते है क्यू आपको आपके माँ बाप प्यारे नहीं थे क्यू छोड़ा उन्हे आप उनको साथ मे रखकर नहीं कमा सकते थे क्यू आपने बीवी की साइड ली क्यू मेके नहीं जाने दीया ,आप गुजर चुके को उस रास्ते से जहां पे हम खड़े है फिर भी आप सही हम गलत है ! भाग जाना मर जाना मार देना कोई रास्ता नहीं है किसी भी चीज़ को बदल ने का बस एक जनरेशन की बात है आज से 25-30 साल बाद ये नहीं रहेगा क्योकि सभी के टूटे दिल है ओर हर माँ बाप अपने बच्चो के साथ वो नहीं होने देता जो उसके साथ हुआ है !


पर कहते है अधूरी चीज़ अमर होती है
इर्शद कामिल जी का एक शेर है
पूरा होके खत्म हुआ सब जो अधूरा है वो हि ज़िंदा है

मतलब अगर इश्क अधूरा छूटे तो आप सिकवा ना करें वो अधूरा इश्क मरते दम तक आपके भीतर जीता रहेगा ।
टूटे हुए दिल मे बहुत ताकत होती है दुनिया झुकाने कि कुछ कर दिखाने कि या बर्बाद कर देने कि रास्ता आपको चुनना है ।

मन मेरा बैराग मांगे

दुनिया जिसे तबाही मांगे

मोह या माया नहीं चंद सांसो कि उधारी से

अब रिहाई मांगे


-यायावरगी